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नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरो नईदिल्ली ने सागर के फिंगर प्रिंट के इंस्पेक्टर विजय भूमरकर को किया सम्मानित

नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरो नईदिल्ली ने सागर के फिंगर प्रिंट  के इंस्पेक्टर विजय भूमरकर को किया सम्मानित

निरीक्षक विजय भूमरकर 
सागर।नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो नई दिल्ली ने नाबालिग से बलात्कार और उसकी हत्या के एक मामले में फिंगर प्रिंट  से आरोपी की पहचान साबित करने  और सजा दिलाने में भूमिका अदा करने वाले सागर के फिंगरप्रिंट इकाई में तैनात निरीक्षक विजय भूमरकर  का चयन कर उसे  सम्मानित किया है ।
 सन 2018 में  एक  बलात्कार और हत्या के केस में आरोपी की पहचान फिंगरप्रिंट से स्थापित करते हुए अपराध सिद्ध कर उम्र कैद की सजा दिलाने पर किया गया था। एनसीआर बी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में निरीक्षक विजय  को उक्त केस में आरोपी की पहचान करने तथा उम्र कैद की सजा दिलवाने में फिंगरप्रिंट के माध्यम से भूमिका निभाने हेतु पुरस्कृत किया गया पूरे देश में केस स्टडी के आधार पर विजय भूमरकर  को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ ।पुलिस अधीक्षक अमित सांघी  और पुलिस विभाग ने   उसके  कार्य की प्रसंशा करते हुए बधाई दी है ।
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एमपी। कर्मचारियों को दीपावली के पहले24 और 25 को मिलेगा अक्टूबर माह का वेतन,आदेश जारी


एमपी। कर्मचारियों को दीपावली के पहले24 और 25 को मिलेगा अक्टूबर माह का वेतन,आदेश जारी


मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को दीपावली से पहले मिल जाएगा अक्टूबर माह का वेतन। 
वित्त विभाग ने 24 और 25 अक्टूबर को वेतन देने का आदेश जारी किया ।
 राज्य शासन के वित्त विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए है।आदेशानुसार राज्य शासन द्वारा मध्य प्रदेश कोषालय संहिता भाग-एक के सहायक नियम206 (2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि माहअक्टूबर 2019 के वेतन, पेंशन एवं मजदूरी का भुगतान दिनांक 24 एवं 25 अक्टूबर2019 को किया जाए ।
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सागर जिले में मिट्टी के दिये बेचने वालो से कोई वसूली नही होगी,कलेक्टर ने दिये आदेश

सागर जिले में  मिट्टी के दिये बेचने वालो से  कोई वसूली नही होगी,कलेक्टर ने दिये आदेश

सागर। दीपावली पर्व पर जिले के कुम्हार एवं ग्रामीणों द्वारा मिट्टी के दिए बनाए जाते है तथा उन्हें बाजारांे में इस पर्व हेतु विक्रय के लिए लाया जाता है।इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने जिला पंचायत सीईओ, आयुक्त नगर निगम, अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व समस्त, तहसीलदार समस्त, मुख्य कार्यपालन अधिकारी समस्त जनपद पंचायत, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, समस्त जिला सागर को निर्देषित किया है कि मिट्टी के दिए विक्रय किए जाने हेतु आने वाले इन ग्रामीण/नगरीय को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका विषेष ध्यान रखा जाए। नगर पालिका/नगर पंचायत क्षेत्र में इनसे किसी भी प्रकार की बसूली न की जाए। साथ ही मिट्टी के दिए के उपयोग को प्रोत्साहित भी किया जाए।
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सागर जिले में मिट्टी के दिये बेचने वालो से कोई वसूली नही होगी,कलेक्टर ने दिये आदेश

सागर जिले में  मिट्टी के दिये बेचने वालो से  कोई वसूली नही होगी,कलेक्टर ने दिये आदेश
सागर। दीपावली पर्व पर जिले के कुम्हार एवं ग्रामीणों द्वारा मिट्टी के दिए बनाए जाते है तथा उन्हें बाजारांे में इस पर्व हेतु विक्रय के लिए लाया जाता है।इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने जिला पंचायत सीईओ, आयुक्त नगर निगम, अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व समस्त, तहसीलदार समस्त, मुख्य कार्यपालन अधिकारी समस्त जनपद पंचायत, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, समस्त जिला सागर को निर्देषित किया है कि मिट्टी के दिए विक्रय किए जाने हेतु आने वाले इन ग्रामीण/नगरीय को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका विषेष ध्यान रखा जाए। नगर पालिका/नगर पंचायत क्षेत्र में इनसे किसी भी प्रकार की बसूली न की जाए। साथ ही मिट्टी के दिए के उपयोग को प्रोत्साहित भी किया जाए।
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नवजात बंदर माँ से बिछड़ा तो ,कुत्ते ने दिया सहारा, कुत्ता ले गया थाने ,पुलिस की नजर पड़ी तो जिंदगी आगे बढ़ी बन्दर की

नवजात बंदर माँ से बिछड़ा तो ,कुत्ते ने दिया सहारा, कुत्ता ले गया थाने ,पुलिस की नजर पड़ी तो जिंदगी आगे बढ़ी बन्दर की
सागर।कहते हें मदद का कोई चेहरा नहीं होता हें आज एक तस्वीर ने यह बता दिया की मदद की शक्ल बहुत ही खूबसूरत होती हें ।जब एक नवजात बन्दरा अपनी माँ से बिछड़ गया तो एक कुत्ता उसका सहारा बना और पुलिस के पास ले गया।और फिर मासूम बंदर  की जिंदगी आगे बढ़ के सुरक्षित हो गई।
      यह तस्वीर मध्यप्रदेश के सागर जिले के रहली की है ।जहाँ बलेह गाँव में सागर तालाब में एक नवजात बन्दर अपनी माँ से बिछड़ गया तो फिर एक कुत्ते के बच्चे ने उसको सहारा दिया। कई घंटो दोनों खेलते रहे फिर इस मासूम बन्दर को कोई नुकसान न पहुच जाए ।मानो ऐसा सोचकर यह नन्हा कुत्ता उस मासूम बन्दर को अपनी पीठ पर बैठाकर खाकी के दरबार यानी पुलिस चौकी के पास पहुच गया ।
    आम तौर पर जानवरो के स्वभाव को माने तो बन्दर का जानी दुश्मन कुत्ता  होता हें ।लेकिन आज इसी कुत्ते का  इस बन्दर के प्रति लगाव कुदरत के नियमो पर भी सवाल खड़ा करता हें। इस बन्दर के गले में पट्टा बंधा था ।शायद यह किसी इंसानी हरकत का शिकार हुआ था ।लेकिन उन इंसानों  की हरकत को ठेंगा दिखाकर एक कुत्ते ने इस मासूम बन्दर की मद्दद की।
     -इस गजब की दोस्ती देखकर ब्लेह चौकी प्रभारी अवधेश दुबे का भी मन भर आया उन्हने जवानो से कहा की इस भूखे बन्दर को कुछ खिलाओ ।बन्दर को केले दिए  गए ।तब तक अपने दोस्त को अंदर देख कुता भी बहार खड़ा रहा ।चौकी प्रभारी ने इस बन्दर को फारेस्ट को सौपा हें और फारेस्ट से कहा हें की वह  कोशिश कर ले की इस मासूम बन्दर की माँ  इसे मिल जाए ।बहरहाल छोटी सी जान कुते के बच्चे ने एक मासूम बन्दर की मदद करके यह जता दिया की कुत्ते ने अपना  जानवरपन खत्म कर मदद की एक मिसाल कायम की हें।

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हाईकोर्ट के वकील विशाल भारद्वाज ने आदिवासियों के बीच पहुंच मनाया जन्म दिवस, बांटी खुशियां

हाईकोर्ट के वकील विशाल भारद्वाज ने आदिवासियों के बीच पहुंच मनाया जन्म दिवस, बांटी खुशियां

शिवपुरी ।वैसे तो हरेक व्यक्ति अपने जन्मदिवस को अपने-अपने तरीके से मनाता है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते है जो अपने जन्मदिन की खुशियां गरीब, आदिवासियों के बीच पहुंचकर भी मनाते है और यह संदेश वह अन्य लोगों को भी देते है ताकि गरीब लोगो के बीच पहुंचकर अपनी खुशियों को बांटा जाए और उसमें सभी को शामिल किया जाए। कुछ ऐसा ही अनुकरणीय कार्य किया है हाईकोर्ट के वकील एड.विशाल पुत्र शशि भारद्वाज ने जिन्होंने अपने जन्मदिन की खुशियों के साथ समाजसेवा का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है और अपना जन्मदिन लुधावली के आदिवासी परिवारों के बीच पहुंचकर उत्साह और उल्लासपूर्वक मनाया। जैसे ही एड.विशाल भारद्वाज अपने जन्मदिन केअवसर पर आदिवासी बच्चों के बीच बर्थडे केक लेकर पहुंचे तो सभी के साथ मिलकर केक काटा और सभी ने हैप्पी वर्थडे भैया कहकर एड.विशाल को जन्मदिन की बधाईयां व शुभकामनाऐं दी साथ ही इस आयोजन को परिवारिक स्वरूप प्रदान किया। बच्चों की खुशियां और उत्साह का उपहार पाकर प्रति उपहार में समाजसेवी विशाल भारद्वाज ने उन्हें मिष्ठान और आतिशबाजियां भेंट की। रंगबिरंगी आतिशबाजियां पाकर खुश हुए बच्चों और महिलाओं ने यह दिन आए बार-बार कहकर एड.विशाल के बर्थ डे को यादगार बना दिया। कहने को यह आयोजन साधारण हो सकता हैं लेकिन इसमें असाधारण संदेश यह है कि सक्षम लोगों को अक्षम लोगों के बीच पहुंचकर अपनी खुशियां जरूर बांटनी चाहिए जिससे खुशियां उन दरबाजों पर भी दस्तक दे सकें जो प्रतिक्षारत हैं।
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