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लॉक डाऊन में सागर जिले से बाहर जाने की अनुमति हेतु आवेदन प्रारूप जारी

लॉक डाऊन में सागर जिले से बाहर जाने की अनुमति हेतु आवेदन प्रारूप जारी
सागर । कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण दृष्टिगत रखते हुए लाॅक डाउन अवधि के दौरान जिले की सीमा से बाहर जाने हेतु अनुमति लेने के लिए आवेदन पत्र अपर जिला दण्डाधिकारी जिला सागर के नाम से ई-मेल आईडी vehiclepermissionsagar@gmail.com
पर भेज सकते है। साथ ही इसका हेल्पलाईन नंबर 7587968101 पर भी संपर्क कर सकते है। जिले में दिनाक 21 . 03 . 2020 को धारा 144 लागू किये जाने से आवागमन प्रतिबंधित किया गया है।

पढ़े: पुलिस कार्यप्रणाली की दो तस्वीरे

आवेदन पत्र में प्रार्थी को दिनांक . . . . . को जिला-सागर से . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . जाना है विवरण निम्नानसार है आवेदक का नाम, पिता, पति का नाम, वाट्सएप्प मोबाईल नंबर, ई - मेल आईडी, आधार कार्ड नंबर, अनुमति का प्रयोजन, अनुमति की समयावधि, यात्रा दिनांक, यात्रा दिनांक से न्यूनतम 2 दिवस पूर्व आवेदन प्रस्तुत करेंगे। वाहन का प्रकार एवं रजिस्ट्रेशन नंबर, वाहन में यात्रा कर रहे सदस्यों का विवरण, वाहन चालक का नाम एवं ड्राइविंग लायसेंस नंबर, चिकित्सीय दस्तावेज (यदि उपलब्ध हो)। है ।
संलग्नः - वाहन का रजिस्ट्रेशन , बीमा , ड्राइविंग लायसेंस , यात्रा कर रहे समस्त सदस्यों के आधारकार्ड की छायाप्रति । आवेदक - स्व घोषणा पत्र में शपथपूर्वक कथन करता हूँ कि आवेदन पत्र में वर्णित सभी तथ्य सही हैं . तथा यात्रा में शामिल कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है । यदि कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाता है तो मेरे विरुद्ध विधि कार्यवाही की जा सकेगी जिसकी संपूर्ण जमावदारी मेरी होगी ।
कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सागर
 परीक्षण उपरांत आवेदक को कमांक 5 में वर्णित प्रयोजन के लिये जिला सागर की सीमा से . . . . . . . . . . . . . . . . . . . जाने की अनुमति दिनांक ........... 2020 के लिये प्रदान की जाती है एवं दिनांक . . . . . . . . . . . . . . तक वापस आने की अनुमति इन शर्तों पर प्रदान की जाती है कि यात्रा के दौरान प्रत्येक व्यक्ति मास्क लगाये रखे एवं समय समय पर अपने हाथों को साबुन या ैंदपजप्रमत से साफ करते रहेंगे । लौटते ही सर्वप्रथम अपना व समस्त सदस्यो का मेडिकल चेकअप करायेंगे तथा होम क्यारटाईन के नियमों का पालन करेंगे । क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जिला सागर।
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दो तस्वीरे पुलिस की । एक पुलिस वाले का गाना " जिंदगी न बन जाए सभालो यारों.." तो दूसरे ट्रैफिक कर्मी ने कहा "हम मर भी जाये पर आप सुरक्षित रहेंगे

दो तस्वीरे पुलिस  की । एक पुलिस वाले का  गाना " जिंदगी  न बन जाए सभालो यारों.."
तो दूसरे ट्रैफिक कर्मी ने  कहा "हम मर भी जाये पर आप सुरक्षित रहेंगे"

★पुलिस आरक्षक देशभक्ति का गाना गाकर जर रहा है लाकडाउन कि अपील
" जिंदगी मौत न बन जाये सम्भालो यारो मुश्किलों में  है वतन....."

★ वही ट्रेफिक सिपाही अपनी जीप में स्पीकर बांधकर गलियों में लॉक डाऊन में घरों में रहने का संदेश देने के साथ ही कहता है कि हमारी मौत भी जाएगी लेकिन आप सुरक्षित रहेंगे..

सागर।सागर में  लॉक डाउन  के दौरान पुलिस काफी मुस्तेद है।  प्रशासन पूरी मुस्तेदी से लॉक डाउन में लोगो को घरों में रहने की कर रही अपील । लोग घरों में रहे इसके लिए पुलिस को बड़ी चुनोती का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस की दो तस्वीरे ज्यादा चर्चा में हैं।
 पहली तस्वीर  सागर के मकरोनिया थाना के आरक्षक राउफ खान की है । रऊफ ने रात्रि में  देश भक्ति गाना गाकर लोगो से की घरों में रहने की अपील की है । रऊफ माईक लगाकर गाना गाते  " जिंदगी मौत न बन जाये सम्भालो यारो मुश्किलों में  है वतन....."
काफी वायरल भी हो रहा है। जिसकी सराहना भी हो रही है। 

पढ़े:सागर सम्भाग में लॉक डाऊन में नियमो का पालन पुलिस मुस्तेदी से कराने में जुटी:आईजी अनिल शर्मा
https://www.teenbattinews.com/2020/03/blog-post_921.html

दूसरी तस्वीर ट्रैफिक कर्मी अभिषेक चौबे की है । जो अपनी जीप में स्पीकर बांधकर घर से बाहर नही निकलने  और घरेलू उपायों को बताते है । साथ मे कहते है कि यदि हमने कोरोना की जंग जीत ली तो यह ऐसी  जीत होगी जिसमें लड़ाई  नही लड़नी पड़ी।हमारा काम ही ऐसा है पुलिस शपथ लेती है की चाहे महामारी यो कुछ भी हम मर जाये लेकिन आप सुरक्षित रहेंगे। आप घरों में रहिये । सुरक्षित रहेंगे। कुछ दिनों की ही बात है। अभिषेक चौबे अक्सर अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चित रहते है।

★तीनबत्ती न्यूज़. कॉम★ 94244 37885
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सागर सम्भाग में लॉक डाऊन में नियमो का पालन पुलिस मुस्तेदी से कराने में जुटी:आईजी अनिल शर्मा

सागर सम्भाग में लॉक डाऊन में नियमो का पालन पुलिस मुस्तेदी से कराने में जुटी:आईजी अनिल शर्मा
सागर। सागर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक अनिल शर्मा ने सम्भाग के सभी लोगो से अपील की है कि कोरोना जैसी संक्रामक बीमारी के दौर से  गुजर रहे है। ऐसे में लाकडाउन के नियमो के  कानूनों का पालन पुलिस  विभाग कर रहा है। इस समय आवश्यकता है कि सभी लोग घरों में रहे और निर्धारित समय सीमा में अपनी खरीदी करे।शासन और प्रशासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन करे।  उन्होंने कहा कि कानून का पालन पुलिस सहजता और मुस्तेदी से कर रही है ।अनावश्यक सड़को पर नही निकले। ऐसे कोई कार्य न करे कि पुलिस को मजबूर होकर सख्ती उठानी पड़े। उन्होंने सभी पुलिस कर्मियों से कहा है कि ड्यूटी का पालन सहजता शालीनता से करे । जनमानस से सद्व्यवहार करे।
पढ़े:सायरन बजा हाथ धोने का, कलेक्टर ने की शुरुआत,सागर में हर तीन घण्टे में बजेगा

आई जी श्री शर्मा ने कहा की  कोरोना वायरस एक  दूसरे से फैलता है ।ऐसे में घर और बैठना ही सबसे बेहतर उपाय है । हमे सेनेटाईजर और मास्क का लगातार उपयोग करना चाहिए।शासन ने समय तय किया है । जिसमे किराना ,सब्जी, दूध आदि  खरीद सकते है । इस दौरान सोसल डिस्टेंस का पालन करे। शासन के निर्देशों का पालन कराने पुलिस विभाग मुस्तेदी से काम कर रहा है।
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सायरन बजा हाथ धोने का, कलेक्टर ने की शुरुआत,सागर में हर तीन घण्टे में बजेगा

सायरन बजा हाथ धोने का, कलेक्टर ने की शुरुआत,सागर में हर तीन घण्टे में बजेगा
सागर। कोरोना वायरस से निपटने का हैंड वाश और साफ सफाई का संदेश देने के लिए  प्रशासन एक नई  शुरूआत की है ।कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए जिला एवं पुलिस प्रशासन संयुक्त रूप से जिला वासियों को प्रत्येक 3 घंटे में सायरन बजाकर जागरूक करेगा।हर तीन घण्टे में सायरन बजेगा और लोग हाथ सफाया करेंगे और घरों में दरवाजे के हेडिल नल  आदि की साफ करेंगे। आज सिविल  लाइन चौराहा पर आज प्रातः 9:00 बजे से हाथ धुलाई एवं सायरन बजाने का कार्यक्रम प्रारंभ किया गया ।कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक एसपी  अमित सांघी  , नगर निगम कमिश्नर आरपी अहिरवार सिटी मजिस्ट्रेट पवन बारिया सहित निगम का एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

पढ़े:ट्रकों से वापिस सागर लौटे लोहगड़िया जाति के 60 लोग, प्रशासन ने परीक्षण कर  स्टेडियम में सुरक्षित किया

हाथ धुलाई कार्यक्रम में पेट्रोल पंप  के कर्मचारी पुलिस अधिकारी कर्मचारी नगर निगम का अमला एवं अधिकारियों ने हाथ धोकर शहर वासियों को संदेश दिया।सायरन बजते ही लोगो ने घरों में भी इसका पालन किया। प्रशासन ने मोबाइल पर भी सायरन भेजा है बजाने के लिए।सायरन बजाने एवं हाथ धुलाई का कार्यक्रम प्रति 3 घंटे में आयोजित किया जाएगा।  समस्त लोगों से कलेक्टर  ने अपील की है कि वह सायरन बजते  ही अपने घरों में हाथ धोने एवं जरूरी सामान जैसे दरवाजे के हैंडल नल के हैंडल आदि को सेनेटाईज करें। 

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ऐसे चलेगा हाथ धोने का अभियान
कलेक्टर  प्रीति मैथिल नायक एवं पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी ने जिले वासियों से अपील की है कि प्रातः 9:00 बजे,  12:00 बजे, 3:00 बजे,  शाम  6:00 बजे और रात 9:00 बजे पुलिस एवं प्रशासन के वाहनों से पूरे जिले में सायरन बजाकर जागरूक करेंगे।एवं स्पीकर की मदद से अपील करें कि आप लोगों को प्रत्येक 3 घंटे में अपने हाथों को सेनीटाइज करने के साथ घरों के दरवाजों के हैंडल, एल ड्राफ्ट,  नल के हैंडल,  गाड़ी के हैंडल,  स्टेरिंग एवं लगातार उपयोग कर रहे वस्तुओं को सैनिटाइज करें। उन्होंने समस्त दुकानदारों को निर्देश दिए हैं कि वे दुकान के काउंटर,  तराजू, बाट को भी सैनिटाइज करें। उन्होंने अपील की है कि समस्त नागरिक अपने-अपने घरों के बाहर पानी की बाल्टी,  साबुन रखें। घर के बाहर निकला हर आदमी हाथ धोकर ही घर में प्रवेश करें।
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ट्रकों से वापिस सागर लौटे लोहगड़िया जाति के 60 लोग, प्रशासन ने परीक्षण कर स्टेडियम में सुरक्षित किया

ट्रकों से वापिस सागर लौटे लोहगड़िया जाति के 60 लोग, प्रशासन ने परीक्षण कर  स्टेडियम में   सुरक्षित किया

सागर।कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरा देश लॉकडाउन हैं जिसके चलते प्रशासन भी हाई अलर्ट पर है हर आने जाने व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही हैं। 
एमपी के सागर जिले से उत्तर प्रदेश की सीमा लेगई है । सागर के सीमावर्ती ग्राम मालथौन में बीती रात प्रशासन को जानकारी मिली थी लोगड़िया समाज के करीब 60 लोग बनारस से बापिस मालथौन ट्रकों से आय हैं ।जिसके तुरन्त बाद प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अमले ने पहुँचकर पहले तो उनका परीक्षण कराया उसके बाद उन्हें मालथौन से बाहर एक स्टेडियम में आइसोलेट कर दिया गया हैं।

पढ़े: ऐसी वीरानगी देखी नहीं कभी..... @ब्रजेश राजपूत/ सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट

 सारे लोग टेंट लगाकर स्टेडियम में ही रह रहे हैं जब हमने उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि हम लोगो का परीक्षण पन्ना जिला में कर लिया गया था जिसका रिजल्ट भी नेगेटिव आया था । डर संदेश जैन के अनुसार इनका परीक्षण कराया जा रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से उनको आइसोलेट किया गया हैं।आइसोलेट सभी लोगो को प्रशासन की तरफ से खाने पीने के साथ सभी प्रकार की व्यवस्था कर दी गयी हैं ।
सागर सम्भाग के कमिश्नर अजय  गंगवार ने बताया कि कुछ पलायन कर गए लोग वापिस आ रहे है। इनकी पूरी व्यवस्था की जा रही है।
★तीनबत्ती न्यूज़.कॉम
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ऐसी वीरानगी देखी नहीं कभी..... @ब्रजेश राजपूत/ सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट

ऐसी वीरानगी देखी नहीं कभी.....

@ब्रजेश राजपूत/ सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट 
वैसे सुबह तो रोज होती थी मगर इन दिनों की सुबह कुछ अलग है। नींद जल्दी खुलती है और खिडकी पर आते ही ढेर सारी चिडियों की चहचहाहट स्वागत करती है। खिडकी के एक तरफ गौरेया का तो दूसरी तरफ काली सी दर्जिन चिडिया का घोंसला बन रहा है। आपके उठने के पहले से ही उनका तिनके जमाने का काम शुरू हो जाता है जो शाम तक चलता रहता है। शाम होते ही चिडियों के वो दोनों परिवार गायब हो जाते हैं जो दिन भर अपना घरोंदा बनाने के लियेे लगे रहते हैं। मन में आता है कि इस नये आशियाने में आने से पहले वो जाने कहां रह रहे होंगे। ये घर तो उनकी परिवार की बढती जरूरत को पूरा करने के लिये बनाया जा रहा है। यदि परिवार नहीं बढ रहा होता तो शायद ये चिडिया भी हमारे घर के पास अपना घर नहीं बना रहीं होती और हम भी उनकी मन में उर्जा भरने वाली चहचहाहट से अंजान बने रहते। जब अपने घर के पास बन रहे इन घरोंदा की चर्चा हमने घर पर की तो ताने सुनने मिले अरे हमें तो पहले से ही मालुम है तुमको अब पता चला वैसे भी तुम्हारे पास इन सबको देखने का वक्त ही कहां है। 
इसलिये अब जब वक्त मिला है तो घर के आसपास गौर से देखना शुरू कर दिया है। तो बहुत सारी नयी बातें पता चलीं सोचा आपको ही बता दूं घर पर बताउंगा तो वही पुराना ताना सुनने मिलेगा अरे हमें तो मालुम था। एक रोज सुबह अखबार आने के पहले मधुर सी आवाज आने लगी वो आवाज भी ऐसी जिसे पाकिस्तानी गायिका रेशमा ने हीरो फिल्म के गाने में कहा था कि कोयल की कूक ने हूक उठायी। गौर किया तो देखा कि घर के बाहर के बाहर लगे चंदन और आंवले के पेड पर रोज सुबह दो कोयल आती हैं दोनों अलग अलग पेड पर बैठ कर कूकतीं हैं तो सचमुच में हूक सी उठती है। ये कोयलंे तो पहले भी आती होंगीं मगर तब अखबार आते ही दुनिया जहान की खबरों में व्यस्त हो जाते थे कोयल की कूक सुनने की फुरसत ही नहीं थी। मगर अब अच्छी बात ये है कि ये कोयल की कूक दिन भर सुनाई देती है। अभी जब लिख रहा हूं तब भी कोयल बाहर कूक रही है। ये आवाजें शायद अब इसलिये भी सुनाई दे पा रहीं हैं कि बाहर का कोलाहल कम हुआ है। गाडियों की आवाजें और उनके हार्न की कर्कश आवाजें कोयल की कूक का गला घोंट देतीं होंगीं। मगर कोयल की कूक का अहसास अदभुत है। ये हमारी प्रकृति है उसकी याद हमें तब ही आती है जब हमारे हमें याद करना भूल जाते हैं। वैसे मैं ये भी देख रहा हूं कि मेरे घर की छत पर रोज सुबह आकर दाना चुगने वाले कबूतरों की संख्या भी इन दिनों बहुत बढ गयी है। वैसे ये कबूतर मेरे घर के सामने के एक खाली पडे थ्री बीएचके एफ टाइप फलेट में लंबे समय से रह रहे हैं। वैसे तो ये चार कमरों का वीरान सा घर है मगर वहां कम से कम बारह से बीस कबूतर अपना ठिकाना बनाये हुये हैं। मैंने इतने सालों मंे उनको एक बार ही बेघर होते देखा था जब पडोस में शादी हुयी थी तो उस घर की साफ सफाई हुयी थी तब कुछ दिन उन कबूतरों ने यहंा वहंा के तारों पर बैठ कर दिन काटे थे मगर शादी निपटते ही उन कबूतरों को फिर उनके फलेट पर कब्जा मिल गया था। वैसे उनकी दिनचर्या भी यहीं है कि सुबह उठना दूसरे फलेट वालों की तरह उनको नौकरी पर तो जाना नहीं है मगर जहां जहां उनके मित्र परिवार उनको खाना डालते हैं वहां पर जाकर दाने चुगना और फिर फलेट के सामने की खिडकी या फिर वहां से गुजरते बिजली के तारों पर बैठकर चुहलबाजी करना। दिन भर वो अपने फलेट की खिडकी से हमको अपने आफिस से आते और जाते हुये देखते होंगे मगर इन दिनों उनकी आंखों में भी हमें देख आश्चर्य तो उभरता होगा कि क्या भाई आजकल दिन भर घर पर ही हो। सब राजी खुशी तो है। नौकरी औकरी तो नहीं ना छूटी। मगर वर्क एट होम करते हुये हम क्यों उनको करोना के नाम पर डरायें। उनकी दुनिया में करोना नहीं आया तो उसकी वजह यही है कि वो जरूरत का ही खाते पीते और छोटी सी जगह में रहकर गुजारा करते हैं। जबान और जमीन का लालच उनको नहीं है। 

पढ़े:घर मे रहे योग करे,स्वस्थ्य रहे:योगाचार्य विष्णु आर्य

यदि करोना की वजह से हमारे शहरों में वीरानी पसरी है तो उसको दूर करने उन जगहों के पुराने रहवासी आने लगे हैं। जयपुर के गलता गेट इलाके में शुक्रवार की रात हिरणों का झंुड सडकों पर टहलता देखा गया। इटली के तटीय शहरों में डालफिन आकर अठखेलियां करने लगी हैं। इटली के ही शहर वेनिस मंे गोंडला यानिकी वहाँ चलने वाली नावें बंद हुयी तो वहां सुंदर हंसों के झुंड तैरते दिखने लगे। सिंगापुर के पार्कों में दौडभाग करते उदबिलाव के परिवारों के फोटो दिखे हैं। मगर सबसे सुकून देने वाला फोटो तो शिकागो के शेड एक्वेरियम का है जब बंद एक्वेरियम में टहलते दिखे एडवर्ड और एनी नामके दो पेंग्विन। जो शायद अपने साथियों से पूछते घूम रहे थे कि सुकून में तो हो। 
सच तो ये है कि करोना ने तबाही भले ही मचायी हो दुनिया में मगर ये वक्त है जब हम अपने आसपास देखें और उन प्राणियों को भी जगह दें जो प्रकृति ने उनको बख्शी है। 
रिसेट बटन दबाने का टाइम आ गया। 
ब्रजेश राजपूत, एबीपी न्यूज, भोपाल
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