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सागर जिला 30 जून तक जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित, अशासकीय व निजी नलकूप खनन पर लगी रोक

सागर जिला 30 जून तक जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित, अशासकीय व निजी नलकूप खनन पर लगी रोक

सागर। कलेक्टर प्रीति मैथिल ने एक आदेश निकालकर जिले को जल अभावग्रस्त घोषित कर दिया है।  कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि जिले में अल्पवर्षा के कारण तथा कृषि, व्यवसायिक, औद्योगिक कार्य हेतु भू-जल स्त्रोतों का अतिदोहन होने से पेयजल स्त्रोतों, नलकूपों का जलस्तर तेजी से गिर रहा है। गिरते भू-जल स्तर के कारण जिले के अंतर्गत सागर, रहली, गढ़ाकोटा, देवरी, केसली, राहतगढ़, खुरई, बीना, मालथीन, बंडा एवं शाहगढ़ तहसीलों में आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट की संभावना को देखते हुये सागर जिले की समस्त तहसीलों में मध्यप्रदेश परिरक्षण अधिनियम-1986 के तहत पेयजल के अलावा अन्य प्रयोजन के लिए नवीन निजी नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक है। मेरे द्वारा स्थिति का परीक्षण किये जाने पर यह परिलक्षित हुआ है कि यदि जिले में निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध नहीं लगाया तो ग्रीष्मकाल में जिले में पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना है।

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इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधन अधिनियम 2002 (अधिनियम) की धारा-3 के अंतर्गत सागर जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को 5 मई 2020 से 30 जुन 2020 तक जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। जिले में निरंतर भू-जल की गिरावट को दृष्टिगत रखते हुए अधिनियम की धारा-6 (1) के अन्तर्गत सम्पूर्ण जिले में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। सागर जिले की सीमा क्षेत्र की सीमा में नलकूप, बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्य) की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी (सार्वजनिक सड़कों से गुजरने वाली मशीनों को छोड़कर) और न ही बिना अनुमति के कोई नया नलकूप खनन करेगी । प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीनों को अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन, बोरिंग का प्रयास कर रही मशीनों को जप्त कर, पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने का अधिकारी होगा । 

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समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उनके क्षेत्रान्तर्गत इस निमित्त अपरिहार्य प्रकरणों के लिए व अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जांच (संबंधित सहायक यंत्री, लोक स्वा . या विभाग की जाँच) के पश्चात् अनुज्ञा देने हेतु प्राधिकृत किया गया है । इस अधिसूचना का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा - 9 के अनुसार दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रूपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है । उपरोक्त आदेश शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर लागू नहीं होगा, तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य योजनान्तर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा , इस हेतु उपरोक्तानुसार अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं होगा । नवीन खनिज निजी नलकूप एवं अन्य विद्यमान निजी जलस्त्रोतों का , आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा - 4 क (1) के अंतर्गत अधिग्रहण किया जा सकेगा। कोई भी व्यक्ति जो पेयजल परीरक्षण अधिनियम की धारा 4 के अधीन कलेक्टर द्वारा पारित किसी आदेश से व्यथित हो, संभागयुक्त को आदेश की तारीख से 30 दिवस के भीतर अपील कर सकेंगा ।
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निष्कासित काँग्रेस प्रवक्ता देवेंद्र फुसकेले बोले जिला कांग्रेस प्रभारी वीरेंद्र गौर फर्जी और स्वयंभू नेता

निष्कासित काँग्रेस प्रवक्ता देवेंद्र फुसकेले बोले जिला कांग्रेस प्रभारी वीरेंद्र गौर फर्जी और स्वयंभू नेता

सागर। खाध मंत्री गोविन्द राजपूत के साथ घूमने पर राजनीतिक यात्रा पर जाने वाले सागर जिला कांग्रेस के प्रवक्ता देवेंद्र फुसकेले को पार्टी से बाहर निकाल दिया है । इसके वाद काँग्रेस की अंदरूनी लड़ाई सड़को पर है। निष्कासित नेता पप्पू फुसकेले ने जमकर आरोप जिला  प्रभारी वीरेंद्र गौर पर लगाये है। 

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फर्जी और स्वयंभू नेता है वीरेन्द्र गौर: फुसकेले

जिला कांग्रेस प्रवक्ता देवेन्द्र फुसकेले ने प्रेस को ब्यान जारी करते हुए अपने उपर लगाये गये बेबुनियाद आरोंपो का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में संगठन प्रभारी नाम का कोई पद स्वीकृत ही नहीं है। वीरेन्द्र गौर जैसे फर्जी एवं स्वयंभू नेता अपने लिए संगठन प्रभारी पद से सुशोभित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये वह नेता है जो विगत15 वर्षों से रात में दीपाली और दिन में किला कोठी की पूजा अर्चना करते हुए नहीं थकते थे। देवेन्द्र फुसकेले ने कहा कि सागर जिले का हर नेता वीरेन्द्र गौर के इस कृत्य से भली भाती परिचित है। दरअसल बात यह है कि वीरेन्द्र गौर अपने लिए कांग्रेस अध्यक्ष पद पर देखना चाहते है। जबकि राजपूत परिवार से इनकी नजदीकियां किसी से छिपी नहीं है। यदि
वीरेन्द्र गौर को जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया जाता है तो कांग्रेस फिर से
किलाकोठी में कैद हो जावेगी। दद्दा शिष्य मंडल की आड़ में वीरेन्द्र गौर भूपेन्द्र एवं गोविंद
सिंह की वंदना करते हुए कभी यह थके नहीं है और आज हम जैसे कांग्रेस में आस्था रखने
वाले व्यक्ति को निष्कासित कर रहे हैं।

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जबकि हकीकत तो यह है कि निष्काषित करने योग्य इतिहास वीरेन्द्र गौर का है। आज वीरेन्द्र गौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनने का मुगेरीलाल कासपना देख रहे हैं। जो अपनी निष्ठा किसी भी समय बेच सकते हैं। आज सागर का कांग्रेस
नेतृत्व दिशाहीन हो चुका है।
उन्होंने कहा कि  वीरेन्द्र गौर कतिपय भाजपा नेताओं के ऐजेण्ट के रूप में लंबे समय से कांग्रेस पर काम कर रहे हैं। वे अपने गुप्त, एजेण्डे के तहत सागर जिले में कांग्रेस को समाप्त करने की सुपारी लिए बैठे हैं। ऐसे में वह निष्ठावान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कांग्रेस से बाहर कराकर स्वयं भी भाजपा की सदस्यता ले लेंगे। उनके द्वारा की गई कार्यवाही को कांग्रेस हित में न मानकर कांग्रेस के ताबूत की अंतिम कील मानी जाना चाहिए।
देवेन्द्र फुसकेले उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता पद से हटाए गये .6 साल के लिये  पार्टी से निष्कासित-वीरेन्द्र गौर

 जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता देवेन्द्र फुसकेले 2 मई को भाजपा नेता एवं मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री गोविंद राजपूत के साथ 2 मई को गढ़ाकोटा में राजनीति की यात्रा पर जाने पर देवेंद्र  फुसकेले को कारण बताओ नोटिस जारी मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के  निर्देश पर जिला अनुशासन समिति अध्यक्ष एवं जिला कांग्रेस के प्रभारी वीरेन्द्र गौर ने जारीकर 72 घंटा में जबाब मांगा गया था। फुसकेले के जबाब से संतुष्ट नहीं होने एवं विश्वसनीय नहीं होने के कारण झूठ पकड़ा गया. जिसमें फुसकेले ने कहा है कि दमोह से बस आ रहा था तब गढाकोटा में राजपूत मिल गये सो साथ हो गया था. लाकडाउन में बस बंद होने एवं झूठी कहानी गढने से  पार्टी को अंधकार में रखने की कोशिश की गई.सम्पूर्ण घटना से मध्यप्रदेश कांग्रेस को अवगत कराने के बाद जिला अनुशासन समीति अध्यक्ष वीरेन्द्र गौर ने फुसकेले को प्रवक्ता. उपाध्यक्ष पद से हटाकर.6 साल के लिए कांग्रेस  पार्टी  से निष्कासित कर दिया है. निष्कासन के पूर्व गौर ने सभी वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से सहमति भी ले ली थी।

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गौर ने कहा है कि  पार्टी ऐसे लोगों पर भी नजर रख कर चिन्हित कर रही है जो मंत्री गोविंद राजपूत के साथ पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलग्न है ।गौर ने कहा है कि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर कहीं भी खौफ एवं दबाव की घटनाएं सामने आने पर पूरी कांग्रेस कार्यकर्ताओं  के साथ खडी है।फुसकेले के निष्कासन का उचित बताते हुए एवं गौर सही समय पर सटीक कदम उठाने का स्वागत करने वालों में मध्यप्रदेश कांग्रेस के सचिव अमित दुबे. सुरेन्द्र चौबे. राजेश्वर सेन. जिला प्रवक्ता आशीष ज्योतिष. डा दिनेश पटैरिया. लझ्मीनारायण सोनकिया. वरिष्ठ कांग्रेस नेता परसोत्तम मुन्ना चौबे. गिरीश पटैरिया. मुकुल पुरोहित. रामकुमार पचौरी. जितेन्द्र रोहण.महेन्द्र यादव. संजय ब्रजपुरिया,प्रदीप पप्पू गुप्ता. असरफ खान. गोवर्धन रैकवार .डा. नरेश चौबे.आर आर पारासर. बंटू चौबे. आशुभाई.अनूप मिश्रा. विवेक मिश्रा.अजीत सिंह,अनुरूध्द गौर,शुभम तिवारी शामिल हैं।
         
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सागर की महिला समूहों की बनाई पीपीई किट कर रही है इंदौर ,भोपाल में सुरक्षा

सागर की महिला समूहों की बनाई पीपीई किट कर रही है इंदौर ,भोपाल में सुरक्षा

सागर। महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ आयोजित वीडियो काफेंसिंग में समूह की महिलाओं के साथ मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने सजीव चर्चा की। सागर की महिलाओं के साथ दुग्ध और सब्जी सप्लाई चैन के बारे में मुख्यमंत्री चर्चा कर रहे थे, तभी उन्होंने अचानक विषय से हटकर पीपीई किट के डेमो के लिए रेडी महिला की ओर इंगित किया और उसे कैमरे के नजदीक बुलाते हुए सुरक्षा कबच पीपीई किट पर अपनी जिज्ञासायें रखना शुरू किया। महिलाओं ने बताया कि सागर जिले की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने जिला कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक की प्रेरणा से मास्क बनाने का जिम्मा लिया था। प्रारंभ में तो केवल दो केन्द्रों में मास्क निर्माण का काम शुरू हुआ परंतु वर्तमान में 44 से अधिक स्थानों पर मास्क निर्माण का बडे़ पैमान पर काम चल रहा है। मुख्यमंत्री के द्वारा पीपीई किट निर्माण कार्य की भूरी-भूरी प्रशंसा की गई। उन्हेंने महिलाओं को संकट की इस घड़ी में जिला प्रशासन और सरकार के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

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किट की कमी ,समूहों से मिली राहत

जिला प्रशासन के समक्ष एक बड़ी चुनौती कोरोना के खिलाफ जंग में उतरे पुलिस कर्मियों स्टाफ नर्सें, डॉक्टर्स की सुरक्षा की थी। पीपीई किट का इस स्तर पर उपलब्ध हो पाना बहुत कठिन था समूचे देश में पीपीई किट की कमी थी। ऐसे में समूह की इन महिलाओं ने भी समाज की सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षा कर्मियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा कबच बनाना शुरू कर दिये। वर्तमान में विकाखण्ड देवरी, केसली, खुरई, राहतगढ़ विकासखण्डों में 4 केन्द्रों में 18 समूह पीपीई किट का निर्माण कर रहे हैं। प्रदेश में जबलपुर, भोपाल और इंदौर हाई रिस्क जॉन में हैं। जहां पुलिस मुख्यालय भी इस बात के लिए संवेदनशील है कि लॉकडाउन के अनुपालन के लिए तैनात सुरक्षाकर्मी के लिए पीपीई किट की आवश्यकता है। जिला कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक के प्रयासों से पुलिस मुख्यालय से भी सप्लाई के लिए सागर जिले की समूह की महिलाओं को अपने मांग पत्रभेजे गये हैं। 

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अब तक 3200 बनी किट

सागर के द्वारा अब तक 3200 पीपीई किट का निर्माण किया गया है जिसमें से भोपाल और इंदौर के लिए 1650 किट की सप्लाई प्रदाय की जा चुकी है। शेष स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराये गये है। डॉ. इच्छित गढ़पाले मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, सागर  के अनुसार समूह की इन महिलाओं ने संकट काल में न केवल सुरक्षा कबच और मास्क तैयार किये बल्कि ताजी सब्जियां और दूध भी घर घर पहुंचाकर लोगां की संकट काल में मदद की। समूह से जुड़ी बैंक सखियों ने बैंकों की भीड़ में संक्रमण के खतरों से बचाते हुए वृद्धा अवस्था पेंशन घर घर उपलब्ध कराई है इससे वरिष्ठजन परिवहन और बैंकों की कतार में संक्रमण के खतरों से सुरक्षित रह सकें।

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अगले 15 दिन चुनौती भरे, बाहर से आने वालो कि सूचना दे : कलेक्टर प्रीति मैथिल

अगले  15 दिन चुनौती भरे, बाहर से आने वालो कि सूचना दे : कलेक्टर  प्रीति मैथिल

#COVID19_SAGAR

सागर । आने वाले 15 दिवस चुनौतीपूर्ण होंगे और इस चुनौती का सामना पूरे मनोयोग से कर कोरोना वायरस से लड़ाई जीतना ही हमारा प्रयास होगा। इसके लिये आज से ही निगम के समस्त 48 वार्डों में डोर-टू-डोर सर्वें प्रारंभ कराया गया है।  यह बात कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने बीएमसी में डाक्टरों की बैठक में कही। दिये। इस अवसर पर बीएमसी के डीन डा. जीएस पटेल, आयुक्त नगर निगम  आरपी अहिरवार, सीईओ जिला पंचायत  इच्छित गढ़पाले, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी डा. एम.एस. सागर, सीईओ स्मार्ट सिटी श्री राहुल सिंह राजपूत, बीएमसी अधीक्षक डा. सुनील पिप्पल, कोराना वार्ड प्रभारी डा. तल्हा शाद, डा. मनीष जैन सहित बीएमसी के डाक्टर्स मौजूद थे।

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बैठक में कलेक्टर श्रीमती नायक ने कहा कि आने वाले 15 दिवस चुनौतीपूर्ण रहेंगें। क्योकि इन 15 दिवसों में पूरे देष के राज्यों से जिले के निवासी मजदूरों का आगमन होगा और उनकी मानटरिंग करना चुनौती पूर्ण कार्य होगा। इस चुनौती को हमे पूरे संकल्प के साथ निभाकर सागर को कोरोना मुक्त करना होगा। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले मजदूरों को ग्रामस्तर पर जाकर स्वस्थ सर्वें किया जायेगा एवं संदिग्ध पाये जाने पर उनकों ग्राम की ही स्कूल या शासकीय भवन क्वालनटाईन किया जायेगा। अन्य को होम क्वोराटाईन किया जायेगा। उन्होंने सागर वासियों से अपील की है कि बाहर से आने वाले व्यक्तियों की सूचना तत्काल कोरोना कंट्रोल रूम संबंधित कोटवार, सचिव, पुलिस को दें।

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बैठक में उन्होंने निगम के 48 वार्डों में डोर-टू-डोर सर्वें करने के निर्देष दिये। जिसमें प्रत्येक वार्ड में सफाई दरोगा, सफाई कर्मी, आंगनवाडी कार्यकर्ता, टेक्स कलेक्टर्स की टीम प्रत्येक वार्ड में घर-घर जाकर जानकारी प्राप्त करेंगे कि किसी घर में किसी व्यक्ति को सर्दी, खासी, बुखार तो नही है। साथ ही यह भी जानकारी ली जायेगी कि वार्ड में या किसी के घर में अन्य जगह से कोई व्यक्ति तो नही आया है। इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट नगर निगम के स्वच्छता अधिकारी के पास प्रस्तुत की जायेगी जो उसी दिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
कलेक्टर श्रीमती मैथिल ने कहा कि जिला चिकित्सालय में सर्दी, खासी, बुखार की जो ओपीडी चल रही है उसको अनवरित चालू रखा जाये साथ ही सामुदायिक ओपीडी प्रभारी यह भी सुनिष्चित करें कि किस क्षेत्र से कितने व्यक्ति किस बीमारी से पीड़ित हैं। इसकी रिपोर्ट भी प्रतिदिन सीएमएचओ को प्रस्तुत करें साथ ही सीएमएचओ यह सुनिष्चित करें कि जिस क्षेत्र में सर्दी, खासी, बुखार के अधिक व्यक्ति है उस क्षेत्र का सूक्ष्मता से सर्वे कराया जाये।    
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पाजिटिव मरीज के साथ टिकटाक वीडियो बनाने वाले अनवर की माँ और दोनो बहिन भी हुई डिस्चार्ज प्रशासन बोला अभी खतरा टला नही,सतर्कता जरूरी

पाजिटिव मरीज के साथ टिकटाक वीडियो बनाने वाले अनवर की माँ और  दोनो  बहिन हुई  डिस्चार्ज 
प्रशासन बोला अभी  खतरा टला नही,सतर्कता जरूरी


★सागर के सभी पाँचो मरीज हुए स्वस्थ्य
भाई - बहिन दोनो बोले मास्क लगाए,सोसल डिस्टेंस का पालन करे

#COVID19_SAGAR

सागर। सम्भागीय मुख्यालय सागर के लिए मंगलवार का दिन बड़ी राहत की ख़बर लाया।  जब तीन और कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ठीक होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई । 
इसके साथ ही पांचों कोरोना पॉजिटिव मरीज अब ठीक होकर अपने घर पहुंच चुके हैं । इनकी कहानी टिकटाक वीडियो से चर्चित हुई थी। पहले पाजिटिव मरीज समीर खान के साथ टिकटाक बनाने वाले दोस्त अनवर खान  भी संक्रमित हुआ। नतीजा यह निकला  कि अनवर की माँ और दोनो बहिन भी कोरोना का शिकार बनी। कोरोना वारियर्स की मेहनत रंग लाई सभी पांच स्वस्थ्य होकर घर  पहुच गए। हालांकि ख़तरा टला नही है । कलेक्टर प्रीति मैथिल के मुताबिक लगातार सोसल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। साथ ही बाहर से आने वाले या सर्दी खांसी वालो की सूचना देनी होगी।

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आज कोविड हॉस्पिटल से पी-2 मरीज अनवर खान की मां और दोनों बहनों के आज बीएमसी कोविद अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। रेड कार्पेट पर तालियों की गड़गड़ाहट के बीच इनको विदा किया गया। मेडिकल स्टाफ की ओर से उपहार भी दिया गया।  विधायक शैलेंद्र जैन  डॉ्क्टरों और ठीक हुए मरीजों पर पुष्प वर्षा की । विधायक शेलेन्द्र जैन ने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है। सभी की मेहनत का नतीजा है। 

सावधानी रखना जरूरी,मरीज आ सकते  है: डीन

बीएमसी के डीन डॉ जी एस पटेल ने कहा कि इसमें खास बात ये रही कि समय से भर्ती से लेकर समय से इलाज हुआ और कोई मौत नहीं हुई ये बहुत महत्वपूर्ण बात है । उन्होंने डॉक्टरों और पूरे स्टॉफ को बधाई देते हुए कहा कि हम आने वाली किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं मगर लोगों को ध्यान रखना होगा । अब लोगों का एक जगह से दूसरी जगह जाना शुरू हो गया है । ऐसे में लोगों की सतर्कता ही  सबसे बड़ा बचाव है । बाहरी लोगों से ख़तरा है। डीन ने कहा कि मरीज आने की संभावना बनी है। एक या दो मिलेंगे। इसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है। 

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अब ज्यादा सतर्कता की जरूरत :कलेक्टर प्रीति मैथिल

सागर कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक ने कहा कि अभी भी सभी लोगों को बहुत सतर्क रहने की  जररूत है ।  हर दम लॉक डाऊंन या कर्फ्यू सम्भव नही है। हमे खुद नियमो का पालन करना होगा। मेरे या  पुलिस के कहने से नियमो का पालन नही बल्कि इस बीमारी से बचाव के लिए नियमो का पालन करे। दुकानों पर भीड़ नही लगाए।  बाहरी लोगों की सूचना दे।

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नही दिखा सोसल डिस्टेंस मेडिकल कालेज में मरीजों को डिस्चार्ज करते वक्त

कोविड 19 की  गाईड लाईन में सोशल डिस्टेंस बेहद जरूरी है। लेकिन सागर के कोविड हॉस्पिटल बुन्देलखण्ड मेडिकल कालेज में इसकी धज्जियां उड़ती नज़र आई। आज तीन  मरीज डिस्चार्ज हुए। इनको  ताली बजाकर विदा किया गया। वही विधायक शेलेन्द्र जैन इनपर फूल बरसाने पहुच गए । इस दौरान भीड़ जैसा माहौल बना हुआ था। 
जबकि  कलेक्टर  प्रीति मैथिल और डीन जी एस पटेल का साफ कहना है कि  अभी खतरा टला नही है।सोसल डिस्टेंस का पालन जरूरी है । लंबे  समय तक खुद को सावधान रहना होगा।

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चम्बल में आतंक का पर्याय बन और फिर से हीरो ,आत्मसमर्पित डकैत मोहर सिंह का निधन

चम्बल में आतंक का पर्याय बन और फिर से हीरो ,आत्मसमर्पित डकैत मोहर सिंह का निधन

ग्वालियर। डकैतों की असली कहानियों में  चम्बल के आत्मसमर्पित डकैत मोहर सिंह की ढेरों कहानियां आज भी सुनाई जाती है। ऐसे आतंक का पर्याय बन पूर्व दस्यु सम्राट मोहर सिंह गुर्जर का लम्बी बीमारी के चलते आज सुबह निधन हो गई।  92 साल के मोहर सिंह दद्दा  मेहगांव  नगर पंचायत अध्यक्ष भी रहे है। 
सन 60 के दशक में था, 2 लाख का ईनाम घोषित किया गया था। सन 1972 में समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।  उनके खिलाफ पुलिस रिकॉर्ड में  315 अपराध  दर्ज थे। जिनमें 85 हत्याओ केआरोप थे। 

मोहर- माधो की जोड़ी की थी दहशत

साठ से लेकर सत्तर के दशक तक चम्बल में दो सबसे बड़े डाकू गिरोह थे मोहर सिंह और माधो सिंह । मोहर सिंह ने 1972 में अपने गिरोह के साथ पगारा बांध परजयप्रकाश नारायण से भेंट की और फिर 14 अप्रैल 1972 को गांधी सेवा आश्रम जौरा जिला मुरेना में अपने साथियों सहित गांधी जी की तस्वीर के सामने हथियार रखकर आत्मसमर्पण कर दिया । उस समय मोहर सिंह पर एमपी,यूपी,राजस्थान आदि राज्यो की पुलिस ने दो लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था जिसका आज के अनुसार मूल्यांकन दस करोड़ से अधिक है । मोहर सिंह के खिलाफ देश के विभिन्न थानों में तीन सौ से अधिक हत्या के मामले दर्ज थे लेकिन बकौल मोहर सिंह ये गिनती बहुत कम थी ।

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नगर पालिका अध्यक्ष भी बने

आत्मसमर्पण के बाद मोहर सिंह ने भिण्ड जिले के मेहगांव कस्बे को अपना घर बनाया और वही रहने लगे। वे दाड़ी रखाते थे इसलिए वे वहां दाढ़ी के नाम से ही विख्यात थे। वे हँसमुख और मिलनसार ठगे इसलिए हर उम्र के लोगों में उनकी खासी लोकप्रियता थी । यह इतनी ज्यादा थी कि वे एक बार नगर पालिका मेहगांव के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़े और निर्दलीय ही जीत गए । उंन्होने इस दौरान विकास के काम भी कराए । लोगो ने उनसे फिर चुनाव लड़ने को भी कहा तो उन्होंने मना कर दिया ।

कैसे बने डकैत
अपने समय के सबसे खूंखार डकैत मोहर सिंह ग्राम जटेपूरा गांव में दबंगो ने उनकी जमीन छुड़ा ली और पुलिस से मिलीभगत करके बन्द भी करा दिया । इसके बाद मोहर सिंह डकैत हो गया और फिर उसने अपने आतंक से पूरे उत्तर भारत को दहलाकर रख दिया। समर्पण के समय इसके गैंग में 37 लोग थे । जब मोहर सिंह गैंग ने समर्पण किया तब उज़के पास सारे ऑटोमेटिक हथियार थे जो पुलिस के पास भी नही थे।

ये हथियार किये थे समर्पित
समर्पण करते समय मोहर सिंह 37 साल का था । वह पूरी तरह निरक्षर था । बकौल उसके-हमने तो स्कूल का मुंह भी नहीं देखा। उसने जब समर्पण किया तो एक एसएलआर,टॉमी गन,303 बोर चार रायफल,ऑटोमेटिक  चार एलएमजी,स्टेनगन ,मार्क 5 रायफल सहित भारी असलाह गांधी के चरणों मे रखा ।
जेल भी काटी और फ़िल्म में हीरो भी बने

मोहर सिंह और माधो सिंह कहने को तो अलग-अलग गिरोह थे लेकिन दोनों के बीच खूब याराना था । मोहर सिंह द्वारा माधो सिंह का बहुत आदर किया जाता था । दोनों गैंग ने एक साथ आत्मसमर्पण किया और फिर जेल में रहकर मुकद्दमे निपटाने के बाद ही बाहर आये ।  बाद में चम्बल के डाकू नाम से एक फ़िल्म भी बनी इसमें मोहर सिंह और माधो सिंह दोनों ने अपनी भूमिकाएं भी निभाई।

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ऐसी कहानी है मोहर सिंह की
चंबल में पचास के दशक में जैसे बागियों की एक पूरी बाढ़ आई थी।  मानसिंह, रूपा, लाखन, गब्बर, सुल्ताना जैसे डाकूओं से चंबल थर-थर कांप रही थी। साठ के दशक की शुरूआत में इनमें से ज्यादातर डाकू पुलिस की गोलियों का निशाना बन चुके थे या फिर उनके गैंग छोटे हो चुके थे। लेकिन इस दशक में एक नाम ऐसा उभरा जिसने बाकि सब नामों की चमक को फीका कर दिया। ये नाम था मोहर सिंह का। डाकू मोहर सिंह साठ के दशक में चंबल का राजा। 
मानसिंह के बाद चंबल घाटी का सबसे बड़ा नाम था मोहर सिंह का। मोहर सिंह जिसके पास डेढ़ सौं से ज्यादा डाकू थे। मोहर सिंह चंबल घाटी में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान की पुलिस फाईलों में E-1 यानि दुश्मन नंबर एक के तौर पर दर्ज था। साठ के दशक में चंबल में मोहर सिंह की बंदूक ही फैसला थी और मोहर सिंह की आवाज ही चंबल का कानून। 
चंबल में पुलिस की रिकॉड़ चैक करे तो 1960 में अपराध की शुरूआत करने वाले मोहर सिंह ने इतना आतंक मचा दिया था कि पुलिस चंबल में घुसने तक से खौंफ खाने लगी थी। एनकाउंटर में मोहर सिंह के डाकू आसानी से पुलिस को चकमा देकर निकल जाते थे। मोहर सिंह का नेटवर्क इतना बड़ा था कि पुलिस के चंबल में पांव रखते ही उसको खबर हो जाती थी। और मोहर सिंह अपनी रणनीति बदल देता था। 
1958 में पहला अपराध कर पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज होने वाला मोहर सिंह ने जब अपने कंधें से बंदूक उतारी तब तक वो ऑफिसियल रिकॉर्ड में दो लाख रूपए का ईनामी था और उसका गैंग 12 लाख रूपए का इनामी गैंग था। 1970 में इस रकम को आज के हिसाब से देंखें तो ये रकम करोड़ों का हिसाब पार कर सकती है। पुलिस फाईल में 315 मामले मोहर सिंह के सिर थे और 85 कत्ल का जिम्मेदार मोहर सिंह था। मोहर सिंह के अपराधों का एक लंबा सफर था लेकिन  अचानक ही इस खूंखार डाकू बंदूकों को रखने का फैसला कर लिया। 

पढ़िए : कोरोना काल मे शराबबंदी :"धक्का मारो मौका है"..!
@ होमेन्द्र देशमुख, वीडियो जर्नलिस्ट

मोहर सिंह चंबल की डांग में बसे हुए गांवों में एक छोटा सा गांव अनाम सा लड़का। गांव कुछ जमीन और खेती बाड़ी। चंबल में नाइँसाफी और बदले के जुनून की सैकड़ों कहानियां बिखरी हुई है। लेकिन हर कहानी का रिश्ता जाकर जुड़ जाता है एक ही कहानी से। यानि जमीन को लेकर जंग से। मोहर की जिंदगी में भी अपनी छोटी सी जमीन को बचाने की जंग थी और नाकामयाब मोहर सिंह की जिंदगी की बटिया भी बीहड़ में भटक गई।

झाड़ियां ही झाड़ियां और बीच में एक सफेद रंग से पुता हुआ एक मंदिर।  ये सत्तर साल पहले एक भरा-पूरा गांव था। लेकिन अब सिर्फ बीहड़ ही बीहड़ है। गांव अब इससे लगभग एक किलोमीटर दूर जाकर बस गया है और पुराना गांव बिसुली नदी के कछार में समा गया है। लेकिन इसी गांव से शुरू हुई एक डाकू मोहर सिंह की कहानी।
मोहर सिंह इसी गांव का रहने वाला एक छोटा सा किसान था। गांव में छोटी सी जमीन थी। जिंदगी मजे से चल रही थी। लेकिन चंबल के इलाके का इतिहास बताता है कि किसानों की जमीनों में फसल के साथ साथ दुश्मनियां भी उगती है। जमीन के कब्जें को मोहर के कुनबे में एक झगड़ा शुरू हुआ। और इसी झगड़े में मोहर सिंह की जमीन का कुछ हिस्सा दूसरे परिवार ने दबा लिया। गांव में झगड़ा हुआ। पुलिस के पास मामला गया। और पुलिस ने उस समय की चंबल में चल रही रवायत के मुताबिक पैसे वाले का साथ दिया। केस चलता रहा। इस मामले में मोहर सिंह गवाह था। 
गांव में मुकदमें में गवाही देना दुश्मनी पालना होता है। जटपुरा में एक दिन मोहर सिंह को उसके मुखालिफों ने पकड़ कर गवाही न देने का दवाब डाला। कसरत और पहलवानी करने के शौंकीन मोहर सिंह ने ये बात ठुकरा दी तो फिर उसके दुश्मनों ने उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी। घायल मोहर सिंह ने पुलिस की गुहार लगाई लेकिन थाने में उसकी आवाज सुनने की बजाय उस पर ही केस थोप दिया गया। 
1960 के दशक की चंबल घाटी से संबंध
चंबल घाटी में जब मान सिंह राठौर, तहसीलदार सिंह (मानसिंह और तहसीलदार पिता-पुत्र), डाकू रूपा, लाखन सिंह, गब्बर सिंह, लोकमान दीक्षित उर्फ लुक्का पंडित, माधो सिंह (माधव), फिरंगी सिंह, देवीलाल, छक्की मिर्धा, रमकल्ला और स्योसिंह (शिव सिंह) जैसे खूंखार बागी-गैंग (डकैत और उनके गिरोह) अपने चरम या फिर खात्मे (उतार/ समाप्ति) की ओर थे. डाकू फिरंगी सिंह, देवीलाल और उसका पूरा गिरोह, छक्की मिर्धा और गैंग, स्यो सिंह और रमकल्ला मारे जा चुके. उसी वक्त सन् 1958 में एक नौसिखिया मगर उस जमाने का सबसे ज्यादा खतरनाक और खून-खराबे पर उतरा बागी (डाकू) मोहर सिंह चंबल के बीहड़ में बंदूक लेकर कूदा था. पुराने गैंगों की चिंता किए बिना मोहर सिंह ने 150 से ज्यादा खूंखार डाकूओं को अपना गिरोह चंबल घाटी में उतार दिया.
श्रापित चंबल का बीहड़ और जिंदगी का वो पहला कत्ल
इतिहास गवाह है कि, चंबल की जमीं ने अपने घने कांटेदार बबूल के साए में सैकड़ों डाकूओं को पनाह दी. चंबल घाटी ने अनगिनत दुश्मन पहले तो पाल-पोसकर बड़े किए. फिर उन्हीं दुश्मनों ने दुश्मन और दुश्मनी को बंदूकों के बलबूते नेस्तनाबूद करके चंबल की गहरी डरावनी घाटियों में हमेशा-हमेशा के लिए जमींदोज कर दिए. फिर भला ऐसी श्रापित चंबल के असर से कभी गांव के अखाड़े में अल-सुबह 'जोर' (पहलवानी) करने वाला बीते कल का हट्टा-कट्टा गबरू जवान मोहर सिंह गुज्जर भी कैसे बच पाता? भिंड जिले के महगांव में रह रहे चंबल घाटी के इस पूर्व बागी के मुताबिक पुश्तैनी जमीन को लेकर कुछ लोगों ने उन्हें पीट दिया. बदले में मोहर सिंह ने दुश्मन को गोलियों से भून डाला. इसके बाद बंदूक उठाई और बागी होकर चंबल के जंगल में कूद गया. बाद में यही मोहर सिंह गुज्जर उस एक अदद कत्ल की बदौलत चंबल घाटी के उस वक्त के सबसे खूंखार डाकू मानसिंह राठौर के बाद दूसरे नंबर के क्रूर बागी की कुर्सी पर काबिज हो गया.
वो बंदूक जिसने चंबल में कोहराम मचा दिया
चंबल में मोहर सिंह की बंदूक गरजी तो उसकी आवाज से तीन राज्यों (उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य-प्रदेश) की पुलिस के कान बहरे होने लगे. पुलिस चंबल में एक ओर मोहर गैंग से लोहा ले रही होती, तब तक गैंग के दूसरे सदस्य चंबल के ही किसी और कोने में पुलिस वालों को ढेर करके जा चुका होता. यूं तो चंबल घाटी में मौजूद तमाम गिरोह के सरगनाओं के कानों में भी मोहर सिंह गैंग के हथियारों की तड़तड़ाहट पहुंची, मगर मोहर सिंह गैंग का लोहा सबसे पहले माना चंबल में उस वक्त दो नंबर की कुर्सी पर काबिज माधो सिंह (माधव उर्फ माधो सिंह पूर्व फौजी बागी) ने. माधो-मोहर गैंग की दोस्ती ने चंबल के बीहड़ में कहर बरपा कर पुलिस के होश फाख्ता कर दिए.

पढ़िए : सागर में शराब दुकान खोलने के हुए आदेश, नाम ,मोबाइल नम्बर भी दर्ज होगा ग्राहक का

चंबल के पूर्व डकैत मोहर सिंह ने पीएम मोदी को खत लिखकर लगाई थी गुहार
कभी चंबल के बीहड़ों में आतंक का पर्याय रहे दस्यु सरगना मोहर सिंह ने पिछले साल  सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मध्य प्रदेश के मुरैना में स्थित नौवीं शताब्दी के क़रीब 200 मंदिरों का जीर्णोद्धार कराने की अपील की है। मुरैना के महगांव निवासी 92 वर्षीय मोहर सिंह ने मोदी को लिखे एक पत्र में कहा है कि उनके पूर्वजों द्वारा बनवाए गए "मंदिरों को एक-एक करके गिरते हुये नहीं देखा जाता।"
मोहर सिंह ने  उन्होंने छह सितंबर को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बटेश्वर स्थित इन मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम फिर से शुरु कराने की अपील की है। पूर्व दस्यु ने कहा, उन्हें " उम्मीद है कि वे हमारी बात को सुनेंगे।

(कुछ कंटेंट इंडिया शाम तक .कॉम से)
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सड़क हादसे में हुई दो पुलिस आरक्षकों की मौत

सड़क हादसे में हुई  दो पुलिस आरक्षकों की मौत

सिवनी। सिवनी जिले के लखनवाड़ा के पास छिंदवाड़ा रोड में देर रात हुए सड़क हादसे में बाइक सवार दो आरक्षकों की मौत हो गई। दोनों लोग एक डंपर की चपेट में आ गए थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

जानकारी के अनुसार छिंदवाड़ा के चांद निवासी आरक्षक जगन्नाथ चोरे और सुंदर लाल गढ़वाल बाइक से कहीं जा रहे थे। हाइवे मिडवे ट्रीट के पास सिवनी आ रहे डंपर ने टक्कर मार दी। दोनों की मौके पाए ही मौत हो गई। डंपर का चालक मौके से फरार हो गया है। पुलिस डंपर चालक को तलाश रही है।
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सागर में थोक दुकान से फुटकर बिका,तीन किराना दुकान सील

सागर में थोक दुकान से फुटकर बिका,तीन  किराना दुकान सील

सागर।सागर के कटरा क्षेत्र में पूर्णतः लॉक दाओं है। थोक दुकानों पर फुटकर बिक्री होने पर प्रशासन ने तीन किराना व्यापारियों पर लॉक दाओं के उल्लंघन का मॉम्ला दर्ज किया है। इनकी दुकान सील की गई है। 

प्रशासन के सागर नगर के भ्रमण के समय  नगर के कटरा क्षेत्र में स्थित थोक किराना व्यापरियों द्वारा दुकान पर ग्राहकों की भीड़ एकत्रित कर किराना सामग्री विकय करते पाया गया । कलेक्टर  के निर्देशानुसार कटरा क्षेत्र को
पूर्णत: लॉकडाउन किया गया हैं। लाकडाउन का उल्लघन करते पाये जाने से कटरा बाजार
स्थिति खेमचंद शिखरचंद किराना स्टोर, सफल किराना स्टोर एवं आनंद किराना स्टोर की
दुकानों को शील किया गया । उक्त कार्यवाही नगर दण्डाधिकारी पवन बारिया, नगर पुलिस
अधीक्षक सागर एम.पी. प्रजापति एवं नायब तहसीलदार कुलदीप सिंह की उपस्थिति में की गई ।

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जैसीनगर जनपद की उपयंत्री की सेवाऐं समाप्त

जैसीनगर जनपद की  उपयंत्री की सेवाऐं समाप्त
सागर । सागर जिले की  जनपद पंचायत जैसीनगर में मनरेगा योजनान्तर्गत पदस्थ श्रीमति श्रेया श्रीवास्तव उपयंत्री (संविदा) माह जनवरी 2019 से लगातार अपने कर्तव्य पर अनुपस्थित रहने के कारण कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक सागर द्वारा सेवाऐं समाप्त कर दी गई है। संविदा नीति 2015 की शर्त क्रमांक 13 के अनुसार ''यदि संविदा पर नियुक्त कोई अभ्यर्थी किसी विशिष्ट कारण के और बिना किसी सूचना के अपने कर्तव्य से लगातार 15 दिवस या अधिक समय तक अनुपस्थित रहता है तो उसकी संविदा नियुक्ति उसकी अनुपस्थिति तिथि से स्वतः समाप्त मानी जायेगी'' अतः संविदा नीति 2015 की शर्त क्रमांक 13 के अनुसार श्रीमति श्रेया श्रीवास्तव उपयंत्री (संविदा) जनपद पंचायत जैसीनगर की संविदा सेवाऐं अनुपस्थिति दिनांक से समाप्त कर दी गई है।
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सागर में शराब दुकान खोलने के हुए आदेश, नाम ,मोबाइल नम्बर भी दर्ज होगा ग्राहक का

सागर में शराब दुकान खोलने के हुए आदेश, नाम ,मोबाइल नम्बर भी दर्ज होगा ग्राहक का

सागर। सरकार की गाईड लाईनों के मुताबिक सागर में शराब दुकान खुलेंगी । कलेक्टर प्रीति मैथिल ने इसके आदेश जारी कर दिए है। सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुलेंगी। हालांकि ठेकेदारों द्वारा दुकान नही  खोलने की भी चर्चाएं है। 
आदेश के मुताबिक सागर जिला आरेज जोन में स्थित होने से एवं कन्टोनमेंट एरिया में कोई मदिरा दुकान स्थापित न होने से सागर नगर,
निगम, केंट एवं मकरोनियां स्थित मदिरा दुकानें, भांग/भांगधोंटा दुकानें तथा वाइन रिटेल 
आउटलेट को छोड़कर जिले की समस्त देशी/विदेशी मदिरा दकान, मांग/भांगघाँट
दकानें देशी/विदेशी मदिरा स्टोरेज भाण्डागार/वाईन शॉप भारत सरकार द्वारा जारी
गाईडलाईन दिनांक 01.05.2020 के बिन्द कमांक 09 एवं गाइडलाइन के परिशिष्ट 1 के
बिन्द कमांक 07.08 में उल्लेखित शर्तों के अधीन मूल लायसेंस प्राप्त कर लॉकडाडन
अवधि में दिनांक 05.05.2020 से प्रातः 07 बजे से सायंकाल 07 बजे तक खोले जाने की
अनुमति आगामी आदेश तक  दी जाती है।

पढ़िए : सागर का दूसरा पाजिटिव मरीज  हुआ डिस्चार्ज,  मेडिकल स्टाफ ने बरसाए फूल और बजाई तालिया*

ये शर्ते होंगी लागू

1. मदिरा दुकानों के सामने 2 गज के फासले पर गोल घेरे के निशान (माक) बनाये जावे ताकि दो उपभोक्ता के मध्य एक दूसरे से पर्याप्त दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) बनी रहे ।
2. मदिरा दुकानों पर कार्यरत कर्मचारियों को हाईजिन की दृष्टि से जागरूक करें तथास्वय सेनेटाईज होकर मारक एवं दस्तानों का उपयोग कर डयूटी करें और उपभोक्ताओं को जागरूक करें ।
3. मदिरा दुकानों के सामने भीड एकत्रित न हो एक समय में 05 से अधिक व्यक्ति इकट्ठे न हो एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कड़ाई से किया जावे ।
4 मदिरा दुकानों पर प्रतिदिन आने वाले उपभोक्ताओं की दिनांकवार पंजी संधारण की
जाये जिसमें उपभोक्ता का नाम एवं पता तथा मोबाईल नंबर अंकित किया जाये ।
5. मदिरा दुकानों पर अहाता बंद रहेंगें एवं उपभोक्ताओं को बैठकर मदिरापान की।सुविधा नहीं दी जायेगी ।
6. जिले में एफ.एल.-2 रेस्तरां बार एवं एफ.एल,-3 होटल बार का संचालन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा
7. अनुज्ञप्तिधारी द्वारा दुकान संचालन अनुमति दिनांक 05.05.2020 से 07 दिवस के भीतर वांछित औपचारिकताओं की पूर्ति यथा प्रावधानित अनुसार प्रतिभूति राशि के रूप में बैंक गांरटी, पोस्टडेटेड चैक एवं प्रतिरूप करार अनिवार्यतः जिला कार्यालयमें प्रस्तुत करना होगें ।
8. विदेशी मदिरा भाण्डागार सागर एवं देशी मदिरा स्टोरेज भाण्डागार सागर/ खरई/रहली से मदिरा का प्रदाय प्रातः 10:00 बजे से सायं 06:00 बज तक किया जाये।
उपरोक्त आदेश की अवहेलना की दशा में संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी । उक्त आदेश का कठोरता से पालन किया जावे ।

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सेवादल काँग्रेस ने बांटा 27 परिवारों को राशन

सेवादल काँग्रेस ने बांटा 27 परिवारों को राशन

सागर। बेशक देश कोरोना वायरस से जूझ रहा हो, लेकिन सागर शहर कोरोना वायरस को फाइट दे रहा है और यहां पर सेवादल की फौज वंचितों की सेवा में जुटी है। मतलब कांग्रेस सेवादल का हर सदस्य अपनी क्षमता से बढकर गरीब, लाचार, मजदूर वर्ग की सेवा को समर्पित है। शहर सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे द्वारा सागर नगर के इतवारी और संतकंवर वार्ड के 15 परिवारों की महिलाओ को राशन सामग्री वितरित करके  उनकी तकलीफ कम करने की कोशिश की। राशन मे आटा-दाल भाई नेवी जैन और बिस्किट-दूध-चावल सेवादल की तरफ से वितरित किया गया।

पढ़िए : सागर का दूसरा पाजिटिव मरीज  हुआ डिस्चार्ज,  मेडिकल स्टाफ ने बरसाए फूल और बजाई तालिया

सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे का कहना है कि इस दुख की घड़ी में जिस तरह से समाज के लोग, समाजसेवी संस्थाएं आगे आए हैं, यह हमारी संस्कृति की खूबसूरती है। सागर तो वैसे भी दान और त्याग के मामले में इतिहास में दर्ज है। यहां डा.गौर  जैसे कई उदाहरण मौजूद है । उसी पथ पर चलते हुए उन्होंने बताया कि जरूरतमंद की मदद के लिए कांग्रेस सेवादल के सभी कार्यकर्ता पूरी तरह तन मन धन से समर्पित है।
आज सेवादल के इस अभियान मे ब्लाकाध्यक्ष नितिन पचौरी, जयदीप यादव, प्रवीण यादव, नवीन यादव, आकाश नामदेव, मोंटी साहू, शैलेंद्र नामदेव, गोलू सोनी सोरई, अंकुर यादव आदि सदस्य मौजूद थे।

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सागर का दूसरा पाजिटिव मरीज हुआ डिस्चार्ज, मेडिकल स्टाफ ने बरसाए फूल और बजाई तालिया

सागर का दूसरा पाजिटिव मरीज  हुआ डिस्चार्ज,  मेडिकल स्टाफ ने बरसाए फूल और बजाई तालिया

#COVID19_SAGAR

सागर।  सागर में कोरोना के पाँच पॉजिटिव मरीजो में दूसरा मरीज  P2  अनवर को स्वस्थ्य होने पर छुट्टी  मिली।बुन्देलखण्ड मेडिकल कालेज से डिस्चार्ज होते समय पूरे मेडिकल स्टाफ और अधिकारियों ने तालिया बजाकर विदा किया। वही उस पर फूल भी बरसाए। स्वस्थ्य हुए अनवर ने कहा कि छोटी सी गलती से पूरा परिवार मुसीबत में फंस गया। सभी को नियमो का पालन करना चाहिए। पहले कोरोना पाजिटिव  मरीज समीर खान का दोस्त था।  दोनो के टिकटाक वीडियो भी जमकर वायरल हुई थे।  दोनो दोस्त स्वस्थ्य हुए और अपनी गलती भी स्वीकारी ।

पढ़िए: कोरोना काल मे शराबबंदी :"धक्का मारो मौका है"..!
@ होमेन्द्र देशमुख, वीडियो जर्नलिस्ट


आज  कोविड हॉस्पिटल बुन्देलखण्ड मेडिकल कालेज में खुशियों का क्षण था। दूसरा मरीज ठीक होकर विदा हुआ। इस मौके पर डीन डॉ जी इस पटेल सहित पूरा स्टाफ  मौजूद था। रेड  कार्पेट पर जैसे  मरीज बाहर निकला तो सभी ने तालिया बजाकर स्वागत किया और  फूल बरसाए और उपहार भी दिए।वही मरीज ने अभी का हाथ जोड़कर आभार जताया ।
मेडिकल कालेज के कोविड हॉस्पिटल के प्रमुख डॉ उमेश पांडे के अनुसार  दूसरे मरीज की उसकी बाद कि रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इसलिए छुट्टी हुई। वही मरीज ने कहा कि छोटी से गलती से इतनी बड़ी परेशानी हुई। सभी की मदद से आज स्वस्थ्य हुआ। आज कोरोना हार गया हिंदुस्तान जीत गया। उसने कहा कि सभी को मास्क पहनना चाहिए । घर पर रहे स्वस्थ्य रहे। सरकार के नियमो का पालन करे। सागर में अभी तीन पाजिटिव मरीजों का इलाजे जारी है। ये सभी दूसरे मरीज के परिजन है। 
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कोरोना काल मे शराबबंदी :"धक्का मारो मौका है"..! @ होमेन्द्र देशमुख, वीडियो जर्नलिस्ट


कोरोना काल मे शराबबंदी :"धक्का मारो मौका है"..!

@ होमेन्द्र देशमुख, वीडियो जर्नलिस्ट
 

शराब सरकार की जरूरत है या समाज की ? यह जानना आवश्यक है । शराब बंदी वाले राज्यों में शराब बिकना तो बंद हो गया है पर शराब पीना बंद नही हुआ है । लेकिन शराबबंदी की एक अच्छी बात यह है कि राज्य में अगर शराब अधिकृत रूप से बिकेगा नही तो जनता पब्लिकली इसका सेवन नही कर सकती । अगर वह सेवन परिवहन या शराब पीकर पड़े रहने की शिकायत आएगी तो उस पर एफ आई आर होगी, केस बनेगा और जांच होगी कि इसको शराब मिला कहाँ से । तो पीने वाला और बेचने वाला दोनो अपराधी साबित होगा ।  उससे उन दोनो पर अवैध शराब  पीने रखने परिवहन और बेचने का आरोप लगेगा । वैसे ही जैसे बारूद कहीं पकड़ायेगा तो बेचने वाले को ढूंढा जाता है । उससे पीना बंद नही होगा लेकिन पुलिस के डर से सार्वजनिक पीना कम होगा । 
शराबबंदी की योजना और सरकार का संकल्प तभी पूरा औऱ सफल होगा जब,  पहले -इसे लागू करने के साथ कानून में संसोधन भी किया जाय । 
दूसरे - कि पुलिस को अधिकार मिलने के बाद उस पर भी बेलगाम और भ्रष्ट होने की स्थिति और आरोप लगने पर उनको कड़ी सजा का प्रावधान हो । जब तक पुलिस और आबकारी के लोग अवैध शराब पर अंकुश नही लगाएंगे । कोई राज्य शराबबंदी को सफल नही बना सकता ।
छत्तीसगढ़ में पुलिस को अभी भी एक डर समझा जाता है 
 अगर शराबबंदी होती है तो थाने कचहरी के चक्कर के डर से तीस प्रतिशत लोग शराब पीने से दूर हो जाएंगे । दूसरा काम समाज को करना होगा 
 शराब के केस में फंसे बन्धु से सामाजिक दूरी की सजा आदि के प्रवधान कर इसे समाजिक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है । तीसरा काम ग्राम पंचायत करे , कि एक बार कोर्ट में शराब के केस में सजा होने पर सरकारी योजना के लाभ से दूर किया जाय । चौथी बात - किसी युवा को शराब के किसी भी केस पर कोर्ट से सजा के बाद नौकरी और व्यावसायिक लोन से दूर या वंचित कर दिया जाय । 

पढ़िए : बीड़ी निर्माण और विक्रय को लेकर राहत, कोविड 19 के सतर्कता सम्बन्धी आदेश का करना होगा पालन
 https://www.teenbattinews.com/2020/05/19.html


इन सब उपायों से यह केवल सरकार की नही अपितु समाज की पाबंदी होगी और समाज बचेगा । परन्तु इसकी पहल तो पहले सरकार को ही करनी पड़ेगी । वह शराबबंदी की जिम्मेदारी सामाजिक जागरूकता के झुनझुने को पकड़ाकर अपना पल्ला झाड़ती है यह मात्र बहाना है । मप्र में जब कमलनाथ की कांग्रेस सरकार शराब की उपदुकाने खोल रही थी तब वर्तमान मुख्यमंत्री ने विपक्ष की ओर से कड़ा एतराज दिखाया था । वो शराबबंदी का फैसला समाज की जागरूकता पर छोड़ने की बात कह देते हैं । 
अभी अच्छा मौका था । सरकारों  को यह शराबबंदी लागू करना चाहिए था । नए नीलामी नही हुए थे । अगर कहीं हुए भी हों तो इसकी फीस वापसी की जा सकती थी । फाइनेंसियल ईयर की समाप्ति थी । शराबबंदी के 45 दिन का शानदार अनुभव था । कोरोना के फैलाव में शराब की मजबूत भूमिका बन सकती है । यह बहुत बड़ा खतरा है ।  इस समय इसे बंद करने से सरकार की हर तरफ यहां तक कि स्वास्थ्य से जुड़ी संगठनों और संस्थाएं इन सरकारों की तारीफ भी करती ।  
शराबियों से पुलिस परेशान नही होती ये तो इनके लिए कभी कभी  बड़े काम के कर्ता भी साबित होते हैं । अवैध की कमाई । अवैध को वैध करने का गणित और तस्करी में कई बार पुलिस के निचले कर्मचारियों की गिरफ्तारी होते रहते हैं  पर सह भी पुलिस से ऐसे लोगो को मिलता रहता है । ऐसे आरोप हमेशा लगते रहते हैं ।
पढ़िए : मैंने यमराज को कोरोना पर सवार होते आते देखा है....
 ब्रजेश राजपूत /ग्राउंड रिपोर्ट
 https://www.teenbattinews.com/2020/05/blog-post_3.html


छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी आखिर कब लागू कर पाएगी, इसको लेकर कोई ठोस रणनीति नहीं दिख रही है । कोरोना का lockdown एक अच्छा मौका था जो उसके हाथ से निकल गया । कांग्रेस सरकार की इस ढुलमुल नीति को लेकर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा विधानसभा के पिछले साल बजट सत्र के दौरान सदन में सरकार को घेर रही थी 
 शराबबंदी को लेकर एक तरफ छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार चुप बैठी रही तो वहीं प्रदेश के लोग सबसे अधिक शराब पीने में जुटे रहे ।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों और कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 35 फीसदी से अधिक लोग शराब पीते हैं, जो इस मामले में दूसरे राज्यों से अव्वल है । शराब पीने के मामले में दूसरे नंबर पर त्रिपुरा और तीसरे नंबर पर पंजाब के लोग हैं ।शराब के मामले में छत्तीसगढ़ आबादी में अपने से चार गुना बड़े महाराष्ट्र से भी दोगुनी ज्यादा कमाई कर रहा है ।महाराष्ट्र की आबादी 11.47 करोड़ है, जबकि शराब से कमाई करीब 10546 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष है वहीं हमारे छत्तीसगढ़ की आबादी 2.55 करोड़ है और यहां शराब से कमाई साल 2018-19 में लगभग 4700 करोड़ रुपए हुई है । केवल शराब से हुई इस कमाई को आबादी से भाग दें तो छत्तीसगढ़ में शराब की खपत प्रति व्यक्ति 1843 रुपए प्रतिदिन की है । महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 919 रुपए प्रति व्यक्ति है, लेकिन यहाँ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने  पिछले साल  1अप्रैल से शराब की 50 दुकाने बंद करके अपनी पीठ थपथपवा ली थी ।

पढ़िए : कोरोना देवदूतों का बनेगा  सागर में मंदिर, अनूठे मंदिर निर्माण की रखी गई आधार शिला 
 https://www.teenbattinews.com/2020/05/blog-post_33.html


शराबबंदी को लेकर छत्तीसगढ़  बीजेपी, भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार को सदन में घेर रही थी  और अब बाजू के मप्र की भाजपा सरकार शराबबंदी को समाज में जागरूकता का काम बता रही है । छत्तीसगढ़ के बीजेपी के ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का कहना है कि कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी का जनता से वादा किया था, लेकिन उस वादे को वह भूल गई है । सरकार शराब बंद तो नहीं कर रही है, उल्टे 13 .62 करोड़ रुपये की रोज की कमाई को दबा कर मौन साध कर बैठ गई है । बल्कि उल्टे दुकानें बढ़ाने की कोशिश में लगी रही है 
  छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग के आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में अभी 701 शराब दुकानें संचालित हैं । इनमें से 377 देशी शराब बेचती हैं और 324 दुकानों से विदेशी शराब बेची जाती है । इन दुकानों से लगभग 40 करोड़ का लेनदेन रोज होता है ।
मप्र में प्रतिदिन की कमाई लगभग 30 करोड़ का अनुमान है ।
यह सब तो एक मोटा मोटा अनुमान है । इतने दुकानों के बाद कहीं अवैध या ब्लैक का व्यापार नही होता यह कोई यकीन नही करेगा । अफसरों नेताओं को तोहफों की बतसात भी ऐसे ही अवैध धंधों से होती है चाहे कोई भी राज्य हो । राजनैतिक पार्टियों को चंदे बड़े आयोजनों और बड़े नेताओं के दौरों के समय यही शराब व्यापारी सूटकेस भी पहुचाते हैं । ऐसे में सरकारों और राजनीतिक दलों सहित इन विभागों से जुड़े लोगों के लिए शराब का व्यापार और शराब और शराबी एक चारागाह ही है । मप्र में सरकार और छत्तीसगढ़ में 
विपक्षी दल भाजपा के दांत अगर दिखाने के नही तो यह शराब बंदी को लागू करवाने का उसके लिए भी अच्छा मौका है । केंद्र से वह इसके भरपाई के लिए मदद भी ले सकती है । कोरोना का अच्छा बहाना भी है ।
हालांकि 4 मई से छत्तीसगढ़ और 5 मई से मध्यप्रदेश के कई जिलों में शराब की दुकानें खुल रही हैं ।

45 दिन शराब न पीकर जनता ने यह बता दिया है कि  'शराब के बिना वह जिंदा रह सकते हैं
लेकिन शराब की दुकानें खोल कर क्या सरकार ने यह बता दिया कि " शराब के बिना सरकारें जिंदा नहीं रह पाएगी।"

पर देर अभी भी नही हुई है ।
इसलिये सभी शराब के विरोधी दल, समाज, संगठन ,बुद्धिजीवी ध्यान दें..
"धक्का मारो मौका है"

आज बस इतना ही..!

(होमेन्द्र देशमुख, वीडियो जर्नलिस्ट ,एबीपी न्यूज़ भोपाल)


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पीएम केयर फंड से राज्यो को राशि मिले, ताकि वित्तीय संकट कम हो सके राज्यो के: मोतीलाल वोरा

पीएम केयर फंड  से राज्यो को राशि मिले, ताकि वित्तीय संकट कम हो सके राज्यो के: मोतीलाल वोरा

नईदिल्ली। काँग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदेव को पत्र लिखा है । उसमें कहा है कि समस्त विश्व में कोविड-19 के संक्रमण के कारण हुई अप्रत्याशित लॉकडाउन मेंन केवल अविकसित एवं विकासशील देशों को, अपितु संसाधन बहुल देशों को भीआर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है।
संघीय व्यवस्था में केन्द्रीय राजस्व को केन्द्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता हैऔर निश्चित अनुपात में राज्यों को बांटा जाता है। इस प्रकार प्राप्त धन राज्य सरकार केराजस्व का एक बड़ा हिस्सा होता है। वर्तमान में आये लॉकडाउन के कारण भारत सरकार का जीएसटी व अन्य करों का संग्रह न के बराबर रहा, जिससे न सिर्फ केन्द्र
सरकार तकलीफ में आई, बल्कि सारी राज्य
सरकारों को भी तंगी का सामना करनापड़ा।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने वर्तमान अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए देश - विदेश सेआ रहे दान को एकत्र करने के लिए प्रधानमंत्री केयर फण्ड की स्थापना की।

पढ़िए : हम नाराज हो जेहे तो बचहे का... गोपाल भार्गव
भार्गव जी नाराज हो  या न हो मनाने की क्षमता मुझमें  नही...गोविन्द राजपूत

हमारे देशवासियों ने, जैसाकि वे ऐसी परिस्थितियों में हमेशा करते आये हैं, बढ़चढ़कर दान दिया। काफी धन एकत्र हुआ है, हालांकि वह इतना नहीं है कि अकेले कोविद-19 की लड़ाई में पूरा पड़ सके। लेकिन यह फण्ड भारत सरकार को कुछ राहत देता है। चूंकि संघ और राज्य – दोनों को आर्थिक तंगी हुई है जिसमें राज्यों को ज्यादा
कष्ट हुआ। पूर्व सांसद एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव मोतीलाल वोरा ने आज दिनांक 4 मई, 2020 को प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदीको पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि पीएम केयर फण्ड में से राज्य सरकारों को भीउचित अनुपात में धन उपलब्ध कराया जाये जिससे कि उनके वित्तीय संकट का निवारणकुछ हद तक हो सके।

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लॉक डाउन में बेसहारा घायल गायों का ईलाज करा रहा धर्म रक्षा संगठन

लॉक डाउन में बेसहारा घायल गायों का ईलाज करा रहा धर्म रक्षा संगठन

सागर। लॉक डाउन चल रहा है जहाँ लोगो को इस संकट की घड़ी में घर से निकलना खतरे से कम नहीं है। वही धर्म रक्षा संगठन गौ रक्षा कमांडो फोर्स के गौ भक्त अपनी जान को खतरे में डालकर सागर शहर में बीमार घायल गायों के लिये घरों से बाहर निकलकर  डॉक्टरों की मदद से पहुँचकर ईलाज कर रहे है। चाहे वह नाले में गिरे नंदी बैल हो या फिर गौमाता हो, तुंरत सूचना मिलने पर तत्काल गौ भक्तो की टीम पहुँचकर निकालकर डॉ. की मदद से ईलाज करती है, ऐसे लगभग सागर शहर के हर जगह टीम पहुँचकर अपने कर्तव्यों का पालन करती है। धर्म रक्षा संगठन के अध्यक्ष सूरज सोनी ने बताया कि पिछले कई दिनों से लॉक डाउन के चलते गायो की हालत बहुत बुरी हो गई है। 

पढ़िए: बीड़ी निर्माण और विक्रय को लेकर राहत, कोविड 19 के सतर्कता सम्बन्धी आदेश का करना होगा पालन

किसी के घायल होने तो किसी के नाले में गिरने की सूचनाएं निरंतर प्राप्त हो रही है।  जिला कार्यवाहक नीलेश प्रजापति ने बताया कि ईलाज के साथ हम गौ भक्त रोज शहर की गायो को भूसा सानी बनाकर खिलाते रहे है। शाम को जाकर पूरा शहर  कबर करते है। 
वही नगर अध्यक्ष आकाश प्रजापति ने बताया कि हम गौ भक्त रोज पहले खेत से बरसीन बाजरा तोड़कर लाते है फिर उसे काटकर  भूसा, सानी, नमक, चापर मिलाकर गाड़ी करके गायो को खिलाते है। विगत दिवस कुछ लोगो के खेत में फूल, गोबी, ककड़ी मिल गई थी जो हमने गायो के लिये खिलाई। जब तक लॉक डाउन चलता रहेगा ये गौ भक्त सेवा में लगे हुए है। संतु पोपटानी, विक्रम, आयुष साहू, पुष्पराज ठाकुर, मनीष साहू, प्रदीप पांडे, सचिन, अम्मू रैकवार, आशुतोष, गजेंद्र, नितिन, शिवा, कृष्ण, शैलेन्द्र, अभिनाष, विकी, निक्की राय, शैलू सेन, नीलू पटैल गौ वंश की सेवा में लगातार कार्य कर रहे है। 
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कोरोना काल मे शराबबंदी :"धक्का मारो मौका है"..! @ होमेन्द्र देशमुख, वीडियो जर्नलिस्ट

कोरोना काल मे शराबबंदी :"धक्का मारो मौका है"..!

@ होमेन्द्र देशमुख, वीडियो जर्नलिस्ट 

शराब सरकार की जरूरत है या समाज की ? यह जानना आवश्यक है । शराब बंदी वाले राज्यों में शराब बिकना तो बंद हो गया है पर शराब पीना बंद नही हुआ है । लेकिन शराबबंदी की एक अच्छी बात यह है कि राज्य में अगर शराब अधिकृत रूप से बिकेगा नही तो जनता पब्लिकली इसका सेवन नही कर सकती । अगर वह सेवन परिवहन या शराब पीकर पड़े रहने की शिकायत आएगी तो उस पर एफ आई आर होगी, केस बनेगा और जांच होगी कि इसको शराब मिला कहाँ से । तो पीने वाला और बेचने वाला दोनो अपराधी साबित होगा ।  उससे उन दोनो पर अवैध शराब  पीने रखने परिवहन और बेचने का आरोप लगेगा । वैसे ही जैसे बारूद कहीं पकड़ायेगा तो बेचने वाले को ढूंढा जाता है । उससे पीना बंद नही होगा लेकिन पुलिस के डर से सार्वजनिक पीना कम होगा । 
शराबबंदी की योजना और सरकार का संकल्प तभी पूरा औऱ सफल होगा जब,  पहले -इसे लागू करने के साथ कानून में संसोधन भी किया जाय । 
दूसरे - कि पुलिस को अधिकार मिलने के बाद उस पर भी बेलगाम और भ्रष्ट होने की स्थिति और आरोप लगने पर उनको कड़ी सजा का प्रावधान हो । जब तक पुलिस और आबकारी के लोग अवैध शराब पर अंकुश नही लगाएंगे । कोई राज्य शराबबंदी को सफल नही बना सकता ।
छत्तीसगढ़ में पुलिस को अभी भी एक डर समझा जाता है 
 अगर शराबबंदी होती है तो थाने कचहरी के चक्कर के डर से तीस प्रतिशत लोग शराब पीने से दूर हो जाएंगे । दूसरा काम समाज को करना होगा 
 शराब के केस में फंसे बन्धु से सामाजिक दूरी की सजा आदि के प्रवधान कर इसे समाजिक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है । तीसरा काम ग्राम पंचायत करे , कि एक बार कोर्ट में शराब के केस में सजा होने पर सरकारी योजना के लाभ से दूर किया जाय । चौथी बात - किसी युवा को शराब के किसी भी केस पर कोर्ट से सजा के बाद नौकरी और व्यावसायिक लोन से दूर या वंचित कर दिया जाय । 

पढ़िए : बीड़ी निर्माण और विक्रय को लेकर राहत, कोविड 19 के सतर्कता सम्बन्धी आदेश का करना होगा पालन

इन सब उपायों से यह केवल सरकार की नही अपितु समाज की पाबंदी होगी और समाज बचेगा । परन्तु इसकी पहल तो पहले सरकार को ही करनी पड़ेगी । वह शराबबंदी की जिम्मेदारी सामाजिक जागरूकता के झुनझुने को पकड़ाकर अपना पल्ला झाड़ती है यह मात्र बहाना है । मप्र में जब कमलनाथ की कांग्रेस सरकार शराब की उपदुकाने खोल रही थी तब वर्तमान मुख्यमंत्री ने विपक्ष की ओर से कड़ा एतराज दिखाया था । वो शराबबंदी का फैसला समाज की जागरूकता पर छोड़ने की बात कह देते हैं । 
अभी अच्छा मौका था । सरकारों  को यह शराबबंदी लागू करना चाहिए था । नए नीलामी नही हुए थे । अगर कहीं हुए भी हों तो इसकी फीस वापसी की जा सकती थी । फाइनेंसियल ईयर की समाप्ति थी । शराबबंदी के 45 दिन का शानदार अनुभव था । कोरोना के फैलाव में शराब की मजबूत भूमिका बन सकती है । यह बहुत बड़ा खतरा है ।  इस समय इसे बंद करने से सरकार की हर तरफ यहां तक कि स्वास्थ्य से जुड़ी संगठनों और संस्थाएं इन सरकारों की तारीफ भी करती ।  
शराबियों से पुलिस परेशान नही होती ये तो इनके लिए कभी कभी  बड़े काम के कर्ता भी साबित होते हैं । अवैध की कमाई । अवैध को वैध करने का गणित और तस्करी में कई बार पुलिस के निचले कर्मचारियों की गिरफ्तारी होते रहते हैं  पर सह भी पुलिस से ऐसे लोगो को मिलता रहता है । ऐसे आरोप हमेशा लगते रहते हैं ।
पढ़िए : मैंने यमराज को कोरोना पर सवार होते आते देखा है....
 ब्रजेश राजपूत /ग्राउंड रिपोर्ट

छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी आखिर कब लागू कर पाएगी, इसको लेकर कोई ठोस रणनीति नहीं दिख रही है । कोरोना का lockdown एक अच्छा मौका था जो उसके हाथ से निकल गया । कांग्रेस सरकार की इस ढुलमुल नीति को लेकर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा विधानसभा के पिछले साल बजट सत्र के दौरान सदन में सरकार को घेर रही थी 
 शराबबंदी को लेकर एक तरफ छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार चुप बैठी रही तो वहीं प्रदेश के लोग सबसे अधिक शराब पीने में जुटे रहे ।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों और कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 35 फीसदी से अधिक लोग शराब पीते हैं, जो इस मामले में दूसरे राज्यों से अव्वल है । शराब पीने के मामले में दूसरे नंबर पर त्रिपुरा और तीसरे नंबर पर पंजाब के लोग हैं ।शराब के मामले में छत्तीसगढ़ आबादी में अपने से चार गुना बड़े महाराष्ट्र से भी दोगुनी ज्यादा कमाई कर रहा है ।महाराष्ट्र की आबादी 11.47 करोड़ है, जबकि शराब से कमाई करीब 10546 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष है वहीं हमारे छत्तीसगढ़ की आबादी 2.55 करोड़ है और यहां शराब से कमाई साल 2018-19 में लगभग 4700 करोड़ रुपए हुई है । केवल शराब से हुई इस कमाई को आबादी से भाग दें तो छत्तीसगढ़ में शराब की खपत प्रति व्यक्ति 1843 रुपए प्रतिदिन की है । महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 919 रुपए प्रति व्यक्ति है, लेकिन यहाँ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने  पिछले साल  1अप्रैल से शराब की 50 दुकाने बंद करके अपनी पीठ थपथपवा ली थी ।

पढ़िए : कोरोना देवदूतों का बनेगा  सागर में मंदिर, अनूठे मंदिर निर्माण की रखी गई आधार शिला 
शराबबंदी को लेकर छत्तीसगढ़  बीजेपी, भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार को सदन में घेर रही थी  और अब बाजू के मप्र की भाजपा सरकार शराबबंदी को समाज में जागरूकता का काम बता रही है । छत्तीसगढ़ के बीजेपी के ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का कहना है कि कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी का जनता से वादा किया था, लेकिन उस वादे को वह भूल गई है । सरकार शराब बंद तो नहीं कर रही है, उल्टे 13 .62 करोड़ रुपये की रोज की कमाई को दबा कर मौन साध कर बैठ गई है । बल्कि उल्टे दुकानें बढ़ाने की कोशिश में लगी रही है 
  छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग के आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में अभी 701 शराब दुकानें संचालित हैं । इनमें से 377 देशी शराब बेचती हैं और 324 दुकानों से विदेशी शराब बेची जाती है । इन दुकानों से लगभग 40 करोड़ का लेनदेन रोज होता है ।
मप्र में प्रतिदिन की कमाई लगभग 30 करोड़ का अनुमान है ।
यह सब तो एक मोटा मोटा अनुमान है । इतने दुकानों के बाद कहीं अवैध या ब्लैक का व्यापार नही होता यह कोई यकीन नही करेगा । अफसरों नेताओं को तोहफों की बतसात भी ऐसे ही अवैध धंधों से होती है चाहे कोई भी राज्य हो । राजनैतिक पार्टियों को चंदे बड़े आयोजनों और बड़े नेताओं के दौरों के समय यही शराब व्यापारी सूटकेस भी पहुचाते हैं । ऐसे में सरकारों और राजनीतिक दलों सहित इन विभागों से जुड़े लोगों के लिए शराब का व्यापार और शराब और शराबी एक चारागाह ही है । मप्र में सरकार और छत्तीसगढ़ में 
विपक्षी दल भाजपा के दांत अगर दिखाने के नही तो यह शराब बंदी को लागू करवाने का उसके लिए भी अच्छा मौका है । केंद्र से वह इसके भरपाई के लिए मदद भी ले सकती है । कोरोना का अच्छा बहाना भी है ।
हालांकि 4 मई से छत्तीसगढ़ और 5 मई से मध्यप्रदेश के कई जिलों में शराब की दुकानें खुल रही हैं ।

45 दिन शराब न पीकर जनता ने यह बता दिया है कि  'शराब के बिना वह जिंदा रह सकते हैं ।
लेकिन शराब की दुकानें खोल कर क्या सरकार ने यह बता दिया कि " शराब के बिना सरकार मर जाएगी।
पर देर अभी भी नही हुई है ।
इसलिये सभी शराब के विरोधी दल, समाज, संगठन ,बुद्धिजीवी ध्यान दें..

 "धक्का मारो मौका है"

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अनुशा ने जन्मदिन को सार्थक बनाया असहायों की सेवा करके, माँ जानकी अन्नपूर्णा सेवा समिति के माध्यम से

अनुशा ने जन्मदिन को सार्थक बनाया असहायों की सेवा करके,   माँ जानकी अन्नपूर्णा सेवा समिति  के माध्यम से


सागर। कोरोना आपदा में  लोग विभिन्न माध्यमो से सेवा धर्म निभा रहे है। जन्मदिन पर अपनी खुशियां इनकी मदद करके मना रहे है । ऐसी ही एक तस्वीर जैन पब्लिक हाॅ•से•सी•बी•एस•ई स्कूल, सागर  के प्राचार्य रजनीश प्रतिभा जैन की पुत्री अनुशा जैन  की सामने आई । अनुषा ने ने अपने जन्मदिन को सार्थक बनाने के उद्देश्य से माॅ जानकी अन्न पूणाँ सेवा समिति के माध्यम से असहाय एवं अप्रवासी व्यक्तियों को खाना वितरण कराया ।

पढ़े : बीड़ी निर्माण और विक्रय को लेकर राहत, कोविड 19 के सतर्कता सम्बन्धी आदेश का करना होगा पालन ,बीड़ी उधोग संघ ने माना आभार

मा जानकी अन्नपूर्णा सेवा समिति जुटी है सेवा में 
मां जानकी अन्नपूर्णा सेवा समिति द्वारा कोरोना महामारी के चलते सागर शहर मे टोटल लाकडाऊन के दौरान गत 24 मार्च से समिति के सदस्यों द्वारा गरीब,निसहाय और अप्रवासी मजदूरो को दोनो टाइम भोजन का वितरण किया जा रहा है । इसी श्रंखला के तहत आज भाग्योदय अस्पताल मे भोजन का वितरण किया गया ।
समिति मे विशेष सहयोग मां जानकी अन्नपूर्णा सेवा समिति द्वारा 24 मार्च से लगातार गरीब असहाय के लिए भोजन तैयार करा रहे हैं जो कि शहर के विभिन्न स्थानों पर जा जाकर भोजन वितरण किया जा रहा है समिति के अध्यक्ष ने बताया की लॉक डॉन के चलते
गरीबों भोजन की व्यवस्था करा रही है इतना ही नहीं यह संस्था खुद के पैसों से और लोगों के सहयोग से भोजन तैयार करा रही हैं क्या संस्था सुबह से ही खाना बनाने का कार्य प्रारंभ करती है जो करीब दिन भर खाना की तैयारी कर लोगों को वितरण करती है साथ ही शाम को खिचड़ी तैयार कर शनि देव मंदिर असहाय परिवारों के लिए भेजती है ऐसे ही महामारी के दौर में अगर संभव हुआ तो आगे भी यह संस्था कार्य  करने में सहमत रहेगी । 

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कामकाजी महिलाओं को मिला राशन, सेवादल ने बांटा

कामकाजी महिलाओं को मिला राशन, सेवादल ने बांटा

सागर। कोरोना काल की इस विषम परिस्थिति में सेवादल ने 37 वें दिन भी 15 गरीब-कामकाजी महिलाओं को और ट्राईसायकल से आये एक दिव्यांग युवक को राशन वितरण कर उनकी परेशानियों को कम करने का प्रयास किया।

पढ़े: भारतीय सेना  ने किया सागर के कोरोना वारियर्स का सम्मान
आज सूबेदार वार्ड और धर्मश्री वार्ड की महिलाओ को राशन वितरित किया गया ,राशन वितरण में सेवादल अध्यक्ष द्वारा सोशल डिस्टेसिंग का विशेष ध्यान रखा गया और कोरोना से बचाव की सावधानियों से भी अध्यक्ष ने इन सभी को जागृत किया।राशन मे आटा-दाल भाई नेवी जैन और दूध-चावल-बिस्किट सेवादल अध्यक्ष की तरफ से वितरित किया गया। कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे के साथ ब्लाकाध्यक्ष नितिन पचौरी,जयदीप यादव,प्रवीण यादव,आकाश नामदेव,शैलेन्द्र नामदेव,लकी,ईशू तिवारी,हनी सोनी ,नवीन यादव,अंकुर यादव आदि सभी सदस्य मौजूद थे।

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भारतीय सेना ने किया सागर के कोरोना वारियर्स का सम्मान

भारतीय सेना  ने किया सागर के कोरोना वारियर्स का सम्मान

#COVID19_SAGAR

सागर।कोरोना आपदा से निपटने में जूझ रहे कोरोना वारियर्स को आज पूरे देश मे  भारतीय सेना की थल,जल और नभ सेना ने  सलाम और सम्मान किया। इसी कड़ी में सेना का एकजुटता दिवस कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमे  कोरोना वारियर्स का सम्मान किया गया। पुलिस कंट्रोल रूम और पुलिस लाईन सहित कई जगह आयोजन हुए। 

पढ़िए मैंने यमराज को कोरोना पर सवार होते आते देखा है....
 @ब्रजेश राजपूत /ग्राउंड रिपोर्ट

#COVID19 से जंग जीत चुके देशभर के लोगों और #CoronaWarriors को देश के फ्रंटलाइन वॉरियर्स ने आज अनूठा सम्मान दिया।सेना और पुलिस के अफसरों ने पुलिस,सफाईकर्मी,पैरामेडिकल यूनिट और अन्य कोरोना के योद्धाओ को शाल श्रीफल के स्थान संम्मानित किया । वही  बैंड्स ने उत्साहवर्धक स्वरलहरियां पेश की।
पुलिस लाईन में पुलिस शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर सभी ने जम्मू कश्मीर में आज शहीद हुए सेना के जवानों को मौन रखकर  श्रद्धांजलि अर्पित की।

पढ़िए : बीड़ी निर्माण और विक्रय को लेकर राहत, कोविड 19 के सतर्कता सम्बन्धी आदेश का करना होगा पालन
बीड़ी उधोग संघ ने माना आभार

झील किनारे  मिलिट्री  बेंड की गूंजी स्वर लहरिया
भारतीय सेना ने कोरोना वायरस की लड़ाई लड़ रहे कोरोना योद्धाओं के सम्मान में रविवार को लाखा बंजारा झील पर सेना के बैंड दल द्वारा सम्मान स्वरूप बैंड दल द्वारा देशभक्ति गीत बजाकर  आकर्षक प्रस्तुति दी गई ।

ये हुए शामिल
ब्रिगेडियर अतुल कुमार, ढाना ब्रिगेड,
कर्नल मुनीश गुप्ता, एडम कमांडेंट सागर, कर्नल सुजॉय घोष, 15 मराठा लाईट इन्फेंट्री ,कर्नल श्रीकांत ,गोरखा, डीआईजी आर एस डेहरिया, ASP विक्रम सिंह और प्रवीण भूरिया ,निगम आयुक्त आर पी अहिरवार  सहित अनेक अधिकारियों ने सभी कोरोना वारियर्स की हौसला अफजाई की।

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मैंने यमराज को कोरोना पर सवार होते आते देखा है.... @ब्रजेश राजपूत /ग्राउंड रिपोर्ट

मैंने यमराज को कोरोना पर सवार होते आते देखा है....

@ब्रजेश राजपूत /ग्राउंड रिपोर्ट 

वो शायद एक तारीख की दोपहर होगी जब मैं खबर की तलाश में कुछ दोस्तों के साथ पुलिस कंटोल रूम गया और एक सीएसपी के पास बैठकर एसएसपी का इंतजार करने लगा। वहां चाय आयी और हम सबने चाय पी। दो दिन बाद खबर आयी कि वो सीएसपी साहब कोरोना की चपेट में आ गये।ये खबर सुनते ही दिल बैठ सा गया। लगा कि ऐसा ना हो वहां से हम भी कोरोना लेकर घर आ गये हों। मेरा शक सही निकला तीन तारीख को हल्की सी हरारत बदन में हुयी पर ये क्या रात में बुखार भी आ गया। अब दिमाग में घंटी बजी और मैंने अपने परिवार को सारा किस्सा बताया और अपने को अलग कमरे में कैद कर लिया। अगले ही दिन जेपी अस्पताल में ढाई घंटे लाइन में लगकर कोरोना टेस्ट के लिये सेंपल भी दे आया और घर पर सतर्कता बरतने लगा। अकेले कमरे में सोना बच्चों और परिवार से दूर रहना खाना दरवाजे से नीचे से लेने लगा और भगवान के नाम के साथ ही इंतजार करने लगा टेस्ट की रिपोर्ट का। 
आठ तारीख को कमिश्नर मैडम का फोन आता है वो बतातीं हैं कि तुम्हारा कोरोना टेस्ट पोजिटिव आया है बताओ कहां भर्ती होना चाहोगे एम्स, बंसल या फिर चिरायू। मगर ये खबर सुनने को मैं तैयार था इसलिये फोन सुनते सुनते ही घर से नीचे आ गया और अगला फोन घर पर किया कि नीचे तीन कपडे रखकर मेरा बैग फेक दो मैं एडमिट होने अस्पताल जा रहा हूं। घर वाले हैरान परेशान मैंने कहा कोई सवाल नहीं करो जो कह रहा हूं करते जाओ और अगले एक घंटे बाद में बंसल अस्पताल के कमरे में था अकेला।

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बीड़ी उधोग संघ ने माना आभार

 खबर फैल गयी थी कि मुझे करोना हो गया है दोस्तों के सांत्वना भरे फोन आने लगे थे और मैं हंस कर जबाव दे रहा था मगर अंदर से तो डरा हुआ था कि जाने क्या कर बैठे ये बीमारी जिसका कोई इलाज ही नहीं है। 
एक दो दिन बाद ही मैं बंसल अस्पताल से चिरायू अस्पताल आ गया था जो कोरोना के इलाज के लिये ही था। यहाँ मेरे जैसे तीन सौ मरीज थे कोरोना के। आते ही मुझे बडा सदमा मिला। पहली जांच में ही सामने आ गया कि मेरे फेंफडों तक कोरोना पहुंच गया है। आमतौर पर लोगों के गले तक ही ये वाइरस अटैक करता है मगर मेरे फेफडों तक ये प्रवेश कर गया था अब क्या होगा यही सवाल था मेरे सामने। डाक्टर ने सलाह दी घबडाओ नहीं बस खूब पानी पियो और चौबीस घंटे में से अठारह घंटे आक्सीजन लो। मरता क्या नहीं करता दिन भर में सात आठ बोतल पानी की पीता और पूरे वक्त आक्सीजन का मास्क नाक में  लगाकर अपने घंटे गिनता। कोरोना वाइरस कार्बन मोनोक्साइड में पनपता है इसलिये आक्सीजन उसकी दुश्मन है तो पानी शरीर से सारी बीमारी और गंदगी को बाहर निकाल देता है। डाक्टर ने अठारह घंटे कहा मैं उन्नीस घंटे आक्सीजन लेता। मेरे बिस्तर के आसपास लगी मशीनों से मेरी पहचान हो गयी थी। नाक में आक्सीजन आक्सीमीटर से जाती थी तो पल्स मीटर से पल्स देखता। दिन भर किसी का ख्याल नहीं आता बस यही आक्सीजन के घंटे गिनता, खाना खाता और लेटा रहता। फोन पर बात करनी तकरीबन बंद ही थी। कभी कभार पापा से बात करता या फिर दोस्तों से पत्नी बहन और बच्चों से फोन पर बात बिलकुल बंद। उनसे बात करने में डर लगता था भावुक हो जाता था वो भी और मैं भी। बच्चे पूछते पापा कब आओगे तो आंसू आ जाते और गला भर आता। बिस्तर पर पडे पडे कमरे का एक एक इंच मेरी आंखों को याद हो गया था। दिन मुश्किल से कटता था तो रात तो और भारी होती थी कभी गायत्री मंत्री पढता तो कभी दूसरे श्लोक। निराशा लगातार घर करने लगी थी ऐसे में कभी अंधेरे में यमराज भी दिखते तो कभी ये लगता कि अब घर तो लौट ही नहीं पाउंगा। आसपास के मरीजों ने बता दिया था कि करोना में फेफडों में संक्रमण यानिकी निमोनिया का शुरूआती लक्षण और यही से कोरोना जानलेवा हो जाता है। हांलाकि अस्पताल के डाक्टर मेरा हमेशा हौसला बढाते मगर मेरा पत्रकार मन पूरे वक्त अपनी तबियत को लेकर सवाल ही उठाता रहता। मेरे सीटी स्केन की जब दूसरी रिपोर्ट आनी थी तो फिर रात भर नहीं सोया। जाने क्या लिखा आ जाये रिपोर्ट मंे। 
शुक्र था भगवान का दूसरी रिपोर्ट में वाइरस फैलता नहीं दिखा। डा अजय गोयनका ने जब हौसला बढाया तब लगा कि अब ठीक हो जाउंगा। बस फिर क्या था अब अस्पताल में मेरा मन लगने लगा था। दोस्ती हो गयी थी बहुत सारे लोगांे से। मगर इंतजार था कब निकल पायेगे यहां से दिन लगातार गुजरते जा रहे थे। आम तौर पर सामान्य मरीज सात से आठ दिन में वापस चला जाता है मगर मुझे तो चौदह दिन होने को थे। बाहर मेरे मित्र और परिवार इंतजार कर रहे थे। खैर वो दिन भी आ गया पहले पहली रिपोर्ट निगेटिव आयी तो मैं खुश था मगर कुछ रायचंदों ने बताया कि पहली से कुछ नहीं बहुतों की दूसरी पाजिटिव आ जाती है इसलिये फिर दो दिन तक फिर दिल दिमाग पर तनाव रहा। और मेरी दूसरी रिपेार्ट की खबर मुझे नही मेरे खबरनवीसों दोस्तों को मुझसे पहले मिली कि वो भी निगेटिव आयी है। बस फिर क्या था वापसी की तैयारी की और एक वीडियो बनाया उन सबके लिये जो करोना से डरते हैं मेरा अनुभव यही कहता है कि बीमारी बडी नहीं है मगर इसका डर इससे बडा है इसलिये उस डर से पहले जीतना पडता है बीमारी से तो जीत ही जायेगे और मैंने जीतकर बताया। 
( भोपाल के टीवी पत्रकार जुगल किशोर शर्मा की सच्ची कहानी ) 

ब्रजेश राजपूत,  एबीपी न्यूज  भोपाल
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बीड़ी निर्माण और विक्रय को लेकर राहत, कोविड 19 के सतर्कता सम्बन्धी आदेश का करना होगा पालन ,बीड़ी उधोग संघ ने माना आभार

बीड़ी निर्माण और विक्रय को लेकर राहत, कोविड 19 के सतर्कता सम्बन्धी आदेश का करना होगा पालन ,बीड़ी उधोग संघ ने माना आभार



सागर। कोरोना आपदा के चलते लॉक डाऊंन के कारण सभी तरह जे व्यापार बन्द रहे।  अब रभट मिलने लगी है। वर्क एट होम का सबसे कारगर माध्यम बीड़ी निर्माण  है।  मध्यप्रदेश बीड़ी उधोग महासंघ और अन्य जुड़े संगठनों के माध्यम से सरकार को अवगत कराया गया था।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्य सचिव से वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा और केंद्र सरकार के नए आदेशो के पालन में कलेक्टर प्रीति मैथिल ने  कण्टेन्मेंट क्षेत्र छोड़कर बीड़ी निर्माण उधोग और उसके अनुषांगिक गतिविधियों को सोशल डिस्टेंस और कुछ अन्य हिदायतों के साथ कार्य शुरू करने के आदेश जारी किए है।

आदेश के अनुसार बीड़ी उद्योग संघ की ओर से कलेक्टर सागर को प्रस्तुत ज्ञापन दिनांक
02-06-2020 से लॉकडाउन संबंधी दिशा-निर्देशों के कारण तेंदूपत्ता से बीडी निर्माण एवं विक्रय संबंधी सम्पूर्ण प्रक्रिया में उत्पन्न गतिरोध को दूर करने हेतु अनुरोध किया गया है ।  इसको लेकर  मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित वीडियों कांफ्रेंस में मुख्य सचिव, म0प्र0 शासन द्वारा भी भारत सरकार, गृह मामलों के मंत्रालय, के द्वारा जारी आदेश क्रमांक 40-3/2020-DM-TA) दिनांक 15-04-2020 तथा 01-09-2020 केप्रावधानों के अंतर्गत उचित कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है । 

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ये निःर्देश  हुए जारी 
★सम्पूर्ण सागर जिले में (अधिसूचित किये गये कंटेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर) बीड़ी निर्माण उद्योग,
उसकी आनुषंगिक गतिविधिओं सहित गृह मंत्रालय द्वारा जारी सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य दिशा निर्देशों के अधीन प्रारंभ हो सकेगा।

★संचालक/प्रबंधक केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप कार्यस्थल एवं कंपनी ट्रांसपोर्ट में सोशल डिस्टेसिंग के उद्देश्य से प्रत्येक दो व्यक्तियों के मध्य 8 फीट की दूरी (दो गज की दूरी) बनाये रखना तथा फेस मास्क लगाये जाना सुनिश्चित करेंगे | संचालक/प्रबंधक को फेस कपर का पर्याप्त स्टाक रखना होगा ।

★कार्यस्थलों में नॉन कान्टॅक्ट थर्मल स्केनर से शारीरिक तापमान लेने, हैण्ड वॉश तथा अधिमानतः टच फ्री मैकेनिजम वाले सेनेटाईजर की पर्याप्त सुविधाएँ सभी प्रवेश एवं निर्गम द्वारों/स्थलों तथा कॉमन एरिया में सुनिश्चित करना होगी तथा सम्पूर्ण कार्यस्थल, कॉमन सुविधाओं एवं मानव संपर्क में आने वाली समस्त वस्तुओं उदाहरणार्थ दरवाजों के हैण्डल इत्यादि का निरंतर सेनेटाईजेशन करना अनिवार्य होगा । यह सेनेटाईजेशन शिफ्टों के मध्य भी किया जायेगा ।

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★इसके अतिरिक्त हैण्ड वॉश तथा सेनेटाईजर पर्याप्त मात्रा में कार्यस्थल पर उपलब्ध कराने होगें। कार्यस्थलों में पाली बदलाव के बीच एक घण्टे का अंतर रखना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारियों के भोजन अंतराल पृथक-पृथक पाली में होगा।सभी कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु एप्प का उपयोग अनिवार्य होगा । कर्मचारियों के मध्य उक्त एप्प का 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित कराना संबंधित संचालक/प्रबंधक की जिम्मेदारी होगी। परिसर में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों और मशीनरी को स्प्रे से अनिवार्य रूप से कीटाणुरक्षितकिया जाना चाहिए ।

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मध्यप्रदेश बीड़ी उधोग संघ ने माना आभार

मध्यप्रदेश बीड़ी उधोग महासंघ की अध्यक्ष डॉ मीणा पिम्पलापुरे, उपाध्यक्ष डॉ जीवन लाल जैन,कोषाध्यक्ष अरविंदभाई पटेल और सदस्य अनिरुद्ध पिम्पलापुरे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, खाध मंत्री गोविन्द राजपूत, पूर्व मन्त्री भूपेंद्र सिंह,सांसद राजबहादुर सिंह, विधायक शेलेन्द्र जैन,प्रदीप लारिया, महापौर अभय दरे, कलेक्टर प्रीति मैथिल पुलिस अधीक्षक अमित सांघी षित अभी का आभार व्यक्त किया है। सदस्य अनिरुद्ध पिम्पलापुरे ने कहा कि कोरोना आपदा से जूझने में उधोगसंघ ने मदद की है। लॉक डाऊंन के दौरान बीड़ी मजदूरो का ध्यान रखा है।  उनको राशन और मजदूरी आदि मुहैया कराई गई। उन्होंने कहा है  कि बीड़ी निर्माण और उससे सम्बंधित  कार्यो को सोशल डिस्टनसिंग और अन्य सतर्कता उपायों के साथ ही सभी काम किये जाएंगे। बीड़ी उधोग संघ ने  यूपी,राजस्थान सहित अन्य राज्यो की सरकार से आग्रह किया है कि बीड़ी  के विक्रय को सुचारु रूप से गाईड लाईनों के मुताबिक शुरू करे। ताकि बीड़ी मजदूरो को राहत मिल सके। 

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