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सड़क हादसों की वजह जानने आई आर ए डी एप्प की सहायता से तैयार होगा डेटाबेस

सड़क हादसों की वजह जानने आई आर ए डी एप्प की सहायता से तैयार होगा डेटाबेस

साग़र। विगत दो दिनों में  पुलिस कंट्रोल रूम सागर मैं पुलिस अधीक्षक सागर  अतुल सिंह के निर्देशन में  एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  बीना  विक्रम सिंह परिहार  तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर  विक्रम सिंह कुशवाहा की उपस्थिति में एक्सीडेंट , हादसा होने की वजह जानने और उन में कमी लाने हेतु इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस प्रोजेक्ट के आई आर ए डी ऐप की ट्रेनिंग सभी थाना प्रभारी, उनके रीडर एवं थानों के सभी विवेचको तथा यातायात के अधिकारियों ,कर्मचारियों को एनआईसी अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
 इस ऐप मैं जिले में कहीं भी कोई सड़क दुर्घटना होने पर उसकी संपूर्ण जानकारी जैसे  स्थान का नाम घटना होने की संभावित वजह आदि तुरंत फीड की जावेगी जिससे भविष्य में किन स्थानों पर एवं किन कारणों से उक्त दुर्घटनाएं बार-बार हो रही हैं की वजह जानने में मदद मिलेगी जिससे घटना दुर्घटनाओं को कम करने हेतु उपाय किए जा सकेंगे ।
मौके पर ही जांच अधिकारी मोबाइल से फोटो और वीडियो अपलोड कर सकेंगे सड़क पर चल रहे वाहनों की जानकारी  एप पर उपलब्ध रहती है एक्सीडेंट होने पर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी जांचकर्ता को संबंधित वाहन का रजिस्ट्रेशन व चालक का लाइसेंस नंबर ऐप पर डालना होगा जिससे वाहन से जुड़ी तमाम जानकारी मिल जाएगी इसी ऐप में एक फॉर्मेट के जरिए पुलिस को हादसे से जुड़ी जानकारी भरनी होगी जिसमें हादसे की वजह मृतक व घायलों का नाम व पता और घटनास्थल को लेकर तमाम विवरण देना होगा ऐप में जानकारी देते समय एक लिंक के जरिए नजदीकी अस्पताल के डॉक्टर अधिकारी एंबुलेंस आरटीओ व पुलिस अफसरों के पास हादसे की जानकारी तत्काल पहुंच जाएगी जांच अधिकारी अपने मोबाइल से ही फोटो व 10 10 सेकंड के वीडियो बनाकर उसे ऐप में अपलोड करेंगे इस ऐप के जरिए एक क्लिक पर कहीं भी हादसे का डाटा देखा जा सकेगा

सड़क हादसे की समीक्षा के लिए मोबाइल ऐप पर कई विकल्प दिए गए हैं जिसमें यह देखा जाएगा कि यह हादसा ओवरटेकिंग की वजह से हुआ या फिर चालक नशे में था इतना ही नहीं वाहन की गति अधिक थी या फिर धुंध या रोशनी कम होने की वजह से हादसा हुआ इसके अलावा अन्य कई विकल्प इसमें शामिल किए गए हैं इन सभी विकल्पों की समीक्षा की जाएगी इसमें हादसों की वजह जानकर उस में कमी लाने हेतु सभी संभावित उपाय किये जायेंगे ।

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बढ़ते सड़क हादसे: बसों की फिटनेस चैक करने का नहीं है मैकैनिज्म, परिवहन विभाग की विसंगतियों को दूर करना होगा : नगरीय प्रशासन मन्त्री भूपेंद्र सिंह

बढ़ते सड़क हादसे: बसों की फिटनेस चैक करने का नहीं है मैकैनिज्म, परिवहन विभाग की विसंगतियों को दूर करना होगा : नगरीय प्रशासन मन्त्री भूपेंद्र सिंह


सागर। प्रदेश में लगातार हो रहे गंभीर सडक़ हादसों को लेकर नगरीय प्रशासन एवं पूर्व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि विभाग में काफी सुधार की गुजाइंश है। वैसे दुर्घटना के लिए कई चीजें जिम्मेवार होती है। जिनमें बसों की फिटनेस, ओवरलोडिंग ,  ट्रेंड ड्राईवरों का नही होना आदि शामिल है। वही बस मालिको की रुट पर मोनोपॉली भी सड़क हादसों को बढ़ाती है। इसके साथ ही परिवहन विभाग में स्टाफ की कमी भी है। जिसके कारण बसों की चेकिंग और अन्य व्यवस्थाओं पर नियंत्रण नही हो पाता है। प्रदेश में लोक परिवहन बढाने की जरूरत है। कई विसंगतियां परिवहन को लेकर है। जिसे दूर करने की दिशा में सरकार काम कर रही है । 

प्रदेश में बढते सड़क हादसे और  लोक परिव्हन के मुद्दे पर पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा के दौरान श्री सिंह ने बताया कि यात्री बसों की फिटनेस चैक करने का मप्र में कोई मैकेनिज्म नहीं है। ऐसा कोई सेंटर नही  जहाँ जाकर गाडिय़ों की पूरी फिटनेस जाँची परखी जा सकें। सिर्फ एक इंस्पेक्टर देखकर दस्तखत कर देता है। इसके अलावा छोटी गाड़िया जिन  रूटों पर चलती है। वहा कई दफा बस मालिको की मोनो पाली रहती है। दस परमिट लेते है बसे उससे कम चलाते है। इस कारण ओवर लोडिंग बढ़ती है। जो दुर्घटनाओं का कारण बनती है। 
हमने अपने कार्यकाल में परमिट को लेकर एक व्यवस्था शुरू की थी जिसमे सवस्घ्य प्रतिस्पर्धा का दौर शुरू हुआ था।

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 उन्होने हादसों के कारणों पर कहा कि दुर्घटना के कई कारण होते है।जिनमें गाडिय़ों की खस्ताहाल हालात, ओवरलोडिंग़, चालकों की फिटनेस के साथ ही सडक़ों के ब्लैक स्पॉट भी होते है.
उन्होने बताया कि उनके कार्यकाल में छोटी 35 सीटर गाडिय़ों को 75 किमी तक का परमिट देने का नियम बनाया था, यह छोटी ओवरलोड होकर काफी तेजी से भागती हैं जो दुर्घटना का कारण बनती हैं। बस परमिटो के आवंटन में कसावट लाने की जरूरत है । लोक परिवहन को ग्रामीण क्षेत्रो में बढाने के लिए हमने ग्रामीण क्षेत्रो में टेक्स में छूट दी थी। लोक परिवहन को प्रभावी बनाना ही सरकार का काम है। 
उन्होने कहा कि प्रदेश में अपराध रोकने के लिए सिस्टम में कसावट लाना जरूरी है. थानों में अधिकारियों की पोस्टिंग उनके फील्ड रिकॉर्ड को देखकर होना चाहिए. पुलिस बल की कमी भी एक बड़ा कारण है

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हास्य वेबसीरीज़ " बारात " में बुन्देलखण्ड अंचल के अनेक कलाकार कर रहे अभिनय

हास्य वेबसीरीज़ " बारात "  में बुन्देलखण्ड अंचल के अनेक कलाकार कर रहे अभिनय

★ विपाक्षा प्रोडक्शन के तहत 'बारात' नामक हास्य वेबसीरीज़ की शूटिंग जारी 


रोल साउंड, रोल कैमरा, फुल लाइट्स, क्लैप, एक्शन.... इस तरह की आवाज़ें ज़हन में आते ही हमें फ़िल्म नगरी मुंबई की याद आ जाती है, लेकिन अब यह मिथक टूट रहा है | पिछले कई दिनों से यह आवाज़ें बुंदेलखंड के दमोह जिले की सीमा पर स्थित सिंग्रामपुर के मनोरम क्षेत्रों में भी लगातार गूंज रही है |     
        
क्या है मामला 

उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में आजकल विपाक्षा प्रोडक्शन के बैनर तले 'बारात' नामक हिन्दी हास्य वेबसीरीज़ की शूटिंग जारी है | वेबसीरीज़ की प्रोड्यूसर और निर्देशक सहित डीओपी ने सिंग्रामपुर और इसके आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर गांवों का सीरीज़ की शूटिंग हेतु चयन किया है | इस वेबसीरीज़ की एक ख़ास बात ये है कि इसकी  अभिनेताओं की टीम में सागर के कलाकार भी बड़ी संख्या में काम कर रहे हैं जो काफी अनुभवी व थियेटर से जुड़े रहे हैं |
          
वेबसीरीज़ की विषयवस्तु

'बारात' की विषयवस्तु की बात की जाये तो यथाशीर्षक यह एक बारात की ही कहानी है |  इसकी विशेषता यह है कि यह बारात बुंदेली परम्परा की है और विवाह में बुंदेली संस्कृति तथा संस्कारों का बारीक़ी से अध्ययन करते हुए इसे फ़िल्माया जा रहा है |  चूंकि वेबसीरीज़ हास्य पर आधारित है इसलिए कहानी में चलने वाले हर घटनाक्रम में पंचलाइनों का प्रयोग करते हुए उसे हास्य की चाशनी से तरबतर किया गया है |         
        
क्या कहती हैं प्रोड्यूसर  -

विपाक्षा प्रोडक्शन की प्रबंध निदेशक और वेबसीरीज़ की निर्माता रोहणी नायक का कहना है कि मेरे पिता श्री मुकेश नायक जो क्षेत्र के जाने माने राजनीतिज्ञ हैं और पूर्व में विधायक व मंत्री भी रहे हैं | उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान हमेशा बुंदेली संस्कृति, यहां के संस्कार, परंपराएं, रहन-सहन और बोली की मिठास को नज़दीक से महसूस किया है, आत्मसात् किया है | 
बुंदेली संस्कृति के विस्तृत माधुर्य से प्रभावित होकर वर्षों पूर्व पापा जी ने एक सपना देखा था कि अवसर मिलने पर वो किसी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय  मंच के माध्यम से बुन्देली संस्कृति को लोगों तक अवश्य पहुंचायेंगे | चूंकि मैं भी बचपन से ही उनके ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश दौरों में शामिल होती थी और अपने क्षेत्र की संस्कृति से अंत: तक प्रभावित थी इसलिये मैं भी एक तरह से उनके इस सपने को पूरा करने के लिये कृतसंकल्पित थी | बस फिर क्या था संयोग बैठे और मेरे पिता जी ने गत् वर्ष लॉकडाउन के दौरान मिले फुरसत के समय में 'बारात' की कहानी लिखी और अंततः आज घड़ी आ गई है जब हमारा वह सपना पूरा होने जा रहा है इस वेबसीरीज़ का निर्माण करके पहली बार किसी बुंदेली पृष्ठभूमि पर आधारित हिन्दी वेबसीरीज़ को देश के बड़े, नामचीन ओटीटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से रिलीज़ किया जाएगा | मुझे आशा है कि देश का हर दर्शक इसमें अपनी संस्कृति, संस्कारों व परम्पराओं को देखकर कहीं न कहीं स्वयं को भी इस वेबसीरीज़ में शामिल पायेगा और इसका भरपूर आनंद लेगा |वेबसीरीज़ में मुंबई, जबलपुर, भोपाल, सागर, दमोह, टीकमगढ़ और अन्य क्षेत्रों सहित सिंग्रामपुर के आसपास के कलाकारों को भी मौक़ा दिया गया है | इसमें लगभग 150 कलाकार व क्रू-मेम्बर लगातार परिश्रम कर रहे हैं जिनमें से ज्यादातर रंगमंच के कुशल कलाकार हैं । उन्होंने आगे बताया कि पिछले लम्बे समय से शूटिंग के चलते बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को इस वेबसीरीज़ में अभिनय के साथ ही विविध रोजगार भी प्राप्त हुए हैं । साथ ही इस वेबसीरीज़ में सिंग्रामपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों के लगभग 700 लोग स्क्रीन पर विविध छोटी-बड़ी भूमिकाओं में नज़र आयेंगे । इसके अलावा यहां के कई गांवों के नाम भी देश-विदेश के लोगों तक पहुंचेंगे । और सबसे बड़ा लाभ ये होगा कि इस क्षेत्र के प्राकृतिक व ऐतिहासिक महत्व से लोग परिचित होंगे और आगे भी यहां फ़िल्म एवं वेब-सीरीज़ निर्माण का रास्ता साफ हो जायेगा ।  प्रोड्यूसर रोहिणी नायक विनम्रता पूर्वक सभी कलाकारों, क्रू-मेम्बर सहित स्थानीय लोगों को धन्यवाद देते हुए बताती हैं कि बाहर से पधारे सभी कलाकारों को बड़े शहरों जैसी होटलों की सुविधाएं तो नहीं मिल सकी हैं लेकिन सिंग्रामपुर जैसे छोटे क्षेत्र में हमने इनके लिए जो बेहतर से बेहतर सुविधाएं हो सकती थीं उन्हें जुटाने की कोशिश की है और इसमें सभी कलाकारों का भरपूर सहयोग मिल रहा है ।

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निर्देशक का कथन

वेबसीरीज़ के निर्देशक श्री संदीप पाण्डेय कहते हैं कि भारतीय जीवन में पारम्परिक शादियों का महत्व, अलग-अलग लोग, अलग-अलग संबंध इसी ताने-बाने को लेकर ये बुन्देलखण्ड के परिवेश की एक कहानी है जिसमें एक शादी की भागमभाग में लगातार हास्य के प्रसंग हैं | कहानी के बारे में आपको बताना, सजीव रूप से वेबसीरीज़ देखने के आपके मज़े को कुछ प्रतिशत कम कर सकता है इसलिये बस इतना ही कहूंगा कि 'बारात' में आपके लिये हँसी और मनोरंजन की पर्याप्त सामग्री है साथ ही कुछ गंभीर संदेश भी ये वेबसीरीज़ देती है | दर्शक इसे ज़रूर पसंद करेंगे |

मुख्य ज़िम्मेदारियां

वेबसीरीज़ के कैमरामैन श्री अनूप ऊमेन जहां कलाकारों द्वारा श्री संदीप पाण्डेय के निर्देशन में किए गए अभिनय कौशल को कैमरे में कैद करने में लगे हैं वहीं मिताली बघेल, चंदू राय, भानसिंह, सरस नामदेव, पीयूष सीठा, रोहित झा, अक्षय पाटील, निखिल गोखले, हीरेश पचौरी, शाहनवाज़ आलम, चांद शेख व शक्ति दहायत सहित दर्जनों लोगों ने स्क्रीन के पीछे की ज़िम्मेदारियां संभाली हैं |

मुख्य कलाकार -

वेबसीरीज़ 'बारात के मुख्य कलाकारों में प्रतीक पचौरी, अमरसिंह, बी डी पटेल, इन्दु सूर्यवंशी , ऋषि यादव, मनीष दुबे, राजेन्द्र दुबे 'कलाकार', सतीश साहू, अतुल श्रीवास्तव, मनोज सोनी, दीपगंगा साहू, पवन रायकवार, भरत राय, अमित मिश्रा, सुमित दुबे, समता झुड़ेले, सचिन नायक, सहित सागर एवं विभिन्न शहरों के साथ ही स्थानीय कलाकारों ने अपने अभिनय का जौहर दिखाया है |

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डा सरोज गुप्ता द्वारा रचित काव्य संग्रह " ब्रह्मविदिनी " का लोकार्पण

डा सरोज गुप्ता द्वारा रचित  काव्य संग्रह   " ब्रह्मविदिनी "  का लोकार्पण


साग़र। भारतीय शिक्षण मंडल महाकौशल प्रांत सागर नगर महिला प्रकल्प की नगर संयोजक श्रीमती शोभा सराफ के सौजन्य से डा सरोज गुप्ता द्वारा रचित ब्रह्मविदिनी-काव्यसंग्रह का लोकार्पण अध्यक्ष डा शरद सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार मुख्य अतिथि श्रीमती निधि जैन सम्पादक आचरण, विशिष्ट अतिथि-डा ज्योति चौहान , डा वर्षा सिंह ने  किया । 

कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अर्चना पाराशर द्वारा किया गया।संगठन मंत्र -डा कृष्णा गुप्ता , सरस्वती वन्दना श्रीमती रेनू कठल एवं चार्बी कठल द्वारा सस्वर गायन, संगठन गीत-श्रीमती राजश्री दवे ,ध्येय वाक्य श्रीमती आराधना रावत ने प्रस्तुत किया। डॉ सरोज गुप्ता ने वैदिक काल की ऋषिकाओं का परिचय देते हुए कहा कि ऋषिका लोपामुद्रा,ऋषिका विश्ववारा, ऋषिका अपाला,ऋषिका शाश्वती,ऋषिका रोमशा बुन्देलखण्ड के चित्रकूट,सारंग पन्ना में साधनारत रही हैं।कुछ ऋषिकायें  स्वयं ही ऋषि हैं , स्वयं ही देवता हैं इनमें ऋषिका श्री,ऋषिका लाक्षा,ऋषिका सार्पराज्ञी प्रमुख हैं।ऋषिका अगस्त्य स्वसा, ऋषिका जुहू ब्रह्मजाया ,ऋषिका इन्द्राणी , उर्वशी,नद्य: ऋषिका, वागाम्भृणी,यमी वैवश्वती,सरमा , सूर्यासावित्री, श्रृद्धा,मेधा, दक्षिणा आदि ने आरण्यक कुटियों में गृहस्थ जीवन जीते हुए ब्रह्म से साक्षात्कार किया है।
इस अवसर पर डॉ ज्योति चौहान ने कहा कि हम अपने देश की वैदिक काल की नारी शक्ति इन ब्रह्मवादिनियों को स्वयं भी पढ़ें और अपनी भावी पीढ़ी को भी बताएं ताकि हम अपनी विरासत को संजो सकें। मुख्य अतिथि श्रीमती निधि जैन ने कहा कि हमारा अतीत बहुत समृद्ध है, हमारा ज्ञान पश्चिम में पुष्पित पल्लवित हो रहा है और हम पश्चिम का अंधानुकरण कर रहे हैं। ब्रह्मवादिनी-काव्यसंग्रह के माध्यम से वैदिक संस्कृति का ज्ञान जन-जन तक पहुंचे। 

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डॉ वर्षा सिंह ने महिलाओं की सहृदयता एवं सशक्तिकरण की आवाज गजल के माध्यम से प्रस्तुत की । डॉ शरद सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हमारे देश की समृद्धि, उत्कृष्ट सोच व खुले विचारों की गवाही ऐतिहासिक धरोहरें, मूर्तिकला चित्रकला, स्थापत्य कला के केन्द्र खजुराहो ,कोणार्क जैसे मंदिर देते हैं। जहां सभ्यता, संस्कृति, संस्कार देखे जा सकते हैं। 
श्रीमती शोभा सराफ ने ब्रह्मवादिनियों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अर्चना पाराशर ने किया।इस अवसर पर श्रीमती मीनाक्षी सिंह, श्रीमती आराधना रावत, श्रीमती मनीषा मिश्रा,श्रीमती सुधा जैन, श्रीमती पल्लवी सक्सेना, श्रीमती नन्दिनी चौधरी,ऊषा वर्मन, श्रीमती मीना साहू एवं सागर नगर की महिला प्रकल्प की मातृशक्तियां उपस्थित रहीं ।कल्याण मंत्र से कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

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MP : नगर निकाय चुनाव: HC के आरक्षण फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी सरकार : मन्त्री भूपेंद्र सिंह ★ नगरीय निकाय चुनाव फिर बढ़ने के आसार

MP : नगर निकाय चुनाव: HC के आरक्षण फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी सरकार : मन्त्री  भूपेंद्र सिंह 
★  नगरीय निकाय चुनाव फिर बढ़ने के आसार
साग़र। मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव टलने के आसार बढ़ गए है। पिछले एक साल से चुनाव टल रहे है। शिवराज सरकार हाल ही में इनकी घोषणा करने वाली ही थी। लेकिन चुनाव के पहले हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने  महापौर और अध्यक्षों के आरक्षण पर रोक लगा दी है। कल शनिवार को कोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी है । जिसके बाद अब शिवराज सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। इसके लिए शिवराज सरकार जल्दी विशेष अनुमति याचिका दायर करेगी।
नगरीय प्रशासन और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने चर्चा में बताया कि इसके लिए प्रशासनिक स्वीकृति दी है। अब हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ के फैसले को शिवराज सरकार  सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। इसके लिए  विशेष अनुमति याचिका SLP दायर करेगी। मन्त्री श्री सिंह  ने कहा कि हालांकि अभी आदेश की कॉपी नही मिली है । परन्तु सरकार सुप्रीम कोर्ट जाईगी। 

यदि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सही ठहराया तो बदलेगी आरक्षण प्रक्रिया 

ग्वालियर खंडपीठ के निर्णय को यदि सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में  सही ठहराते हैं तो एक बार फिर से महापौर और अध्यक्ष के लिए आरक्षण प्रक्रिया  नए सिरे से शुरू की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक निगम चुनावो के एक्ट में आबादी के हिसाब से आरक्षण की प्रक्रिया हो रही है। वर्तमान में यही आधार बना है। जबकि खंडपीठ ने रोटेशन के जरिये आरक्षण प्रक्रिया की बात कही है। 

सूत्रों की माने तो शिवराज सरकार का मानना है कि अध्यक्ष/  महापौर के लिए आरक्षण 1994 के नियम के मुताबिक किया गया है इसके लिए पिछले 10 दिसंबर को नोटिफिकेशन जारी किया गया था जिसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं बरती गई थी ।

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फिर बढ़ेंगे चुनाव नगरीय निकायों के
 
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट में जाईगी या हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के आदेश को मानती है तो दोनो हालातो में समय लगेगा। यानि चुनावो का टलना तय है। नगरीय प्रशासन मन्त्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि एक दो दिन में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। 
उधर एमपी में  वही बढ़ता कोरोना संक्रमण और स्कूली परीक्षाओं  के कारण भी नगरीय निकायों के चुनाव कराना आसान नही है। ऐसे में गवालियर हाईकोर्ट की खंडपीठ के आदेश से मामला पूरा उलझ गया है। 
यहां बता दे मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग एमपी में नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनावों को सम्पन्न कराने तैयारिया कर चुका है।  एक अन्य याचिका के चलते चुनाव  कराने के आदेश भी है। इसके चलते पिछले दिनों राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा था कि मार्च में चुनाव की तारीख की घोषणा होगी। नगरीय निकाय या पंचायती राज किसी एक का चुनाव होगा। फिलहाल शिवराज सरकार के सामने  अदालतों के फैसलों से एक नया संकट पैदा हो गया। 

यह था ग्वालियर हाईकोर्ट की बेंच का आदेश

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने प्रस्तावित स्थानीय निकाय के चुनाव के लिए घोषित की गई आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट का कहना है कि सरकार यदि स्थानीय निकाय के चुनाव कराना चाहती है तो अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित नगर निगम महापौर नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए रोटेशन के आधार पर आरक्षण प्रक्रिया का दोबारा नोटिफिकेशन करके ही चुनाव करा सकती है।

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और जब अकाउंट से उड़ गई सारी रकम... ★ ब्रजेश राजपूत/ ग्राउंड रिपोर्ट



और जब अकाउंट से उड़ गई सारी रकम...
★ ब्रजेश राजपूत/ ग्राउंड रिपोर्ट


यदि आप सोचते हैं कि आपकी मेहनत की गाढ़ी कमाई देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक में सुरक्षित है, तो आप इस सच्चे किस्से को पढ़ने के बाद एक बार फिर सोचियेगा. मेरे मित्र अजय की पत्नी के पास एक अंजान नंबर से दो तीन बार फोन आता है. वो फोन नहीं उठातीं. वो जानती हैं कि आजकल ये अंजाने नंबरों से आने वाले फोन ही बुराई की जड़ हैं. आखिरकार वो उस नंबर को एक बार उठा ही लेती हैं और उस तरफ से जो सुनाई देता है, उससे उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाती है.


सामने वाला उनकी बैंक का कर्मचारी बनकर फोन करता है. उनके अकाउंट की सारी डिटेल उनको बताता है और धमकाता है कि आपका पैन नंबर अपडेट नहीं है, इसलिये आपकी सारी रकम सरकार जब्त करने जा रही है. मैं जैसा कहता हूं वैसा करिए. मगर मेरे मित्र की पत्नी वो फोन काट कर अगला फोन अजय को लगाती हैं. अजय को वो ये सारी बातें बताती हैं. अजय तुरंत घर आकर बैंक के एप से अपना अकाउंट चेक करता है, तो पता चलता है कि उसकी लाखों की बचत उसके अकाउंट में नहीं हैं. वो किसी और खाते में चली गई हैं. इसके बाद अजय घबराकर फिर उस नंबर पर फोन मिलाता है, तो इस बार वो नंबर वाला बेहद अकड़ में बात करता है.

कहता है कि उसे जो करना था कर दिया, अब आप उसकी बात मानिये वरना नुकसान तो हो ही गया है. हैरान परेशान अजय फोन रखकर पत्नी के साथ बैंक पहुंचते हैं. बैंक मैनेजर उनकी बात सुन हैरान रह जाता है. वो अपने सिस्टम में उनका अकाउंट खोलता है और कहता है अभी तो आपने इतने लाख रूपये की एफडी बनवाई है. अजय की पत्नी कहती हैं सर हमने नहीं, उसने बनाई है. जिसने हमारे अकाउंट को हैक किया है. अभी कुछ दिन पहले हमने इंटरनेट बैंकिंग का आवेदन दिया था. मगर तब आपके अटेंडेंट ने बिना मांगे आपका एप डाउनलोड करवा दिया. लगता है सारी गड़बड़ उसी से हुई है.

उधर बैंक मैनेजर हैरान था कि इंटरनेट बैंकिंग की सुरक्षा को कोई भेद कर कैसे किसी के अकाउंट में घुस सकता है. या तो बैंक की तरफ से पासवर्ड देते समय गड़बड़ी हुई है या फिर किसी ने शोल्डर फिशिंग यानी कंधे से झांक कर ये सब देख लिया. थोड़ी देर बाद बैंक मैनेजर ने राहत की खबर दी कि आपका पैसा अभी बैंक में ही है. उसने आपके अकाउंट में घुसकर पैसा निकालने की कोशिश की, जब नहीं निकाल पाया तो आपको डराने के लिये आपके अकाउंट में ही उसकी एफडी बना दी. चिंता नहीं करें, आपके अकाउंट के सारे एक्सिस खत्म कर दिए गए हैं. अब आपका पैसा पूरी तहर सुरक्षित है. मगर ये हमारे लिये बेहद चिंता की बात है कि ये कैसे और क्यों हुआ. इसकी हम शिकायत करेंगे. अब अजय और उनकी पत्नी ने राहत की सांस ली और भगवान का शुक्रिया अदा किया क्योंकि वो दोनों अपनी पूरी रकम गंवा ही चुके थे.

मगर क्या अब भी आप भरोसा करेंगे कि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक में रखा आपका पैसा सुरक्षित है. हालांकि दावा किया जाता है कि इंटरनेट बैंकिंग बहुत फुल प्रूफ सिस्टम है. मगर उसके बाद भी हैकर सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठाकर खेल कर जाते हैं. जरूरी है कि बैंकिंग के लेनदेन में गोपनीयता और सावधानी बरतें. अंजान नंबर वालों से जयादा बात ना करें. किसी को भी अपनी डिटेल और ओटीपी जैसा कुछ ना बतायें. जरा सी भी शंका होने पर अंजान नंबर वाले से बात करने के बजाए सीधे बैंक ही जाएं. ये सारी सावधानियां आपको किसी चीटिंग और फ्रॉड से बचाएंगी।

★ब्रजेश राजपूत, एबीपी नेटवर्क ,भोपाल


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