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SAGAR: सड़क हादसे में तीन दोस्तो की मौत, एक घायल

 SAGAR: सड़क हादसे में तीन दोस्तो की मौत, एक घायल


सागर। सागर के बहेरिया थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर रात सागर-गढ़ाकोटा मार्ग पर तेज रफ्तार कार को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखचे उड़ गए। कार में सवार तीन दोस्तों की मौके पर मौत हो गई। एक गंभीर घायल हुआ है। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया।सूचना के मुताबिक  पुष्पेंद्र राजपूत (30), सूरज गोरखा (29), अभिनव तिवारी (30) सभी निवासी मकरोनिया और कुलदीप यादव (35) निवासी भैंस शुक्रवार रात कार में सवार होकर दमोह से सागर की ओर आ रहे थे। कार कुलदीप चला रहा था। इसी दौरान रात करीब 2 बजे सागर-गढ़ाकोटा मार्ग पर बहेरिया थाना क्षेत्र में स्थित कार शोरूम के सामने अज्ञात भारी वाहन ने कार को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार पलटते हुए सड़क किनारे जा गिरी। दुर्घटना में पुष्पेंद्र राजपूत, सूरज और अभिनव की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं कुलदीप गंभीर घायल हुआ है। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल को अस्पताल में भर्ती कराया है। पुलिस घटना को लेकर जांच कर रही है।
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सांप्रदायिक सौहार्द्र का पक्षधर है नाटक 'गांधी ने कहा था' ★ अन्वेषण नाट्य समारोह के तीसरे दिन हुई संप्रेषणा नाट्य मंच कटनी की प्रस्तुति, डॉ. गौर को समर्पित है समारोह

सांप्रदायिक सौहार्द्र का पक्षधर है नाटक 'गांधी ने कहा था'

★ अन्वेषण नाट्य समारोह के तीसरे दिन हुई संप्रेषणा नाट्य मंच कटनी की प्रस्तुति, डॉ. गौर को समर्पित है समारोह

सागर । स्थानीय रवींद्र भवन में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से चल रहे 'अन्वेषण नाट्य समारोह 2021'  के तीसरे दिन 26 नवंबर को नाटक 'गांधी ने कहा था' की प्रस्तुति हुई | राजेश कुमार द्वारा लिखित इस नाटक का निर्देशन सादात भारती ने किया | गांधी ने कहा था नाटक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित है | यह घटनाक्रम आज़ादी के समय हुये दंगों और विकृत हुई सांप्रदायिकता का है | उस समय भाईचारे के लिए सत्य और अहिंसा पर आधारित महात्मा गांधी के प्रयासों के इर्द-गिर्द इस नाटक का ताना-बाना बुना गया है | नाटक के निर्देशक सादात भारती का कहना है कि यह प्रयास आज भी प्रासंगिक हैं और यह नाटक तोड़ने वाली ताकतों की ख़िलाफ़त करता हुआ जोड़ने वालों को शक्ति प्रदान करता है | 
       इस नाटक में मंच पर शुभम रजक, अनुज मिश्रा (गांधी), योगेश तिवारी (तारकेश्वर), नेहा केवट (सुमित्रा), के.एन. राव (आचार्य), युग रजक, ध्रुव शर्मा और अतुल वर्मा (आफताब) इसके अलावा अनन्या तिवारी, शिवानी रोहित, कृतिका गुप्ता, सतीश अहिरवार, प्रहलाद रजक, अनिल बर्मन, ऋषि परोहा, चंद्रकांत देशपांडे, आदित्य गोस्वामी, शिवकुमार रजक, निर्मल सिंह और दीपक केवट ने अभिनय किया | मंच परे गोलू शर्मा, अलखनंदन, गणेश माथुर, रोज़लीन शाह, द्वारिका दहिया, राजू रीझवानी आदि ने कार्य किया | मंच पर नाटक के सजीव मंचन ने एक बार पुनः सभी को उसी घटनाक्रम के काल में पहुंचा दिया और दर्शकों ने डूबकर इस नाटक का आनंद लिया | माँ सरस्वती एवं मंच पूजन के बाद नाटक का मंचन शुरू हुआ | मंच संचालन सतीश साहू ने किया | नाटक के दौरान आयोजक संस्था अन्वेषण थिएटर ग्रुप के निर्देशक जगदीश शर्मा, प्रबंधक अतुल श्रीवास्तव सहित अथग के सभी कलाकार उपस्थित रहे | नाटक के दौरान पूरा प्रेक्षागृह दर्शकों से भरा रहा | 

       
अन्वेषण नाट्य समारोह 2021 में 27 नवंबर का नाटक - अरे ! शरीफ लोग
लेखक - जयवंत दलवी
निर्देशक - शरद शर्मा प्रस्तुति - अभिनव रंगमंडल, उज्जैन 
समय - शाम 7:00 बजे से
स्थान रवींद्र भवन, सागर
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डॉ गौर जयन्ती : ★ डॉ. गौर का समूचा जीवन मनुष्य के अपराजेय जिजीविषा की जय-यात्रा है- कुलपति ★ विश्वस्तरीय पढाई हो इसके प्रयास होना चाहिए : मंत्री भूपेंद्र सिंह ★ डॉ. गौर को भारत रत्न मिले इसके लिए प्रयास जारी : सांसद राजबहादुर सिंह

डॉ गौर जयन्ती  : 

★ डॉ. गौर का समूचा जीवन मनुष्य के अपराजेय जिजीविषा की जय-यात्रा है- कुलपति



★ विश्वस्तरीय पढाई हो इसके प्रयास होना चाहिए : मंत्री भूपेंद्र सिंह



★ डॉ. गौर को भारत रत्न मिले इसके लिए प्रयास जारी : सांसद राजबहादुर सिंह




सागर. 26 नवंबर. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संस्थापक महान शिक्षाविद् एवं प्रख्यात विधिवेत्ता, संविधान सभा के सदस्य एवं दानवीर डॉ. सर हरीसिंह गौर के 152वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 21 नवंबर से 26 नवंबर तक आयोजित 'गौर उत्सव' में 26 नवंबर गौर जयन्ती चतुर्दिक उमंग, उत्साह और उल्लास से मनाई गई. परम्परानुसार विश्वविद्यालय की कुलपति ने तीनबत्ती स्थल पर डॉ. गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और अपने संबोधन में कहा कि सागर शहर के नागरिकों, बुद्धिजीवियों, विद्यार्थियों और जन-जन का का डॉ. गौर के प्रति प्रेम, अगाध श्रद्धा और भाव देखकर मैं भाव विह्वल हूँ. डॉ गौर ने विश्वविद्यालय के रूप में एक शिक्षा और ज्ञान का केंद्र स्थापित किया है जिसके माध्यम से इस समूचे अंचल ने पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. आप सभी विश्वविद्यालय के विकास में अपना सहयोग करें ताकि सर गौर के सपनों को साकार किया जा सके. यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. 
उद्बोधन पश्चात तीन बत्ती से शोभायात्रा निकाली गई. गौर स्मारक स्थल पर भी कुलपति ने पुष्पांजलि दी. शोभायात्रा के विश्वविद्यालय पहुँचने पर उन्होंने गौर मूर्ति पर माल्यार्पण किया और गौर समाधि पर पुष्प अर्पित किया. मुख्य अतिथि श्री भूपेन्द्र सिंह,  कैबिनेट मंत्री , कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय शांतिलाल जानी ने भी डॉ. गौर की समाधि पर पुष्प अर्पित किया. 

एनसीसी कैडेट्स ने दिया गार्ड ऑफ़ ऑनर


विश्वविद्यालय के 3 एम पी सिग्नल एनसीसी कैडेट्स तीनबत्ती स्थल और विश्वविद्यालय परिसर में ले. कर्नल डॉ धर्मेन्द्र सर्राफ, डॉ. गौतम प्रसाद और ऊषा राणा के नेतृत्व में कुलपति को गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया. 
गौर प्रांगण में मुख्य समारोह आयोजित किया गया. अतिथियों ने डॉ. गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और दीप प्रज्जवलित किया. कुलसचिव संतोष सोहगौरा के स्वागत भाषण के पश्चात गौर उत्सव के मुख्य समन्वयक प्रो. आर के त्रिवेदी ने छह दिवसीय गौर उत्सव में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी. 

डॉ. गौर का समूचा जीवन मनुष्य के अपराजेय जिजीविषा की जय-यात्रा है- कुलपति 

इस अवसर पर कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने ज्ञान-दान के अन्यतम पुरोधा, शैक्षिक उन्नयन के अभिनव सुत्रधार और भारतीय मेधा के वैश्विक पहचान, विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. हरीसिंह गौर जी की 152 वीं जयंती पर सभी को बधाई दी. उन्होंने कहा कि  डॉ. हरीसिंह गौर की जयंती न केवल हमारे विश्वविद्यालय के लिए बल्कि समूचे बुन्देलखण्ड के लिए अज्ञानता के अंधेरे के विरुद्ध ज्ञान के उजाले का नूतन विवेक है। आज का दिन उज्ज्वल चेतना का पावन अभिषेक है। 




उन्होंने कहा कि डॉ. गौर का समूचा जीवन मनुष्य के अपराजेय जिजीविषा की जय-यात्रा है। उन्होंने जीवन-भर सर्वोच्चता की संकल्पना को अपने ढंग से सिरजा, सहेजा और साकार किया। आसमान की बुलंदी पर रहते हुए भी डॉ. गौर ने सागर की जमीनी हकीकतों को कभी भुलाया नहीं। वे जानते थे कि बुन्देलखंड की जय-यात्रा ज्ञान के रास्ते से होकर ही जायेगी। इस भूमि पर उन्होंने अपने पुरुषार्थ से ज्ञान की अनंत रष्मियों कोसंकलित कर सागर विश्वविद्यालय का रूप दे दिया। जीवन भर की जुटाई गयी निजी पूँजी को सार्वजनिक हित में इस तरह समर्पित कर गौर साहब ने जाहिर इतिहास का एक ऐसा अफसाना लिख दिया जिसे आज सारी दुनिया गुनगुना रही है। हमारा विष्वविद्यालय केवल बुन्देलखण्ड के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ज्ञान का अभिनव तीर्थ है. 
विश्वविद्यालय कोरोना की महामारी के दौरान भी लगातार क्रियाषील रहा। दुनिया भर के शीर्ष वैज्ञानिकों की में 20 वैज्ञानिक हमारे विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। इस प्रतिष्ठित सूची में सम्मिलित हमारे विवि के भी शिक्षक हैं. ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र शिक्षकों, विद्यार्थियों और अधिकारियों की उपलब्धियों के लिए बधाई दी और कहा कि यह कोशिश हमारे संस्थापक के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक जागृत पहल है।  उन्होंने विशाविद्यालय में जारी परियोजनाओं और भविष्य की योजनाओं के बारे में रूपरेखा भी प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के चतुर्दिक विकास और अपनी अकादमिक प्रतिबद्धता के साथ ही अपने सामाजिक सरोकारों को भी नये ढंग से सृजित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि डॉ. गौर अपने प्रगतिशील सरोकारों के साथ व्यक्तिगत मुक्ति की जगह सामूहिक मुक्ति के हिमायती थे। अपनी मातृभूमि के लिए ज्ञान के उजाले का जो सपना देखा था, उसे उन्होंने अपनी आस्था और त्याग से पूरा किया, आज उनके जन्मदिवस पर हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम अपने संस्थापक के सपनों को कभी बेरंग नहीं होने देंगे। 

 विश्वस्तरीय पढाई हो इसके प्रयास होना चाहिए : मंत्री भूपेंद्र सिंह

मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह जी ने कहा कि महादानी कर्ण के बाद के बाद यदि किसी का नाम लिया जा सकता है तो वे डॉ. गौर थे. उन्होंने कहा कि यह ऐसा शुभ दिन है जो समूचा बुंदेलखंड एक उत्सव के रूप में मनाता है. डॉ. गौर के समय में यहाँ अनेकानेक विषय शुरू हुए जो आज भी चल रहे हैं. उनके द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय को आज केन्द्रीय दर्जा मिल चुका है. वक्त की मांग है कि कुछ नए अकादमिक पाठ्यक्रम शुरू किये जाएँ और बुंदेलखंड के अंचल में भी विश्वस्तरीय पढ़ाई होने लगे, इसके प्रयास किये जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि हम डॉ. गौर का ऋण कभी नहीं चुका सकते. हमारी, इस शहर की पहचान उन्हीं के कारण ही है. कुछ ऐसे प्रयास किये जाएँ कि बुंदेलखंड अंचल के विद्यार्थियों को इस विश्वविद्यालय में प्रवेश में प्राथमिकता मिले. 




 डॉ. गौर को भारत रत्न मिले इसके लिए प्रयास जारी : सांसद राजबहादुर सिंह

विशिष्ट अतिथि सागर लोक सभा सांसद श्री राजबहादुर सिंह ने कहा कि गौर साहब की 150 वीं जयन्ती के अवसर पर मैंने लोकसभा में डॉ. गौर को भारत रत्न देने की मांग उठाई थी. सरकार भी मेरी इस मांग पर विचार कर रही हैं लेकिन इस मुहिम में जनसहयोग भी उतना ही आवश्यक है. मैं उम्मीद करता हूँ कि कि डॉ. गौर को भारत रत्न मिले, इसके लिए जनभागीदारी और सबका सहयोग मिलेगा. डॉ. गौर ने विश्वविद्याय के माध्यम से शिक्षा की अलख जगाई थी. इस बुंदेलखंड क्षेत्र में आज उन्हीं के कारण हम सब कुछ पढ़-बन पाए. इस अंचल के लोगों को शिक्षा के इस केंद्र का लाभ मिले इसके लिए ठोस प्रयास किये जाने चाहिए. 

उत्सव नहीं बल्कि अनुष्ठान :कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय शांतिलाल जानी

अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय शांतिलाल जानी ने कहा कि डॉ. गौर की जयन्ती पर बौद्धिक समुदाय और जनभागीदारी को देखकर ऐसा लग रहा है कि यह उत्सव नहीं बल्कि अनुष्ठान है. लोगों की डॉ. गौर के प्रति श्रद्धा और सम्मान देखकर मेरा मन आह्लादित है. पूर्व विद्यार्थियों की विश्वविद्यालय के प्रति सोच की मैं प्रशंसा करता हूँ. डॉ. गौर अर्वाचीन समय के भामाशाह हैं. निश्चित तौर पर यह विश्वविद्यालय तेजस्वी विकास करेगा.  




' समय'  और 'मध्य भारती का विमोचन

इस अवसर पर अलग-अलग श्रेणी में विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया. पत्रकारिता विभाग के प्रायोगिक समाचार-पत्र ' समय'  और 'मध्य भारती' शोध पत्रिका के 80वें अंक के विमोचन के साथ ही कई शिक्षकों की पुस्तकों का भी विमोचन हुआ. इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्यों और सेवाओं के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया गया. ।कार्यक्रम का संचालन डॉ. ललित मोहन ने किया. आभार ज्ञापन मुख्य समन्वयक प्रो. आर के त्रिवेदी ने किया.

तीनबत्ती पर ये हुए शामिल



सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ हरिसिंह गौर की 152 वी जयंती शुक्रवार को सागर में उत्साह पूर्वक मनाई गई ।तीन बत्ती स्थित गौर प्रतिमा पर कुलपति प्रोफ़ेसर नीलिमा गुप्ता ने  माला पहनाई ।इस अवसर पर सांसद राजबहादुर सिंह पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव, पूर्व सांसद आनंद अहिरवार ,डॉ सुरेश आचार्य सुखदेव प्रसाद तिवारी ,चतुर्भुज सिंह राजपूत ,डॉ सुखदेव मिश्रा ,डॉ अशोक अहिरवार, संदीप बाल्मीकि SVN के कुलपति डॉ अनिल तिवारी ,राजीव टंडन मनीष पुरोहित , सन्तोष सहगोरा, प्रोफेसर आरके त्रिवेदी पंकज सिंघई ,जगदेव सिंह ठाकुर आशीष ज्योतिषी ,मुन्ना लाल यादव ,सुरेश जाट बहादुर यादव, भोलेश्वर तिवारी ,सुरेंद्र गाडेवार, पप्पू फुसकेले, अनिल पुरोहित, राकेश शर्मा,  विवेक तिवारी ,मीडियाकर्मियों सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे ।


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RTO : आटो रिक्शा वाहनों पर कार्यवाही जारी ,16500 रूपये की पेनाल्टी वसूल और 23 आटो रिक्शा जब्त ★ कार्यवाही के खिलाफ आटो चालकों की बैठक 27 नवम्बर को

 RTO : आटो रिक्शा वाहनों पर कार्यवाही जारी ,16500 रूपये की पेनाल्टी वसूल और 23 आटो रिक्शा जब्त
★ कार्यवाही के खिलाफ आटो चालकों की बैठक 27 नवम्बर को
सागर ।  परिवहन आयुक्त, मध्यप्रदेश ग्वालियर द्वारा निर्देश प्राप्त हुए है कि उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा आदेश पारित किये गये है कि प्रदेश में बिना परमिट एवं नियम विरूद्ध चल रहे यात्री आटो रिक्शा पर तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता है। उक्त आदेश के परिपालन में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, प्रदीप कुमार शर्मा के निर्देशन में सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, सुरेन्द्र सिंह गौतम ने बताया कि शुक्रवार को प्रवर्तन अमले के साथ संयुक्त रूप से आटो रिक्शा वाहनों की चैकिंग की सख्त कार्यवाही की गयी। यह कार्यवाही मोतीनगर चौराहा, मकरोनिया चौराहा पर की गई।

चैकिंग के दौरान 95 आटो रिक्शा वाहनों को चैक किया गया, जिनमें से 23 आटो रिक्शा वाहनों के मौके पर वाहन से संबंधित दस्तावेज नहीं पाये गये एवं क्षमता से अधिक सबारी बैठी हुई पाये जाने से उन्हें जप्त कर कार्यालय परिसर में सुरक्षार्थ रखा गया।पूर्व में जप्त आटो रिक्शा वाहनों से चालानी कार्यवाही कर 16500 रूपये मोटरयान अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत् शमन शुल्क वसूल किया गया। साथ ही समस्त वाहनस्वामियों को हिदायत दी है कि अपने वाहनों के संचालन के दौरान वाहन से संबंधित समस्त दस्तावेज अनिवार्य रूप से साथ में रखे। साथ ही बकाया टैक्स, अवैध संचालन, ओव्हर लोडिंग से संबंधित चैकिंग निरंतर जारी रहेगी। 

आर.टी.ओ. की चालानी कार्यवाही के खिलाफ आटो चालकों की बैठक 27 नवम्बर को

आटो यूनियन अध्यक्ष पप्पू तिवारी ने कहा कि गत तीन दिनों से आर.टी.ओ. कार्यालय द्वारा चौराहों चौराहों पर आटो के किए जा रहे मनमाने चालान से आक्रोशित आटो चालकों की बैठक 27.11.2021 को दोपहर 12 बजे से गुलाब बाबा मंदिर धर्माश्री रोड पर रखी गई है। जिसमें आर.टी.ओ. कार्यालय द्वारा आटो चालकों से चालान के नाम पर की जा रही भारी भरकम वसूली का विरोध किया जाएगा। 

 
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गौर जयंती पर निकाली साईकिल रैली

गौर जयंती पर निकाली साईकिल रैली


सागर। महान दानवीर, शिक्षाविद,कानूनविद डॉ सर हरिसिंह गौर जी की 152 वी जन्म जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय विद्यार्थी मंच,भारत तिब्बत सहयोग मंच एवं सागर साईकल क्लब के संयुक्त तत्वाधान में तीनबत्ती स्थित डॉ हरिसिंह गौर की मूर्ति के समीप 101 दीप प्रज्वलित किये एवं माल्यार्पण का कार्यक्रम किया एवं मोतीनगर चौराहे से बड़ा बाजार, कोतवाली,तीनबत्ती, परकोटा,गोपालगंज, होते हुए सिविल लाइन चौराहे तक साईकल रैली निकाली।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि नगर निगम आयुक्त आर.पी. अहिरवार एवं विशिष्ट सहयोगी साइक्लिस्ट महेश तिवारी एवं आनंद ददरया का सहयोग प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम का नेतृत्व राष्ट्रीय विद्यार्थी मंच के प्रदेश प्रभारी ज्योतिष सोनी ने किया।
कार्यक्रम का संचालन साइकिलिस्ट एवं राष्ट्रीय विद्यार्थी मंच के संगठन मंत्री शुभम कुर्मी ने किया। कार्यक्रम में अनुराग विश्वकर्मा,जिला अध्यक्ष करणदीप सिंह,नगर अध्यक्ष सचिन सोनी,शुभम परेता,आकाश केसरवानी,महेंद्र विश्वकर्मा,शुभम सोनी,शैलेश साहू,प्रिंस ताम्रकार,कलपेन्द्र जी, श्रेयांश , अतुल,आस्था चैम्प,सुप्रिया, 
श्रेयांश जैन, शिवाँश प्रजापति,दीपेश भट्ट,आर्यन,अंशुल दुबे,आशीष ,अमित,रविकांत प्रजापति,अजित  जैन,नीलेश जैन,विक्रम लोधी,विजेंद्र जी,रामजी गुप्ता ,दीपेश सैनी एवं अन्य शहरवासी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे । भारत तिब्बत सहयोग मंच के जिला अध्यक्ष पं.बिट्टू पांडे ने कार्यक्रम में पधारे सभी साथियों का आभार व्यक्ति किय।
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गौर युवा मंच द्वारा जनवरी माह में स्थापित की जाएगी डॉ. गौर की प्रतिमा


गौर युवा मंच द्वारा जनवरी माह में स्थापित की जाएगी डॉ. गौर की प्रतिमा

सागर। डॉ. सर हरिसिंह गौर की 152वीं जयंती के उपलक्ष्य पर प्रतिवर्श अनुसार इस वर्श भी 26 नवम्बर 2021 को प्रातः 9 बजे कबुलापुल स्थित गौर चौराहा से गौर युवा मंच द्वारा डॉ. सर हरिसिंह गौर की पालकी यात्रा निकाली गयी।  सर्वप्रथम डॉ. गौर के चित्र पर माल्यापर्ण कर डॉ. गौर के जय घोश के साथ सभी अतिथियों द्वारा बधाई प्रेशित की गयी ।इसके पष्चात् गौर युवा मंच के अध्यक्ष अधिवक्ता रविन्द्र अवस्थी ने अपने उद्बोधन में कहा कि मंच की वर्शों पुराना संकल्प आज पूरा होने जा रहा है और घोशणा करते हुये कहा कि जनवरी माह में डॉ. सर हरिसिंह गौर की मूर्ति कबुलापुल स्थित गौर चौराहे पर स्थापित की जाएगी। अपने उद्बोधन में कहा कि डॉ. सर हरिसिंह गौर जिन्होंने सागर वासियांे के लिये अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया है ऐसे महापुरूश को हम षतषत नमन करते हुये आज सभी का इस कार्यक्रम में स्वागत बंदन अभिनंदन करते हैं गौर युवा मंच के संरक्षक डॉ. अनिल तिवारी संस्थापक कुलपति स्वामी विवेकानंद विष्वविद्यालय ने कहा कि गौर युवा मंच द्वारा जो संकल्प लिया गया। उसे पूर्ण किया जा रहा है और हम सभी नगर वासियों को भी यह सोचने वाली बात है कि जिस महापुरूश के कारण हम आज प्रदेष, देष एवं विदेषों में भी जाने जाते है वह सब डॉ. गौर की ही बदौलत हमारी पहचान है ।डॉ. गौर के इस त्याग को हम सभी सागरवासी कभी भूल नहीं सकते। इसके पष्चात् सभी अतिथियों एवं स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा डॉ. गौर के चित्र को पालकी में विराजमान कर पालकी यात्रा प्रारंभ की गयी। जो डॉ. गौर के जयघोश के साथ कबुलापुल से प्रारंभ होकर चौदह मुहाल, बारह मुहाल षास्त्री चौक, षिवाजी चौक, तीन मुहाल होते हुये वापिस कबुलापुल गौर चौराहे पर समापन किया गया। पालकी यात्रा का सदर क्षेत्र के निवासियों द्वारा पुश्प वर्शा कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन गौर युवा मंच के प्रवक्ता अनिल दुबे किया आभार डॉ. विषाल मिश्रा ने माना। कार्यक्रम में उपस्थित होने वालों में जिला पंचायत सदस्य अरविंद तोमर, प्राचार्य श्रीमति स्नेहलता जैन, प्राचार्य सुषील केषरवानी, सौरभ केषरवानी, अतुल मिश्रा, व्हीके विष्वकर्मा, गजेन्द्रसोनी, पंकज मुखारया, दिनेष सोनी, उत्तम राव ताइडे, सोनू सिंह बग्गा, बिरजू बिल्थरे, रामचरण षास्त्री, षिवप्रसाद तिवारी, ष्याम सुंदर मिश्रा, बलवंत राठौर, नीरज पांडेय, मुकेष नायक, हर्श तोमर, धनन्जय त्रिपाठी, पीयूश विष्वकर्मा, राम प्रसाद विष्वकर्मा, चौहान सिंह राठौर, सुधीर पांडेय, विमल विष्वकर्मा, अमित तिवारी, कमल पाहवा, राजेष राय, कौषल यादव, रितेष तोमर, रोषन यादव, महेन्द्र सोनी, विक्रम ठाकुर, करन सहजल, अजय मिश्रा, मुकेष हरयानी, दीपक पौराणिक, राकेष यादव, राकेष तिवारी, ऐके राजौरिया, अजय श्रीवास्तव, श्रीमति पूर्णिमा लारिया, राहुल सेन, ज्योति साहू, मंजू ठाकुर, भूपेन्द्र श्रीवास्तव, हमीद मकरानी आदि गौर युवा मंच के कार्यकर्ता स्कूल के छात्र-छात्राएं षिक्षक एवं षिक्षिकाएंगण उपस्थित थे।
 
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गौर जयंती : बड़ा बाजार छात्रसंघ ने निकाली विशाल बाईक रैली

गौर जयंती : बड़ा बाजार छात्रसंघ ने निकाली विशाल बाईक रैली




सागर। सागर विवि के संस्थापक कुलपति ,दिल्ली और नागपुर विवि के पूर्व कुलपति ,सविधान सभा के सदस्य डॉ हरिसिंह गौर की जयंती पर वडा बाजार छात्रसंघ ने एक बाईक  रैली  बड़ा बाजार छात्रसंघ के संयोजक नरेंद्र चौबे के नेतृत्व में निकाली ।  सांसद राजबहादुर सिंह, पूर्व विधायक सुनील जैन, और नेवी जैन , प्रो आर के त्रिवेदी ने आज रामबाग से हरीझंडी दिखाकर रवाना किया। 



इस मौके पर सांसद राजबहादुर सिंह ने कहा कि डॉ गौर शिक्षा और दान के क्षेत्र में एक मिसाल थे। इसके साथ ही उन्होंने कानून के जरिये देश मे समाज सुधारक की भूमिका निभाई । हम उनके ऋणी रहेंगे। पूर्व विधायक सुनील जैन ने कहा कि डॉ गौर और उनके द्वारा स्थापित  विवि से देश और दुनिया मे हमारी पहचान है। हमे इसका सरक्षण और सवर्धन करने की जरूरत है। भाजपा नेता नेवी जैन  और डॉ आर के त्रिवेदी ने डॉ गौर को याद किया। बड़ा बाजार छात्रसंघ के अध्यक्ष नरेंद चौबे ने डॉ गौर के सपनो के अनुरूप विवि को आगे बढाने का संकल्प लिया। छात्रसंघ के अध्यक्ष अर्पित मिश्रा ने सभी का आभार जताया। बाईक रैली बाजे गाजे के साथ और बुंदेली नृत्यों के साथ बड़ा बाजार, तीनबत्ती  होती विवि परिसर पहुची । यहां यात्रा का समापन हुआ। 







रैली में सांसद राजबहादुर सिंह, पूर्व विधायक सुनील जैन, और नेवी जैन , प्रो आर के त्रिवेदी ,संयोजक नरेंद्र चौबे, जगन्नाथ गुरैया, लक्ष्मण सिंह, अनूप उर्मिल, सिंटू कटारे, निकेश गुप्ता, सपन ताम्रकर, शिवशंकर यादव, रीतेश मिश्रा, जयदीप नगरिया, प्रतिभा चौबे , मेघा दुबे ,अर्पित मिश्रा, राजेश सैनी, बाबू घोषी, अंशुल सोनी राजुल घोषी अनिकेत यादव बिट्टू काजी अनिरुधर् राजपूत अमन ताम्रकार सपन ताम्रकार मोनू जैन शुभम शुक्ला उदय चोरसिया रामसु सोनी अंशुल मिश्रा मनोज रैकवार, ललित बाजपेई, अमन चौरसिया आदि शामिल हुए। 


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मन की सुंदरता, डॉक्टरों के समर्पण और प्रेम की महत्ता को पुर्नस्थापित करता है नाटक 'तुम कितनी ख़ूबसूरत हो' ('अन्वेषण नाट्य समारोह 2021' का दूसरा दिन)

मन की सुंदरता, डॉक्टरों के समर्पण और प्रेम की महत्ता को पुर्नस्थापित करता है नाटक 'तुम कितनी ख़ूबसूरत हो'

('अन्वेषण नाट्य समारोह 2021' का दूसरा दिन)

सागर | मंच पर एक अस्पताल के कमरे का का दृश्य है, जिसके एक पलंग पर एक बहुत ही बीमार लड़की सुगंधा है | उसे शारीरिक से ज्यादा मानसिक पीड़ा है, और यही मानसिक रोग धीरे-धीरे उसके शरीर को भी कमज़ोर करने लगता है | दरअसल सुगंधा को यह भ्रम हो गया है कि वह खूबसूरत नहीं है, और इसलिए लोग उसे महत्व नहीं देते | बाद में अस्पताल के उसी कमरे में लड़की के बगल वाले पलंग पर एक अन्य मरीज उमंग भर्ती होता है | धीरे-धीरे दोनों का परिचय होता है | वह युवक सुगंधा को बातों ही बातों में एहसास कराता है कि वह बहुत सुंदर है, चेहरे की सुंदरता के कोई मायने नहीं होते सिर्फ मन की सुंदरता ही सर्वोपरि है | दोनों के बीच प्रेम के बीज अंकुरित हो जाते हैं | इस तरह सुगंधा का भ्रम दूर होता है, उसकी हालत में सुधार होते होते वह पूर्णत: स्वस्थ हो जाती है | बाद में उमंग वहां से चला जाता है और नाटक के अंत में भेद खुलता है कि वह उमंग कोई मरीज नहीं बल्कि एक नामी डॉक्टर हैं और मरीज के रूप  मैं मनोवैज्ञानिक रूप से सुगंधा का इलाज करने आये थे |
           इस नाटक का अगर बिंदुवार निष्कर्ष निकाला जाए तो तीन बिंदु निकल कर आते हैं | पहला बिंदु दर्शाता है कि चिकित्सा जगत में मरीजों की बीमारी को समझते हुए पूरे समर्पण के साथ डॉक्टरों को और उनके सहयोगियों का काम बहुत महत्वपूर्ण होता है, उसकी कोई क़ीमत नहीं आंकी जा सकती | दूसरा बिंदु यह बताता है कि मन की सुंदरता के आगे शारीरिक सुंदरता का कोई मोल नहीं होता | मन की सुंदरता ही वास्तविक सुंदरता है | तीसरे बिंदु के रूप में यह नाटक प्रेम की सनातन शक्ति को एक बार पुनः स्थापित करता प्रतीत होता है | 
           नाटक को उपस्थित दर्शकों ने पूरे मनोयोग के साथ देखते हुए इसकी भरपूर सराहना  की | नाटक के बीच बीच में सुगंधा के मामा और डॉक्टर के हास्य से भरे संवादों का भी दर्शकों ने भरपूर आनंद उठाया | स्थानीय रविंद्र भवन में जारी 'अन्वेषण नाट्य समारोह 2021' के दूसरे दिन 25 नवंबर को नाटक 'तुम कितनी ख़ूबसूरत हो' का मंचन स्वयं आयोजक संस्था अन्वेषण थिएटर ग्रुप द्वारा किया गया | नाटक का निर्देशन जगदीश शर्मा ने किया | नाटक में मंच पर जिन कलाकारों ने अभिनय किया उनमें मरीज सुगंधा के रूप में करिश्मा गुप्ता, युवक मरीज के रूप में (जो वास्तव में एक डॉक्टर है) कपिल नाहर, सीनियर डॉक्टर के रूप में समर पांडेय, जूनियर डॉक्टर के रूप में प्रवीण कैम्या, सुगंधा के मामा के रूप में रवीन्द्र दुबे कक्का, नर्सों के रूप में समता झुड़ेले और ग्राम्या चौबे, वॉर्ड बॉय के रूप में दीपक राय ने काम किया | नाटक के शुरू में नृत्य आस्था बानो ने प्रस्तुत किया | मंच परे के प्रबंधों में अतुल श्रीवास्तव, सतीश साहू पार्थो घोष, आशीष चौबे, साक्षी पांडे, राहुल सेन, आनंद शर्मा, सन्तोष दांगी, अखिलेश अहिरवार, सक्षम, प्रेम जाट, राजीव जाट, अश्वनी साहू, तरुण सिंह, दीपगंगा साहू, तारिक भाई, मास्टर अयान, ऋषभ सैनी, बृजेश शर्मा, राजाराम सैनी आदि शामिल रहे | मंच संचालन सतीश साहू ने किया 

         
अन्वेषण नाट्य समारोह 2021 में 26 नवंबर की प्रस्तुति - 'गांधी ने कहा था'
लेखक - राजेश कुमार
निर्देशन - सादात भारती 
प्रस्तुतकर्ता दल - संप्रेषणा नाट्य मंच कटनी (म. प्र.)
समय - शाम 7:00 बजे से
स्थान - रवीन्द्र भवन सागर
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जितना अधिकारों के प्रति जागरूक हैं, उतना ही अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहें : केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल


जितना अधिकारों के प्रति जागरूक हैं, उतना ही अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहें : केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल


★ देवरी में 7 करोड़ 75 लाख रूपये की लागत के संयुक्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय के भवन का लोकार्पण

सागर ।केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण, उद्योग एवं जलशक्ति राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने गुरुवार को सागर जिले की देवरी तहसील में संयुक्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय के अत्याधुनिक एवं सर्वसुविधायुक्त भवन का लोकार्पण किया। यह भवन 7 करोड़ 75 लाख रूपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। मंत्री श्री पटेल ने इस अवसर पर कहा कि हम आज आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहे है। उन्होंने लोगों का आव्हान किया कि जितने अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं, अपने कर्तव्यों के प्रति भी उतने ही जागरूक रहें। हमे अपने प्राकृतिक संसाधनों की चिंता करनी होगी। कार्यक्रम में विषिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री एवं देवरी विधायक श्री हर्ष यादव, पूर्व विधायक श्री भानुराणा, कलेक्टर श्री दीपक आर्य सहित अन्य जनप्रतिनिधि और नागरिकगण मौजूद थे।
केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने कार्यक्रम में कहा कि आज हम आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहे हैं। हमे अपने संसाधनों की देखभाल करनी होगी। आबादी बढ़ रही है और प्राकृतिक संसाधन उतने ही हैं। जब देष स्वतंत्र हुआ था, तब से लेकर अब तक 3 गुना आबादी बढ़ चुकी है। प्राकृतिक संसाधन नहीं बढ़े। खर्चीली जीवन-षैली में संसाधनों पर दबाव बढ़ा है। पानी का उपयोग बढ़ा है। हमे जल संसाधनों को सहेज कर रखना होगा। जल का संरक्षण करना होगा तभी हम भविष्य की आवष्यकताओं को पूरी कर पायेंगे।
उन्होंने कहा कि 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाते है। डा. भीमराव अम्बेडकर को याद करते हुए उन्होंने कहा कि देष का संविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हुआ था और 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ था। जिसे हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। उन्होंने कहा कि देवरी में प्रषासनिक भवन बन जाने से आम लोगों को सुविधा होगी। उन्होंने आषा व्यक्त की कि यह भवन अपने उद्देष्य में सफल होगा।
केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री पटेल ने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि जब कोई आपदा आती है तो हमारी क्षमताओं की परख होती है। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय पुलिस विभाग से लेकर डाक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी और अन्य शासकीय कर्मचारियों ने सराहनीय कार्य किया है।
विषिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री श्री हर्ष यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज खुषी का दिन है कि देवरी तहसील में संयुक्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय के नव-निर्मित अत्याधुनिक एवं सर्वसुविधायुक्त भवन का लोकार्पण हुआ है। इससे देवरी तहसील के नागरिकों को एक ही छत के नीचे राजस्व संबंधी सुविधाएं मिलेंगी।
इस अवसर पर एसडीएम श्री अमन मिश्रा, एसडीओपी श्री पूजा शर्मा, श्री कैलाष पटेल, श्री अनिल ढिमोले सहित नागरिकगण उपस्थित थे 
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गौर उत्सव : ‘डॉ. गौर के सपनों का सागर और उनका विश्वविद्यालय’ पर परिसंवाद आयोजित ★ रघु ठाकुर, डॉ जी एस चौबे, एसपी व्यास और सुरेश आचार्य ने किया संवाद

गौर उत्सव : 'डॉ. गौर के सपनों का सागर और उनका विश्वविद्यालय' पर परिसंवाद आयोजित 

★ रघु ठाकुर, डॉ जी एस चौबे, एसपी व्यास और सुरेश आचार्य ने किया संवाद


सागर. 25 नवंबर.
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संस्थापक महान शिक्षाविद् एवं प्रख्यात विधिवेत्ता, संविधान सभा के सदस्य एवं दानवीर डॉ. सर हरीसिंह गौर के 152वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 21 नवंबर से 26 नवंबर तक आयोजित 'गौर उत्सव' के पांचवें दिन विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार में 'डॉ. गौर के सपनों का सागर और उनका विश्वविद्यालय' विषय पर परिसंवाद आयोजित हुआ. 
 
डॉ. गौर और मां. सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण, दीप प्रज्जवलन और अतिथियों के स्वागत के उपरान्त विषय प्रवर्तन करते हुए डॉ. संजय शर्मा ने डॉ. गौर के सागर शहर और शिक्षा के मंदिर के सपने के पीछे के ऐतिहासिक कारणों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वे अपने समकालीन विचारकों और संस्थानों से प्रभावित थे. वे सागर ही नहीं पूरे भारत की संस्कृति को बदलना चाहते थे. यह बदलाव शिक्षा के माध्यम से ही होगा, यह मानने वाले डॉ. गौर ने इसके लिए एक विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रण लिया. उनका वह संकल्प एक विश्वविद्यालय के रूप में हमारे सामने है. डॉ. गौर विश्वविद्यालय को समाज निर्मिति के केंद्र के रूप में देखते थे.
 
डॉ. गौर की आंतरिक छवि विराट थी- कुलाधिपति 

कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय शांतिलाल जानी ने कहा कि डॉ. गौर स्वप्नद्रष्टा थे. उनके सपनों के बारे में जानने के लिए सबसे पहले उनके अन्तः ह्रदय को जानना होगा. ऊपरी तौर पर हम उनके बारे में बहुत सी बातें जानते हैं लेकिन उनकी आंतरिक छवि विराट थी. वे समय के अनुकूल नए ज्ञान और सृजन के प्रति सचेत थे. वे जानते थे कि भौतिक युग में ग्रामीण संस्कृति को बढ़ावा नहीं मिलेगा. इसीलिये उन्होंने एक विश्वविद्यालय के लिए ग्रामीण परिवेश चुना ताकि समकालीन विचारों के साथ यह विश्वविद्यालय अद्यतन ज्ञान का केंद्र बने. आने वाले समय में यह विश्वविद्यालय नवाचार के प्रयोग के माध्यम से साहित्य, संस्कृति, परम्परा के महत्त्व की स्थापना का विश्वस्तरीय केंद्र बनेगा.    
  

मनुष्य को लोकतांत्रिक और प्रगतिशील बनाने वाली शिक्षा के हिमायती थे डॉ. गौर- रघु ठाकुर 

प्रसिद्ध समाजवादी चिन्तक रघु ठाकुर ने कहा कि डॉ. गौर ने गरीबी का निकट से अनुभव किया था. उन्होंने इस पूरे अंचल को विकास के रास्ते पर लाने के लिए विश्वविद्यालय को आधार बनाया. उन्होंने शहर और विश्वविद्यालय को पूरी दुनिया से जोड़ने के लिए विमानन मंत्रालय को हवाई अड्डा बनाने के लिए ज्ञापन दिया. रेल सुविधाओं को अद्यतन करने के लिए ज्ञापन दिए. वे सागर को देश की उप राजधानी बनाना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने कई पत्राचार किये जिसमें तर्कसंगत बातों से तत्कालीन सरकार को सहमत करने का प्रयास किया. सागर में टेक्नीकल एजुकेशन के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए भी उन्होंने पत्र लिखे. विकास के जितने भी मापदंड हो सकते हैं, वे सागर को सबसे परिपूर्ण करना चाहते थे. उनका सपना सागर को आत्मनिर्भर बनाने का सपना था. उनका मानना था कि लोग पढ़कर केवल डिग्री न हासिल करें बल्कि लोकतांत्रिक व्यवहार भी सीखें. वे मानते थे कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो लोकतांत्रिकता और प्रगतिशीलता के रास्ते पर व्यक्ति को ले जाए और विश्वविद्यालय इसका केंद्र बने. वे हिन्दू धर्म और परम्पराओं का नवजागरण चाहते थे. महिलाओं की शिक्षा और उनके अधिकारों के लिए उन्होंने बहुत से काम किये. वे ऐसी शिक्षा के हिमायती थे जो केवल सूचना प्रदान करने तक सीमित न हो बल्कि विवेक भी जुड़ा हो.
 
डॉ. गौर के जन्म का दशक प्रतिभाओं के जन्म का दशक है- डॉ. चौबे 

ख्यातिलब्ध चिकित्सक डॉ. जी एस चौबे ने कहा कि डॉ. गौर का जन्म जिस दशक में हुआ, वह देश में प्रतिभाओं के जन्म का दशक था. 1861 में जन्मे रवींद्र नाथ ठाकुर को नोबल पुरस्कार से नवाजा गया. 1863 में जन्में स्वामी विवेकानंद के विचारों और कार्यों ने ने पूरी दुनिया में भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित किया. 1869 में जन्मे गांधीजी ने सत्य और अहिंसा के रास्ते पर पूरे देश को चलने की प्रेरणा दी और अप्रतिम त्याग का परिचय दिया. 1870 में जन्मे डॉ. गौर ने अपना सर्वस्व धन दानकर विद्या के एक मंदिर की स्थापना की. ऐसा उदाहरण पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा.  
 

डॉ. गौर के सपनों ने सागर को विश्वपटल पर स्थापित किया- प्रो. व्यास 

वरिष्ठ शिक्षाशास्त्री एवं वैज्ञानिक प्रो. एस पी व्यास ने कहा कि डॉ. गौर के व्यक्तित्व को शब्दों में उतारना बड़ा ही कठिन कार्य है. उनके सपने के अनुरूप बहुत से मंगल कार्य किये जा रहे हैं. यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है. डॉ. गौर के सद्प्रयासों से महिलाओं के लिए वकालत का रास्ता खुला. वे एक व्यक्ति नहीं विचार थे. विश्वविद्यालय की स्थापना करके एक छोटे से ग्रामीण इलाके को विश्वपटल पर सम्मान दिलाने वाले वे पहले व्यक्ति थे. उनका व्यक्तित्व संत का व्यक्तित्व था. उनके जन्म दिवस के अवसर पर हमें यह प्रण लेना होगा कि हम हर दिन की शुरुआत उनके संकल्पों के अनुरूप कार्य करने से करेंगे. अनुशासित रहकर इस शिक्षा के केंद्र को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए सदैव श्रमशील रहेंगे.
 
डॉ.गौर के सपनों के अनुरूप अपनी सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करेगा विश्वविद्यालय- कुलपति  





कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि डॉ. गौर के जीवन संघर्ष और उनके अवदानों की चर्चा सुनते हुए मुझे उनका समकालीन परिदृश्य दिखाई दे रहा है. डॉ. गौर बेहद अभाव की स्थिति से निकलकर उच्च शिखर पर पहुँचने वाले महान व्यक्तित्व थे. आज लोग अपने परिवार और बच्चों के लिए पूंजी इकट्ठा करते हैं. लेकिन डॉ. गौर ने परिवार के साथ-साथ समाज के लिए एक बड़ा हिस्सा भी रखा और एक अद्भुत शिक्षा का केंद्र हमें विरासत में मिला है. हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम उनके अवदानों को याद करते हुए उनके संकल्पों को पूरा करने में अपनी ऊर्जा लगाएं. उन्होंने हाल ही में हुए विभिन्न संस्थाओं के साथ हुए अकादमिक अनुबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि हम नए-नए पाठ्यक्रमों के माध्यम से ऐसी पीढ़ी तैयार करेंगे कि आने वाले समय में यह विश्वविद्यालय अपने शिखर पर पहुंचेगा. ग्रामीण विकास, स्किल डेवलेपमेंट पाठ्यक्रमों के जरिये हम आदर्श गाँव भी बनायेंगे. समाज और समुदाय की बेहतरी के लिए भी विश्वविद्यालय अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेगा. डॉ. गौर ने विश्वविद्यालय के रूप में जो बीजारोपण किया है हम उनके संकल्पों और सपनों के अनुरूप इसे हरा-भरा बनाएंगे. उन्होंने कहा कि जल्द ही गौर म्यूजियम बनकर तैयार होगा. उन्होंने अपील की कि जिनके पास भी उनसे जुडी हुई वस्तुएं हों वे विश्वविद्यालय को सौंपकर अपना योगदान दें ताकि म्यूजियम के माध्यम से वे वस्तुएं सभी के लिए उपलब्ध हो पायें. 
 
डॉ. गौर द्वारा स्थापित कल्पवृक्ष की कीर्ति पताका फहराना हमारा कर्तव्य- प्रो. सुरेश आचार्य 

वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. सुरेश आचार्य ने कहा कि पूरे बुंदेलखंड में डॉ. हरीसिंह गौर 'गौर बब्बा' के नाम से जाने जाते हैं. यह यहाँ के लोगों का उनके प्रति अगाध प्रेम है और यह रिश्ता बड़ा ही नायाब है. उनके द्वारा स्थापित इस विश्वविद्यालय की रक्षा, इसकी समृद्धि, वृद्धि और इसकी कीर्ति पताका चारों ओर फहराना हम सबका कर्तव्य है. आज के आधुनिक युग में लोग अंधाधुंध संपत्ति इकठ्ठा कर विलासितापूर्ण जीवन जीने में संलग्न हैं लेकिन डॉ. गौर ने एक-एक पैसा जोड़कर विश्वविद्यालय के रूप में एक कल्पवृक्ष लगाया जिसमें देश भर के लोग अध्ययन करने के लिए आते हैं. इस विश्वविद्यालय में बहुत कुछ अद्भुत है. 1970 में उनकी जन्म शताब्दी मनाई गई थी जिसमें शहर से एक बहुत बड़ा जुलूस विश्वविद्यालय में आया था. आज भी यह परम्परा जारी है. यह उनके प्रति श्रद्धानवत होने का अवसर है.  
 
सर्वश्रेष्ठ एनसीसी कैडेट को सम्मानित करने के लिए डॉ. ललित मोहन ने राशि दी


कार्यक्रम में डॉ. ललित मोहन ने एक लाख एक सौ पचीस रूपये का चेक कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय शांतिलाल जानी को सौंपा. इस राशि से आगामी वर्षों में विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ एनसीसी कैडेट को गौर जयन्ती के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा. डॉ. ललित मोहन विश्वविद्यालय में दस वर्षों तक एनसीसी अधिकारी रह चुके हैं. उत्कृष्ट कार्य एवं सेवा के लिए उन्हें महानिदेशक प्रशंसा पदक भी मिल चुका है. 
 
कार्यक्रम का मॉडरेशन और आभार ज्ञापन कुलसचिव संतोष सोहगौरा ने किया. इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी और सागर शहर के अनेक सम्माननीय नागरिकगण उपस्थित थे. 
 
बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ के तहत महिला समाज ने किया आयोजन  

विश्वविद्यालय की महिला समाज ने ग्राम पथरिया स्थित माध्यमिक विद्यालय में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत स्कूली बच्चों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया. महिला समाज की अध्यक्ष डॉ. रत्ना शुक्ला ने इस अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि आज बेटियों का अनुपात हर क्षेत्र में बढ़ रहा है. इसे और अधिक सशक्त बनाए जाने की आवश्यकता है. शिक्षा के माध्यम से हम बेटियों को एक सुनहरा भविष्य दे सकते हैं. इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए.  




 
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि बेटी तभी बचेगी जब बेटी पढ़ेगी. शिक्षा एक ऐसा हथियार है जिसको प्राप्त कर लेने के बाद बेटियाँ स्वयं आत्मनिर्भर हो जाती हैं और परिवार चलाने में सक्षम हो जाती हैं. आज हर क्षेत्र में बेटियाँ आगे हैं. कोई भी क्षेत्र उनसे अछूता नहीं है. बस बेटियों को सपने देखने की जरूरत है. एक बार पढ़कर बढ़ने का संकल्प ले लिया फिर कोई भी रास्ता उनके लिए कठिन नहीं है. कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजित बच्चों को पुरस्कृत किया गया. इस अवसर पर प्राचार्य श्रद्धा दुबे ने उनके विद्यालय में शिक्षा की स्थिति और उसमें बालिकाओं के श्रेष्ठ प्रदर्शन की जानकारी दी. सभी बच्चों को पाठ्य सामग्री और फल वितरित किया गया. कार्यक्रम का संचालन महिला समाज की सचिव रेणु शुक्ला ने किया. आभार प्रदर्शन ओमिका सिंह ने किया. इस अवसर पर डॉ. ऋतु यादव, ब्रिजेश दुबे, रीना बासु, त्रिवेणिका रे सहित महिला समाज की सभी पदाधिकारी, सदस्य और विद्यालय के शिक्षक और बच्चे उपस्थित थे.                
26  नवंबर 2021 को आयोजित कार्यक्रम 

26 नवंबर प्रात: 08.00 बजे तीन बत्ती स्थित गौर मूर्ति पर विश्वविद्यालय की कुलपति  प्रो. नीलिमा गुप्ता द्वारा गौर प्रतिमा पर माल्यार्पण और उद्बोधन के पश्चात 08 :30 बजे तीन बत्ती, कटरा से विश्वविद्यालय परिसर के लिए पर शोभा यात्रा प्रस्थान करेगी. विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण में सुवह 11.00 बजे से आयोजित मुख्य समारोह आयोजित होगा जिसमें मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह, नगरीय विकास एवं आवास विभाग होंगे. कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता का सारस्वत उद्बोधन होगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय शांतिलाल जानी करेंगे. सायं 06.00 बजे 1971 के भारत पाक युद्ध में विजय के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भारतीय सेना के 'विक्टरी फ्लेम' का विश्वविद्यालय में स्वागत किया जायेगा. सायं 06 :30 पर विश्वविद्यालययीन विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी. 
 
 
 
 
 
 
 
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