पाँचवा स्तंभ ।अब तो गणेश जी सद्बुद्धि दें ताकि दुनिया बन सके पर्यावरण मित्र

Eco-Friendly: गणेश जी बनाने के पहले दुनिया बने पर्यावरण मित्र


  • ब्रजेश त्रिपाठी


आजकल सोसल मीडिया से लेकर सब दूर हेश टेग के साथ साथ बॉक्स आइटम में लिखा आ रहा है.. "इको फ्रेंड गणेश जी.."अब मूढ़ मति कलजुगी संसार को श्री गणेश जी सद्बुद्धि दें कि दुनिया इकोफ्रेंड बने न कि प्रभु श्री गणेश जी.. श्री गजानन महाराज तो सनातन काल से प्रकृति उपासना के साक्षात वाहक है..!!!
           फूल चढ़े दूब चढ़े और चढ़े मेवा..यह सब प्रकृति से तादाम्य का ही सुर है प्रभु को सेवा में पूजन अर्चन में पर्यावरण ही प्रिय है..शादी व्याह - तिलकोत्सव लेकर स्थानीय पूजन में गाय के गोबर की रचना भी प्रकृति पूजन का सबसे बड़ा प्रतीक है.. मायावी संसार खुद तो सुधरना नही चाहता उल्टे प्रभु स्वरूप को लेकर ज्ञान पेल रहा है..!!!
         तिलक महाराज ने भी श्री गणेशोत्सव परम्परा में सनातनी स्वरूप और प्रतीकों को ही बनाये रखा था.. यह स्वरूप ही सालो साल सजता आया है लेकिन मार्केट ने इसमे घुसपैठ करके केमिकल गिरी को चमका दिया है..!!!
          माटी पूजन हमारी अमिट  थाती रही है..भूमि पूजन के बिना कोई भी पूजन परम्परा का शुभारम्भ ही नही होता क्योकि जीवन का आरम्भ और अंत उसी में समाहित है ..लेकिन अब मिट्टी के बजरिकरण(रेत सीमेंट) के चलते शुद्ध मिट्टी भी दूभर हो गई है..!!!
       हमने अकेली माटी या गाय का गोबर ही नही खोया है बल्कि अपनी प्रकृति से ही खिलवाड़ की है इस खेल के चलते ही मूर्ति कारों को प्लास्टर ऑफ पेरिस जैसे कृत्रिम आसान उपायों को आजमाने की मोहलत मिली और रंगीन चकाचौन्ध ने इस मोहलत को अंधाधुंध धंधे में बदल दिया नतीजा हमारे सामने है..!!!
      इस नतीजे का कुछ घटिया लोगों ने आस्था विरोध के रूप में ऐसा दुष्प्रचार किया कि वह विसर्जन के समय की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर धर्म पर चटखारे लेकर पोस्ट करने लगे जबकि यह निहायत ही गैर जिम्मेदाराना कृत्य है क्योकि इसके लिए आस्था नही बल्कि मुनाफाखोरी की भूख की   लपलपाहट दोषी है..!!!
         आज जब प्रायोजित रूप से हमारे पर्व, उत्सवधर्मिता को निपट कुत्सित लोगों की गैंग के द्वारा हर स्तर पर हतोसाहित करने का अभियान सनातन चेतना को कुंद करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा हो तब हम सबको अपने प्रतीकों के प्रति ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है और इसे हम सनातन तरीकों से ही हासिल कर सकते हैं न कि केमिकल्स रंग रोगन से..!!!
    धर्म की जय हो.. अधर्म का नाश हो.. प्राणियों में सद्भाव हो.. विश्व का कल्याण हो..गौ माता की जय हो ..हर हर महादेव के जयकारे के साथ ..घर घर मे श्री गणेश कीजिये ..जय श्री गणेश..आप सभी को श्री गणेश उत्सव की अग्रिम बधाई ..!!!

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