नृत्य कार्यशाला के साथ हुआ लोकोत्सव का आयोजन

नृत्य कार्यशाला के साथ हुआ लोकोत्सव का आयोजन

सागर।  एक ओर बुंदेलखंड का प्रसिद्ध बरेदी नृत्य, नौरता नृत्य, ढिमरयाई नृत्य और लोक गायन, वहीं दूसरी ओर बस्तर के गौर मढ़िया नृत्य जैसी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शक श्रोताओं के हाथ स्वत:ही तालियां बजाने के लिए उठ गए । यह  अवसर था संभावना समग्र विकास समिति गोपालगंज द्वारा आयोजित की गई 15 दिवसीय नृत्य कार्यशाला के समापन समारोह हेतु आयोजित लोकोत्सव का ।संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के सहयोग से उक्त लोक उत्सव का आयोजन  रविंद्र भवन में किया गया। लोक उत्सव कार्यक्रम में कोविड-19  को देखते हुए सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पूर्णरूपेण पालन किया गया वहीं आयोजकों द्वारा मंच से भी बार-बार मास्क लगाने तथा सामाजिक दूरी बनाए रखने की बात याद दिलाई जाती रही 
प्रस्तुतियों के पूर्व लोकोत्सव का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के पूजन एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया कार्यक्रम में अतिथियों के रूप में सागर संसदीय क्षेत्र के  सांसद श्री राजबहादुर सिंह,स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के संस्थापक कुलपति डॉ. अनिल तिवारी ,वरिष्ठ रंगकर्मी एवं निर्देशक मुंबई श्री जगदीश शर्मा, इंक मीडिया के निदेशक डॉ. आशीष द्विवेदी उपस्थित थे. अतिथियों का स्वागत कार्यशाला निर्देशक एवं आयोजक अतुल श्रीवास्तव एवं उनके सहयोगी कलाकारों द्वारा किया गया।  इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि  सांसद राज बहादुर सिंह ने कहा कि नये कलाकारों का स्वागत कर उनका उत्साह बढाना चाहिए क्योंकि लोक कलायें पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती है . अनिल तिवारी ने इस तरह के कार्यक्रम को आवश्यक बताया. वरिष्ठ रंगकर्मी श्री जगदीश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि..रचनात्मकता कभी खत्म नहीं होती, संकट के दिन कलाकारों के जज्बे को हरा नहीं सकते .. कार्यक्रम को इंक मीडिया निदेशक डॉ. आशीष द्विवेदी ने भी संबोधित किया उन्होंने कहा कि ऐसे कठिन समय में इस तरह के कार्यक्रम जीवन में ऊर्जा का संचार करते हैं। 

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उद्बोधन के पश्चात आरंभ हुई प्रस्तुतियों में सर्वप्रथम बुंदेली लोकगीत की प्रस्तुति दी गई इसके लिए गायक कपिल चौरसिया को भरपूर सराहना मिली तत्पश्चात पारंपरिक वेशभूषा और क्रमबद्ध मंच पर आए कलाकारों ने नौरता नृत्य की प्रस्तुति लखन रजक के मार्गदर्शन में दी और दर्शकों की तालियां बटोरीं तत्पश्चात आशीष खटीक के निर्देशन में बस्तर का प्रसिद्ध गौरव माढ़िया नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया इसके बाद बुंदेलखंड का प्रसिद्ध बरेदी नृत्य मनीष यादव के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया और कार्यक्रम के अंत में लीलाधर रैकवार द्वारा ढिमरयाई नृत्य एवं गायन की प्रस्तुति दी गई कार्यक्रम में संगत कलाकारों के रूप में राजेश चौरसिया मनोज शिल्पकार रीतेश चौरसिया एवं शिवम बंसल और अन्य कलाकारों ने अपना कौशल दिखाया कार्यक्रम में मंच संचालन सतीश साहू ने किया तथा मंच सज्जा राजीव जाट की थी 
संभावना समग्र विकास समिति द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में जिन कलाकारों द्वारा प्रशिक्षण लिया गया उनमें चंचल आठिया, शिखा विश्वकर्मा, स्नेहा शुक्ला, सुरभि शुक्ला, आरती सेन, दीपाली जैन, रुचि रैकवार, खुशी यादव, पारूल यादव, सेजल नामदेव, शैली सैनी, सृष्टि विश्वकर्मा, शालू विश्वकर्मा, वर्षा पटेल, रूशाली तिवारी, तनीषा ठाकुर और अन्य कलाकार शामिल थे लोक उत्सव में विशेष सहयोग श्री उमाकांत मिश्र, डॉ ओमप्रकाश चौबे, श्री राजकुमार रायकवार, श्री कपिल स्वामी, श्री प्रेम कुशवाहा, श्री दीपक स्वामी, श्री राहुल चौरसिया, श्री रामसिंह ठाकुर और श्री पवन चौरसिया का रहा 
 कार्यक्रम के अंत में संभावना समग्र विकास समिति के निदेशक तथा आयोजक अतुल श्रीवास्तव ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया कार्यक्रम में उमाकांत मिश्रा राजकुमार तिवारी अम्बिका यादव,राजकुमार रैकवार,जय शेखर, सुधीर तिवारी, विनोद उपाध्याय, प्रमिला सागर, शरद यादव, अतीश नेमा, मयंक तिवारी, विनीता दोहरे, प्रवीण कैम्या, अमित नामदेव, संतोष दांगी सरस, मोहन, योगेश, आदि उपस्थित रहे।

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