यह करुणा का सागर है तो बरसात होगी ही: नागर जी ★श्रीमद् ज्ञानगंगा भागवत कथा का आयोजन

यह करुणा का सागर है तो बरसात होगी ही: नागर जी

★श्रीमद् ज्ञानगंगा भागवत कथा का आयोजन

सागर ।  ग्राम पटकुई बरारू वृंदावन धाम परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह के द्वितीय दिवस संत कमल किशोर नागर जी ने कहा कि यह सागर करुणा का सागर है जहां कथा शुरू होते ही बरसात हो गई |आपने कथा को समय दिया तो दूसरे दिन ही प्रभु ने बरसात के रूप  में लौटा दिया |  बरसात किसानों के चेहरों पर मुस्कान लाए तो यह प्रभु की कृपा ही है| उन्होंने कहा कि संसार में सब कुछ खरीदा जा सकता है लेकिन कभी सुख नहीं |इसी तरह दुख को बेचा नहीं जा सकता| जिनके कर्म अच्छे हैं तो सुख उनके पुण्य रूपी भंडार में जमा हो जाता है | हरि गुण गाने से ही पाप  घटता है| वृंदावन धाम के भव्य पंडाल में बड़ी संख्या में कथा श्रवण के लिए उपस्थित श्रद्धालुओं को कथा का अमृत पान कराते हुए पंडित कमल किशोर नागर जी ने कहा कि जब हमारा शरीर अच्छा है| सत्ता अच्छी है तो खाने का समय नहीं है |जब बुढ़ापा है, तब इच्छा अनुसार मिल नहीं रहा| यदि  बेटा बहू है तो दे नहीं रही या डॉक्टर ने मना कर दीया| इसलिए भोजन और भजन का मजा भी नई उम्र में ले लेना चाहिए |बाद के लिए मत छोड़ो| जवानी में भजन पुण्य किया तो पुण्य हमेशा जवान रहेगा, बुढ़ापे में किया तो पुण्य कमजोर ही रहेगा| पाप सब जवानी में कर डालें और पुण्य बुढ़ापे में किया तो गंतव्य तक नहीं पहुंचा  सकेगा| नागर जी ने कहा कि अपने जीवन में गाय की सेवा करके, सत्संग करके, ध्यान करके, माला जपके देखो कभी ब्लड प्रेशर नहीं होगा| ब्लड प्रेशर पहले नापना और यह सब करके नापना, अंतर समझ में आए तो यही करना और इसे प्रभु की कृपा समझना|
उन्होंने कहा कि जीवन में यह बात ध्यान रखें कि गाय पशु नहीं है, तुलसी वृक्ष नहीं है ,श्रीमद् भागवत कोई कहानी नहीं है और भारतवर्ष कोई मिट्टी का ढेला नहीं है| इन सबमें परमात्मा का वास है इनके प्रति श्रद्धा,भक्ति और विश्वास होना जरूरी है| संत ने कहा कि लोग रोटी की व्यवस्था तो कर लेते हैं लेकिन मुक्ति की व्यवस्था में पीछे रह जाते हैं| पेट खाली है इसकी चिंता है लेकिन हृदय  खाली है  उसका भी ध्यान करो|हृदय में भगवान का वास हो तो यह जीवन तर जाता है| संत श्री ने कहा कि वचन गुरु के और मानव तन यह दोनों अनमोल होते हैं| इन्हें बर्बाद मत करो| भगवान को पाने के लिए ह्रदय में भाव होना चाहिए| अपना भाव इतना बड़ा दो कि आसमान छुए, लेकिन भाव भागवत प्राप्ति के लिए होना चाहिए ना की सांसारिक वस्तुओं के लिए| संत श्री  ने कहा कि राम से राम का नाम बड़ा है, नारी से उसका सुहाग बड़ा है, पृथ्वी से आकाश बड़ा है, कृष्ण से उनकी कथा बड़ी है और मारने वाले से बचाने वाला सबसे बड़ा है|उन्होंने कथा प्रसंग सुनाते हुए कहा कि उद्धव जी जब गोकुल गए तो लौटने में 2 महीने लगा दिए| कृष्ण जी ने जब कारण पूछा तो उद्धव जी ने कहा कि भगवन जो आनंद आपके भजन में है वह आनंद आप में नहीं है | यह बात गोपियों ने साबित कर दी|  भगवान आपसे बड़ी तो आप की कथा है| जो कथा को अवतार समझता है वह  अवसर है और इस अवसर को खोना नहीं चाहिए| संत श्री ने कहा कि मंदिर की मूर्ति को कभी पाषाण न समझे|मूर्ति बोलती नहीं है लेकिन भगवत दर्शन कराती है और कथा दर्शन नहीं देती लेकिन मोक्ष का मार्ग बताती है, इसलिए जीवन में दोनों को अपनाएं| उन्होंने कहा कि संसार में सुख की आशा मत करो जीवन में कष्ट ही कष्ट है| यह शरीर साथ नहीं जाएगा पर उससे किया भजन साथ जाएगा |पैसा साथ नहीं जाएगा लेकिन उससे किया गया पुण्य साथ जाएगा| इंसान आधा जीवन इकट्ठा करने में लगा देता है, फिर भी आधा जीवन उसका दाता की तरह नहीं बल्कि भिखारी  की तरह ही कटता है क्योंकि जिसके लिए कमाया अब वह उसके अधीन हो गया|  इसलिए हमेशा पुण्य कमाओ जो हमेशा साथ रहे|
कथा अवसर पर मुख्य यजमान श्रीमती राम श्री, श्याम केशरवानी, सागर विधायक शैलेंद्र जैन, खनिज विकास निगम उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर, सुशील तिवारी, मदन सिंह राजपूत, पृथ्वी सिंह ठाकुर, जगदीश गुरु, विनोद  गुरु, राजेश केसरवानी, सोहन केशरवानी, मोहन केशरवानी, राकेश राय बेगमगंज,राजेंद्र बरकोटी,नितिन राय सिलवानी के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे|


 प्रतिदिन प्रभात फेरी भजन कीर्तन भी
संत श्री कमल किशोर नागर जी द्वारा की जा रही श्रीमद् भागवत कथा स्थल पर प्रतिदिन 24 घंटे ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप किया जा रहा है|इंदौर से आए बाबूलाल जाट ने बताया कि इंदौर, शाजापुर, शुजालपुर आदि जगहों से 200 से अधिक श्रद्धालु आए हुए हैं| श्रीमद्भागवत प्रभात फेरी मंडल द्वारा प्रतिदिन सुबह भजन कीर्तन के साथ प्रभात फेरी निकाली जा रही है| कथा समय को छोड़कर शाम 5:00 बजे से सुबह 11:30 बजे तक प्रतिदिन जाप किया जा रहा है| जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं|


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