गौर विवि सागर के चार वर्षीय इंट्रीग्रेटिड B.ED. कोर्स को शिक्षक पात्रता परीक्षा में मान्यता को लेकर हाईकोर्ट से याचिका वापिस, केट में जाने का सुझाव


गौर विवि सागर के चार  वर्षीय इंट्रीग्रेटिड B.ED. कोर्स को शिक्षक पात्रता परीक्षा में मान्यता को लेकर हाईकोर्ट से याचिका वापिस, केट में जाने का सुझाव

जबलपुर।जबलपुर हाईकोर्ट ने  केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के छात्रों द्वारा केन्द्रोय विद्यालय संगठन द्वारा  की जा रही शिक्षकों की भर्ती मे शामिल न करने के विज्ञापन को  लेकर दायर की गई याचिका  को बापिस करते  हुए केट (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल)  मे दाखिल करने का सुझाव दिया है। डा हरिसिंह गौर केन्द्रोय विश्वविद्यालय सागर  के चार  वर्षीय इंट्रीग्रेटिड B.ED. कोर्स करने बाले छात्र छात्राओं द्वारा अधिवक्ता रामेश्वर  सिंह  ठाकुर  के माध्यम  से  याचिका  दाखिल  करके  केन्द्रोय  विद्यालय  संगठन  द्वारा  पीजीटी एवं TGT शिक्षकों  के हजारों  पदों  पर  भर्ती  हेतु  विज्ञापन  जारी की वैधानिकता को  चुनोती  दीं गई  थी !  उक्त विज्ञापन  मे  केवल  क्षेत्रीय कालेज  की बी एड डिग्री को ही मान्य किया जा रहा है जबकि  याचिका कर्ताओ  द्वारा  NCTE से मान्यता  चार वर्षीय इंट्रीग्रेटिड बीएड डिग्री केन्द्रोय  विश्वविद्यालय सागर से की गई है अर्थात उक्त याचिका  कर्ताओ  को  केन्द्रोय  विद्यालय संघठन  असंवैधानिक  है अर्थात केन्द्रोय  विद्यालय  संगठन  का  उपरोक्त  कृत्य  संविधान  के अनुच्छेद  14,16,19 एवं 21 का उल्लंघ्न  किया जा रहा है !  याचिका  की  प्रारंभिक   सुनवाई  जस्टिस  विवेक  अग्रवाल  द्वारा  की गई । अधिवक्ता  रामेश्वर  सिंह  ठाकुर  द्वारा  कोर्ट के समक्ष  मेरिट  पर तर्क  किया  गया  तथा  कोर्ट ने याचिका  मे  अंतिम फैसले  के लिए  केस रिजर्व  कर लिया  गया । जिसमे  आज मंगलवार को  निर्णय  पारित  कर  याचिका कर्ताओ  को  याचिका  बापिस  करने  के आदेश  सहित  केन्द्रोय प्रशासनिक  अधिकरण मे  याचिका  दाखिल करने  का सुझाव  सहित  याचिका निराकृत  की गई ।

उल्लेखनीय है केन्द्रोय विश्वविद्यालय सागर  द्वारा  संचालित NCTE से मान्यता प्राप्त चार वर्षीय इंट्रीग्रेटिड कोर्स बी.ए.-बी एड. तथा बी. एस.-बी. एड. के डिग्री धारी को केन्द्रोय विद्यालय संगठन ने किया शिक्षक भर्ती मे अपात्र किया था।  नवोदय विद्यालय द्वारा शिक्षकों  की भर्ती  मे चार वर्षीय इंट्रीग्रेटिड कोर्स  को  किया मान्यता दी जा रही है। जबकि  केन्द्रोय विद्यालय संघठन इसको अमान्य  कर रहा  है। डॉ हरिसिंह  गौर केन्द्रोय विश्वविद्यालय  सागर  से  इंट्रीग्रेटिड कोर्स  करने बाले  हजारों  छात्रों  का भविष्य अधर मे  फंसा हुआ है। इस मामले में केंद्रीय विवि सागर ने भी प्रशासनिक स्तर पर पत्राचार किया है।  




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