sagar: रिश्वत के आरोपी पंचायत सचिव को चार साल की सजा

Sagar: रिश्वत के आरोपी पंचायत सचिव को 4 साल की सजा

सागर । मनरेगा के अंतर्गत कपिल धारा योजना के तहत कुआॅं खुदवाने हेतु राषि स्वीकृत कराने की एवज् में रिवत लेने वाले आरोपी कैलाष राय (सचिव, ग्राम पंचायत मडैया माफी) को न्यायालय-विषेष न्यायाधीष भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, सागर श्री आलोक मिश्रा की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम,1988 की धारा-7 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 8,000/- रू. (आठ हजार रूपये) अर्थदण्ड एवं धारा-13(1)(डी) सपठित धारा 13(2) के तहत 04 वर्ष का सश्रम कारावास व 8,000/- रू. (आठ हजार रूपये) अर्थदण्ड  की सजा से दंडित किया है उक्त मामले की पैरवी श्री श्याम नेमा, वरिष्ठ सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने की ।

यह भी पढ़े: 



घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 28.11.2017 को आवेदक इमाम खां ने पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त कार्यालय सागर को एक टाईपषुदा शिकायत/आवेदन इस आशय का दिया कि उसकी माॅं गुड्डीबाई के नाम से मनरेगा के अंतर्गत कपिल धारा योजना के तहत कुआॅं खुदवाने हेतु राषि स्वीकृत कराने के लिये अभियुक्त कैलाष राय, (सचिव, ग्राम पंचायत मडैया माफी) ने 10,000/- रूपये की रिष्वत की माॅंग की है । वह अभियुक्त को रिश्वत नहीं देना चाहता, बल्कि रंगे हाथों पकड़वाना चाहता है। अतः कार्यवाही किये जाने का निवेदन किया, इसके साथ गुड्डीबाई का लिखित सहमति-पत्र भी संलग्न किया था। आवेदन में वर्णित तथ्यों के सत्यापन हेतु एक डिजीटल वाॅयस रिकाॅर्डर दिया गया इसके संचालन का तरीका बताया गया, अभियुक्त से रिश्वत मांग वार्ता रिकाॅर्ड करने हेतु निर्देशित किया तत्पश्चात् आवेदक द्वारा माॅगवार्ता रिकार्ड की गई एवं तकनीकि कार्यवाहियाॅ की गई एवं टेªप कार्यवाही आयोजित की गई नियत दिनाॅक को आवेदक द्वारा अभियुक्त को राषि दी गई व आवेदक का इषारा मिलने पर टेªप दल के सदस्य मौके पर पहुॅचे और और प्रकरण में अन्य विधिवत कार्यवाहियाॅ की गई। 
_______


विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्षा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-7 एवं धारा-13(1)(डी) सपठित धारा 13(2) का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेष किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । न्यायालय द्वारा ग्राम पंचायत ग्राम मड़ैया माफी में नाली की ओर ग्रेवल लोड़ का निर्माण कार्य का भुगतान पूर्व में हो जाने एवं पुनः भुगतान होने की अनियमितता का तथ्य संज्ञान में लेते हुये जिला कलेक्टर सागर को उपरोक्त संबंध में जाॅच कराकर आवष्यक कार्यवाही किये जाने के अतिरिक्त निर्देष भी दिये है। 
                                                                                        

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें