आत्मा ईश्वर की दी हुई ऊर्जा है : देवदास जी▪️श्री महालक्ष्मी यज्ञ की हजारों श्रद्धालुओं ने परिक्रमा की▪️पूर्णाहुति, भंडारा एवं होलिकोत्सव 1 मार्च को

आत्मा ईश्वर की दी हुई ऊर्जा है : देवदास जी

▪️श्री महालक्ष्मी यज्ञ की हजारों श्रद्धालुओं ने परिक्रमा की

▪️पूर्णाहुति, भंडारा एवं होलिकोत्सव 1 मार्च को

सागर ,28 फरवरी,2023. बमोरी रेंगुवा में पंडित अजय दुबे के कृषि फार्म हाउस पर आयोजित श्री महालक्ष्मी यज्ञ एवं दिव्य सत्संग के आठवें दिवस देवदास जी बड़े महाराज ने श्रद्धालुओं की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए आत्मा के संबंध में विस्तार से चर्चा की । उन्होंने कहा कि आत्मा शरीर के कण-कण में निहित है । इसको ना जलाया जा सकता है, और ना ही काटा जा सकता है । आत्मा के साथ ही प्राण भी रहते है । हमारे शरीर , मन , बुद्धि , जीव , अहंकार और आखिर में आत्मा को प्राण की जरूरत होती है । यह प्राण बाहर से संचालित होते हैं । उसे बनाए रखने का माध्यम  सिर्फ श्वास है । प्राण हमारे बाहर ही है , जो हमें वायु तत्व से प्राप्त होते हैं । आत्मा सभी जगह विद्यमान है । यह कहना मुश्किल है कि यहां नहीं है, वहां नहीं है। आत्मा सर्वत्र है ।  आत्मा ईश्वर की दी हुई उर्जा है।


श्री देव दास जी महाराज ने कहा कि ईश्वर का अंश जीव है और जीव अविनाशी है । इसका कभी नाश नहीं होता । यह शरीर छोड़कर  दूसरे शरीर में प्रवेश करता है  । लेकिन सर्वदा कायम रहता है  । उन्होंने कहा कि हमारे अंदर जो आत्मा है जब तक वह ईश्वर की अपने मुख्य बिंदु तक नहीं पहुंचती तब तक शरीर बदलती रहती है।

प्रत्येक जीव में ईश्वर का बास:-
 देवदास जी महाराज ने कहा कि जीव अनंत कोटि सूक्ष्म कणों से बना है और प्रत्येक जीव में ईश्वर व्याप्त है ।  ईश्वर शिख से लेकर नख तक और ब्रह्मांड के हर कण में व्याप्त है ।  जब हम अपने अंदर के जीव के समक्ष जाएंगे तो हमें आत्मज्ञान प्राप्त हो जाएगा और आत्मज्ञान से ही  ईश्वर तक पहुंचने का सबसे सरल मार्ग मिल जाएगा । साधना से साधक तक जब आंतरिक ऊर्जा प्राप्त कर लेता है वह ईश्वर की प्राप्त कर लेता है । 

शरीर नहीं भगवत प्रेम को सुरक्षित रखो:-

 देव दास जी महाराज ने कहा कि एक एक बूंद बारिश होती है और वह पानी विभिन्न नालो , नदियों से होकर समुद्र में पहुंच जाता है । ऐसा ही हमारा शरीर है यदि इसे सदकर्म में लगाओगे तो यह विभिन्न मार्गो से होकर ईश्वर के समीप तक अवश्य पहुंचेगा ।  हम हमेशा शरीर को सुरक्षित करने में लगे रहते हैं , लेकिन कभी इसे सुरक्षित नहीं कर पाए और अवस्था पूर्ण कर यह मिट्टी में मिल गया ।  मनुष्य यदि अपने आप को पहचान जाए अपने मन को भगवत कर्म,भजन में लगा ले तो वह सर्वदा सुरक्षित है । ईश्वर है कि नहीं इस चक्कर में पड़ने के बजाए भजन, कीर्तन, तप, कर्म में ध्यान लगाओगे तो मन को ईश्वर की अनुभूति अपने आप होने लगेगी । 

घर का दीपक बुझ सकता है ज्ञान का दीपक नहीं:-

देव दास जी महाराज ने कहा जब हमारी अंतर चेतना ईश्वर रूपी ऊर्जा में समाहित होती है तो वह प्रकाश बन जाती है । जिस प्रकार आप अपने घर में प्रकाश करते हैं उसी प्रकार से अपने अंतर्मन को भी प्रकाशित करें । आपके घर में जलाया गया दीपक धीमा पड़ सकता है, बुझ सकता है लेकिन गुरु के द्वारा मन में जलाया गया ज्ञान रूपी दीपक कभी धीमा नहीं पढ़ सकता ।  जब आत्मा रूपी मन जाग जाता है तो जीवन प्रकाशमय में हो जाता है ।


मन आत्म बल से युक्त होना चाहिए :-

देवदास जी महाराज ने कहा कि ईश्वर की प्राप्ति के लिए मन में लगन और आत्मबल होना जरूरी है । आत्मबल ऐसा होना चाहिए कि तमाम व्याधि बाधाएं आए लेकिन मन भटके ना । महाराज श्री ने कहा कि जिस प्रकार  हम दीपक जलाते हैं तो वह प्रकाश देता है ।  कई कीट , पतंगे उसके पास आते हैं और जलकर नष्ट हो जाते हैं । उसी प्रकार जब आप मन ईश्वर में लगाएंगे तो तमाम विकार रूपी विचार आएंगे , लेकिन उन से हटकर जब हम आगे बढ़ेंगे तो प्रभु के समीप पहुंचने का मार्ग अपने आप प्रकाशमान होने लगेगा ।  हमेशा याद रखें जो आत्मज्ञानी, सिद्ध, गुरु, भगवान होते हैं वही ईश्वर हैं । 
कथा श्रवण अवसर पर राजेंद्र जारोलिया, पप्पू गुप्ता, गुंजन शुक्ला, लक्ष्मी नारायण पाठक, शिव प्रसाद तिवारी, रामचंद्र शर्मा, रमेश पांडे,  राघवेंद्र नायक, कमलेश बघेल, अंकुर दुबे आदि उपस्थित थे ।

महालक्ष्मी यज्ञ की पूर्णाहुति, भंडारा, होलीका उत्सव 1 मार्च को

बम्होरी रेंगुवा में पंडित अजय दुबे के कृषि फार्म पर चल रहे श्री महालक्ष्मी यज्ञ की पूर्णाहुति 1 मार्च बुधवार को होगी । दोपहर में देव दास जी महाराज की कथा तथा होलीका उत्सव के तहत फूलों की होली खेली जाएगी । इसके अलावा विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया है ।
नौ दिवसीय महालक्ष्मी यज्ञ में आठवें दिन  लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा आहुति डाली गई । यज्ञाचार्य पं.केशव जी महाराज श्रीधाम वृन्दावन ने बताया कि 21फरवरी को गणेश पूजन पंचांग पूजन के साथ मंडप प्रवेश हुआ था । पूरे यज्ञ में सवा लाख आहुति का संकल्प किया गया था । दिन प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती गई और अधिक संख्या में आहुति के साथ आज यज्ञ संपन्न हो रहा है ।  22 मार्च से आहुति प्रारंभ हुई थी ।  मंगलवार को 23 हजार आहुति के साथ कुल 1 लाख 66 हजार 105 आहुति डाली जा चुकी है । बुधवार को सुबह 7बजे से पूजन होगा । इसके पश्चात पूर्णाहूति की जायेगी।



महालक्ष्मी यज्ञ में आज साधना अजय दुबे , शिवानी संजय  चौबे , रितु श्याम तिवारी ,  रजनी सुशील तिवारी , सीमा भरत तिवारी , अपूर्वा राहुल मिश्रा , पारुल विशाल अग्रवाल , अंकित दुबे , सोनम पप्पू तिवारी ,संतोषी शिवप्रसाद तिवारी,सुनीता रामचंद्र शर्मा , रश्मि हरिशंकर पाठक , सुनीता श्याम पचौरी , राघवेंद्र नायक के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आहुति दी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें