पौड़ी जलाशय फूटने की घटना : कमिश्नर ने दमोह जल संसाधन विभाग के दो अफसरों को किया सस्पेंड ,जांच दल बनाया

पौड़ी जलाशय फूटने की घटना :  कमिश्नर ने दमोह जल संसाधन विभाग के दो अफसरों को किया सस्पेंड , जांच दल बनाया

तीनबत्ती न्यूज :26 जुलाई ,2023
सागर ।संभागायुक्त डा. वीरेन्द्र सिंह रावत ने पदीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने के आरोप में जल संसाधन विभाग दमोह के एक अनुविभागीय अधिकारी श्री एल.के. द्विवेदी और एक उपयंत्री श्री डी.के. असाटी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। कमिश्नर द्वारा यह कार्यवाही कलेक्टर दमोह के प्रस्ताव पर की गई है।
दमोह जिले की तहसील तेन्दूखेड़ा अंतर्गत स्थित पौड़ी जैतगढ़ जलाशय में 24 जुलाई की रात्रि से जल रिसाव प्रारंभ हो गया था, जिसकी सूचना मिलते ही तत्काल आवश्यक कार्यवाही प्रारंभ की गई। किन्तु 25 जुलाई की प्रातः 5.00 बजे के लगभग उक्त जलाशय फूट गया। जिससे आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जल भराव हो गया था। इससे भारी नुकसान हुआ। तीन गांव खाली कराए गए। सड़के पुल आदि क्षतिग्रस्त हुए है। 




तालाब बचाने के नही किए उपाय

कमिश्नर ने प्रस्ताव के अवलोकन एवं परीशीलन उपरांत पाया गया कि अनुविभागीय अधिकारी श्री एल.के. द्विवेदी और उपयंत्री श्री डी.के. असाटी द्वारा पौड़ी जैतगढ़ जलाशय के फूटने की अशंका होने के बावजूद भी जलाशय में समुचित देखरेख एवं जलाशय के बचाव के लिए पूर्व से कोई उपाय नही किया गया। उनका यह कृत्य पदीय दायित्वों के निर्वहन में की गई घोर लापरवाही का द्योतक होकर म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उपनियम का उल्लघंन है। श्री एल.के. द्विवेदी, एवं श्री डी.के. असाटी को म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 09 के अन्तर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में मुख्यालय, कार्यालय कलेक्टर जिला दमोह नियत किया गया हैं।


       

 पौड़ी जैतगढ़ जलाशय के क्षतिग्रस्त होने की जांच तीन सदस्यीय दल करेगा

संभागायुक्त डा. वीरेन्द्र सिंह रावत ने कलेक्टर दमोह से प्राप्त प्रतिवेदन के परिप्रेक्ष्य में पौड़ी जैतगढ़ जलाशय के क्षतिगस्त होने के संबंध में जाँच हेतु तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया है। इनमें सागर संभाग के अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण और अधीक्षण यंत्री जल संसाधन विभाग शामिल है।
गठित जांच दल तीन दिवस में जांच कर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगा। जांच के बिन्दुओं में पहला पौड़ी जैतगढ़ जलाशय के भराव एवं अनुरक्षण के संबंध में निर्धारित मैन्युअल का पालन किया गया है अथवा नही। दूसरा बांध के तकनीकी परिकल्पन एवं निर्माण की गुणवत्ता (सिविल एवं यांत्रिकी) मानक के अनुरूप है अथवा नहीं। तीसरा अन्य तकनीकी कारण।

मंगलवार को फूटा तालाब

तेंदूखेड़ा ब्लॉक का 30 साल पुराना पौड़ी जलाशय मंगलवार तड़के 4:30 बजे लीकेज की वजह से फूट गया। पानी के तेज बहाव से पक्की सड़कें और पुलिया क्षतिग्रस्त हो गईं। बिजली के खंभे उखड़ गए। यह लीकेज सोमवार को देर रात 11:30 बजे से ही चालू हो गया था। गांव के तीन लोगों की सतर्कता से 2,500 लोगों की जान बच गई। खतरे का आभास होते ही उन्होंने तत्काल सरपंच को इसकी जानकारी दी।


सरपंच ने अधिकारियों को बताया। इसके बाद प्रशासन ने रात में ही पौड़ी और जैतगढ़ गांव के 2,500 से ज्यादा ग्रामीणों और मवेशियों को गांव से बाहर निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचा दिया था, लेकिन तालाब फूटने से इनके घरों में रखा गृहस्थी का सामान, अनाज और जेवरात बह गए। जलाशय फूटने से किसानों की 200 एकड़ खेत में लगी मक्का व धान फसल पानी में बह गई। कई घरों में 6 से 8 फीट तक पानी भरा है।




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें