बीजेपी विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने पार्टी छोड़ी:पार्टी से दिया इस्तीफा▪️विधायक बोले : सिंधिया के आने के बाद भाजपा की रीतिनीति बदल गई

बीजेपी विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने पार्टी छोड़ी:पार्टी से दिया इस्तीफा
▪️विधायक बोले :  सिंधिया के आने के बाद भाजपा की रीतिनीति  बदल गई 

MP Election 2023 :
तीनबत्ती न्यूज :31 अगस्त ,2023
 शिवपुरी।  मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले की  कोलारस विधानसभा से भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इससे बीजेपी को चंबल अंचल में एक बड़ा झटका लगा है। प्रति की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए दो पेज का पत्र लिखा है। इसके अनेक गंभीर आरोप पार्टी की रीति नीति और स्थानीय अफसरों के भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए है। 


पार्टी पर लगाए आरोप

विधायक वीरेंद्र रघुवंशी के इस निर्णय से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर कई आरोप लगाए हैं। उन्‍होंने कहा कि सिंधिया के आने के बाद भाजपा की रीतिनीति ही बदल गई है। ग्वालियर-चंबल में मूल कार्यकर्ताओं को कुचला जा रहा है। रघुवंशी का कहना है कि साढ़े 3 साल से सीएम को अपनी पीड़ा बता रहा हूं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। उनका आरोप है कि ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के साथ आई टीम भ्रष्टाचार में डूबी है। अधिकारियों की पोस्टिंग को लेकर भी उन्‍होंने नाराजगी जाहिर की है।


फर्जी एफआईआर की बात भी कही

वीरेंद्र का आरोप है कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर और प्रभारी मंत्री महेंद्र सिसोदिया विकास में बाधक बन रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि मुझे भूमि पूजन तक नहीं करने दिया जा रहा है। पूरी ताकत से सिंधिया के मंत्री विकास कार्यों को क्षति पहुंचा रहे हैं। इन लोगों ने मुझ पर फर्जी एफआईआर करने का भी पूरा प्रयास किया।


राजनीति की शुरुआत सिंधिया के साथ

उल्लेखनीय है कि रघुवंशी ने सिंधिया के साथ राजनीति की शुरुआत की थी, लेकिन सिंधिया से नाराजगी के बाद भाजपा में आ गए थे। माना जा रहा है कि अब वे शिवपुरी से यशोधरा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। वीरेंद्र रघुवंशी पहले कांग्रेस में थे. वह सिंधिया समर्थक माने जाते थे. 2007 में वह कोलारस विधानसभा उपचुनाव में बतौर कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव जीते थे. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया से मनमुटाव के बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. बीजेपी ने 2018 में उन्हें कोलारस विधानसभा से टिकट दिया था और वह चुनाव जीतकर विधायक बने थे.

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