किसान नरवाई जलाने से बचें और मोटे अनाज का उपयोग कर स्वस्थ रहें : मंत्री गोविंद राजपूत ▪️दो दिवसीय जिला स्तरीय मिलेट्स फूड फेस्टिवल सह कृषि मेला का शुभारंभ

किसान नरवाई जलाने से बचें और मोटे अनाज का उपयोग कर स्वस्थ रहें : मंत्री गोविंद राजपूत

▪️दो दिवसीय जिला स्तरीय मिलेट्स फूड फेस्टिवल सह कृषि मेला का शुभारंभ


तीनबत्ती न्यूज : 28 अप्रैल, 2025

सागर :  प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि किसान आधुनिक कृषि की तकनीक सीख कर और आधुनिक कृषि के तरीके अपनाकर कृषि उत्पादन बढ़ाएं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार कटिबद्ध है। सरकार द्वारा किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।  मंत्री ने कहा कि किसान नरवाई जलाने से बचें। उन्होंने कहा कि नरवाई जलाने से मिट्टी के पोषक तत्व समाप्त होते हैं।  उन्होंने किसानों को  मोटे अनाज   उपयोग करने की सलाह दी और कहा कि सागर जिले में बारदाने की कमी को दूर करने के लिए शीघ्र ही दो ट्रेन आएंगी। 


मंत्री  गोविन्द सिंह राजपूत आज सागर के पद्माकर सभागार में दो दिवसीय जिला स्तरीय मिलेट्स फूड फेस्टिवल सह कृषि मेले में उपस्थित कृषकों को संबोधित कर रहे थे। मेले का शुभारंभ प्रदेश खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने किया। इस
 अवसर पर सांसद श्रीमती लता वानखेड़े, विधायक शैलेंद्र जैन, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष  देवेंद्र सिंह, उपसंचालक कृषि श्री राजेश त्रिपाठी सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में किसान भाई मौजूद थे।

खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि किसान भाइयों को समय पर भुगतान हो एवं उपार्जन का समय पर परिवहन हो इसके लिए कलेक्टर को निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि परिवहन समय पर हो इसके लिए सागर जिले में बारदाने की दो स्पेशल ट्रेन आ रही है। जिससे कि बारदाने की कमी पूर्ण रूप से खत्म होगी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में अभी तक 118 करोड़ रुपए की राशि किसान भाइयों को उपार्जन के रूप में भुगतान की जा चुकी है। शेष राशि का भुगतान लगातार किया जा रहा है।

मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि हमारे पूर्वज पहले मोटा अनाज खाकर स्वस्थ रहते थे और दीर्घायु हुआ करते थे हम सभी को मोटे अनाज खाना शुरू करना चाहिए और स्वस्थ रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान भाई आधुनिक खेती करें जिससे कि आर्थिक रूप से समृद्ध बन सके।

कैंसर के मरीज सागर में बढ़ रहे
मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि सभी किसान भाई गर्मी वाली मूंग की फसल का उत्पादन न करें क्योंकि इसमें अत्यधिक कीटनाशक का उपयोग करते हैं और इसी के कारण सागर जिले में सर्वाधिक कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मूंग की फसल का उत्पादन केवल ठंड में करें।
 
सांसद श्रीमती लता वानखेड़े ने कहा कि मिलेट्स का उपयोग कर स्वस्थ रहें और इसी का उत्पादन करें। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में मिलेट्स वर्ष की शुरुआत की थी। श्रीमती वानखेड़े ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में नई तकनीक का प्रदर्शन कर एवं उपयोग कर आत्मनिर्भर बने। उन्होंने कहा कि यह दो दिवसीय किसान मेला किसानों के लिए एक उत्सव है, किसान इस उत्सव में सभी प्रकार की नई तकनीक की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।

विधायक  शैलेंद्र जैन ने कहा कि किसान भाई हमारे अन्नदाता हैं और इन अन्नदाताओं को समृद्ध बनाने के लिए मध्यप्रदेश की सरकार लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के कारण ही आज हमारे देश की पहचान पूरे विश्व में स्थापित हो रही है। उन्होंने कहा कि फसल में दवाओं के छिड़काव से बीमारियां बढ़ती हैं हमें कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं करना चाहिए और औषधिय फसल का उत्पादन करें। उन्होंने कहा कि सभी किसान भाई आनंद जैन की भांति सौर ऊर्जा का उपयोग के साथ-साथ फसल का उत्पादन करें। उन्होंने कहा कि सभी किसान अपने-अपने खेतों में सोलर ऊर्जा का उपयोग करें जिससे कि बिजली के साथ-साथ फसल के उत्पादन के रूप में डबल आर्थिक रूप से संपन्न हो सकेंगे। मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत सहित सभी अतिथियों ने उन्नत किसानों को प्रमाण-पत्र एवं शॉल श्रीफल से सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अरविंद जैन के द्वारा किया गया एवं आभार  राजेश त्रिपाठी के द्वारा माना।


सुपरसीडर, हैप्पीसीडर पर बैठकर मंत्री श्री राजपूत ने किसानों से की अपील

खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने जिला स्तरीय मिलेट्स फूड फेस्टिवल सह कृषि मेला में कृषि यंत्रों एवं कृषि उत्पादन पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया एवं प्रदर्शनी में रखी गई हैप्पीसीडर, सुपरसीडर पर बैठकर मंत्री श्री राजपूत ने सभी किसान भाइयों से अपील की कि इसका उपयोग करें और नरवाई को भूसा बनाएं। उन्होंने कहा की नरवाई जलाने से भूमि की उर्वरक क्षमता पूर्ण रूप से खत्म होती है जिससे किसान भाई समृद्ध नहीं हो जाते है। उन्होंने कहा की नरवाई जलाने के कारण वातावरण भी प्रदूषित होता है और जनहानि भी होती है।

 



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