SAGAR: फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे पुलिस में भर्ती होने वाले आरोपी को सजा : आवेदक ओबीसी था, बनवाया अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र

SAGAR: फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे पुलिस में भर्ती होने वाले आरोपी को सजा : आवेदक ओबीसी था, बनवाया अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र



तीनबत्ती न्यूज : 27 सितंबर, 2025

सागर । फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में आरोपी सुमित गड़रिया को भादवि की धारा- 420 के तहत 03 वर्श का सश्रम कारावास एवं 02 हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम) प्रशांत सक्सेना जिला-सागर की अदालत ने दंडित किया ।  मामले की पैरवी लोक अभियोजन दीपक भंडारी  ने की। 

पुलिस भर्ती में लगाया फर्जी प्रमाणपत्र

घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि दिनांक 26.05.2018 को सहायक पुलिस महानिरीक्षक (चयन/भर्ती) पुलिस मुख्यालय भोपाल से कार्यालय कमांडेंट दसवीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल सागर को पत्र क्रमांक पु.मु. /2/चयन/स-3/1032-ए/18 प्राप्त हुआ। जिसमे शिकायतकर्ता जी.एस.बघेल की ओर से पुलिस मुख्यालय को प्रेषित पत्र प्राप्त हुआ तथा कमांडेंट दसवीं वाहिनी को बिन्दुबार जांच कर प्रतिवेदन भेजने हेतु निर्देशित किया गया। वस्तुतः वर्ष 2017 में विशेष सशस्त्र बल में आरक्षक की भर्ती हेतु अभियुक्त सुमित कुमार के द्वारा ऑनलाइन आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। दिनांक 10.11.2017 को उज्जैन से शारीरिक प्रवीणता का परीक्षण होने में उत्तीर्ण होने के उपरांत उसके रोल नंबर 23561338 के आधार पर उसका चयन किया गया तथा उसे दसवीं वाहिनी सागर इकाई आवंटित की गई। मेडीकल परीक्षण उपरांत वह वापस अपने घर चला गया। इसी तारतम्य में किसी शिकायतकर्ता जी.एस.बघेल ने पुलिस मुख्यालय भोपाल में अभियुक्त सुमित कुमार की शिकायत प्रेषित की। जिस पर कमांडेंट आर.आर.एस. परिहार के द्वारा दिनांक 31.05.2018 को दसवीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल सागर में पदस्थ सहायक सेनानी इंद्रसिंह परस्ते को पुलिस मुख्यालय से प्राप्त पत्र तथा शिकायत बिन्दुवार जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के संबंध में पत्र लेख किया गया। जांच के अनुक्रमं अभियुक्त सुमित कुमार के कथन लेखबद्ध किये गए। जिसने यह बताया कि उसका जाति प्रमाणपत्र अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसील भि ंड जिला भिंड के प्रकरण क्र. 8810/बी-121/जाति प्रमाण पत्र क्रमांक आर.एस./420/0101/7802/2017 दिनांक 06.07.2017 के आधार पर जारी हुआ है, जो सही है। अभियुक्त के अनुसार वह भिंड जिले में अपने चाचा आन ंद पिता बलवान सिंह के साथ नयापुरा जामना रोड भिंड में जन्म से निवासरत है तथा वह अनुसूचित जाति जाटव में आता है। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि उक्त सुमित कुमार पुत्र श्याम सिंह निवासी नगलामनी थाना बसरेहर तह. इटावा का रहने वाला होकर जाति से गड़रिया है, जो वहां ओबीसी कोटे में आती है।

 जांच में सुमित कुमार के पिता श्याम सिंह के कथन लेखबद्ध किये गए जिन्हो ंने बताया कि अभियुक्त सुमित कुमार उसका पुत्र है, जिसकी उम्र 24 वर्ष है, उसके दो अन्य पुत्र रजनीश कुमार आई.टी.बी तथा अमित कुमार उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत है। वह गड़रिया ओबीसी जाति का है। उसके पिता मेवाराम पाल तथा उसके पितामह काशीराम पाल नगलामनी इटावा के ही रहने वाले थे। जांच में सहायक सेनानी इंद्रसिंह परस्ते ने यह पाया कि अभियुक्त सुमित कुमार ने भिण्ड जिल े के जमना रोड का फर्जी पता लगाकर फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है तथा उसने अनुसूचित जाति के आधार पर विशेष सशस्त्र बल में आरक्षक जी.डी. के पद पर चयन प्राप्त किया है, जबकि वह पिछड़ा वर्ग में आता है। उसने अनुविभागीय अधिकारी भिण्ड के कार्यालय से कूट रचित निवास तथा जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है तथा सत्य जानकारी को छिपाकर पूर्व नियोजित तरीके से कूटरचना कर छिपाया है। जांचकर्ता अधिकारी इंद्रसिंह परस्ते ने तदाशय का प्रतिवेदन कमांडेंट दसवीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल सागर को प्रेषित किया तथा कमांडेंट के द्वारा संकलित किये गए दस्तावेज, कथन की प्रति दिनांक 16.07.2018 को सहायक पुलिस महानिरीक्षक (चयन/भर्ती) पुलिस मुख्यालय सागर का े प्रेषित किया गया। दिनांक 15.11.2018 को इंद्रसिंह परस्ते के जांच प्रतिवेदन के आधार पर कमांडे ंट के द्वारा पुलिस अधीक्षक सागर को पत्र क्रमांक 10वी ं/बटा./वि.सबल/स्टेनो/ए/2413-ए/18 दिनांक 15.11.2018 प्रेषित कर जांच प्रतिवेदन भी प्रेषित किया तथा अभियुक्त सुमित कुमार के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच करने का अनुरोध किया। 

पुलिस अधीक्षक सागर को प्रेषित उक्त पत्र के आधार पर थाना मकरोनिया में दिना ंक 09.02.2019 को अपराध क्र0 66/19 अंतर्गत धारा 420 भादवि अभियुक्त सुमित कुमार गड़रिया के विरूद्ध दर्ज किया गया। अनुसंधान के दौरान सहायक सेनानी इंद्रसिंह परस्ते सें उनके द्वारा की गई जांच का प्रतिवेदन तथा प्राप्त किये गए दस्तावेज प्राप्त कर जप्ती पंचनामा तैयार किया, घटना स्थल कार्यालय एस.ए.एफ सागर जहां अभियुक्त ने कूट रचित दस्तावेज प्रस्तुत किये थे, का निरीक्षण कर नक्शा मौका तैयार किया। सहायक सेनानी इंद्रसिंह परस्ते, सहायक उपनिरीक्षक दिनेश तिवारी के कथन उनके बताए अनुसार लेख किये। अनुसंधान के दौरान थाना मकरोनिया के पुलिस प्राधिकारी के द्वारा तथा दसवीं बटालियन में प्रस्तुत किये गए जांच प्रतिवेदन में जांच कार्यवाही में सहयोग करने वाले  जांच अधिकारी सहायक उपनिरीक्षक दिनेश तिवारी ने अभियुक्त के भिण्ड जिले में दिए गए पते के मकान मालिक ललिता गोयल, उसके पति आनंद गोयल के कथन लेखबद्ध कये, जिन्होंने बताया कि वह वार्ड क्र. 24 नयापुरा भिंड की पार्षद है, उसके वार्ड में आनंद कुमार जाटव कई वर्षां से रह रहा है, सुमित कुमार नामक व्यक्ति आनंद जाटव का कोई रिश्तेदार नहीं है। तब अनुसंधान अधिकारी ने थाना भिंड देहात के आरक्षक फूल सिंह तथा संदीप सिंह रजावत के कथन उनके बताए अनुसार लेख किये थे, जिन्हो ंने व्यक्त किया कि दसवी ं वाहिनी के सहायक उपनिरीक्षक उमेश तिवारी जांच हेतु थाना भिंड देहात आए थे, जिन्हो ंनें आन ंद सिंह की पत्नि से पूछताछ की थी। जिन्होंने यह बताया था कि अभियुक्त सुमित कुमार उसके यहां 4-5 माह ही किराये से रहा था। अनुसंधान के अनुक्रम में अभियुक्त के पिता श्याम सिंह, गांववासी स्वत ंत्र चौधरी के कथन उनके बताए अनुसार लेख किये थे। दिनांक 01.10.2020 को अभियुक्त सुमित कुमार को अभिरक्षा में ल ेकर उसके मेमोरेण्डम अंतर्गत धारा 27 साक्ष्य विधान के आधार पर उसका इटावा तहसील से जारी निवास प्रमाणपत्र तथा आधारकार्ड आदि प्रस्तुत करने पर जप्त कर जप्ती पंचनामा तथा उसे गिरफ्तार कर गिरफ्तारी पंचनामा तैयार किया गया। पुलिस भर्ती में उपयोग किये गए प्रपत्रों को कमांडेंट दसवीं वाहिनी थाना मकरोनिया को प्रेषित किया गया। विव ेचना उपरांत अभियुक्त सुमित कुमार के द्वारा ग्राम नगलामनी थाना बसरेहर जिला इटावा का निवासी होकर जाति से गड़रिया होकर अन्य पिछड़ा वर्ग का सदस्य होते हुए भिंण्ड जिले में अपना निवास बताते हुए स्वय ं को जाटव अनुसूचित जाति का सदस्य बताते हुए, अनुविभागीय आधिकारी भिण्ड से जाटव जाति का जाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर आरक्षक की परीक्षा में उपयोग कर चयन प्राप्त किया। तब अन्य विवेचना उपरांत अभियोग पत्र दिनांक 27.11.2020 न्यायिक मजिस्ट्रेट सागर के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां उपार्पण पर दिनांक 22.12. 2020 को सत्र न्यायाधीश तथा दिनाक 08.01.2021 को प्रकरण अंतरण पर इस न्यायालय को प्राप्त हुआ। जहॉ विचारण उपरांत अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम) श्रीमान प्रशांत सक्सेना जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया। 

  

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