डिग्री की होड़ नहीं, ज्ञान और रोजगार से समृद्ध शिक्षा के लिए लाई गई नई शिक्षा नीति: विधायक शैलेंद्र जैन

डिग्री की होड़ नहीं, ज्ञान और रोजगार से समृद्ध शिक्षा के लिए लाई गई नई शिक्षा नीति: विधायक शैलेंद्र जैन



तीनबत्ती न्यूज:13 अक्टूबर, 2025

सागर:  उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के क्रियान्वयन में अध्यादेश क्रमांक 14 (1) व (2) के प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा के लिए संभागीय मुख्यालय सागर में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य आतिथ्य सागर विधायक शैलेंद्र कुमार जैन ने किया। विशिष्ट अतिथियों के रूप में महाविद्यालय के जन भागीदारी समिति अध्यक्ष  नितिन बंटी शर्मा तथा रानी अवंती बाई विश्वविद्यालय की कुल सचिव डॉ. शक्ति जैन की उपस्थिती रही।

उच्च शिक्षा विभाग क्षेत्रीय कार्यालय सागर संभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक डॉ. नीरज दुबे के निर्देशन में तथा शासकीय कला एवं वाणिज्य अग्रणी महाविद्यालय सागर की प्राचार्य डॉ. सरोज गुप्ता के संयोजन में यह कार्यशाला महाविद्यालय के आदिगुरु शंकराचार्य सभागार में संपन्न हुई। कार्यशाला में संभाग के समस्त महाविद्यालयों के प्राचार्य व विद्वतजन उपस्थित रहे। कार्यशाला के प्रारंभ में मुख्य अतिथि शैलेंद्र कुमार जैन व अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंजना चतुर्वेदी ने किया।

ज्ञान और काबिलियत पर मुख्य अतिथि का जोर

कार्यशाला में  विधायक शैलेंद्र जैन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों पर विस्तार से बात की। उन्होंने डिग्री-आधारित शिक्षा की होड़ पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि "आज युवाओं में डिग्री बेस्ड शिक्षा हासिल करने की होड़ लगी हुई है। इस तरह की शिक्षा न तो ज्ञान देती है और न ही सम्मानजनक रोजगार।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने चिंता व्यक्त करते हुए ज्ञान और रोजगार से समृद्ध शिक्षा के लिए नईं शिक्षा नीति 2020 को प्रदेश में लागू किया है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में शिक्षकों, समाज के अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले समाजसेवियों, विद्यार्थियों और शिक्षाविदों की भूमिका का समावेश करके शिक्षा को वास्तविक अर्थों में आज की आवश्यकता के अनुरूप बनाया गया है।

श्री जैन ने कहा कि आज हर जगह कॉलेजों के 99.9% प्लेसमेंट की बात होती है और उसे ही सर्वश्रेष्ठ कॉलेज माना जाता है, लेकिन अगर हम सिर्फ नंबरों की होड़ में लगे रहेंगे, तो भारतवर्ष के भविष्य के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे ऐसी शिक्षा नीति को साकार करें, जिससे बच्चों में काबिलियत पैदा हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आप सब मिलकर इस देश के लिए एक ऐसा मार्ग बनाएंगे जिससे आने वाली पीढ़ी एक सक्षम और सबल भारतवर्ष के निर्माण में योगदान देगी।


विशिष्ट अतिथि शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष नितिन बंटी शर्मा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के परिपालन में यह कार्यशाला मील का पत्थर साबित होगी और ऐसी मेरी शुभकामनाएं भी हैं।

 कार्यक्रम के प्रारंभ में उच्च शिक्षा विभाग सागर संभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक डॉ नीरज दुबे ने स्वागत उद्बोधन देते हुए नई शिक्षा नीति 2020 को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी वह मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार तथा उच्च शिक्षा विभाग की मंशा के अनुरूप इसमें आए परिवर्तनों को व्यावहारिक और उपयोगी बनाए जाने के संबंध में जानकारी दी।

रानी अवंती बाई विश्वविद्यालय की कुल सचिव डॉ शक्ति जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा सभी संबद्ध महाविद्यालय में नई शिक्षा नीति 2020 की क्रियान्वयन का प्रयास किया जा रहा है।

शासकीय कला एवं वाणिज्य अग्रणी महाविद्यालय की प्राचार्य तथा कार्यशाला की मेजबान डॉ सरोज गुप्ता ने कहा कि महाविद्यालय के लिए गौरव की बात है की नई शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन पर चर्चा करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने इस महाविद्यालय का चयन किया है। इस मायने में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आने वाले संभावित परिवर्तनों के रूप में यह महाविद्यालय नींव की ईट साबित होगा। कार्यशाला में उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी डॉ रामकुमार गोस्वामी, पूर्व अतिरिक्त संचालक डॉ सुनील श्रीवास्तव, पूर्व प्राचार्यगण डॉ संजीव दुबे, डॉ एस एम पचौरी, डॉ पवन शर्मा, संभाग के अग्रणी महाविद्यालयों के प्राचार्यगण, डॉ मधु स्थापक, डॉ रंजना मिश्रा, डॉ गोपा जैन, डॉ इमराना सिद्दीकी, डॉ प्रतिभा जैन, डॉ जयकुमार सोनी,   डॉ राणा कुंजर सिंह, डॉ रेणु सोलंकी, डॉ संदीप सबलोक, डॉ अंकुर गौतम डॉ संदीप तिवारी समेत संभाग व जिले के महाविद्यालयों के प्राचार्य, विद्वत जन उपस्थित रहे।

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