श्रीमद भागवत कथा का समापन,श्री रावतपुरा सरकार से आशीर्वाद लिया पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने

श्रीमद भागवत कथा का समापन,श्री रावतपुरा सरकार से आशीर्वाद लेने पहुचे पूर्व सीएम शिवराज सिंह 
सागर। श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन भव्य भंडारे का आयोजन किया गया। दोपहर बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोहान सागर पहुंचे। उन्होंने संत श्री रावतपुरा सरकार का आषीर्वाद लिया। 
रविवार को सुबह 8.30 बजे गुरूदेव की प्रार्थना का आयोजन किया गया। सुबह 11 बजे संत श्री रावतपुरा सरकार भूतेष्वर मंदिर पहुंचे। जिसके बाद बालाजी सरकार मंदिर, देवी मरई माता मंदिर के भी दर्षन किये। इसके बाद सागर भक्त मंडल परिवार के गुंजन शुक्ला  भरत उपाध्याय,उमाषंकर,प्रदीप तिवारी रजौआ,बुंदेला सिंह,राघवेंद्र सिंह,चंद्रकांत तिवारी के निवास पर संत श्री रावतपुरा सरकार ने परिजनों को आषीर्वाद दिया। दोपहर 1 बजे श्रीमद भागवत कथा अंतिम दिन वेद आचार्य अंकित पचैरी ने गुरू कृपा का महत्व का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि गुरू ही साधक के जीवन में प्रकाष करता है। गुरू का ध्यान अज्ञान रूपी अंधकार को नष्ट करता है। जिनके स्पर्ष मात्र से मूल्यहीन वस्तू भी मूल्यवान हो जाती है। उन्होंने कहा कि कथा की सार्थकता जब ही सिद्व होती है जब इसे हम अपने जीवन में व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए अपने जीवन को आनंदमय,मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें। दोपहर 1 बजे से पूर्णहूति के साथ विषाल भंडारा का आयोजन किया गया। पूर्व सीएम षिवराज सिंह चैहान कथा स्थल पहुंचे। उन्होंने संत श्री रावतपुरा सरकार से आषीर्वाद लिया। इस मौके पर पूर्व गृहमन्त्री भूपेंद्र सिंह,विधायक प्रदीप लारिया,श्री मति साधनासिंह,सरोज सिंह,प्रभद्याल पटेल,श्याम तिवारी आदि थे।
पत्रकार तीखा और सही लिखे: श्री रावतपुरा सरकार
 श्री रविशंकर जी महाराज रावतपुरा सरकार  का कहना है कि पत्रकार जगत चौथा स्तंभ कहलाता है । पत्रकारों को हमेशा तीखा और सही लिखना चाहिए। यही आज की जरूरत है । श्री सरकार से आज पत्रकारो ने चर्चा  की और आशीर्वाद लिया।
श्री सरकार  का छह साल बाद सागर में आगमन हुआ है । उन्होंने अपनी स्मृतियां भी पत्रकारों को बताई और रावतपुरा धाम आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने इस मौके सभी के सफल जीवन की कामना की और आशीर्वाद दिया। इस मौके पर पत्रकार सुदेश तिवारी,विंनोद आर्य,राजेश श्रीवास्तव, अवनीश जैन ,रावतपुरा भक्तमण्डल के रत्नेश रावत मौजूद थे।

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