पूर्व बीजेपी विधायक पारुल साहू का दावा " ऊंची चोटी माउंट किलिमनजारो पर पहुंचने वाली मध्यप्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही
▪️पर्वतारोही मेघा परमार ने कोर्ट में विक्रम अवार्ड को लेकर गलत तथ्य प्रस्तुत किया
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तीनबत्ती न्यूज : 13 जून, 2026
सागर। मध्यप्रदेश की पर्वतारोही (Mountaineer) पारुल साहू ने दावा किया है कि दक्षिण अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमनजारो पर मध्यप्रदेश की वे पहली महिला पर्वतारोही है। पर्वतारोही मेघा परमार का यह दावा गलत है कि वे मध्यप्रदेश की पहली महिला है। मेघा ने पिछले दिनों विक्रम अवार्ड के नहीं मिलने पर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की और उसमें तथ्य दिया है कि वे माउंट किलिमनजारो पर पहुंचने वाली प्रथम महिला है। इसको लेकर विवाद सामने आया है। दोनों पर्वतारोही पारुल और मेघा देश दुनिया की ऊंची चोटियों पर फतह कर चुकी है।
मेघा परमार ने कोर्ट में याचिका लगाई
मध्यप्रदेश की पर्वतारोही और मध्यप्रदेश सरकार की पूर्व ब्रांड एम्बेसडर मेघा परमार (Megha Parmar ) ने हाल ही में मप्र हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने राज्य सरकार के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा दिए जाने वाले विक्रम अवार्ड में अपना नाम नहीं होने पर आपत्ति ली है। वरिष्ठ अधिवक्ता के जरिए हाईकोर्ट के समक्ष उन्होंने दावा किया है कि वह मप्र से पहली पर्वतारोही हैं। जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमनजारो पर फतह प्राप्त की थी। मेघा ने याचिकाकर्ता मेघा परमार की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि वह माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली प्रदेश की पहली महिला है। उसके दल में भावना डेहरिया भी शामिल थीं, जो उनके बाद चोटी पर पहुंची थीं। इसके अलावा माउंट कोस्कियस, माउंट किलिमनजारों तथा माउंट एल्ब्रस की चोटी भी उसने भावना से पहले फतह की थी। याचिका के साथ दोनों का टाइमिंग डाटा भी पेश किया गया था।
पर्वता रोही पारुल साहू का दावा मेघा से पहले फतह कर चुकी है दक्षिण अफ्रीका की चोटी
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पिछले 25 सालों से पर्वतारोहण में एक्टिव पूर्व विधायक और पर्वतारोही पारुल साहू (Ex MLA & Mountaineer Parul Sahu) ने मीडिया को बताया कि मुझे समाचार के माध्यम से मुझे ये जानकारी प्राप्त हुई है कि पर्वतारोही मेघा परमार द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में विक्रम अवॉर्ड नहीं मिलने पर याचिका दायर की है। सबसे पहले तो मैं मेघा को शुभकामनाएं देना चाहता हँ कि वे अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रही है। लेकिन मेरा एक सुझाव मेघा को जरूर देना चाहती हँ कि जब भी आप न्याय पाने कि लिए लड़ाई लडते है तो सबसे पहले आपको पूरी तरह पारदर्शी तथ्य प्रस्तुत करने चाहिए ।
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मध्यप्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही के रूप मेें प्रचारित कर रही है मेघा
पारुल ने कहा कि विंगत कई वर्षों से सोशल मिडिया एवं अन्य प्लेटफॉर्मस पर मेघा द्वारा इस बात को प्रचारित किया गया है कि अफ्रीका की सबसे ऊँची चोटी माउंट किलिमनजारों पर विजय प्राप्त करने वाली मेघा परमार मध्यप्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही है। मेघा ने यह उपलब्धी 23 सितम्बर 2019 को हासिल की। पर मैं यह जानकारी देना चाहती हूँ कि टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन क द्वारा वर्ष 2008 में महान पर्वतारोही बछें्री पाल जी के नेतृत्व ें इंडो अफ्रीकन एक्सपडीसन ने 29 जून 2008 को अफ्रीका की सबसे ऊँची चोटी माउंट किलिमनजारों पर विजय प्राप्त की, मैं भी इसी एक्सपडीसन का हिस्सा थी और बछेंद्री पाल के साथ ही मैंने भी माउंट किलिमनजारों के शिखर पर विजय प्राप्त की थी इससे सबंधित न्यूज पेपर की कटिंग और फोटो संलग्न कर रही हँ। उन्होंने वर्ष 2008 के इस एक्सपडीसन के आधार पर संभवतः मध्यप्रदेश से माउंट किलिमनजारों पर विजय प्राप्त करने वाली मैं पहली पर्वतारोही हँ। एक खिलाड़ी और खासकर पर्वतारोही को अपने आचरण में एवं अपने दावों में पर्वतों की तरह ही सशक्त और स्थिर तथ्य प्रस्तुत करने चाहिए। मैं भी मेघा परमार से यही अपेक्षा करती हूं।
पारुल ने पिछले साल माउंट एल्ब्रुस पर फहराया था तिरंगा झंडा
पिछले साल Mountaineer पारुल साहू ने प्रधानमंत्री के "एक पेड़ मां के नाम " का संदेश यूरोप की सबसे ऊंची चोटी 18 510 फीट ऊंची माउंट एल्ब्रुस पर पहुंचाया था। पूर्व विधायक और पर्वतारोही पारुल ने पूरी दुनिया को क्लाइमेट चेंज के दुष्परिणामों से बचने का संदेश दिया। प्रधानमंत्री के संदेश का पोस्टर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने देकर दिल्ली से पर्वतारोही के दल को रवाना किया था। " एल्ब्रुस " चोटी यूरोप की सबसे ऊंची 18 510 फीट पर है। इस साहसिक अभियान में 8 सदस्यीय दल शामिल रहा था। पारुल साहू पिछले 25 सालो से लगातार देश और विदेश की कई चोटियो पर सफलता पूर्वक पर्वता रोहन किया है। वर्ष 2008 में अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो ( Mount Kilimanjaro ) पर बछेंद्री पाल जी (Bachendri Pal ) के नेतृत्व में सफलता पूर्वक पहुंची थी और मध्यप्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही थी।
मध्यप्रदेश की ब्रांड एम्बेसडर रही और कांग्रेस से जुड़ी है मेघा परमार
पर्वतारोही मेघा परमार मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की रहने वाली एक उत्साही पर्वतारोही और तकनीकी स्कूबा गोताखोर हैं। 31 साल की मेघा ने पर्वतारोहण के प्रति अपने लगाव को प्रदर्शित करते हुए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार अर्जित किए हैं। मेघा माउंट एवरेस्ट , माउंट कोस्कियस,माउंट किलिमन तथा माउंट एल्ब्रस की छोटी फतह कर चुकी है। मेघा मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की ब्रांड एम्बेसडर भी रह चुकी है। वर्तमान में वे कांग्रेस से जुड़ी है। मध्यप्रदेश सरकार के खेल अवार्ड विक्रम अवार्ड नहीं मिलने और उपेक्षा किए जाने पर पिछले दिनों मेघा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। मेघा ने याचिका में कहा कि योग्यता के अनुसार पर्वतारोही भावना डहरिया के साथ उसे भी विक्रम अवॉर्ड प्रदान किया जाना चाहिए था । जिसकी जस्टिस अमित सेठ की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने निर्देश जारी किए हैं। एकलपीठ ने इस दौरान याचिकाकर्ता को सरकार के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने निर्देश जारी किए हैं।
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