SAGAR: डाक्टर फैमिली : दादा पिता, भाई और बहिन सभी चिकित्सा सेवा में : विरासत को आगे बढ़ाया डॉ सजल जैन ने

SAGAR: डाक्टर फैमिली : दादा पिता, भाई और बहिन सभी चिकित्सा सेवा में : विरासत को आगे बढ़ाया डॉ सजल जैन ने



तीनबत्ती न्यूज: 03 अगस्त, 2025
सागर:  कहते हैं अगर लक्ष्य बड़ा हो और उस तक पहुँचने की जिद दिल में हो, तो कोई भी राह कठिन नहीं होती। इस बात को सच कर दिखाया है बण्डा निवासी डॉ सजल जैन ने। आज वे अपने दादा डॉ पूर्णचंद्र जैन और पिता स्व. विजय कुमार जैन के दिखाए सेवा मार्ग पर चलते हुए समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुके हैं।



तीन पीढ़ियों की डॉक्टर परंपरा

डॉ सजल जैन का परिवार चिकित्सा सेवा की दृष्टि से क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम है। उनके दादा डॉ पूर्णचंद्र जैन बण्डा नगर के पहले डॉक्टरों में गिने जाते है। वे एक जिम्मेदार, दयालु और समर्पित चिकित्सक के रूप में वर्षों तक क्षेत्रवासियों की सेवा कर रहे। निःस्वार्थ भाव से रोगियों का इलाज करना, उन्हें परिवार जैसा स्नेह देना, यही उनकी पहचान थी। वे न सिर्फ डॉक्टर थे बल्कि लोगों के दुःख-सुख के साथी भी थे। इसी विरासत को आगे बढ़ाया स्विजय कुमार जैन ने। पेशे से डॉक्टर होने के साथ-साथ वे एक सज्जन, विनम्र और सेवा भाव से भरपूर व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने चिकित्सा को केवल पेशा नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम माना। गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों के लिए हमेशा उनके द्वार खुले रहते थे। आज भी डां सजल जिन मरीज के पास पैसा नही रहता और वह बहुत ही गरीब रहता है तो उनका निशुल्क इलाज करते है , उनका मानना है मरीज को ठीक करना डां का कर्तव्य है।


डॉ सजल जैन: बचपन से था बड़ा सपना

अपने बचपन से ही सजल जैन ने घर के वातावरण से चिकित्सा सेवा का जो संस्कार पाया, वह उनके सपनों का आधार बना। उन्होंने मन में ठान लिया था कि एक दिन वे भी "सेवा ही धर्म है" की परंपरा को आगे ले जाएंगे। इनकी पढाई की बात करे तो - कक्षा 10वीं की पढ़ाई कृष्णा पब्लिक स्कूल, भिलाई से की, 12वीं की शिक्षा इमैनुएल इंग्लिश स्कूल, सागर से प्राप्त की , इसके बाद बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज, सागर से MBBS कर डॉक्टर बनने का सपना साकार किया, पहले चिकित्सा अधिकारी (Medical Officer) के रूप में CHC बण्डा में सेवा दे चुके हैं। डां सजल जैन न केवल एक कुशल चिकित्सक हैं बल्कि एक संवेदनशील और अनुशासित इंसान भी हैं। मरीजों के साथ आत्मीय व्यवहार, सटीक निदान और ईमानदार परिश्रम उनके व्यक्तित्व की पहचान बन चुका है। वे कहते हैं, "मेरे डॉक्टर बनने का श्रेय मेरे दादाजी और पिताजी को जाता है। उन्हीं की प्रेरणा से मैंने इस क्षेत्र को चुना और आज भी उनकी सीख मुझे हर मरीज की सेवा करते समय मार्गदर्शन देती है।"

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सेवा के क्षेत्र में तीन सगे भाई-बहन

डॉ सजल जैन अकेले नहीं, बल्कि उनके छोटे भाई डॉ अचिंत्य जैन और बहन डॉ हर्षिता जैन भी चिकित्सा सेवा में समर्पित हैं। यह पूरा परिवार चिकित्सा के क्षेत्र में कार्यरत है, जो अपने आप में एक मिसाल है। डॉ अचिंत्य जैन, वर्तमान में सिविल अस्पताल बण्डा में पदस्थ हैं और अपनी सेवाओं से 7 क्षेत्रवासियों का विश्वास जीत रहे हैं। डॉ हर्षिता जैन भी चिकित्सा जगत में सक्रिय हैं और सेवा को ही धर्म मानती हैं।
तीनों भाई-बहन का डॉक्टर होना और सेवा की भावना से कार्य करना पूरे क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।


 क्षेत्रवासियों की तरफ से शुभकामनाएं

बण्डा नगर और आसपास के क्षेत्रवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि यहां से निकलकर एक युवा डॉक्टर ने न केवल अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाया, बल्कि सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं। लोग उन्हें सिर्फ डॉक्टर नहीं, बल्कि "नई पीढ़ी के प्रेरक आदर्श" के रूप में देख रहे हैं। डॉ सजल जैन को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएं। उनके कार्य से क्षेत्र को गर्व है और उम्मीद है कि वे आने वाले वर्षों में चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छूएंगे।

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