आपातकाल की 50 वीं बरसी पर भाजपा ने लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया
▪️कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर राष्ट्रवादी विचारधारा को कुचलने का कार्य किया : राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल
तीनबत्ती न्यूज : 25 जून ,2025
सागर : कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर राष्ट्रवादी विचारधारा को कुचलने का कार्य किया। लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ने वालों को जेल में ठूंसा गया। लगभग 1 लाख 40 हजार लोगों को जेल में बंद किया गया और 22 कस्टोडियल डेथ हुईं। संविधान की आत्मा को कुचला गया। मीसा कानून में संशोधन कर प्राकृतिक न्याय की भावना का उल्लंघन किया गया। यह बात राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने सागर में आपातकाल की 50 वीं पर आयोजित संविधान हत्या दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम को लोकतंत्र सेनानी संघ एवं कार्यक्रम अध्यक्ष एड.कृष्णवीर सिंह,पूर्व मंत्री एवं विधायक भूपेंद्र सिंह,विधायक शैलेंद्र कुमार जैन,जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत,ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन जिला अध्यक्ष श्याम तिवारी एवं विषय प्रस्तावना डॉ.वीरेंद्र पाठक ने प्रस्तुत की संचालन वरिष्ठ नेता रामकुमार साहू ने किया । कार्यक्रम में नगर निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार प्रदेश मंत्री प्रभु दयाल पटेल पूर्व विधायक सुधा जैन,प्रदेश संयोजक अनुराग प्यासी एवं मोर्चा अध्यक्ष गण मंच पर रहें। कार्यक्रम उपरांत अतिथियों द्वारा लोकतंत्र सेनानियों/परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि कांग्रेस संविधान बचाने की बात करती है, लेकिन इतिहास गवाह है कि वही कांग्रेस बार-बार संविधान को बेरहमी से कुचलती रही है। कांग्रेस के लिए लोकतंत्र सिर्फ एक दिखावा है। जहां कांग्रेस ने संविधान के अनुच्छेदों का उपयोग केवल सत्ता में बने रहने के लिए किया, वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रे मोदी जी की सरकार हर अनुच्छेद के महत्व को नागरिकों तक पहुंचाने की जागरूकता अभियान चला रही है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान देश को दिया, उसे कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए मोड़ा, तोड़ा और बदला। मोदी सरकार उसी संविधान को आधार बनाकर हर वर्ग के कल्याण और अधिकारों की गारंटी दे रही है— यही असली सम्मान है बाबा साहेब को। न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता—ये चार स्तंभ सिर्फ किताबों में नहीं, आज मोदी सरकार में नीति और शासन का आधार बन चुके हैं। कांग्रेस ने इन सिद्धांतों को दिखावे की बातें बनाकर रखा, जबकि मोदी सरकार इन्हें नीति, योजना और क्रियान्वयन के स्तर पर सशक्त कर रही है।लोकतंत्र सेनानियों का ही संघर्ष है जिसके परिणाम स्वरुप भारत में लोकतंत्र पुर्नस्थापित हुआ।
पूर्व मंत्री एवं विधायक भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस के डीएनए में मुगलों की तानाशाही और अंग्रेजों की फूट डालो राज करो की नीतियां शामिल हैं। इंदिरा गांधी ने कांग्रेस की सरकार में प्रधानमंत्री रहते हुए घिनौने षड्यंत्र के तहत अपनी वंशवादी सत्ता बचाने के लिए आपातकाल लगाया था। उनकी मानसिकता देश से लोकतंत्र समाप्त कर चीन और उत्तर कोरिया की तरह एकछत्र वंश परपरा का शासन लादने की थी जिसे हमारे लोकतंत्र के प्रहरियों मीसा बंदियों ने यातनाएं सह कर भी विफल कर दिया। पूर्व गृहमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि आपातकाल में देश को जेल खाने में बदल दिया गया था। आज कांग्रेस के नेता राहुल गांधी संविधान की जिस पुस्तक को दिखाते हैं उस संविधान में आपात काल के दौरान कांग्रेस की सरकार ने 42 संशोधन किए गए और नागरिकों, प्रेस यहां तक की अदालतों की स्वतंत्रता भी खत्म कर दी। इन संशोधनों में ऐसे प्रावधान किए गए कि राजनैतिक कार्यकर्ताओं को बिना किसी सुनवाई के अनिश्चितकालीन जेल में रखा जा सकता था। न्यायालयों के अधिकार सीमित कर दिए गए थे । मीसाबंदियों की जमानत का कोई प्रावधान नहीं था।जनसंघ के 1.30 लाख कार्यकर्ताओं को महीनों के लिए जेल में डाल दिया गया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हटाया।
पूर्व गृहमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि आपातकाल में जेल में बंद किए गए हमारे वर्तमान रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की मां का स्वर्गवास हो गया लेकिन कांग्रेस सरकार ने उन्हें मां के अंतिम दर्शन और अंत्येष्टि में शामिल होने की अनुमति तक नहीं दी। इंदौर के एक कार्यकर्ता को जेल भेजा गया, परिवार में वही इकलौता कमाने वाला था। उसकी पत्नी को परिवार चलाने भीख मांगना पड़ी और बीमार होकर बिना इलाज के पत्नी की मृत्यु हो गई। ऐसी लाखों व्यथाएं सामने आईं। उन्होंने कहा कि मैं आपातकाल में लोकतंत्र की लड़ाई लड़ने वाले हमारे सभी वरिष्ठ नेताओं और मीसाबंदियों के चरणों में प्रणाम करता हूं। उन्होंने कहा कि आज भाजपा कार्यकर्ता जिन पंच निष्ठाओं की शपथ लेते हैं उनमें से एक निष्ठा के रूप में लोकतंत्र को भी शामिल किया गया है। हम एक लोकतांत्रिक, सांस्कृतिक राष्ट्रवादी दल हैं जिसे दुनिया ने मान्यता दी है।
पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि आजादी की एक लड़ाई 1947 में लड़ी गई लेकिन आजादी की एक और लड़ाई 1975 से 1977 के बीच इस देश में आपातकाल के खिलाफ लड़ी गई।
विधायक शैलेंद्र कुमार जैन ने कहा कि देश में आपातकाल एक बहुत बड़ी घटना थी पूरे देश में आंतरिक अशांति फैलाने का काम किया तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने अपनी कमजोरी होती जड़ों को बचाने के लिए आपातकाल जैसे हथियार का प्रयोग किया हमारे संविधान में आपातकाल लगाने के लिए मंत्रिमंडल की सहमति और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर अनिवार्य होते हैं लेकिन उसे समय की कांग्रेस सरकार ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने मंत्रिमंडल की सहमति लिए बिना यह प्रस्ताव राष्ट्रपति को भेज दिया और राष्ट्रपति द्वारा बिना देखे उसे लागू कर दिया गया यह देश के लिए वास्तव में काला दिवस था जब निर्दोष नागरिकों पर अत्याचार किए गए संविधान के चौथे स्तंभ पत्रकारिता को भी बांध दिया गया
जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने कहा कि आपातकाल के दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी ने आपातकाल में देश में नसबंदी का भयावह अभियान चलाया जिसमें हज़ारों युवाओं की नसबंदी कर दी गई,भय से विवश लोग गांवों को छोड़कर जंगलों में रहने मजबूर थे। लोकतंत्र सेनानी संघ अध्यक्ष कृष्ण वीर सिंह ने विस्तृत रूप से आपातकाल की विभीषिका के संस्मरण को साझा किया।
कार्यक्रम के दौरान लोकतंत्र सेनानी गुरभेज सिंह ,परसराम श्यामनानी,सुर्पिया नवाथे जी,रोहित सोनी,कुसुम बाई,अंजली,शबाना राही,दिवाकर वर्मा,रामदीन यादव,दानिश राही,काजू अनिल जैन,दीपक एवं सुमित भंडारी,रामसेवक शांडिल्य,अनिल यादव,नितिन यादव,अरूण पलनीतकर सहित अनेक लोकतंत्र सेनानी परिवार जनों के साथ पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं उपस्थित रहें।
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