भाजपा और कांग्रेस अनारक्षित सीटों पर पिछड़ावर्ग को 116 एवं सवर्णवर्ग को 32 सीटें देना सुनिश्चित करे : फोरम

भाजपा और कांग्रेस अनारक्षित सीटों पर पिछड़ावर्ग को 116 एवं सवर्णवर्ग को 32 सीटें देना सुनिश्चित करे : फोरम

तीनबत्ती न्यूज : 21 जुलाई ,2025

सागर : गैर राजनैतिक संगठन " पिछड़ावर्ग, अनुसूचितजाति व जनजाति मंच(फोरम) ने प्रस्ताव पारित कर आर्थिक व सामाजिक न्याय की दुहाई देने वाली भाजपा और कांग्रेस से मांग की है कि वे नीतिगत-निर्णय लेकर मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से अनारक्षित 148 सीटों पर सवर्णों के 32 व पिछड़ावर्ग के 116 प्रत्याशी बनाना सुनिश्चित करें। फोरम के संस्थापक/संयोजक एडवोकेट बृजबिहारी चौरसिया ने आज मीडिया से चर्चा में कही।

उन्होंने कहा कि अपनी जनसंख्या के मान से संवैधानिक आरक्षण के बलबूते अनुसूचित जातियों को 35 और अनुसूचित जनजातियों को 47 टिकिट देना इन पार्टियों की मजबूरी है मगर पिछड़ावर्ग के साथ धोखा किया जाता है इनकी जनसंख्या के मान से इन्हें ये पार्टियां अपना प्रत्याशी नहीं बनाती हैं।

उन्होंने भाजपा और कांग्रेस से मांग की है कि वे पिछड़ावर्ग की सर्वाधिक बड़ी जनसंख्या वाली जातियों यादव,कुर्मी,लोधी व कुशवाहा के 22-22 एवं अति पिछड़ा या कहें पिछड़ावर्ग की छोटी-छोटी जातियों के 28 प्रत्याशी बनाना सुनिश्चित करें वहीं सम्पन्न सवर्ण तबके के 09 और गरीब सवर्ण वर्ग(EWS)के 23 प्रत्याशी बनाना सुनिश्चित करें ताकि विधानसभा में पिछड़े व गरीब तबके की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनैतिक पार्टियों की वोट के बलबूते सत्ता पर काबिज सम्पन्न तबके के सांसदों और विधायकों को हम समाज की सेवा करने वाला नहीं बल्कि राजनीति का व्यापारी मानते हैं जब सत्ता पिछडों-गरीबों के हाथ में होगी तभी हमें वास्तविक आर्थिक व सामाजिक-न्याय मिलना सम्भव है। देश का सही मायनों में तभी विकास सम्भव है।*

उन्होंने पत्रकारों को बताया कि फोरम के ' वर्ग-चेतना अभियान ' पिछडों या कहें ओबीसी,एससी,एसटी, अल्पसंख्यक व सवर्णों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग(EWS) को राजनैतिक रूप से एक-वोट के रूप में संगठित व जागरूक करने का वैचारिक-आंदोलन गतिशील किये है जिसके लिए विधानसभावार संगठन तैयार किया जा रहा है।संगठन का स्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामपंचायत स्तरीय और नगरीय क्षेत्रों में वार्ड स्तर तक बनाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि हमारे वैचारिक-आंदोलन का मुख्य लक्ष्य पिछडों या कहें इन वर्गों में सक्षम व जीतने वाले नेतृत्व को तैयार करना है ताकि वे सत्ता के सूत्र खुद संभालें और अपने आर्थिक व सामाजिक न्याय के लिए खुद ही नीतियां बनाएं।


उन्होंने कहा कि वर्ग-चेतना अभियान के केंद्रीय कोर-ग्रुप ने ' मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव,2028 ' के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है जिसके अनुसार जहां सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में पिछडों को जागरूक और संगठित किया जा रहा है वहीं आने वाले नगरीय-निकायों व पंचायतों के चुनावों में अनारक्षित सीटों पर पिछडों को चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया जाएगा एवं योग्य व सक्षम प्रत्याशियों को वैचारिक-आंदोलन से प्रशिक्षित हुए जागरूक और संगठित वोट का समर्थन दिलाया जाएगा।उन्होंने कहा कि भले ही फोरम को पिछडों के द्वारा संचालित किया जाता हो लेकिन  इसके लिए हम सवर्णों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग(EWS) को भी मुख्यधारा में लाने के लिए वचनबद्ध  हैं और उनको साथ लेकर चलने की हमारी नीति है।  उन्होंने कहा कि केंद्रीय कोर-ग्रुप के निर्णय के अनुसार संगठन ना ही किसी धर्म,आस्था के पक्ष में है और ना ही उसके विपक्ष या विरोध में बात करेगा लेकिन सामाजिक-कुरीतियों और आर्थिक-शोषण के खिलाफ जन-जागरण में पुरजोर और अहम भूमिका का निर्वहन करेगा।

इस मौके पर संतोष प्रजापति, रमाकांत यादव  और हेमंत लारिया ने चर्चा की।


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