किसान का बेटा बना डिप्टी कलेक्टर, सुरखी पहुंचने पर नगरवासियों ने फूल-मालाओं से किया भव्य स्वागत
▪️खुली कार से अभिवादन करते हुए पहुंचे अपने गांव : सड़क पर ही पैर पढ़कर लिया परिजनों से आशीर्वाद
तीनबत्ती न्यूज: 09 नवम्बर 2025
सागर: संघर्ष और मेहनत की मिसाल पेश करते हुए सागर जिले की सुरखी विधानसभा के छोटे से गांव खमकुआ के निवासी यशपाल स्वर्णकार ने एमपीएससी परीक्षा 2023 में प्रदेश स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त कर गांव और जिले का नाम रोशन किया है। उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है।
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किसान का बेटा बना डिप्टी कलेक्टर, सुरखी पहुंचने पर नगरवासियों ने फूल-मालाओं से किया भव्य स्वागत
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खुली कार से पहुंचे अपने गांव
रविवार सुबह लगभग 11 बजे जब यशपाल सुरखी पहुंचे तो नगरवासियों ने गाजे-बाजे, फूल-मालाओं और मिठाइयों के साथ उनका भव्य स्वागत किया। हर ओर “यशपाल स्वर्णकार जिंदाबाद” के नारे गूंज उठे।भोपाल से सागर होते हुए सुरखी के गांव खमकुआ पहुंचे। यशपाल खुली कार में लोगों का अभिवादन करते हुए पहुंचे। उन्होंने सड़क पर ही अपने परिजनों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
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पिता करते है खेती किसानी
यशपाल के पिता रामनरेश स्वर्णकार एक किसान हैं। उनका पैतृक गांव खमकुआ है, जहां परिवार की खेती-बाड़ी होती है। वर्तमान में परिवार सुरखी में निवास करता है। यशपाल की प्राथमिक शिक्षा खमकुआ के स्कूल में हुई, जबकि कक्षा 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने शासकीय कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सुरखी से पूरी की।
मेरे लिए सौभाग्य
यशपाल ने बताया, “गांव से निकलकर इस मुकाम तक पहुंचना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। इसमें मेरे शिक्षकों, माता-पिता और परिजनों का अमूल्य सहयोग रहा। पांच प्रयासों के बाद मैंने यह सफलता हासिल की है।” उन्होंने युवाओं से प्रेरणादायक संदेश देते हुए कहा, “उम्मीद कभी न छोड़ें। धैर्य और लगन से आगे बढ़ें, प्रतिफल अवश्य मिलेगा। अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार रहें — दूसरे के लिए नहीं, खुद के लिए।”इस सफलता ने न केवल यशपाल के परिवार को गौरवान्वित किया है, बल्कि पूरे सागर जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है।
स्कूली पढ़ाई सुरखी में
सागर जिले के ग्राम खमकुआं निवासी यशपाल स्वर्णकार ने एमपीपीएससी की राज्य सेवा परीक्षा 2023 में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। वे डिप्टी कलेक्टर बने हैं। वह अभी आडिट सेवा में है। वह साल 2021 में भी इस परीक्षा में चयनित हुए थे। फिर वह 2022 में जीएसटी इंस्पेक्टर पर चयनित हुए। यह उनका तीसरा चयन है। उन्होंने कहा कि लगातार प्रयास से यह हुआ है।यशपाल अपने परिवार में पहले सदस्य हैं जिन्होंने सरकारी नौकरी हासिल की है।
यशपाल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल से की थी। उन्होंने बताया बीएससी करने के बाद साल 2019 में एमपीपीएससी की तैयारी शुरू की थी। प्री व मेंस क्लीयर होने के बाद इंटरव्यू भी दिए। उनके पिता नरेश स्वर्णकार खेती करते हैं। वे दो भाई, दो बहन हैं। इसमें यशपाल सबसे छोटे हैं। परिवार ने उन्हें पढ़ाई के लिए इंदौर भेजा था। जहां रहकर तैयारी की।
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