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SAGAR : बहेरिया, सिविल लाइन, केंट एवं मकरोनिया थाना क्षेत्रों की संपूर्ण सीमा में भी कोरोना कर्फ्यू‘ आदेश लागू

SAGAR :  बहेरिया, सिविल लाइन, केंट एवं मकरोनिया  थाना क्षेत्रों की संपूर्ण सीमा में भी कोरोना कर्फ्यू' आदेश लागू


सागर । कोरोना वायरस संकमण के रोकथाम एवं बचाव को दृष्टिगत रखते हुये कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी न्यायालय सागर द्वारा पूर्व में जारी आदेश द्वारा द 0 प्र 0 सं 0 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये सम्पूर्ण सागर जिले की राजस्व सीमाओं विभिन्न प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गये है । उक्त जारी आदेश में पुलिस अधीक्षक सागर ने पत्र 10 अपै्रल द्वारा प्रस्तावित किया है कि सागर शहर के बाहरी क्षेत्रों वाले थाने बहेरिया, सिविल लाइन, केट एवं मकरोनिया की सीमा शहरी क्षेत्र से लगी हुई है। इन क्षेत्रों के व्यवसायिक प्रतिष्ठान उपरोक्त आदेशों में प्रतिबंधित न होने से दिनभर खुले रहते है । इससे लोगों की आवाजाही शहरी क्षेत्रों में बनी रहती है  और इससे शहरी क्षेत्र में कोरोना कर्फ्यू' की प्रभावशीलता प्रभावित होती है । इस कारण थाने बहेरिया , सिविल लाइन केंट एवं मकरोनिया की संपूर्ण सीमा को भी कोरोना कर्फ्यू'  आदेश में सम्मिलित किया जाना उचित होगा।
कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने पुलिस अधीक्षक सागर के प्रस्ताव से सहमत होते हुए थाने बहेरिया, सिविल लाइन, केंट एवं मकरोनिया की संपूर्ण सीमा में भी कोरोना कर्फ्यू'  संबंधी उपरोक्त आदेश लागू किए हैं। अतः यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया गया हैं । इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भा0 द0 स0 की धारा 188 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। 

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शास. पाली क्लीनिक के वैक्सीनेशन स्थल पर सेवादल ने संभाली व्यवस्थायें

शास. पाली क्लीनिक के वैक्सीनेशन स्थल पर सेवादल ने संभाली व्यवस्थायें


सागर।  शास.पाली क्लीनिक बडा बाजार में वैक्सीन के लगवाने के लिये सुबह से ही अत्याधिक भीड-भाड होने के कारण कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे और उनकी टीम ने दिन भर वहां की व्यवस्थाओं को संभाला।
लोगो के लिये पीने के पानी,मास्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था की।
लोगों की लाईन सोशल डिस्टेसिंग को ध्यान मे रखकर लगवायी।
वृद्धों को घर से लाकर वैक्सीन लगवाकर घर तक छोडने की व्यवस्था सेवादल सदस्यों ने की।दिन भर में करीब 300 लोगों को वैक्सीन का लाभ दिलाया।
सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे के साथ नितिन पचौरी, जयदीप यादव,राकेश गुप्ता,नीतेश पनया,विधाचरण,मोंटी साहू आदि उपस्थित थे।

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SAGAR : लॉक डाउन के दूसरे दिन कोरोना विस्फोट, 165 कोरोना पाजिटिव केस निकले

SAGAR : लॉक डाउन के दूसरे दिन कोरोना विस्फोट, 165 कोरोना पाजिटिव केस  निकले


सागर।  जिले में कोरोना कम्युनिटी स्प्रेड लेवल पर पहुँच गया है। रविवार को लॉक डाउन का दूसरा दिन था, और 165 नए केस के साथ कोरोना विस्फोट हुआ। अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा कोरोना संक्रमण का है। 
वहीं 9 मरीज सवस्घ्य होकर घर गए।  

सागर में कोरोना विस्फोट हुआ है। बीएमसी ने आज 165 नए केस डिक्लेयर किये हैं। यह एक दिन में अब तक कि सबसे अधिक संख्या बताई जा रही है।  नए केस को मिलाकर अब 6879 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं। वहीं अधिकृत रूप से अब तक 158 की मौत हो चुकी है। पिछले कुछ दिनों से ग्रामीण क्षेत्रो में भी कोरोना ने रफातर पकड़ी है। 

कोरोना अपडेट:
- आज सामने आए मरीज-165
- अब तक कुल मरीज- 6879
- कोरोना से अधिकृत मौत- 158
- स्वस्थ हुए मरीज- 6043

कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु 
व्यक्तियों को
जागरूक किया जा रहा

जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर  दीपक सिंह के निर्देश पर संपूर्ण जिले में जन-जागरण हेतु स्पीकर माइक के माध्यम से कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु व्यक्तियों को जागरूक किया जा रहा है।
उप नगरीय क्षेत्र मकरोनिया में नायब तहसीलदार सुश्री सोनम पांडे द्वारा संपूर्ण उप नगरीय क्षेत्र मकरोनिया  में प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। सुश्री पांडे ने बताया कि  रविवार को संत रविदास भवन नगर पालिका मकरोनिया में वैक्सीनेशन प्रारंभ कराया गया। नगर पालिका क्षेत्र में जन जागरूकता हेतु अनाउंसमेंट की व्यवस्था करवाई गई।

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प्रदेश व्यापी लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा ★ कोरोना कर्फ्यू हेतु जनता से चर्चा कर स्थानीय क्राइसिस मैनेजमेंट समूह लेंगे निर्णय

प्रदेश व्यापी लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा

★ कोरोना कर्फ्यू हेतु जनता से चर्चा कर स्थानीय क्राइसिस मैनेजमेंट समूह लेंगे निर्णय
 
भोपाल। मुख्यमंत्री  Shivraj Singh Chouhan ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण को प्रभावी रूप से रोकने के लिए जनता से चर्चा कर शहरों में स्वतः स्फूर्त कोरोना कर्फ्यू लागू रहेगा। प्रदेश व्यापी लॉक डाउन नहीं लगाया जाएगा। जिलों में स्थानीय क्राइसिस मैनेजमेंट समूह स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप जनता से चर्चा उपरांत निर्णय लेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज स्मार्ट सिटी पार्क में वृक्षारोपण के उपरांत मीडिया से चर्चा कर रहे थे।

बिस्तरों एवं ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी जिलों में कोरोना के उपचार के लिए बिस्तर एवं ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है। हमीदिया अस्पताल भोपाल में आज 250 बिस्तर बढ़ाए जा रहे हैं, वहीं आरकेडीएफ अस्पताल को भी अनुबंधित किया जा रहा है। दूसरे अस्पतालों से भी चर्चा चल रही है।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की निरंतर आपूर्ति की जा रही है। 4000 इंजेक्शन आ चुके हैं तथा आज 10 हजार इंजेक्शन और आ जाएंगे। इंजेक्शन के लिए निजी अस्पतालों का कंपनी से टाईअप भी कराया जा रहा है।

आर्थिक गतिविधियों को चालू रखना है

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लॉकडाउन समस्या का समाधान नहीं है। हमें आर्थिक गतिविधियों को भी चालू रखना है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए जनता को जागरूक किया जा रहा है कि वह स्वयं बिना कार्य के घर से न निकले। स्वतः स्फूर्त कोरोना कर्फ्यू सबसे कारगर उपाय है।


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कृत्रिम जलसंकट से जूझ रहे सागर के वाशिंदे ★ सालभर पाईप लाईन लीकेज सुधारने का काम कराया जाता है नगर निगम द्वारा

कृत्रिम जलसंकट से जूझ रहे सागर के वाशिंदे 
★ सालभर पाईप लाईन लीकेज सुधारने का काम कराया जाता है नगर निगम द्वारा 


सागर ।  नगर पालिक निगम की जलप्रदाय शाखा के कुप्रबंधन के कारण सागर की जनता को आए दिन जलसंकट से जूझना पड़ता है. पिछले सवा साल से स्थानीय निकाय के चुनाव ना होने के कारण परिषदों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और संभागायुक्त सागर को प्रशासक का प्रभार सौंपा गया है. पिछले सवा साल में स्थानांतरणों के चलते सागर निगम को पांच प्रशासक मिल चुके है.

मालूम हो कि सागर की जीवन दायिनी सागर जल आर्वधन परियोजना राजघाट बांध से नगर के 48 वार्डों सहित मकरोनिया क्षेत्र और छावनी क्षेत्र में पेयजल सप्लाई की जाती है. पिछले वर्ष कम वर्षा होने के कारण राजघाट बांध में मार्च माह के अंत से ही जलसंकट की आहट आने लगी थी. पिछले तीन माह के दौरान ही नगर निगम द्वारा पाईप लाईन लीकेज सुधारने के नाम पर महीने में 15 दिन के स्थान पर बमुश्किल 10 दिन ही पेयजल सप्लाई की है. 8 अप्रैल को ही पाईप लाईन सुधारने के नाम पर पेयजल सप्लाई बाधित री तो 9 अप्रैल की रात में ही मोतीनगर क्षेत्र में फाल्ट निकल आया जिसके चलते 10 अप्रेल को होने वाली सप्लाई पूर्णरूपेण नहीं हो सकी और 11 अप्रैल को भी जलप्रदाय शाखा के कर्मचारियों द्वारा खोले जाने वाले बाल्व धीमी गति से खोले गए तो कई क्षेत्रों में आज भी छह दिन बाद पानी नहीं मिल सका है. कटरा वार्ड के वर्णी कॉलोनी सहित बड़ा बाजार, इतवारा बाजार, केशवगंज, मोहन नगर, विवेकानंद, चमेली चौक सहित सदर बाजार के कई क्षेत्रों में पानी की किल्लत देखने को मिली है. लाकडाउन में लोग पानी को परेशान नजर आए । 

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अक्टूबर से मिलेगा 24 घण्टे पानी ?

जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन 31 अक्टूबर से 24 घंटे सातों दिन पानी देने के दावे करते आ रहा है मगर महीने में 15 दिन तो सागर को पानी नहीं मिल पा रहा है. ऐसी स्थिति में 24 घंटे पानी की कल्पना कैसे की जा सकती है.इस के नाम पर अक्सर वाहवाही भी जिमेदार लोग बटोरते रहते है। 


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SAGAR: नही बढा कोरोना कर्फ्यू, कोरोना कर्फ्यू के नियमो का पालन करे :कलेक्टर ★ साग़र आपदा प्रबंधन के सदस्यों से हुई चर्चा ★ दूसरे दिन रविवार को भी शहर की सड़कें सूनी रही


SAGAR: नही बढा कोरोना कर्फ्यू, 

कोरोना कर्फ्यू के नियमो का पालन करे  :कलेक्टर 
★ साग़र आपदा प्रबंधन के सदस्यों से हुई चर्चा 
★ दूसरे दिन रविवार को भी शहर की सड़कें सूनी रही

सागर । साग़र  जिले के नगरीय क्षेत्रों में कोरोना कर्फ्यू को बढ़ाए जाने का फिलहाल कोई सम्भावना नही है।  आज आपदा प्रबंधन के सदस्यों से  में इस पर चर्चा भी हुई। सोसल मीडिया पर अगले सोमवार तक बढाने की खबरे भी आ गयी। लेकिन कोरोना कर्फ्यू नही बढा। बताया जाता है कि शासन स्तर पर अनुमति नही मिली। 
कलेक्टर दीपक सिंह ने बताया कि शुक्रवार शाम 8 बजे से सोमवार की सुबह तक कोरोना कर्फ्यू रहेगा। यही व्यवस्था  निरन्तर रहेगी।  आपदा प्रबधन  के सदस्यों और शासन स्तर पर चर्चा हुई। फिलहाल यही यवस्था लागू रहेगी । लोगो से अपील है कि लॉक डाउन का पालन करे। घरो पर ही रहे।
 

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लाकडाउन पर सड़के सूनी

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री दीपक सिंह ने कोविड वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव को दृष्टिगत रखते हुये आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं दण्ड प्रक्रिया सहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत प्रतिधात्मक आदेष जारी किया है। सभी नगरीय निकायों में यह आदेष शुक्रवार की रात्रि 8 बजे से लागू हो गया था और सोमवार को प्रात' 6 बजे तक सभी नगरीय निकायों में लॉक डाउन (कोराना कर्फ्यू) रहेगा। आदेष लागू कराने में पुलिस व प्रषासन के अधिकारियों ने सजगता से कार्य किया। कोरोना कर्फ्यू के चलते दूसरे दिन रविवार को भी शहर की सड़कें सूनी रही। इसमें नागरिकों का भी पूरा सहयोग मिला। इस दौरान आवष्यक सेवाएं भी जारी रही। हालांकि सड़को पर बच्चे खेलते नजर आए।     


            
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कोरोना सैंपललिंग बढा कर जांच समय सीमा में करे : केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल ★ सख्ती के साथ लॉकडाउन का पालन कराया जाए : मंत्री भूपेंद्र सिंह ★ साग़र क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में दिए निर्देश

कोरोना सैंपललिंग बढा कर जांच समय सीमा में करे : केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल
★ सख्ती के साथ लॉकडाउन का पालन कराया जाए : मंत्री  भूपेंद्र सिंह

★ साग़र क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में दिए निर्देश

सागर। कोरोना पीड़ित व्यक्ति को समय पर एवं समुचित इलाज मुहैया किया जाए एवं कोरोना सेंपलिंग बढ़ाकर जांच समय सीमा में की जावे । उक्त निर्देश केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री श्री पहलाद पटेल ने जिले की आपदा प्रबंधन समिति की वर्चुअल कान्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित बैठक में दिए।
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री श्री पहलाद पटेल ने कहां की कोरोना पीड़ित व्यक्तियों को समय पर एवं समुचित इलाज मुहैया हो सके इसके लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को  संपूर्ण मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 अस्पताल  बनाया जाएं और शासन की गाइड लाइन के अनुसार इलाज करें ।
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि कोरोना पीड़ित व्यक्तियों की जांच सेंपलिंग को बढ़ाकर समय सीमा में रिपोर्ट देवे । उन्होंने कहा कि कोरोना संपूर्ण को देखते हुए लॉकडाउन में वृद्धि कर उसका सख्ती से पालन कराने हेतु स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से एवं प्रचार प्रसार कर पालन कराएं । मंत्री श्री पटेल ने कहा कि रोको टोको अभियान को और सशक्त बनाए बनाए जाए और बगैर मास्क लगाने वालों को खुली जेल में भेजा जावे  ।
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिले में कोविड-19 अस्पतालों के साथ-साथ अन्य सेंटरों जिसमें बीड़ी अस्पताल ,स्वामी विवेकानंद अस्पताल में पलंगों को  बढ़ाया जावे ,इसके लिए निजी क्षेत्र की आवश्यकता हो तो उनसे भी परामर्श कर निजी क्षेत्र में भी पलंग बढ़ाएं।


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सख्ती के साथ लॉकडाउन का पालन कराया जाए
-मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह

कोरोना का समुचित इलाज मुहैया कराने के लिए बीएमसी को कोविड अस्पताल बनाएं


जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सख्ती के साथ लॉकडाउन पालन कराया जाए एवं कोरोना इलाज का समुचित इलाज मुहैया कराने के लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को कोविड-19 का अस्पताल बनाया जाए। उक्त  निर्देश  मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ठाकुर ने आपदा प्रबंधन समिति की वर्चुअल कान्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित बैठक में दिए।
मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जिले में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन का सख्ती के साथ इसका पालन कराया जाए । मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि कोरोना एवं अन्य इलाज के लिए अलग-अलग अस्पताल बनाकर इलाज प्रारंभ किया जाए ,जिसके तहत संपूर्ण मेडिकल कॉलेज में मात्र कोरोना का इलाज प्रारंभ करें ,और जिला चिकित्सालय में अन्य रोगों का इलाज प्रारंभ करें ,जिससे पीड़ित व्यक्तियों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा और समय पर इलाज मुहैया हो सकेगा ।
मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि जिला मुख्यालय पर प्रारंभ की गई खुली जेल की भांति संपूर्ण विकास खंड स्तर पर भी खुली जेल प्रारंभ कर   रोको टोको अभियान चलाकर कोविड गाइडलाइन का पालन कराएं और गाइडलाइन का पालन न करने वालों को खुली जेल में भेजें ।
मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि जन जागरण अभियान चलाकर एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से मास्क बैंक स्थापित करें और निशुल्क मास्को का वितरण कराएं । मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि कोरोना जांच की समय सीमा भी तय की जाए और अधिकतम 24 घंटे के अंदर व्यक्ति को कोरोना का परीक्षा परिणाम प्राप्त हो सके इसकी समुचित व्यवस्था की जावे।
उन्होंने कहा कि विगत दिनों ऑक्सीजन की कमी कि खुद समाचार प्राप्त हुए थे, किंतु परीक्षण करने पर ज्ञात हुआ कि जिले में कहीं भी ऑक्सीजन की समस्या नहीं है और इसको भोपाल स्तर पर मानिटरिंग की जा रही है।
मंत्री श्री ठाकुर ने  समस्त सागर जिले वासियों के साथ-साथ प्रदेश वासियों से अपील की कि वह बगैर कारण घरों से ना निकले आवश्यकता होने पर ही मास्क लगाकर घर से बाहर निकले और फिजिकल डिस्टेंस का पालन करें साथ ही दिन में अनेक बार 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोते रहें।
मंत्री श्री ठाकुर ने वैक्सीनेशन के बारे में निर्देश दिए कि शासन की गाइड लाइन के अनुसार शत प्रतिशत वैक्सीनेशन कराने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाई जाए और आज से प्रारंभ हो रहे  वैक्सीनेशन महोत्सव में अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों का वैक्सीनेशन कराने की व्यवस्था की जाए।

सभी निजी चिकित्सालय मुख्य द्वार पर करें इलाज की कीमतें प्रदर्शित
-कलेक्टर श्री सिंह

   
जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने कोविड-19 का इलाज कर रहे समस्त निजी चिकित्सालयों को निर्देश दिए हैं कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार निर्धारित इलाज की कीमतों का अस्पताल के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन करें ।
कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए कि कीमतों का प्रदर्शन बोर्ड अथवा बैनर पर समस्त प्रकार की की रेट लिस्ट प्रदर्शित की जाए । जिसमें पलंग कमरे का चार्ज, सीटी स्कैन ,एक्सरे चार्ज ,जाँचो के चार्ज एवं अन्य जो भी फीस चिकित्सालय द्वारा दी जा रही है उसका प्रदर्शन स्पष्ट रूप से बड़े बड़े अक्षरों में लिखकर बोर्ड के माध्यम से प्रदर्शित करें ।
कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए कि शासन द्वारा कोविड19 के इलाज के लिए कीमते निर्धारित की हैं उसका प्रदर्शन समस्त अस्पताल एवं पैथोलॉजी लैब स्पष्ट रूप से अपने मुख्य द्वार पर प्रदर्शित करें। 

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विज्ञान और नवरात्रि : नवरात्रि त्योहार क्या है और उसका वैज्ञानिक विश्लेषण ★ पंडित अनिल पांडेय

विज्ञान और नवरात्रि : नवरात्रि त्योहार क्या है और उसका वैज्ञानिक विश्लेषण
★ पंडित अनिल पांडेय



मां दुर्गा की आराधना का त्यौहार आ रहा है जो कि 13 अप्रैल से प्रारंभ होगा।  इस नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि कहते हैं तथा यह चेत्र माह के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा से प्रारंभ होता है। 
1 वर्ष में चार नवरात्रि में होती हैं । दो प्रकट नवरात्रि तथा दो गुप्त नवरात्रि। प्रकट नवरात्रि में पहली चैत्र मास में चेत्र नवरात्रि तथा दूसरी अश्वनी मास में शारदीय  नवरात्रि । गुप्त नवरात्रि भी दो होती हैं ।पहली आषाढ़ मास में दूसरी पौष मास में। प्रगट नवरात्रि भक्तजन मां दुर्गा के नौ रूपों की वंदना करते हैं। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के अन्य 10 रूपों की वंदना होती है। गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक क्रियाओं तथा अन्य  सिद्धियों  की सिद्धि हेतु पूजा अर्चना की जाती है।
आज हम विशेष रूप से प्रकट नवरात्रि की चर्चा करेंगे। पहली प्रकट नवरात्रि  चैत्र नवरात्रि कही जाती है । यह चेत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा  से नवमी तक मनाई जाती है।  इस नवमी को रामनवमी भी कहा जाता है। दूसरी नवरात्रि अश्वनी शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है इसे शारदीय नवरात्रि भी कहते हैं।

इन दोनों नवरात्रों में 6 माह का अंतर होता है। नवरात्रि में पहले ही दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री राजा हिमालय की पुत्री हैं ।इन्हें सती भी कहा जाता है । पूर्व जन्म की भांति इस जन्म में भी इनकी शादी भगवान शिव से हुई है ।मां शैलपुत्री वृषभ पर सवार हैं । इनके 2 हाथ हैं।एक हाथ में त्रिशूल है तथा दूसरे हाथ में कमल पुष्प है । मां शैलपुत्री के दूसरे नाम पार्वती और हेमवती भी है।

नवरात्र पर्व के दूसरे दिन हम मा ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं साधक इस दिन अपने  मन को मां के चरणों में लगाते हैं ।इनके भी मां शैलपुत्री की भांति दो हाथ हैं ।एक हाथ एक हाथ में जप की माला है तथा दूसरे हाथ में कमंडल है। कुंडलिनी शक्ति जागृत करने के लिए मां ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है मां दुर्गा का यह स्वरूप अनंत फल देने वाला है तथा इससे व्यक्ति के मानसिक शक्ति की वृद्धि होती है।

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है मां चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं दिव्य शक्तियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियां सुनाई देती है। मां चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत सौम्यता एवं शांति से परिपूर्ण रहता है। मां के शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है । इनके दस हाथ में जेल में विभिन्न प्रकार के शस्त्र एवं वाण विभूषित हैं। मां का वाहन सिंह है तथा इनकी मुद्रा युद्ध के लिए तैयार रहने की  होती है ।
नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा देवी की उपासना होती है। साधक को इस दिन अत्यंत पवित्र होकर मां की आराधना करना चाहिए । जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था तब इन्हीं देवी ने ब्रह्मांड की रचना की है ।यह आदिशक्ति हैं । इनके शरीर की कांति एवं प्रभा सूर्य के समान तेज है । मां की आठ भुजाएं हैं । इन्हें अष्टभुजा देवी भी कहते हैं ।इनके 7 हाथों में क्रमश कमंडल ,धनुष ,बाण , कमल पुष्प ,अमृतपूर्ण  कलश ,चक्र तथा गदा है। तथा आठवें हाथ में सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली जपमाला है। इनका वाहन सिंह है।

मां का पांचवा रूप मां स्कंदमाता है। इनकी पूजा नवरात्रि के पांचवें दिन की जाती है। मां मोक्ष का द्वार खोलने वाली परम सुख दाई है। मां भगवान स्कंद अर्थात कुमार कार्तिकेय की माता जी हैं कुमार कार्तिकेय प्रसिद्ध देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे कुमार कार्तिकेय की मां होने के कारण इन्हें मां स्कंदमाता कहा जाता है। मां की चार भुजाएं हैं उनके दाहिने तरफ की नीचे वाली भुजा जो ऊपर उठी हुई है उस में कमल पुष्प है । बायीं तरफ की ऊपर वाली भुजा में वर मुद्रा में तथा नीचे वाली भुजा जो ऊपर कि ओर उठी  है , उसमें भी कमल पुष्प है । यह कमल के आसन पर विराजमान है तथा इनका भी वाहन सिंह है।

नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है । यजुर्वेद के तैत्तिरीय आरण्यक मां कात्यायनी का उल्लेख है। स्कंद पुराण में बताया गया है कि मा परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से उत्पन्न हुई है। मां कात्यायनी विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन की पुत्री थी। महिषासुर का संहार किया है । जय महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर अत्यंत बढ़ गया था तब भगवान ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों ने अपने-अपने तेज कांच देकर महिषासुर के विनाश के लिए मां कात्यायनी को उत्पन्न किया था। मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला है इनकी चार भुजाएं हैं माताजी का दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में तथा नीचे वाला वर मुद्रा में है बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल पुष्प है इनका वाहन सिंह है।
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि की पूजा की जाती है। इन्हें मां देवी काली, महाकाली ,भद्रकाली ,भैरवी आदि नाम से भी पुकारा जाता है। माना जाता है कि देवी के इस रूप में सभी राक्षस भूत प्रेत पिशाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है । यह सभी नकारात्मक ऊर्जामां के आने से पलायन कर जाती है। मां का शरीर घने अंधकार की तरह काला है ।सिर के बाल बिखरे हुए हैं । इनके तीन नेत्र हैं ।मां की नासिका से अग्नि की भयंकर ज्वाला निकलती है । इनका वाहन गर्दभ है । इनके ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ  की वर मुद्रा से सभी को वर प्रदान करती हैं ।दाहिने तरफ की नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपर वाला हाथ में लोहे का कांटा और नीचे वाले हाथ में कटार है।
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है इनकी उपासना से भक्तों के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। इनका वर्ण पूर्णतः गौर है। इनके समस्त वस्त्र एवं आभूषण भी श्वेत है । महागौरी की चार भुजाएं हैं। इनका वाहन वृषभ है। उनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू और नीचे के बाएं हाथ में बर मुद्रा है ।इनकी मुद्रा अत्यंत शांत है।


नवरात्रि के नवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।यह मां सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं इनकी उपासना के उपरांत सभी सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं और सिस्टर में कुछ भी अगम में नहीं रह जाता । मां सिद्धिदात्री की चार भुजाएं हैं। उनके हाथों में गदा, चक्र, शंख एवं कमल है । मां का वाहन सिंह है तथा यह कमल के आसन पर आसीन हैं।
नवरात्र के वैज्ञानिक पक्ष की तरफ अगर हम ध्यान दें तो हम पाते हैं कि दोनों प्रगट नवरात्रों के बीच में 6 माह का अंतर है। चैत्र नवरात्रि के बाद गर्मी का मौसम आ जाता है तथा शारदीय नवरात्रि के बाद ठंड का मौसम आता है। हमारे महर्षि यों ने शरीर को गर्मी से ठंडी तथा ठंडी से गर्मी की तरफ जाने के लिए तैयार करने हेतु इन नवरात्रियों की प्रतिष्ठा की है। नवरात्रि में व्यक्ति पूरे नियम कानून के साथ अल्पाहार  एवं शाकाहार  या पूर्णतया निराहार व्रत रखता है । इसके  कारण शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन होता है ।अर्थात शरीर के जो भी विष तत्व है वे बाहर हो जाते हैं । पाचन तंत्र को आराम मिलता है । लगातार 9 दिन के  आत्म अनुशासन की पद्धति के कारण मानसिक स्थिति बहुत मजबूत हो जाती है ।जिससे डिप्रेशन माइग्रेन हृदय रोग आदि बिमारियों  के होने की संभावना कम हो जाती है।
वर्ष के बीच में जो हम एक-एक दिन का व्रत करते हैं उससे मानसिक स्थिति मजबूत नहीं हो पाती है केवल पाचन तंत्र पर ही उसका प्रभाव पड़ता है ।
देवी भागवत के अनुसार सबसे पहले माने महिषासुर के सेना का वध किया था उसके बाद उन्होंने महिषासुर का वध किया महिषासुर का अर्थ होता है ऐसा असुर जोकि भैंसें के गुण वाला है अर्थात जड़  बुद्धि है । महिषासुर का विनाश करने का अर्थ है समाज से जड़ता का संहार करना। समाज को इस योग्य बनाना कि वह नई बातें सोच सके तथा निरंतर आगे बढ़ सके।
समाज जब आगे बढ़ने लगा तो आवश्यक था कि उसकी दृष्टि पैनी होती तथा वह दूर तक देख सकता ।अतः तब माता ने धूम्रलोचन का वध कर समाज को दिव्य दृष्टि दी। धूम्रलोचन का अर्थ होता है धुंधली दृष्टि। इस प्रकार माता जी माता ने धूम्र लोचन का वध कर समाज को दिव्य दृष्टि प्रदान की।
समाज में जब ज्ञान आ जाता है उसके उपरांत बहुत सारे तर्क वितर्क होने लगते हैं ।हर बात के लिए कुछ लोग उस के पक्ष में तर्क देते हैं और कुछ लोग उस के विपक्ष में तर्क देते हैं ।समाज की प्रगति और अवरुद्ध जाती है । चंड मुंड इसी तर्क और वितर्क का प्रतिनिधित्व करते हैं ।माता ने चंड मुंड की हत्या कर समाज को बेमतलब के तर्क वितर्क से आजाद कराया।
समाज में नकारात्मक ऊर्जा के रूप में मनो ग्रंथियां आ जाती हैं ।रक्तबीज इन्हीं मनो ग्रंथियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। जिस प्रकार एक रक्तबीज को मारने पर अनेकों रक्तबीज पैदा हो जाते हैं उसी प्रकार एक नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने पर हजारों तरह की नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है। जिस प्रकार सावधानी से रक्तबीज को मां दुर्गा ने समाप्त किया उसी प्रकार नकारात्मक ऊर्जा को भी सावधानी के साथ ही समाप्त करना पड़ेगा।

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नवरात्रि में रात्रि का दिन से ज्यादा महत्व  है 

इसका विशेष कारण है। नवरात्रि में हम व्रत संयम नियम यज्ञ भजन पूजन योग साधना बीज मंत्रों का जाप कर सिद्धियों को प्राप्त करते हैं। राज्य में प्रचलित के बहुत सारे और रोज प्रकृति स्वयं ही समाप्त कर देती है। जैसे कि हम देखते हैं अगर हम जिनमें आवाज दें तो वह कम दूर तक जाएगी परंतु रात्रि में वही आवाज दूर तक जाती है दिल में सूर्य की किरणें आवाज की तरंगों को रेडियो तरंगों को आज को रोकती है अगर हम दिन में रेडियो से किसी स्टेशन के गाने को सुनें तो वह रात्रि में उसी रोडियो से उसी स्टेशन के गाने से कम अच्छा सुनाई देगा और संघ की आवाज भी घंटे और  शंख की आवाज भी दिन में कम दूर तक जाती है जबकि रात में ज्यादा दूर तक जाती है दिन में वातावरण में कोलाहल रहता है जबकि रात में शांति रहती है। नवरात्रि में  सिद्धि हेतु रात का ज्यादा महत्व दिया गया है ।
हमारे शरीर में 9 द्वार हैं। 2 आंख ,  दो कान , दो  नाक , एक मुख ,एक मलद्वार , तथा एक मूत्र द्वार। नौ द्वारों को सिद्ध करने हेतु पवित्र करने हेतु नवरात्रि का पर्व का विशेष महत्व है। नवरात्रि में किए गए पूजन अर्चन तप यज्ञ हवन आदि से यह नवो द्वार शुद्ध होते हैं।
नवरात्रि हमें यह भी संदेश देती है की सफल होने के लिए सरलता के साथ ताकत भी आवश्यक है जैसे माता के पास कमल के साथ चक्र एवं त्रिशूल आदि हथियार भी है समाज को जिस प्रकार  कमलासन की आवश्यकता है उसी प्रकार सिंह अर्थात ताकत ,वृषभ अर्थात गोवंश , गधा अर्थात बोझा ढोने वाली  ताकत , तथा पैदल अर्थात स्वयं की ताकत सभी कुछ आवश्यक है।
मां दुर्गा से प्रार्थना है कि वह आपको पूरी तरह सफल करें ।आप इस नवरात्रि में  जप तप पूजन अर्चन कर मानसिक एवं शारीरिक दोनों रुप में आगे के समय के लिए पूर्णतया तैयार हो जाएं।



जय मां शारदा।
निवेदक:-
पण्डित अनिल कुमार पाण्डेय
स्टेट बैंक कॉलोनी
मकरोनिया सागर


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