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"जवाहर रत्न अवार्ड " से सम्मानित होंगी कलेक्टर प्रीति मैथिल



"जवाहर रत्न अवार्ड " से सम्मानित होंगी कलेक्टर प्रीति मैथिल
सागर   जवाहर लाल नेहरू कृषि विवि जबलपुर अपने स्थापना के 56 वे वर्ष पर  "जवाहर रत्न पुरस्कार 2019" सागर की कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक को उत्कृष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाएगा। विवि कृषि क्षेत्र में बेहतर कार्य झरने वालो और इस विवि के कृषि वैज्ञानिकों को यह सम्मान देता है। विवि के कुलपति डॉ प्रदीप विसेन के अनुसार वर्ष 2019 के जवाहर रत्न के लिए चयन समिति ने कलेक्टर प्रीति मैथिल को चुना है । एक अक्टूबर को जबलपुर कृषि महाविधालय में समारोहपूर्वक दिया जाएगा।
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स्वच्छता पर बुन्देली गीत "भारत सुंदर बने प्लास्टिक दूर भगाने....

स्वच्छता पर  बुन्देली गीत "भारत सुंदर बने प्लास्टिक दूर भगाने....

सागर ।स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के छात्र छात्राओं द्वारा संदेशप्रद बुन्देली गीत "भारत सुंदर बने प्लास्टिक दूर भगाने" की आकर्षक प्रस्तुति संगीत विभाग परिसर में की गई ।
          विभागाध्यक्ष डॉ ललित मोहन द्वारा रचित और संगीतबद्ध बुन्देली गीत "भारत सुंदर बने प्लास्टिक दूर भगाने" को छात्र कौशल मेहरा, आकाश मेहरा, निखिल सोनी, कृति तिवारी, वंशिका व्यास , अपूर्वा भदौरिया,मोहनी भट्ट, शुभनशिता ठाकुर, सुप्रिया, सपना यादव, तृप्ति, करिश्मा अहिरवार, ने रोचक तरीके से प्रस्तुत किया वादन सहयोग तबला पर आकाश जैन,गगन राज एवं हारमोनियम पर चंद्रकांन्त शर्मा  में सहयोग किया।
        प्लास्टिक हटाने के संदेश को लेकर इस गीत को आकाशवाणी से प्रसारित करने की योजना है विभागीय शिक्षक डॉ राहुल स्वर्णकार, डॉ अवधेश तोमर का सहयोग रहा।
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झाबुआ उपचुनाव। नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ चुनाव आचार सहिता के उल्लंघन की शिकायत की कांग्रेस ने

झाबुआ उपचुनाव। नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ चुनाव आचार सहिता के उल्लंघन की शिकायत की कांग्रेस ने

भोपाल । झाबुआ उपचुनाव में नेता प्रतिपक्ष गोपाल  भार्गव के खिलाफ  चुनाव आचार सहिंता के उल्लंघन की शिकायत काँग्रेस ने निर्वाचन आयोग से की है । शिकायत के मुताबिक  नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने आज एक सभा मे काँग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया को  पाकिस्तान का प्रतिनिधि बताया।
कांग्रेस केप्रभारी  चुनाव आयोग कार्य जे पी धनोतिया द्वारा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भोपाल को की गई शिकायत के अनुसार
आज  नेताप्रतिपक्ष विधान सभा श्री गोपाल भार्गव द्वारा आमसभा में भाषण देते हुए सार्वजनिकरूप से कांग्रेस प्रत्याशी श्री कांतिलाल भूरिया को पाकिस्तान का प्रतिनिधि संबोधित करउनका अपमान किया तथा एक राजनैतिक दल के प्रत्याशी को आतंकवादी देश पाकिस्तान का प्रति निधि कहना तथा भाजपा प्रत्याशी श्री भानु भूरिया को भारत का प्रतिनिधि संबोधित कर पाकिस्तान के प्रतिनिधि को वोट न देने एवं भारत के प्रतिनिधि को उप चुनाव में वोटदेने की अपील करते हुए श्री भार्गव ने मतदाताओं की देश भक्ति की भावनाओं को भड़ाकरउप चुनाव को प्रभावित करने का कृत्य करते हुए प्रभावशील आदर्श आचार संहिता का खुलाउल्लंघन किया है जिसके अनुरूप एक देश भक्त कांग्रेस प्रत्याशी को पाकिस्तान का
प्रतिनिधि संबोधन करना सरासर अपराधिक श्रेणी में आता है।अतः माननीय निर्वाचन आयोग से निवेदन है कि झाबुआ उप चुनाव के प्रचार के
दौरान भाजपा नेता श्री गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष म.प्र. विधन सभा द्वारा देश भक्त कांग्रेसप्रत्याशी श्री कांतिलाल भूरिया को पाकिस्तानी प्रतिनिधि कहकर अपमानित करना एवंपाकिस्तानी प्रतिनिधि के आधार पर उन्हें वोट न देने की अपील कर उन्होंने आदर्श आचार
संहिता के अन्तर्गत गंभीर अपराध किया है इसलिए उनके विरूद्ध आदर्श आचार संहिता के
उल्लंघन का प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जावे जो कि न्यायोचित होगा जिससे कि
झाबुआ में विधान सभा का उप चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से सम्पन्न हो सके ।

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Tribal News : जनजातीय पारम्परिक ज्ञान -विज्ञान पर संगोष्ठी 3 अक्टूबर को, नाड़ी वैद्य शिविर लगेगा


जनजातीय पारम्परिक ज्ञान एवं विज्ञान पर संगोष्ठी 3 अक्टूबर को, नाड़ी  वैद्य शिविर लगेगा
सागर। डॉ हरीसिंह गौर केन्द्रीय विवि के स्वदेशी अनुसंधान केंद्र,मानव विभाग और दत्तोपंत ठेंगडी  शोध संस्थान भोपाल द्वारा मध्यवर्ती भारत की जनजातीय सामाजिक सांस्कृतिक ज्ञान के परिप्रेक्ष्य में 3 अक्टूबर को एक डीसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है ।इसी के साथ तीन दिनी नाड़ी वैध शिविर/प्रदर्शनी भी आयोजित किया की गई है । 
              कुलपति प्रो आर पी तिवारी ने आज मीडिया को बताया कि जनजातीय और सदेशी ज्ञान धीरे धीरेकम होता जा रहा है । जबकि हर क्षेत्र में इस ज्ञान की जरूरत है ।बढ़ते शहरीकरण से यह ज्ञान लुप्त हो रहा है । इस ज्ञान को सरंक्षित करने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया है । विवि में यह तीसरा आयोजन हैं।कुलपति के अनुसार  स्वदेशी ज्ञान के संरक्षण हेतु विश्वविद्यालय में स्वदेशी अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की गई है ।जिससे इस अद्भुत ज्ञान के संरक्षण एवं प्रामाणिकता को परखा जा सके। भारतीय पद्धति परदेश-विदेश में विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा अनुसंधान किया जा रहा है। केन्द्र के अन्तर्गत एक प्रोफेसर, एकऐसोशिएट प्रोफेसर एवं दो असिस्टेंट प्रोफेसर के पद की पूर्ति की प्रक्रिया चल रही है। विज्ञान विभाग द्वारा जनवरी 4 से 6 के बीच 2019 में जनजातीय पारम्परिक ज्ञान एवं विज्ञान परआयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में 6 राज्यों के वैद्य अपनी स्वदेशी उपचार पद्धति का प्रदर्शन शिविर के तहत कर चुके हैं जिससेजनमानस भी लाभान्वित हो चुका है।छत्तीसगढ़  शासन से पंजीकृतपरम्परागत वनौषधि प्रशिक्षित वैद्य संस्थान के नाड़ी वैद्य आ रहें है।
ये होंगे कार्यक्रम के वक्ता
         विवि के स्वदेशी अनुसंधानकेंद्र के प्रभारी और मानव विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो के के एन शर्मा ने बताया कि  स्वदेशी अनुसंधान केन्द्र एवं मानव विज्ञान विभाग और दत्तोपन्त ठेगड़ी शोध संस्थान, भोपाल द्वारा यहाँ पर 3 अक्टूबर 2019 को एक दिवसीय मध्यवर्ती भारत का जनजातीय सामाजिक-सांस्कृतिकपरिप्रेक्ष्य पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसका मूल उददेश्य मध्यवर्ती भारत की जनजातीय सामाजिक-सांस्कृतिक
परिप्रेक्ष्य पर वर्तमान स्थिति पर गहन चिन्तन मनन कर निष्कर्ष निकालना है।इसमे  जबलपुर विश्वविद्यालय के जनजातीय अध्ययन केन्द्र के प्रो. शिव कुमार तिवारी द्वारा मध्यवर्ती
भारत का सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास : दक्षिण कौशल चेदी के संदर्भ में, पुरातत्वविद् डॉ. नारायण व्यास द्वारा मध्यवर्ती
भारत का सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास : पुरातात्विक उत्खननों के संदर्भ में, डॉ. कुमार रत्नम, सदस्य सचिव, भारतीय इतिहास
अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा मध्यवर्ती भारत का नृजातीय प्रवाह एवं डॉ. अंकुर यादव, नई दिल्ली द्वारा मध्य भारत की
जनजातियों का मानवशास्त्रीय शारीरिक वृत्तान्त प्रमुख रूप से उल्लेखनीय है। इन प्रमुख वक्ताओं के साथ-साथ मध्य प्रान्त के
अन्तर्गत महाकौशल, मध्यभारत, छत्तीसगढ़, मालवा अंचल के इन क्षेत्रों में लम्बे समय से कार्य करने वाले लगभग 80 विद्वत गण
विचार-मंथन के लिए शामिल हो रहे हैं।कार्यशाला की  अध्यक्षता  कुलपति प्रो. राघवेन्द्र पी. तिवारी करेंगे।
         प्रो शर्मा ने बताया कि इस कार्यशाला के साथ-साथ नाड़ी वैद्य स्वदेशी उपचार प्रदर्शनी मानव विज्ञान विभाग में 4 से 5अक्टूबर 2019 प्रातः 9.30 बजे से सांयकाल 6.00 बजे तक जनमानस के लिए इनका शिविर लगाया जा रहा है। इस प्रदर्शनी काउद्घाटन  कुलपति  एवं अन्य विद्वतगणों द्वारा 03 अक्टूबर 2019 को सांयकाल 5.30 बजे मानव विज्ञान विभाग में होगा।
प्लास्टिक कचरे से मुक्त कराने पहल जारी
कुलपति प्रो तिवारी ने बताया कि विवि में प्लास्टिक कचरा से मुक्त कराने की दिशा में विभिन्न स्तर पर प्रयास जारी है ।विश्वविधालयीन प्रक्रिया में भी पालीथिन /प्लास्टिकका उपयोग खत्म किया जा रहा है ।
दैनिक उपयोग के लिए कपड़ो के बने थैले भी उपलब्ध कराए जा रहे है ।
इस मौके पर  विवि की डोफा प्रमुख प्रो अर्चना पांडेय ने बताया कि विवि क्षेत्र और अन्य स्थानों पर थैलों का वितरण कर लोगो को जागरूक किया जा रहा है। 

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Bollywood News : नही रहे शोले फ़िल्म के हिट किरदार कालिया

नही रहे शोले फ़िल्म के हिट किरदार कालिया,दुखद निधन
मुंबई। ब्लॉकबस्टर फ़िल्म शोले  में "कालिया" का हिट किरदार  निभाने वाले विजय खोटे का दिल का दौरा पड़ने से  निधन हो गया। उन्होंने 78 साल की उम्र में  आखिरी सांस ली। वे शोले फिल्म में कालिया का रोल निभाने के बाद  हिट हुए थे।
सरदार मैंने आपका नमक खाया है'
  फ़िल्म निर्माता /निर्देशक रमेश सिप्पी की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'शोले' में ये डायलॉग  बोलने वाले कालिया अब  इस दुनिया  में नही रहे। शोले में जब गब्बर सिंह और कालिया के बीच का संवाद सुपर हिट रहा है । जिसमे विजय यानी कालिया कहते है "सरदार मेने आपका नमक खाया है,... "।एक्टर विजू खोटे का ये डायलॉग हिंदी सिनेमा के यादगार डायलागो में से एक है। तीन सौ से ज्यादा हिंदी और मराठी फिल्मों और धारावाहिकों में किया अभिनय।
         विजू खोटे ने 1964 में फिल्मी दुनिया में एंट्री की थी. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में कई मराठी और हिंदी फिल्मों में काम किया. 'शोले' के अलावा उन्हें 'अंदाज अपना अपना' में उनके रोल के लिए भी जाना जाता है।
300 से अधिक फिल्मों में किया काम

        विजय खोटे का जन्म 1945 में हुआ था, उन्होंने करीब 300 हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया, लेकिन उनको असली पहचान फिल्म शोले में कालिया के रोल से मिली। सलमान खान और आमिर खान की सुपरहिट फिल्म 'अंदाज अपना अपना' में विजू खोटे रॉबर्ट के किरदार में नजर आए थे। विजू खोटे आखिरी बार 2005 में फिल्म पहचान में नजर आए थे।विजू खोटे की हिट फिल्मों में शोले, याराना, कर्ज, नमक हलाल, पुकार, नगीना, आखिरी रास्ता, घायल, दिल, दामिनी और अंदाज अपना अपना है।
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महाराजा अग्रसेन महोत्सव। सजी सुंदर रंगोली, मिले पुरस्कार

महाराजा अग्रसेन महोत्सव। सजी सुंदर रंगोली, मिले पुरस्कार


सागर ।अग्रवाल समाज सागर द्वारा आयोजित महाराजा अग्रसेन महोत्सव  में रंगोली सजाओ प्रतियोगिता में अंजली अग्रवाल प्रथम,मुस्कान अग्रवाल दितीय,अथर्व अग्रवाल ने तृतीय दुख दिए अग्रवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया ।
       ग्रुप अ में रंगोली स्वाति अग्रवाल प्रथम ,अनुजा अग्रवाल द्वितीय मोनिका अग्रवाल तितीय रही,चित्रकला प्रतियोगिता में वर्ग अ में मिशिका अग्रवाल प्रथम, नव्या पोद्दार द्वितीय ,गौरांशी अग्रवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त कियाम
 चित्र कला वर्ग ब में अनुष्का प्रथम,यशवी अग्रवाल द्वितीय एवं केशव अग्रवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया ।गिफ्ट पैकिंग प्रतियोगिता में प्रणव अग्रवाल प्रथम कृष्णा अग्रवाल द्वितीय ,वानिशी पोद्दार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया 
थाली सजाओ प्रतियोगिता में पारुल अग्रवाल बरखा अग्रवाल प्रथम ,सुनीता अग्रवाल खुशबू अग्रवाल ने द्वितीय,रोशनी अग्रवाल एवं रानी अग्रवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया 
         कलश सजाओ प्रतियोगिता में मोनिका अग्रवाल प्रथम,सेजल अग्रवाल द्वितीय एवं दिशा अग्रवाल तृतीय स्थान प्राप्त किया दोपहर के कार्यक्रम के प्रारंभ में अग्रवाल महिला मंडल की वरिष्ठ सदस्य श्रीमती शशिकांत अग्रवाल एवं सुनीला अग्रवाल जी ने महाराज अग्रसेन जी के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की शाम के समय महाराजा अग्रसेन जी की 5143 जयंती पर महाराजा अग्रसेन जी की आरती पूजन किया गया ।जिसमें समाज के सभी वरिष्ठ जन महिला पुरुष एवं स्वजातीय बंधुओं उपस्थित रहे।
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भाषा विमर्श"।चर्चित अँग्रेजी लेखक हिमांशु राय के दो उपन्यासों पर चर्चा

"भाषा विमर्श"।चर्चित अँग्रेजी लेखक हिमांशु राय के दो उपन्यासों पर चर्चा

सागर।  श्यामलम् संस्था ने अपने नये  कार्यक्रम "भाषा विमर्श" की शुरुआत की। आदर्श संगीत महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में  सागर के युवा चर्चित अँग्रेजी लेखक हिमांशु राय के दो उपन्यासों पर चर्चा से की गई।
       इस अवसर पर कवि व लेखक डा.मनीष झा ने उपन्यास 'आई एम आलवेज़ हिअर विथ यू' पुस्तक की समीक्षा करते हुए पुस्तक का सार श्रोताओं को बताया तथा कहा कि यह पुस्तक एक प्रेम कहानी होते हुए भी प्रेम के एक अन्य पक्ष पिता और पुत्र के प्रेम को गहराई से उकेरती है। साथ ही जीवन के बाद के जीवन का विमर्श भी इस पुस्तक की खासियत है।
     डा. हरीसिंह गौर वि.वि.सागर में भाषा संकाय की डीन प्रो.निवेदिता मैत्रा ने पुस्तक "माई म्यूट गर्ल फ्रेंड" पर चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे उपन्यास रचे जाने चाहिए जिनमें प्रेम के इस निर्मल स्वरूप को वर्णित किया गया हो तथा मानसिक रूप से स्वस्थ तथा नैतिक रूप से श्रेष्ठ हो। उन्होंने भारत में अंग्रेजी उपन्यासों के इतिहास पर प्रकाश डाला।
          कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित पुस्तकों के लेखक  हिमांशु राय ने सागर में बिताए दिनों को सप्रेम याद किया। उन्होंने कहा कि उनका उपन्यास 'माय म्यूट गर्ल फ्रेंड' एक आत्मकथ्यात्मक उपन्यास है, तथा सागर की पृष्ठभूमि में घटित वास्तविक घटना पर आधारित है। उन्होंने अपने आगामी उपन्यासों के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि हिमांशु के 4 उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें से सर्वाधिक चर्चित उपन्यास माई म्यूट गर्लफ्रैंड का हिन्दी अनुवाद भी "प्यार तो होना ही था" नाम से प्रकाशित हो चुका है।
        कला समीक्षक तथा ललित कला मंडल सागर के अध्यक्ष  मुन्ना शुक्ला ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि प्रेम संसार की दिव्यतम अनुभूति है, जिसे त्याग की वृत्ति से ही पाया जा सकता है। इसमें लक्ष्य भी प्रेम है और प्राप्ति भी प्रेम है। इस अनुभूति को उपन्यासकार हिमांशु राय ने अद्वितीय अभिव्यक्ति देकर एक अप्रतिम उपन्यास रचा है।
           कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती व लेखक हिमांशु राय के माता-पिता स्व.प्रफुल्ल राय तथा स्व.मीरा राय के चित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।गायक शिवरतन यादव ने सरस्वती वंदना की।श्यामलम् अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र ने स्वागत उद्बोधन व कार्यक्रम परिचय दिया।डा.अलका सिद्धार्थ शुक्ला ने प्रभावी संचालन किया।आभार श्यामलम् के कार्यकारिणी सदस्य रमाकांत मिश्र ने माना।
    लेखक से विमर्श में डा.जीवनलाल जैन, डा.चंचला दवे, प्रो.उदय जैन,डॉ.शरद सिंह, डा.अरविंद गोस्वामी,आशीष ज्योतिषी,डा. श्याममनोहर सीरोठिया, डा.आशुतोष गोस्वामी, टी.आर.त्रिपाठी ने भी अपनी बात रखी जिनका लेखक हिमांशु राय ने समुचित समाधान किया।
           इस अवसर पर शुकदेव प्रसाद तिवारी, के.के. सिलाकारी, डा.दिनेश अत्रि,डा.आशुतोष मिश्र, डा.आशीष द्विवेदी,डा.अभिषेक ऋषि, पी.आर. मलैया,डा.ऋषभ भारद्वाज,वीरेंद्र प्रधान, डा. रामरतन पाण्डेय,प्रदीप पाण्डेय, डा.कविता शुक्ला,सोना राय, सरोज तिवारी, दीपा भट्ट, वन्दना खरे, अर्चना श्रीवास्तव,हरी शुक्ला,कुंदन पाराशर, कपिल बैसाखिया, आर.के. तिवारी, गोवर्धन पटैरिया,डा.जी.आर. साक्षी,हरीसिंह ठाकुर, डा.विनोद तिवारी,मुकेश निराला, अशोक गोपीचंद रायकवार, रमेश दुबे, एम. शरीफ, दामोदर अग्निहोत्री,डा.दिनेश साहू, मितेन्द्रसिंह सेंगर,नवनीत धगट,अमित आठिया,दामोदर चतुर्वेदी, सिद्धार्थ शुक्ला, आर.के.चतुर्वेदी, मुकेश तिवारी,भगवान दास रायकवार, पुष्पदंत हितकर,राधाकृष्ण व्यास,अमीस साक्षी सहित बड़ी संख्या में बौद्धिक वर्ग की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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"श्राद्ध पक्ष की वैज्ञानिकता" पर हुई परिचर्चा



"श्राद्ध पक्ष की वैज्ञानिकता" पर हुई परिचर्चा

सागर । भारतीय शिक्षण मण्डल, महिला प्रकल्प सागर  की "श्राद्ध पक्ष की वैज्ञानिकता" पर परिचर्चा आयोजित की गई।विषय की  चर्चा प्रवर्तक श्रीमती हंसमुखी चतुर्वेदी ने कहा कि हिन्दू संस्कृति में प्रति आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की पहली तिथि से अमावस्या तक 15 दिनों तक श्राद्धपक्ष चलता है जो मानव द्वारा अपने मृत सम्बन्धियों के प्रति किया जाता है यह  'श्राद्ध' शब्द श्रद्धा से निर्मित रूप है । श्रद्धा का यह रूप श्रत् + धा धातु से बना है। श्रत्=सत्यम/ धा=दधाति अर्थात् -- सत्य को धारण करने वाली क्रिया का ही नाम श्रद्धा है।श्राद्ध का वेदों, स्मृतियों, पुराणों, उपनिषदों रामायण महाभारत सभी धर्म ग्रंथों में वर्णन है।परिचर्चा अदिति मण्डल की   संयोजक -श्रीमती  सुधा जैन जी के यहां  आयोजित की गयी।

        परिचर्चा में डॉ सरोज गुप्ता ने कहा कि स्वामी दयानंद जी ने भी अपनी पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश में  श्राद्धपक्ष की वैज्ञानिकता का उल्लेख किया है।हमारी संस्कृति में  गतिविज्ञान, मृत्युविज्ञान , परलोक ,पुनर्जन्म एवं मोक्ष, जन्मान्तर रहस्य आदि पर कई पुस्तकें हैं जो हमें अपने ही स्वरुप, चितिशक्ति ,जन्म मृत्यु के रहस्यों की जानकारी देती हैं। आज हमारा ज्ञान अत्यन्त सीमित हो गया है। पढ़लिख कर हमने अपनी  भारतीय संस्कृति को दकियानूसी कहना शुरू कर दिया है जबकि हमारी संस्कृति वैज्ञानिक है ।  देवताओं की पूजा-आराधना के समान पितरों का स्मरण करना एक आवश्यक वैदिक नित्य कर्म माना गया है। देवों की तरह पितरों के तृप्त होने पर परिवार में खुशहाली, श्रेष्ठ फल की प्राप्ति होती है।  पितरों के तृप्त होने पर अपने वंशजों का मंगलसाधन ,वृद्धि व  आशीर्वाद की परम्परा है।आज भी यह वैदिक परम्परा अधिकांश हिन्दू समाज में प्रचलित है कुछ परिवार पितृऋण से मुक्त होने के लिए, पितरों का श्राद्ध व उनके नाम का भोजन ग़रीबों को खिलाते हैं , दान पुण्य करते हैं। तिल,मधु,चावल,अन्न आदि से तर्पण करते हैं और गया- बिहार में ले जाकर उन्हें मोक्षधाम में छोड़ना आदि कार्य करते हैैं। मैक्समूलर तथा शाहजहां ने भी भारतीय श्राद्धपद्धति की भूरिभूरि प्रशंसा की है।
        डाक्टर क्लीन राय ने कहा कि पित्र पक्ष की जो १५ दिन की अवधि निर्धारित की गई है वह सूर्य के दक्षिणायन होने पर मनाई जाती है ,इस समय मौसम थोड़ा ठंडा हो जाता है जो पितरों के लिए उपयुक्त होता हैक्लीन जी ने आगे कहा कि आत्मा के प्रति श्रद्धा आत्मा से होनी चाहिए,इसके लिए पुरुष या स्त्री के शरीर का होना महत्वपूर्ण नहीं है।डाक्टर कृष्णा गुप्ता ने कहा कि आजकल दिखावा ज़्यादा होने लगा है,जो ठीक नहीं है श्राद्ध श्रद्धा से होना चाहिए।।                राजश्री दबे के अनुसार जब ब्राह्मण भोजन से तृप्त होता है तो उसकी सूक्छ्म तरंगे आत्मा को तृप्त करती हैं,राजश्री ने आगे कहा कि लड़कों द्वारा ही श्राद्ध कराने के पीछे वैज्ञानिक आधार यह है कि लड़का में xy क्रोमोजोंस होते हैं और लड़की में xx क्रोमोजोंस होते हैं ,लड़कियों में सात पीढ़ी के बाद यह क्रोमोजोंस समाप्त हो जाता है किंतु लड़को में बना रहता है। श्रीमती ज्योति राय ने कहा कि हर धर्म में लोग श्राद्ध करते हैं बस इसका स्वरूप भिन्न -भिन्न होता है।
           शशि भदोरिया ने कहा कि केवल पित्र पक्छ में नहीं वरन सामान्य स्थिति में भी अपने पूर्वजों को याद करना चाहिए।स्नेह जैन ने कहा कि श्राद्ध के द्वारा हम अपनी अगली पीढ़ी को पिछली पीढ़ी से परिचित कराते हैं।इस तरह से हमारे संस्कार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में बहुत आसानी से हस्तांतरित हो जाते हैं।आराधना रावत के अनुसार ज़रूरत मंद को भोजन कराना चाहिए।शशि दीक्षित ने कहा कि अपने पूर्वजों का ध्यान जीते जी रखना चाहिए।तभी आत्म-संतुष्टि प्राप्त होती है।अंत में आभार प्रकट करते हुए डाक्टर सुधा जैन ने कहा कि पूर्वजों द्वारा किए गाए उपकार को याद करने का सबसे अच्छा तरीक़ा है श्राद्ध।परिचर्चा में  श्रीमती पल्लवी सक्सेना,श्रीमती रमा पांडे,श्रीमती रूपा राज,श्रीमती ज्योति राय,श्रीमती अरूणा मिश्रा,श्रीमती साक्षी जैन,जयश्री अहिरवर,शशि भदोरिया आदि सदस्य उपस्थित रहे।समापन संगठन मंत्र से किया गया।
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