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सागर के रसखान है मायूस सागरी: प्रो सुरेश आचार्य▪️जनाब मायूस सागरी को मिला साहित्य सरस्वती सम्मान -2024

सागर के रसखान है मायूस सागरी: प्रो सुरेश आचार्य
▪️जनाब मायूस सागरी को मिला साहित्य सरस्वती सम्मान -2024



तीनबत्ती न्यूज : 23 मार्च,2024
सागर :  श्री सरस्वती पुस्तकालय एवं वाचनालय ट्रस्ट द्वारा वर्ष 2024 का साहित्य सरस्वती सम्मान बंडा के जनाब मायूस सागरी जी को प्रदान किया गया। पूर्व सांसद  लक्ष्मीनारायण यादव, समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर, प्रो सुरेश आचार्य, संस्था के सचिव षुकदेव प्रसाद तिवारी, अध्यक्ष के के सिलाकारी , कोशाध्यक्ष आर एस यादव , साहित्य सरस्वती की संपादक डाॅ लक्ष्मी पाण्डेय के कर कमलों से प्रदान किया गया। इस अवसर पर वाचनालय की पत्रिका साहित्य सरस्वती के 11 वें अंक के प्रवेषांक का विमोचन भी किया गया।


कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संस्था के सचिव सुकदेव प्रसाद तिवारी ने संस्था की सामाजिक गतिविधियों की जानकारी दी, वाचनालय की पत्रिका और सागर के साहित्यकारों के संदर्भ में किये जा रहे कार्यो के बारे मे जानकारी दी।  रधु ठाकुर ने अपने विचार रखते हुए कहा कि मायूस सागरी ने बुन्देलीभाषा में जो माधुर्य लाया है वह ब्रजरज में देखने मिलता है इसको पढ़कर लगता है कि इसे बार बार पढ़ा जाए।  प्रो सुरेश आचार्य ने अपने उद्बोधन में मायूस सागरी की  तुलना रसखान से की उन्होंने कहा कि आपके हिन्दी और उर्दू साहित्य का अच्छा प्रभाव है ; आपने बुन्देली के सौन्दर्य को साध लिया है। समीक्षक टीकाराम त्रिपाठी  ने सागरी जी के साहित्य के बारे में विचार रखे उन्होंने  कहा कि यदि सागरी जी ने इतना साहित्य लिखा है कि पूरा साहित्य प्रकाषित हो जाए तो उसकों पढ़ने  मे वर्शो लग जाए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सासंद लक्ष्मीनारायण यादव जी कहा की पुरस्कार की सार्थकता साबित हुई, मायूस जी उनकी रचनाओं का एक अलग सौन्दर्य है। मायूस जी के व्यक्तित्व में जितनी सहजता है उतना ही  अपनापन उनके साहित्य में है।  इस अवसर पर षहर की अनेक साहित्य संस्थाओं द्वारा मायूस जी का षाल एवं श्रीफल से सम्मान किया । 


कार्यक्रम की षुरूआत में माॅ सरस्वती का पूजन किया गया एवं अतिथियों  का सम्मान किया गया । अंत में संस्था के सचिव षुकदेव तिवारी ने सभी का आभार माना, इस अवसर पर पूरन सिंह राजपूत, उमाकांत मिश्र, आषीश ज्योतिशी, नलिन जैन, लक्ष्मीनारायण चैरसिया, नम्रता फुसकेले, संतोश श्रीवास्तव, गजाधर सागर, राम षर्मा, राजू चैबे सहित अनेक साहित्यकार, कवि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।



मायूस सागरी : कालजयी कति बजरज लेखन में अनुवाद सहित हिंदी, उर्दू व बुंदेली में दर्जनों रचनाएं


वैसे नाम तो उनका शेख अब्दुल रज्जाक है लेकिन लोग उन्हें मायूस सागरी के नाम से जानते हैं। 85 साल के मायूस सागरी को कभी हालात की वजह से सातवीं कक्षा में ही स्कूल छोड़ देना पड़ा। लेकिन लिखने का शौक था, उनके बड़े भाई शाइर थे। भाई ने प्रेरित किया तो लिखना शुरु किया फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। इतना लिखा कि आज उनकी रचनाओं पर कॉलेज और विवि के छात्र पीएचडी कर रहे हैं। हिंदी, उर्दू और बुंदेली में समान रुप से कलम चलाने के साथ ही कृष्ण से लेकर रत्नावली तक पर लिखने वाले वे बुंदेलखंड के इकलौते साहित्यकार हैं। मुस्लिम होने के कारण साहित्य जगत में उन्हें बुंदेलखंड का रसखान भी कहा जाता है।

मायूस उनका तकल्लुस है, पर वे मायूस कभी नहीं हुए रहीम, रसखान की परंपरा को अपनाने वाले कवि, शाइर मायूस सागरी कहते हैं आजकल सब कुछ पालिटिक्ल हो चुका है इसलिए वे वर्तमान हालात पर कुछ भी नहीं कहना चाहते। हां इतना जरुर है कि वे अपने लेखन से खुश हैं और आखिरी सांस तक लिखना जारी रखेंगे। मायूस उनका तकल्लुस है यह उनके बड़े भाई ने दिया था। ये अलग बात है पर मायूस वे कल भी नहीं थे और आज भी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि एक रचनाकार को अपनी सभी कृति प्रिय होती हैं और ये पाठक ही तय करते हैं कि उन्हें पढ़ने में क्या ज्यादा पसंद आया। सागरी ने बताया कि स्व. डीपी मिश्र रचित कृष्णायन जैसी अनमोल रचना रद्दी में बिक गई थी जो बड़ा दुखद था। इसका 4 हजार पेज का काव्य अनुवाद मेरे लिए बड़ा सुकून देने वाला रहा। उन्होंने बताया कि इसकी प्रस्तावना राष्ट्रपति स्व. राजेंद्र प्रसाद ने लिखी थी। उन्होंने बताया कि कहते हैं कि रामचरित मानस की रचना तभी हो पाई जब तुलसीदासजी एवं रहीम साहेब की बातचीत हो गई। साहित्य को किसी सीमा में नहीं बांधा जा सकता। अमीर खुसरो ही मेरे प्रणेता हैं।

सागर में पुरव्याऊ टौरी पर जन्में और बंडा में स्थायी निवास बनाने वाले मायूस सागरी को यूं तो कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। साहित्यिक अवदान के लिए शनिवार को उनके लिए सरस्वती सम्मान से नवाजा जाएगा। सरस्वती वाचनालय ट्रस्ट की ओर से इस सम्मान में 1 लाख रुपए नकद के साथ ही सम्मान पत्र भेंट किया गया।। 
सागरी की प्रमुख रचनाएं- ब्रजरज (कृष्ण काव्य) मनपीर, मोर- पग, रस (बुंदेली गजलें) बतरस (बुंदेली गीत) वंश चौपाई, साखी, बिजौरा (बुंदेली दोहे) ब्रजरज टीका, फाग फहार (बुंदेली चौकड़ियां) ईदगाह व सौत (कहानी) वाणी, भाव वृत, सौम्या, श्रेया, कैंकयी संवाद, सुरज का दुख- मुक्त छंद- चाणक्य नीति, विदुर नीति व कृष्णायन- काव्य अनुवाद- इसके अलावा हिंदी व उर्दू के गजल संग्रह भी प्रमुख हैं।

 
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विश्व संसद गैर बराबरी को मिटाने का रास्ता है : रघु ठाकुर▪️ माँ समाजवाद की सबसे बड़ी दर्शन▪️डा लोहिया जी की जयंती पर पत्रकारों का सम्मान

विश्व संसद गैर बराबरी को  मिटाने का रास्ता है : रघु ठाकुर
▪️ माँ समाजवाद की सबसे बड़ी दर्शन
▪️डा लोहिया जी की जयंती पर पत्रकारों का सम्मान 


तीनबत्ती न्यूज : 23 मार्च,2024
सागर : डा राम मनोहर लोहिया की जयंती एवम भगत सिंह जी के बलिदान दिवस पर संजय ड्राइव स्थित लोहिया पार्क में इन महापुरषों का श्रद्धांजलि कार्य क्रम संपन्न हुआ। इसमें "डॉ लोहिया के विचार की विश्व संसद बनाई जाए " विषय पर एक विचार गोष्ठी भी आयोजित की गई .। इस मौके पर सागर के गणमान्य पत्रकारों का सम्मान समारोह भी आयोजित हुआ।
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रमुख समाजवादी नेता रघु ठाकुर में कहा कि डॉ लोहिया का जीवन समाजवाद और बराबरी का रहा है ।आजादी के आंदोलन और उसके बाद किए गए जन आंदोल नो में उनकी प्रमुख भूमिका रही है। समाजवाद बराबरी का सिद्धांत है जिसे सबसे पहले कोई सिखलाता है तो वह मां होती है। मां समाजवाद कiसबसे बड़ी दर्शन है।


समाजवाद ईश्वरीय व्यवस्था
उन्होंने कहा कि समाजवाद ईश्वरीय व्यवस्था है प्रकृति के आरंभ से अंत तक यह कायम रहेगी ।उन्होने उदाहरण दिया कि सूर्य नदी और पेड़ सभी से समानता करते हैं।कोई भेदभाव नहीं करते और सबको बराबरमानने का रास्ता बताते हैं। ऊर्जा देते हैं ।दुनिया में युद्ध बढ़ रहे हैं इसका प्रमुख कारण हथियार का व्यापार है। जिससे हिंसा बड़ी है और दुनिया में अ शांति हो रही है। विश्व संसद बनने से बहुत हद तक इस पर अंकुश लगेगा। उन्हाेनें लोहिया के जीवन के बारे में कहा कि वह विश्व नागरिकता के पक्ष धर  थे।
 सारी दुनिया के मानव एक हो उनका सपना था। लोहिया ने हर क्षेत्र में काम किया है और बे चाहते थे कि भारत में गैर बराबरी का समाज बने। ऊंच-नीच ना हो समता के साथ सब मिलकर रहे तभी रामराज्य होगा।


पत्रकार साथियों का सम्मान कलम का सम्मान

उन्होंने सागर के पत्रकार मित्रों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया और कहा कि जिस कठिनाई और महंगाई के दौर में अपनी कलम से इस समाज की तकलीफ को और कठिनाइयों को को वह सामने ला रहे हैं यह चुनौती भरा काम है । ये लोगों में चेतना जगाने का काम कर रहे हैं, यह बेहद प्रशंसनीय कार्य है ।


पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी ने डॉलोहिया अमर रहें भगत सिंह अमर रहे महात्मा गांधी अमर रहेके नारो के साथ अपने संबोधन में कहा कि आज हम इन महापुरषों के कार्यों से राजनीति को ईमानदार और स्वच्छ बनाए रखने के लिए हम सबको जिम्मेदारी लेना पड़ेगी ।लोहिया जी के सिद्धांतों का अनुकरण हमें करना पड़ेगा तभी भारत में ईमानदार राजनीति कायम रह सकेगी ।
हम अवसर पर डा लोहिया को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं ऐसे कार्यकर्म समाज में होते रहने चाहिए।गोष्टी को प्रोफ़ेसर अनिल त्रिवेदी एवं राम अवतार शर्मा नेभी संबोधित किया।कार्यक्रम का संचालन रामकुमार पचोरी ने किया और आभारडॉक्टर  डॉक्टर बद्री प्रसाद ने माना ।


▪️विनोद आर्य का सम्मान करते रघु ठाकुर

इन पत्रकारों का हुआ सम्मान

इस अवसर पर पत्रकार साथी श्री स्वदेश तिवारी, अवनीश जैन, नवाब भाई, बसंत सेन, राजेश श्रीवास्तव, विनोद आर्य ,अभिषेक यादव, गोविंद सरवैया , मनुज नामदेव को साल श्रीफल माला एवं  स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।



ये रहे उपस्थित
कार्यकम में उपस्थित रहने वालों में प्रमुख रूप से पंडित शुकदेव प्रसाद तिवारी, लक्ष्मी नारायण यादव पूर्व सांसद, डॉ आनंद अहिरवार पूर्व सांसद सुरेंद्र सुहाने, प्रदीप गुप्ता, बलवंत सिंह ठाकुर, मुकेश जैन थाना अतुल मिश्रा डॉ श्याम मनोहर सिरोठिया, उमाकांत मिश्रा, अमित राम जी दूबे प्रोफ़ेसर केवल जैन,श्रीमती चंचला दुबे, श्रीमती रानी पांडे, आशीष द्विवेदी आर के तिवारी एडवोकेट वरुण सिंह विनोद तिवारी नारायण सिंह भरत सिंह ,सिंटू कटारे महेश जाटव, हीरालाल चौधरी कपिल पचोरी रानू ठाकुर, अतुल तोमर भूपेंद्र शातिर पहाड़ी बृजेंद्र नगरिया संजय व्यास रमेश सोनी पवन पटेल ऋषिकेश पचोरी प्रशांत ठाकुर गौरव पचोरी गोपाल पचौरी आनंद हेला संजय जैन अंकुर यादव टीकाराम दीवान राजेश यादव राम गोपाल यादव आदि कई लोग मौजूद थे
कवि नलिन जैन मैं लोहिया जी के जीवन पर कविता पाठ किया। और अंत में सभी ने पार्क संरक्षित सुरक्षित और स्वच्छ  बनाए रखने का संकल्प लिया।

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MP : पहली बार सहकारी समितियां RTI के दायरे में : प्रदेश के किसानों के पक्ष में बड़ा निर्णय ▪️राशन के दुकानों के सेल्समैन वेबसाइट पर स्वतः प्रदर्शित करने के निर्देश▪️राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह का ऐतिहासिक फैसला

MP : पहली बार सहकारी समितियां RTI के दायरे में : प्रदेश के किसानों के पक्ष में बड़ा निर्णय 
▪️राशन के दुकानों के सेल्समैन वेबसाइट पर स्वतः प्रदर्शित करने के निर्देश
▪️राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह का ऐतिहासिक फैसला


तीनबत्ती न्यूज : 23 मार्च,2024
भोपाल : सहकारी समितियां में हो रहे घोटालों पर नकेल कसने के लिए मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग द्वारा एक ऐतिहासिक आदेश में प्रदेश में अनाज का उपार्जन और राशन दुकानों का संचालन करने वाली सभी सहकारी समितियां को तत्काल प्रभाव से आरटीआई अधिनियम के अधीन लाया गया है। वही इसी आदेश मे राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने राशन की दुकानों पर कार्य करने वाले सेल्समैन के वेतन संबंधी गड़बड़ी उजागर होने पर प्रदेश के सभी सेल्समैन की वेतन संबंधी जानकारी जिले के पोर्टल पर स्वतः प्रदर्शित करने के निर्देश भी जारी किए हैं। 


            (सूचना आयुक्त राहुल सिंह)

क्या फायदा होगा सहकारी समिति के RTI के अधीन आने से

सहकारी समितियां पर जारी इस अहम आदेश में सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि खाद्यान्न उपार्जन एवं पीडीएस का संचालन करने वाली सहकारी समितियों के सूचना का अधिकार अधिनियम के अधीन आने से प्रदेश में खाद्यान्न उपार्जन एवं पीडीएस के संचालन में भ्रष्टाचार निरोधी, पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित होने के साथ इस व्यवस्था के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों की जनता के प्रति जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।  किसानों के द्वारा अक्सर खाद्यान्न उपार्जन और खाद, बीज की व्यवस्था में अनियमितताओं की शिकायत की जाती है पर सहकारी समितियां की व्यवस्था पारदर्शी नहीं होने की वजह से किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाता है। सहकारी समितियां में अक्सर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की ख़बरें भी आती है। सिंह ने कहा कि अब RTI में इन सरकारी समितियां का कच्चा चिट्ठा अब जनता के सामने होगा।

किसानो और RTI एक्टिविस्ट ने फ़ैसले का स्वागत किया

रीवा के RTI एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी जिनकी अपील पर यह कार्रवाई हुई है ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि राहुल सिंह ने सहकारी समितियां को आरटीआई के दायरे में लाकर प्रदेश के किसानों और आम नागरिकों और सामान्य तौर पर समितियों के हितग्राहियों के साथ बहुत बड़ा न्याय किया है। अब तक सहकारी समितियां किसानों को उनके केसीसी कर्ज ब्याज अनुदान उपार्जन राशन एवं अन्य खाद बीज आदि की जानकारी उपलब्ध नहीं कराती थी और स्वयं आरटीआई कानून के दायरे के बाहर होना बताया करती थी।
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फैसले को दूरगामी परिणाम वाला बताते हुए द्विवेदी ने कहा कि इस आदेश से न केवल मध्य प्रदेश में बल्कि पूरे भारतवर्ष में सहकारी समितियां को आरटीआई के दायरे में लाने में काफी हद तक मदद मिलेगी। अब इसी आदेश के आधार पर देश के अन्य राज्यों में भी सहकारी समितियां को आरटीआई के दायरे में लाने के आदेश दिए जा सकते हैं। 
भारतीय किसान संघ प्रांत प्रचारक प्रमुख मध्यभारत राहुल धूत ने कहा कि बहुत ही अच्छा निर्णय है सहकारी समितियां की व्यवस्था पारदर्शी होना बहुत जरूरी है। इससे सहकारी समितियां की मनमानियां पर रोक लगेगी। समिति की कार्यप्रणाली में कसावट आएगी जिससे किसानो का भला होगा। 

किस मामले में हुए आदेश
कुल 8 मामलों मे एक साथ ये फैसला आया है। दरसल आयोग के समक्ष कई शिकायतें दर्ज हुई थी जिसमें पीडीएस दुकानों पर काम करने वाले सेल्समैन ने अपने स्वयं के वेतन की जानकारी RTI में मांगी थी वही एक और शिकायत में आरटीआई आवेदक  ने कहा कि राशन की दुकान एवं अनाज उपार्जन करने वाली सहकारी समितियां अक्सर आरटीआई में जानकारी नहीं देते हैं यह कहते हुए हैं कि आरटीआई अधिनियम उन पर लागू नहीं होता है। सन 2005 जब से RTI एक्ट लागू हुआ है तब से सहकारी समितियां प्रदेश में सुप्रिम कोर्ट के थलापलम जजमेंट का हवाला देते हुए अपने आप को आरटीआई अधिनियम से बाहर बताते हुए जानकारी देने से मना कर देती हैं। यहा तक ज़िले में उपायुक्त सहकारिता के पास भी RTI आवेदन दायर होने पर वे यह कहते हुए जानकारी उपलब्ध नहीं कराते हैं कि उक्त सहकारी समिति ने आरटीआई अधिनियम से अपने आप को बाहर बताते हुए जानकारी देने से मना कर दिया है। 
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क्या कहता है RTI कानून सहकारी समिति के पब्लिक अथॉरिटी होने पर

आरटीआई अधिनियम के अधीन किसी भी संस्था को लाने के लिए यह जरूरी है कि कानूनी रूप से वह संस्था की भूमिका पब्लिक अथॉरिटी के रूप में स्थापित हो। या फिर किसी कानून या नियम के तहत अगर शासन उस संस्था से जानकारी प्राप्त कर सकता है तो वो भी जानकारी RTI के अधीन होगी। संस्था को पब्लिक अथॉरिटी तभी कहा जा सकता है जब कोई संस्था शासन के नियंत्रण में हो या फिर शासन द्वारा अत्यंत रूप से वित्त पोषित हो। मध्य प्रदेश राज्य के नियम में पर्याप्त रूप से वित्तपोषित ( sunstainally fiannced) को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि अगर किसी संस्था में शासन का ₹50000 का न्यूनतम परोक्ष या अपरोक्ष रूप से निवेश हो तो वो संस्था लोक प्राधिकारी होगी। 

आयोग की जाँच में सहकारी समितियां की भूमिका लोक प्राधिकारी के रूप स्थापित हुई:
समितियों पर सरकार का नियंत्रण

सहकारी समितियां की भूमिका की जानकारी के लिए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 के तहत जांच शुरू की। उस जाँच में आयोग के पास वह तमाम शासन के द्वारा द्वारा जारी दिशा निर्देश की दस्तावेज मिले जिससे यह स्थापित होता है की सहकारी खाद्यान्न उपार्जन करने वाली सहकारी समितियां पूरी तरह से शासन की नियंत्रण में कार्रवाई करती हैं। यहा तक के इन सहकारी समितियां में मिलने वाले वेतन भक्तों के निर्धारण की कार्रवाई भी शासन के स्तर पर होती है वहीं खाद्यान्न उपार्जन की पूरी प्रक्रिया शासन की नियंत्रण और दिशा निर्देश पर ही होती है। 
सिंह ने यह भी कहा कि सहकारिता विभाग के पास सहकारिता अधिनियम के तहत पर्याप्त अधिकार है किसी भी सहकारी संस्था से कोई भी दस्तावेज प्राप्त करने के। इसीलिए सहकारिता विभाग के अधिकारी अपनी जवाबदेही से इंकार नहीं कर सकते हैं कि दस्तावेज उन्हें उपलब्ध नहीं कराई जा रहे हैं। 
समितियां शासन से पर्याप्त रूप वित्त पोषित
सूचना आयोग ने खाद्यान्न उपार्जन को लेकर की गई जांच में यह भी उजागर हुआ कि सभी सहकारी संस्थाओं को अनाज उपार्जन पर कमीशन के तौर पर राशि शासन से प्राप्त होती है शासन की अंश पूंजी के अलावा सहकारी समितियां को प्रत्येक राशन की दुकान में सेल्समैन की सैलरी के लिए संचालन के लिए सभी सेल्समैन की सैलरी के लिए ₹6000 खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा दिया जाता है और यह सभी राशि कुल मिलाकर लाखों में होती है ऐसी स्थिति में ये सभी सहकारी समितियां प्रयाप्त रूप से वित्त पोषित होने की ₹50000 की सीमा को पार करती है। सिंह ने कहा कि शासन द्वारा वित्तपोषित होने से इन सभी सहकारी संस्थाओं की भूमिका लोक प्राधिकारी के रूप में स्थापित होती है। 

 हाईकोर्ट के आदेश को बनाया आधार
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने औरंगाबाद हाई कोर्ट के एक फैसले को आधार बनाते हुए सभी सहकारी समितियां को आरटीआई के अधीन बताया है। सिंह ने कहा कि औरंगाबाद हाईकोर्ट ने RTI में सभी कोऑपरेटिव सोसाइटी की जानकारी को देने के लिए रजिस्टार कोऑपरेटिव सोसाइटी को जवाबदेह माना है। 

सहकारी समितियों की जानकारी के लिए यहा लगाए RTI

सूचना आयुक्त राहुल सिंह नें सभी जिले में पदस्थ उपायुक्त सहकारिता को सरकारी समितियां की जानकारी देने के लिए लोक सूचना अधिकारी नियुक्त किया है साथी सिंह ने संयुक्त आयुक्त सहकारिता को प्रथम अपीलीय अधिकारी बनाया है। सिंह ने प्रमुख सचिव, म०प्र० शासन सहकारिता विभाग भोपाल को आदेशित किया कि खाद्यान्न उर्पाजन एवं पीडीएस के संचालन में शामिल सहकारी समितियों को तत्काल प्रभाव से सूचना का अधिकार अधिनियम के अधीन लाते हुये समितियों से संबंधित आरटीआई आवेदनों में वांछित जानकारी को प्रत्येक जिले में उपलब्ध कराने के लिये जिले में पदस्थ विभाग के उपायुक्त, सहकारिता को लोक सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी के रूप में संयुक्त आयुक्त, सहकारिता की जवाबदेही आयोग के आदेश प्राप्ति के एक माह के भीतर सुनिश्चित करें। सिंह ने कहा कि RTI एक्ट की धारा 19 के तहत जानकारी प्राप्त ना होने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी संयुक्त आयुक्त, सहकारिता के समक्ष प्रथम अपील दायर की जाएगी। 

 
राशन की दुकानों के सेल्समैन के वेतन की जानकारी अब पब्लिक प्लेटफॉर्म पर

पीडीएस के सैल्समेन द्वारा स्वयं के वेतन की जानकारी के लिए अपील एवं शिकायत दायर की गयी है। खाद्ध नागरिक एवं आपूर्ति विभाग द्वारा छः हजार रूपये कमीशन के रूप में मासिक वेतन के रूप में सुनिश्चित किया गया है, पर सिंह ने आदेश मे कहा कि सूचना आयोग के लिए इस जानकारी को प्राप्त करना आसान नहीं था। इसके लिए आयोग को जांच संस्थित करते हुए तीन विभागों के समन्वय के पश्चात् ही जानकारी तैयार हो पायी। स्पष्ट तौर से सेल्समैन को दिये जाने वाले वेतन/पारितोष की जानकारी की व्यवस्था राज्य में पारदर्शी नहीं है। आयोग के समक्ष यह स्पष्ट है कि विभागों में अधिकारी, कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन में पारदर्शिता को बनाये रखने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4 (1) (B) (x) के तहत वेतन की जानकारी स्वतः ही सार्वजनिक किए जाने का प्रावधान हैं। आयोग सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 19(8) (2) के तहत प्रमुख सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, भोपाल को आदेशित करता है कि मध्यप्रदेश के समस्त जिला कलेक्टरों को आयोग के उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायें तथा 3 माह के भीतर जिलों में राशन की दुकानों में कार्यरत सेल्समैनों के वेतन की जानकारी को वेबसाइट, पोर्टल पर अपलोड करवाना सुनिश्चित करें।

आयोग की जाँच में राशन दुकानों के सैलरी संबंधी जानकारी में भारी गड़बड़ी

आयोग की जाँच में विक्रेताओं के वेतन संबंधी जानकारी में चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। रीवा जिले में कुल 459 विक्रेता कार्यरत हैं किसी भी विक्रेता को प्रत्येक माह वेतन प्रदान नहीं किया जा रहा है। 5 विक्रेता जिन्हें लगभग 7-10 वर्ष से वेतन प्रदान नहीं किया जा रहा है। लगभग 70 से अधिक विक्रेता ऐसे हैं इन्हें 2 साल से अधिक समय से वेतन प्रदान नहीं किया जा रहा है। 

सैलरी गडबड़ी के मामले में कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव खाद्य को भेजा प्रकरण

सिंह ने कहा कि कई विक्रेताओ का वेतन वर्षों से लंबित है यह विक्रेताओ के मानवाधिकार तथा मौलिक अधिकारों, श्रम कानूनों का उल्लंघन हैं। सिंह ने कहा कि अगर इतने सारे विक्रेताओं को सालों से वेतन नहीं मिल रहा है तो बिना वेतन के वे जीवन यापन कैसे कर रहे हैं ये जाँच का विषय है। सिंह ने जारी आदेश में आयोग द्वारा की गई जांच में वेतन में भारी गड़बड़ी होने पर उसमें कारवाई की आवश्यकता बताते हुए प्रकरण को प्रमुख सचिव खाद के पास युक्तियुक्त कार्रवाई के लिए भेजने के लिए निर्देश जारी किए है।


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लोकसभा चुनाव 2024 : चुनाव में काला धन,हवाला और नगद रूपयो के इकठ्ठा किए जाने आदि की जानकारी देने इनकम टैक्स विभाग ने किया टोल फ्री नंबर, 24 घंटे सक्रिय रहेगा कंट्रोल रूम,जिला लेबिल पर टीम गठित, एयरपोर्ट पर भी टीम

लोकसभा चुनाव 2024 : चुनाव में काला धन,हवाला और नगद रूपयो के इकठ्ठा किए जाने आदि की जानकारी देने इनकम टैक्स विभाग ने किया टोल फ्री नंबर, 24 घंटे सक्रिय रहेगा कंट्रोल रूम,जिला लेबिल पर टीम गठित, एयरपोर्ट पर भी टीम


#LoksabhaElection 2024
#IncomeTax 
Loksabha chunav 2024
तीनबत्ती न्यूज : 23 मार्च, 2024
भोपाल :  लोकसभा चुनाव में रूपयो के हवाला ,इकठ्ठा लेकर आने जाने और सोना आदि का उपयोग मतदाताओं को लुभाने और बांटने के लिए हुआ है। इन पर कार्यवाई करने और रोकने के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों के तथ्य इनकम टैक्स विभाग अलर्ट है। विभाग ने मध्यप्रदेश के भोपाल में एक कंट्रोल रूम बनाया है। यह 24 घंटे सक्रिय रहेगा। इसके साथ ही  सूचनाओं को देने या शिकायत को लेकर एक टोल फ्री नबर भी जारी किया गया है। पूरे प्रदेश में 53 टीमों का गठन भी किया है। पू प्रदेश में 200 से अधिक अफसर तैनात किए गए है। इसके साथ ही 5 एयरपोर्ट पर भी टीम लगाई है।

नियंत्रण और निगरानी कक्ष स्थापित
आयकर विभाग मध्यप्रदेश के अपर आयकर निदेशक (अन्वे.), नोडल अधिकारी- निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण अनूप कुमार जैन ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान आयकर विभाग द्वारा भोपाल में  एक 24x7 केन्द्रीय नियन्त्रण एवं शिकायत निगरानी कक्ष, आयकर भवन, होशंगाबाद रोड़, मैदा मिल के सामने, तृतीय तल पर कमरा नम्बर 313 में स्थापित किया गया है। इसका टोल फ्री नम्बर 1800-2337836 और मोबाइल एवं वॉट्सऐप नम्बर 9406718767 है। उन्होंने कहा कि इस नियंत्रण कक्ष मे अथवा टोल फ्री नम्बर अथवा मोबाइल नम्बर पर मतदान या मतदाता के व्यवहार को प्रभावित करने के लिए प्रयुक्त होने वाले काले धन, नगदी, सोना इत्यादि बहुमूल्य धातु या इसके बुलियन आदि की सूचना प्रदान की जा सकती है।
यह नियंत्रण कक्ष (Control Room), चौबीस घंटे सातो दिन (24x7) कार्यरत् रहेगा। कोई भी नागरिक काला धन, हवाला हस्तांतरण, नगदी हस्तांतरण, काला धन संग्रह, बुलियन आदि के संग्रह या हस्तांतरण की सम्पूर्ण जानकारी नाम, मोबाईल नम्बर, पता एवं नगदी या बुलियन आदि के संग्रह स्थान की जानकारी के साथ इस नियंत्रण कक्ष (Control Room) में दे सकता है।

जिला स्तरीय 53 क्विक रिस्पांस टीम :200 से अधिक कर्मचारी जुटे 

जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग द्वारा मध्य प्रदेश राज्य के अंतर्गत जिला स्तर पर 53 क्विक रिस्पांस टीमों का गठन किया गया है। यह टीम आयकर अधिकारी के नेतृत्व में प्रत्येक जिले में तैनात की गई है। आयकर विभाग के कुल 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों चुनाव में काले धन के दुरूपयोग को रोकने के लिए मध्य प्रदेश में तैनात किये गये है। इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश राज्य के अंतर्गत आने वाले सभी 5 एयरपोर्ट पर आयकर विभाग की Air Intelligence Units का गठन भी किया गया है। यह Units Airport पर नगदी एवं बुलियन की सूचनाओं पर कार्यवाही करेगी। आयकर विभाग द्वारा तैनात Quick Response Teams और Air Intelligence Units 24 X 7 त्वरित कार्यवाही के लिए उपलब्ध रहेंगी।




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