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विश्व संसद गैर बराबरी को मिटाने का रास्ता है : रघु ठाकुर▪️ माँ समाजवाद की सबसे बड़ी दर्शन▪️डा लोहिया जी की जयंती पर पत्रकारों का सम्मान

विश्व संसद गैर बराबरी को  मिटाने का रास्ता है : रघु ठाकुर
▪️ माँ समाजवाद की सबसे बड़ी दर्शन
▪️डा लोहिया जी की जयंती पर पत्रकारों का सम्मान 


तीनबत्ती न्यूज : 23 मार्च,2024
सागर : डा राम मनोहर लोहिया की जयंती एवम भगत सिंह जी के बलिदान दिवस पर संजय ड्राइव स्थित लोहिया पार्क में इन महापुरषों का श्रद्धांजलि कार्य क्रम संपन्न हुआ। इसमें "डॉ लोहिया के विचार की विश्व संसद बनाई जाए " विषय पर एक विचार गोष्ठी भी आयोजित की गई .। इस मौके पर सागर के गणमान्य पत्रकारों का सम्मान समारोह भी आयोजित हुआ।
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रमुख समाजवादी नेता रघु ठाकुर में कहा कि डॉ लोहिया का जीवन समाजवाद और बराबरी का रहा है ।आजादी के आंदोलन और उसके बाद किए गए जन आंदोल नो में उनकी प्रमुख भूमिका रही है। समाजवाद बराबरी का सिद्धांत है जिसे सबसे पहले कोई सिखलाता है तो वह मां होती है। मां समाजवाद कiसबसे बड़ी दर्शन है।


समाजवाद ईश्वरीय व्यवस्था
उन्होंने कहा कि समाजवाद ईश्वरीय व्यवस्था है प्रकृति के आरंभ से अंत तक यह कायम रहेगी ।उन्होने उदाहरण दिया कि सूर्य नदी और पेड़ सभी से समानता करते हैं।कोई भेदभाव नहीं करते और सबको बराबरमानने का रास्ता बताते हैं। ऊर्जा देते हैं ।दुनिया में युद्ध बढ़ रहे हैं इसका प्रमुख कारण हथियार का व्यापार है। जिससे हिंसा बड़ी है और दुनिया में अ शांति हो रही है। विश्व संसद बनने से बहुत हद तक इस पर अंकुश लगेगा। उन्हाेनें लोहिया के जीवन के बारे में कहा कि वह विश्व नागरिकता के पक्ष धर  थे।
 सारी दुनिया के मानव एक हो उनका सपना था। लोहिया ने हर क्षेत्र में काम किया है और बे चाहते थे कि भारत में गैर बराबरी का समाज बने। ऊंच-नीच ना हो समता के साथ सब मिलकर रहे तभी रामराज्य होगा।


पत्रकार साथियों का सम्मान कलम का सम्मान

उन्होंने सागर के पत्रकार मित्रों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया और कहा कि जिस कठिनाई और महंगाई के दौर में अपनी कलम से इस समाज की तकलीफ को और कठिनाइयों को को वह सामने ला रहे हैं यह चुनौती भरा काम है । ये लोगों में चेतना जगाने का काम कर रहे हैं, यह बेहद प्रशंसनीय कार्य है ।


पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी ने डॉलोहिया अमर रहें भगत सिंह अमर रहे महात्मा गांधी अमर रहेके नारो के साथ अपने संबोधन में कहा कि आज हम इन महापुरषों के कार्यों से राजनीति को ईमानदार और स्वच्छ बनाए रखने के लिए हम सबको जिम्मेदारी लेना पड़ेगी ।लोहिया जी के सिद्धांतों का अनुकरण हमें करना पड़ेगा तभी भारत में ईमानदार राजनीति कायम रह सकेगी ।
हम अवसर पर डा लोहिया को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं ऐसे कार्यकर्म समाज में होते रहने चाहिए।गोष्टी को प्रोफ़ेसर अनिल त्रिवेदी एवं राम अवतार शर्मा नेभी संबोधित किया।कार्यक्रम का संचालन रामकुमार पचोरी ने किया और आभारडॉक्टर  डॉक्टर बद्री प्रसाद ने माना ।


▪️विनोद आर्य का सम्मान करते रघु ठाकुर

इन पत्रकारों का हुआ सम्मान

इस अवसर पर पत्रकार साथी श्री स्वदेश तिवारी, अवनीश जैन, नवाब भाई, बसंत सेन, राजेश श्रीवास्तव, विनोद आर्य ,अभिषेक यादव, गोविंद सरवैया , मनुज नामदेव को साल श्रीफल माला एवं  स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।



ये रहे उपस्थित
कार्यकम में उपस्थित रहने वालों में प्रमुख रूप से पंडित शुकदेव प्रसाद तिवारी, लक्ष्मी नारायण यादव पूर्व सांसद, डॉ आनंद अहिरवार पूर्व सांसद सुरेंद्र सुहाने, प्रदीप गुप्ता, बलवंत सिंह ठाकुर, मुकेश जैन थाना अतुल मिश्रा डॉ श्याम मनोहर सिरोठिया, उमाकांत मिश्रा, अमित राम जी दूबे प्रोफ़ेसर केवल जैन,श्रीमती चंचला दुबे, श्रीमती रानी पांडे, आशीष द्विवेदी आर के तिवारी एडवोकेट वरुण सिंह विनोद तिवारी नारायण सिंह भरत सिंह ,सिंटू कटारे महेश जाटव, हीरालाल चौधरी कपिल पचोरी रानू ठाकुर, अतुल तोमर भूपेंद्र शातिर पहाड़ी बृजेंद्र नगरिया संजय व्यास रमेश सोनी पवन पटेल ऋषिकेश पचोरी प्रशांत ठाकुर गौरव पचोरी गोपाल पचौरी आनंद हेला संजय जैन अंकुर यादव टीकाराम दीवान राजेश यादव राम गोपाल यादव आदि कई लोग मौजूद थे
कवि नलिन जैन मैं लोहिया जी के जीवन पर कविता पाठ किया। और अंत में सभी ने पार्क संरक्षित सुरक्षित और स्वच्छ  बनाए रखने का संकल्प लिया।

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एडिटर: विनोद आर्य
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MP : पहली बार सहकारी समितियां RTI के दायरे में : प्रदेश के किसानों के पक्ष में बड़ा निर्णय ▪️राशन के दुकानों के सेल्समैन वेबसाइट पर स्वतः प्रदर्शित करने के निर्देश▪️राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह का ऐतिहासिक फैसला

MP : पहली बार सहकारी समितियां RTI के दायरे में : प्रदेश के किसानों के पक्ष में बड़ा निर्णय 
▪️राशन के दुकानों के सेल्समैन वेबसाइट पर स्वतः प्रदर्शित करने के निर्देश
▪️राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह का ऐतिहासिक फैसला


तीनबत्ती न्यूज : 23 मार्च,2024
भोपाल : सहकारी समितियां में हो रहे घोटालों पर नकेल कसने के लिए मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग द्वारा एक ऐतिहासिक आदेश में प्रदेश में अनाज का उपार्जन और राशन दुकानों का संचालन करने वाली सभी सहकारी समितियां को तत्काल प्रभाव से आरटीआई अधिनियम के अधीन लाया गया है। वही इसी आदेश मे राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने राशन की दुकानों पर कार्य करने वाले सेल्समैन के वेतन संबंधी गड़बड़ी उजागर होने पर प्रदेश के सभी सेल्समैन की वेतन संबंधी जानकारी जिले के पोर्टल पर स्वतः प्रदर्शित करने के निर्देश भी जारी किए हैं। 


            (सूचना आयुक्त राहुल सिंह)

क्या फायदा होगा सहकारी समिति के RTI के अधीन आने से

सहकारी समितियां पर जारी इस अहम आदेश में सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि खाद्यान्न उपार्जन एवं पीडीएस का संचालन करने वाली सहकारी समितियों के सूचना का अधिकार अधिनियम के अधीन आने से प्रदेश में खाद्यान्न उपार्जन एवं पीडीएस के संचालन में भ्रष्टाचार निरोधी, पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित होने के साथ इस व्यवस्था के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों की जनता के प्रति जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।  किसानों के द्वारा अक्सर खाद्यान्न उपार्जन और खाद, बीज की व्यवस्था में अनियमितताओं की शिकायत की जाती है पर सहकारी समितियां की व्यवस्था पारदर्शी नहीं होने की वजह से किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाता है। सहकारी समितियां में अक्सर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की ख़बरें भी आती है। सिंह ने कहा कि अब RTI में इन सरकारी समितियां का कच्चा चिट्ठा अब जनता के सामने होगा।

किसानो और RTI एक्टिविस्ट ने फ़ैसले का स्वागत किया

रीवा के RTI एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी जिनकी अपील पर यह कार्रवाई हुई है ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि राहुल सिंह ने सहकारी समितियां को आरटीआई के दायरे में लाकर प्रदेश के किसानों और आम नागरिकों और सामान्य तौर पर समितियों के हितग्राहियों के साथ बहुत बड़ा न्याय किया है। अब तक सहकारी समितियां किसानों को उनके केसीसी कर्ज ब्याज अनुदान उपार्जन राशन एवं अन्य खाद बीज आदि की जानकारी उपलब्ध नहीं कराती थी और स्वयं आरटीआई कानून के दायरे के बाहर होना बताया करती थी।
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फैसले को दूरगामी परिणाम वाला बताते हुए द्विवेदी ने कहा कि इस आदेश से न केवल मध्य प्रदेश में बल्कि पूरे भारतवर्ष में सहकारी समितियां को आरटीआई के दायरे में लाने में काफी हद तक मदद मिलेगी। अब इसी आदेश के आधार पर देश के अन्य राज्यों में भी सहकारी समितियां को आरटीआई के दायरे में लाने के आदेश दिए जा सकते हैं। 
भारतीय किसान संघ प्रांत प्रचारक प्रमुख मध्यभारत राहुल धूत ने कहा कि बहुत ही अच्छा निर्णय है सहकारी समितियां की व्यवस्था पारदर्शी होना बहुत जरूरी है। इससे सहकारी समितियां की मनमानियां पर रोक लगेगी। समिति की कार्यप्रणाली में कसावट आएगी जिससे किसानो का भला होगा। 

किस मामले में हुए आदेश
कुल 8 मामलों मे एक साथ ये फैसला आया है। दरसल आयोग के समक्ष कई शिकायतें दर्ज हुई थी जिसमें पीडीएस दुकानों पर काम करने वाले सेल्समैन ने अपने स्वयं के वेतन की जानकारी RTI में मांगी थी वही एक और शिकायत में आरटीआई आवेदक  ने कहा कि राशन की दुकान एवं अनाज उपार्जन करने वाली सहकारी समितियां अक्सर आरटीआई में जानकारी नहीं देते हैं यह कहते हुए हैं कि आरटीआई अधिनियम उन पर लागू नहीं होता है। सन 2005 जब से RTI एक्ट लागू हुआ है तब से सहकारी समितियां प्रदेश में सुप्रिम कोर्ट के थलापलम जजमेंट का हवाला देते हुए अपने आप को आरटीआई अधिनियम से बाहर बताते हुए जानकारी देने से मना कर देती हैं। यहा तक ज़िले में उपायुक्त सहकारिता के पास भी RTI आवेदन दायर होने पर वे यह कहते हुए जानकारी उपलब्ध नहीं कराते हैं कि उक्त सहकारी समिति ने आरटीआई अधिनियम से अपने आप को बाहर बताते हुए जानकारी देने से मना कर दिया है। 
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क्या कहता है RTI कानून सहकारी समिति के पब्लिक अथॉरिटी होने पर

आरटीआई अधिनियम के अधीन किसी भी संस्था को लाने के लिए यह जरूरी है कि कानूनी रूप से वह संस्था की भूमिका पब्लिक अथॉरिटी के रूप में स्थापित हो। या फिर किसी कानून या नियम के तहत अगर शासन उस संस्था से जानकारी प्राप्त कर सकता है तो वो भी जानकारी RTI के अधीन होगी। संस्था को पब्लिक अथॉरिटी तभी कहा जा सकता है जब कोई संस्था शासन के नियंत्रण में हो या फिर शासन द्वारा अत्यंत रूप से वित्त पोषित हो। मध्य प्रदेश राज्य के नियम में पर्याप्त रूप से वित्तपोषित ( sunstainally fiannced) को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि अगर किसी संस्था में शासन का ₹50000 का न्यूनतम परोक्ष या अपरोक्ष रूप से निवेश हो तो वो संस्था लोक प्राधिकारी होगी। 

आयोग की जाँच में सहकारी समितियां की भूमिका लोक प्राधिकारी के रूप स्थापित हुई:
समितियों पर सरकार का नियंत्रण

सहकारी समितियां की भूमिका की जानकारी के लिए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 के तहत जांच शुरू की। उस जाँच में आयोग के पास वह तमाम शासन के द्वारा द्वारा जारी दिशा निर्देश की दस्तावेज मिले जिससे यह स्थापित होता है की सहकारी खाद्यान्न उपार्जन करने वाली सहकारी समितियां पूरी तरह से शासन की नियंत्रण में कार्रवाई करती हैं। यहा तक के इन सहकारी समितियां में मिलने वाले वेतन भक्तों के निर्धारण की कार्रवाई भी शासन के स्तर पर होती है वहीं खाद्यान्न उपार्जन की पूरी प्रक्रिया शासन की नियंत्रण और दिशा निर्देश पर ही होती है। 
सिंह ने यह भी कहा कि सहकारिता विभाग के पास सहकारिता अधिनियम के तहत पर्याप्त अधिकार है किसी भी सहकारी संस्था से कोई भी दस्तावेज प्राप्त करने के। इसीलिए सहकारिता विभाग के अधिकारी अपनी जवाबदेही से इंकार नहीं कर सकते हैं कि दस्तावेज उन्हें उपलब्ध नहीं कराई जा रहे हैं। 
समितियां शासन से पर्याप्त रूप वित्त पोषित
सूचना आयोग ने खाद्यान्न उपार्जन को लेकर की गई जांच में यह भी उजागर हुआ कि सभी सहकारी संस्थाओं को अनाज उपार्जन पर कमीशन के तौर पर राशि शासन से प्राप्त होती है शासन की अंश पूंजी के अलावा सहकारी समितियां को प्रत्येक राशन की दुकान में सेल्समैन की सैलरी के लिए संचालन के लिए सभी सेल्समैन की सैलरी के लिए ₹6000 खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा दिया जाता है और यह सभी राशि कुल मिलाकर लाखों में होती है ऐसी स्थिति में ये सभी सहकारी समितियां प्रयाप्त रूप से वित्त पोषित होने की ₹50000 की सीमा को पार करती है। सिंह ने कहा कि शासन द्वारा वित्तपोषित होने से इन सभी सहकारी संस्थाओं की भूमिका लोक प्राधिकारी के रूप में स्थापित होती है। 

 हाईकोर्ट के आदेश को बनाया आधार
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने औरंगाबाद हाई कोर्ट के एक फैसले को आधार बनाते हुए सभी सहकारी समितियां को आरटीआई के अधीन बताया है। सिंह ने कहा कि औरंगाबाद हाईकोर्ट ने RTI में सभी कोऑपरेटिव सोसाइटी की जानकारी को देने के लिए रजिस्टार कोऑपरेटिव सोसाइटी को जवाबदेह माना है। 

सहकारी समितियों की जानकारी के लिए यहा लगाए RTI

सूचना आयुक्त राहुल सिंह नें सभी जिले में पदस्थ उपायुक्त सहकारिता को सरकारी समितियां की जानकारी देने के लिए लोक सूचना अधिकारी नियुक्त किया है साथी सिंह ने संयुक्त आयुक्त सहकारिता को प्रथम अपीलीय अधिकारी बनाया है। सिंह ने प्रमुख सचिव, म०प्र० शासन सहकारिता विभाग भोपाल को आदेशित किया कि खाद्यान्न उर्पाजन एवं पीडीएस के संचालन में शामिल सहकारी समितियों को तत्काल प्रभाव से सूचना का अधिकार अधिनियम के अधीन लाते हुये समितियों से संबंधित आरटीआई आवेदनों में वांछित जानकारी को प्रत्येक जिले में उपलब्ध कराने के लिये जिले में पदस्थ विभाग के उपायुक्त, सहकारिता को लोक सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी के रूप में संयुक्त आयुक्त, सहकारिता की जवाबदेही आयोग के आदेश प्राप्ति के एक माह के भीतर सुनिश्चित करें। सिंह ने कहा कि RTI एक्ट की धारा 19 के तहत जानकारी प्राप्त ना होने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी संयुक्त आयुक्त, सहकारिता के समक्ष प्रथम अपील दायर की जाएगी। 

 
राशन की दुकानों के सेल्समैन के वेतन की जानकारी अब पब्लिक प्लेटफॉर्म पर

पीडीएस के सैल्समेन द्वारा स्वयं के वेतन की जानकारी के लिए अपील एवं शिकायत दायर की गयी है। खाद्ध नागरिक एवं आपूर्ति विभाग द्वारा छः हजार रूपये कमीशन के रूप में मासिक वेतन के रूप में सुनिश्चित किया गया है, पर सिंह ने आदेश मे कहा कि सूचना आयोग के लिए इस जानकारी को प्राप्त करना आसान नहीं था। इसके लिए आयोग को जांच संस्थित करते हुए तीन विभागों के समन्वय के पश्चात् ही जानकारी तैयार हो पायी। स्पष्ट तौर से सेल्समैन को दिये जाने वाले वेतन/पारितोष की जानकारी की व्यवस्था राज्य में पारदर्शी नहीं है। आयोग के समक्ष यह स्पष्ट है कि विभागों में अधिकारी, कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन में पारदर्शिता को बनाये रखने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4 (1) (B) (x) के तहत वेतन की जानकारी स्वतः ही सार्वजनिक किए जाने का प्रावधान हैं। आयोग सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 19(8) (2) के तहत प्रमुख सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, भोपाल को आदेशित करता है कि मध्यप्रदेश के समस्त जिला कलेक्टरों को आयोग के उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायें तथा 3 माह के भीतर जिलों में राशन की दुकानों में कार्यरत सेल्समैनों के वेतन की जानकारी को वेबसाइट, पोर्टल पर अपलोड करवाना सुनिश्चित करें।

आयोग की जाँच में राशन दुकानों के सैलरी संबंधी जानकारी में भारी गड़बड़ी

आयोग की जाँच में विक्रेताओं के वेतन संबंधी जानकारी में चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। रीवा जिले में कुल 459 विक्रेता कार्यरत हैं किसी भी विक्रेता को प्रत्येक माह वेतन प्रदान नहीं किया जा रहा है। 5 विक्रेता जिन्हें लगभग 7-10 वर्ष से वेतन प्रदान नहीं किया जा रहा है। लगभग 70 से अधिक विक्रेता ऐसे हैं इन्हें 2 साल से अधिक समय से वेतन प्रदान नहीं किया जा रहा है। 

सैलरी गडबड़ी के मामले में कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव खाद्य को भेजा प्रकरण

सिंह ने कहा कि कई विक्रेताओ का वेतन वर्षों से लंबित है यह विक्रेताओ के मानवाधिकार तथा मौलिक अधिकारों, श्रम कानूनों का उल्लंघन हैं। सिंह ने कहा कि अगर इतने सारे विक्रेताओं को सालों से वेतन नहीं मिल रहा है तो बिना वेतन के वे जीवन यापन कैसे कर रहे हैं ये जाँच का विषय है। सिंह ने जारी आदेश में आयोग द्वारा की गई जांच में वेतन में भारी गड़बड़ी होने पर उसमें कारवाई की आवश्यकता बताते हुए प्रकरण को प्रमुख सचिव खाद के पास युक्तियुक्त कार्रवाई के लिए भेजने के लिए निर्देश जारी किए है।


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लोकसभा चुनाव 2024 : चुनाव में काला धन,हवाला और नगद रूपयो के इकठ्ठा किए जाने आदि की जानकारी देने इनकम टैक्स विभाग ने किया टोल फ्री नंबर, 24 घंटे सक्रिय रहेगा कंट्रोल रूम,जिला लेबिल पर टीम गठित, एयरपोर्ट पर भी टीम

लोकसभा चुनाव 2024 : चुनाव में काला धन,हवाला और नगद रूपयो के इकठ्ठा किए जाने आदि की जानकारी देने इनकम टैक्स विभाग ने किया टोल फ्री नंबर, 24 घंटे सक्रिय रहेगा कंट्रोल रूम,जिला लेबिल पर टीम गठित, एयरपोर्ट पर भी टीम


#LoksabhaElection 2024
#IncomeTax 
Loksabha chunav 2024
तीनबत्ती न्यूज : 23 मार्च, 2024
भोपाल :  लोकसभा चुनाव में रूपयो के हवाला ,इकठ्ठा लेकर आने जाने और सोना आदि का उपयोग मतदाताओं को लुभाने और बांटने के लिए हुआ है। इन पर कार्यवाई करने और रोकने के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों के तथ्य इनकम टैक्स विभाग अलर्ट है। विभाग ने मध्यप्रदेश के भोपाल में एक कंट्रोल रूम बनाया है। यह 24 घंटे सक्रिय रहेगा। इसके साथ ही  सूचनाओं को देने या शिकायत को लेकर एक टोल फ्री नबर भी जारी किया गया है। पूरे प्रदेश में 53 टीमों का गठन भी किया है। पू प्रदेश में 200 से अधिक अफसर तैनात किए गए है। इसके साथ ही 5 एयरपोर्ट पर भी टीम लगाई है।

नियंत्रण और निगरानी कक्ष स्थापित
आयकर विभाग मध्यप्रदेश के अपर आयकर निदेशक (अन्वे.), नोडल अधिकारी- निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण अनूप कुमार जैन ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान आयकर विभाग द्वारा भोपाल में  एक 24x7 केन्द्रीय नियन्त्रण एवं शिकायत निगरानी कक्ष, आयकर भवन, होशंगाबाद रोड़, मैदा मिल के सामने, तृतीय तल पर कमरा नम्बर 313 में स्थापित किया गया है। इसका टोल फ्री नम्बर 1800-2337836 और मोबाइल एवं वॉट्सऐप नम्बर 9406718767 है। उन्होंने कहा कि इस नियंत्रण कक्ष मे अथवा टोल फ्री नम्बर अथवा मोबाइल नम्बर पर मतदान या मतदाता के व्यवहार को प्रभावित करने के लिए प्रयुक्त होने वाले काले धन, नगदी, सोना इत्यादि बहुमूल्य धातु या इसके बुलियन आदि की सूचना प्रदान की जा सकती है।
यह नियंत्रण कक्ष (Control Room), चौबीस घंटे सातो दिन (24x7) कार्यरत् रहेगा। कोई भी नागरिक काला धन, हवाला हस्तांतरण, नगदी हस्तांतरण, काला धन संग्रह, बुलियन आदि के संग्रह या हस्तांतरण की सम्पूर्ण जानकारी नाम, मोबाईल नम्बर, पता एवं नगदी या बुलियन आदि के संग्रह स्थान की जानकारी के साथ इस नियंत्रण कक्ष (Control Room) में दे सकता है।

जिला स्तरीय 53 क्विक रिस्पांस टीम :200 से अधिक कर्मचारी जुटे 

जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग द्वारा मध्य प्रदेश राज्य के अंतर्गत जिला स्तर पर 53 क्विक रिस्पांस टीमों का गठन किया गया है। यह टीम आयकर अधिकारी के नेतृत्व में प्रत्येक जिले में तैनात की गई है। आयकर विभाग के कुल 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों चुनाव में काले धन के दुरूपयोग को रोकने के लिए मध्य प्रदेश में तैनात किये गये है। इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश राज्य के अंतर्गत आने वाले सभी 5 एयरपोर्ट पर आयकर विभाग की Air Intelligence Units का गठन भी किया गया है। यह Units Airport पर नगदी एवं बुलियन की सूचनाओं पर कार्यवाही करेगी। आयकर विभाग द्वारा तैनात Quick Response Teams और Air Intelligence Units 24 X 7 त्वरित कार्यवाही के लिए उपलब्ध रहेंगी।




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मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजो की जांच में लापरवाही बरतना भारी पड़ा : मकरोनिया सीएमओ, अपर तहसीलदार और पटवारी हुए सस्पेंड

मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजो की जांच में लापरवाही बरतना भारी पड़ा : मकरोनिया सीएमओ, अपर तहसीलदार और पटवारी हुए सस्पेंड

तीनबत्ती न्यूज : 22 मार्च ,2024
सागर। सागर के  मकरोनिया क्षेत्र में एक जमीन में मृत्यु प्रमाणपत्र और कूट रचित दस्तावेजो के आधार पर  जमीन का नामांकन करने के मामले में प्रशासन ने सख्त कार्यवाई की है। इसे मकरोनिया नगर पालिका की सीएमओ रीता केलासिया, अपर तहसीलदार  दुर्गेश तिवारी और उस हल्का के पटवारी विनोद साहू की घोर लापरवाही सामने आई। जिसके चलते प्रशासन ने इनको  सस्पेंड करने की कार्यवाही की। इस कार्यवाई से हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले की मीडिया में चर्चा हुई ।इसे आरटीआई कार्यकर्ता पंकज सिंघई ने उठाया था।

मकरोनिया सीएमओ पर कई आरोप 

मकरोनिया नगर पालिका की सीएमओ रीता केलासियां के निलंबन में कई मामले सामने आए है। कमिश्नर कार्यालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक कलेक्टर जिला सागर द्वारा अपने प्रस्ताव कमॉक 2516/रीडर/कले./2024 दिनांक 21-03-2024 के माध्यम से अवगत कराया गया है कि अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सागर द्वारा प्रकरण कमांक 0394 बी 121 वर्ष 2023-24 की राजस्व आदेश अवृत्ति-पत्र में दिनांक 20/03/2024 की कण्डिका 7 में प्रतिवेदित किया गया है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद मकरोनिया के पत्र कमांक/न.पा.प. /2023/3627 अनुमति दिनांक 28/12/2023 के द्वारा मेसर्स कल्पधाम बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स, 66 मोहन एनक्लेव कॉलोनी बाघराज वार्ड सागर को मौजा गंभीरिया प.ह.नं. 76 तहसील सागर के ख.नं. 172 रकबा 1.550 हे. में से 1.409 हे. यानी 14089 वर्गमीटर भूमि पर आवासीय कॉलोनी विकास की अनुमति सशर्त प्रदाय की गई है।
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मध्यप्रदेश नगर पालिका कॉलोनी विकास नियम 2021 के नियम 2 (ड.) के अनुसार नगर पालिका परिषद या नगरीय परिषद की सीमा क्षेत्र में नियम 8 के अधीन प्ररूप-4 में आवेदन प्राप्त कर, नियम 15 के अधीन प्रारूप-5 में कॉलोनी की विकास की अनुमति प्रदाय करने के लिये कलेक्टर सक्षम प्राधिकारी हैं, परंतु उक्त प्रकरण में मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद मकरोनिया द्वारा प्रारूप-5 में अधिकारिता विहीन विकास अनुमति जारी की गई है।
मृत्यु प्रमाणपत्र को नही हुई जांच
कलेक्टर सागर द्वारा पत्र दिनांक 20-03-2024 के माध्यम से यह भी अवगत कराया गया है कि अपर तहसीलदार वृत्त मकरोनिया बुजुर्ग तहसील सागर के रा०प्र०क० 1797 अ/6 वर्ष 2023-24 में कथित मृतिका श्रीमती छाया जैन का अप्राप्यता प्रमाण पत्र श्रीमती कैलासिया द्वारा बिना जॉच किये कूटरचित दस्तावेजो के आधार पर जारी किया गया है। 4- कलेक्टर जिला सागर से प्राप्त उक्त प्रस्ताव के अवलोकन व परिशीलन उपरांत यह पाया गया है कि श्रीमती रीता कैलासिया, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् मकरोनिया द्वारा अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता व गंभीर अनियमितता बरती गई है। श्रीमती कैलासिया का उक्त कृत्य म०प्र० सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 के उपनियम (I) (II) (III) का उल्लघंन है। श्रीमती रीता कैलासिया, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् मकरोनिया को उनके उपरोक्त कृत्य हेतु म०प्र० नगरपालिका सेवा (कार्यपालन) नियम 1973 के नियम 36 एवं मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।


अपर तहसीलदार दुर्गेश तिवारी हुए सस्पेंड

कमिश्नर कार्यालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार कलेक्टर सागर ने पत्र कमांक 2502/रीडर/कले./2024 सागर, दिनांक 20-03-2024 से अवगत कराया कि श्री दुर्गेश तिवारी, अपर तहसीलदार मकरोनिया बुजुर्ग तहसील सागर द्वारा राजस्व प्रकरण कमांक 1797/1/6 वर्ष 2023-24 में वसीयतनामा, संलग्न मृत्यु प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेजों का गहन परीक्षण किये बिना नियम विरूद्ध नामांतरण आदेश दिनांक 23-02-2024 पारित किया गया, जो पीठासीन अधिकारी के पदीय दायित्वों के प्रति गंभीर लापरवाही है।
उपरोक्त से स्पष्ट है. कि श्री दुर्गेश तिवारी, अपर तहसीलदार मकरोनिया बुजुर्ग सागर जिला सागर के द्वारा अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता बरती जाना प्रमाणित है। श्री दुर्गेश तिवारी का यह कृत्य म०प्र० सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 का उल्लंघन होकर म०प्र० सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत दण्डनीय है। श्री दुर्गेश तिवारी, अपर तहसीलदार मकरोनिया बुजुर्ग तहसील सागर जिला सागर को उक्त लापरवाही के लिए म०प्र० शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के राजपत्र क्रमांक सी-6-1-2008-3-एक दिनांक 15-9-2008 सहपठित म०प्र० सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम-9 के अधीन प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुये तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।
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पटवारी विनोद साहू हुए निलंबित

एसडीएम कार्यालय के मुताबिक कलेक्टर सागर के रा.प्र.क्र. 0012 पुनर्विलोकन वर्ष 2023-24 आदेश दिनांक 20.03. 2024 के अनुसार श्री विनोद कुमार साहू पटवारी हल्का नंबर 72 तहसील व जिला सागर को तत्काल प्रभाव से निलक्ति एवं विभागीय जांच संस्थित किये जाने के निर्देश दिये गये है।
श्री विनोद कुमार साहू द्वारा अपर तहसीलदार मकरोनिया बुजुर्ग तहसील व जिला सागर के न्यायालय में रा.प्र.कं. 1797 अ/6 वर्ष 2023-24 में पारित आदेश दिनांक 23.02.2024 को मौजा मकरोनिया बुजुर्ग में स्थित भूमि खसरा नंबर 159/3, 158/35 में से रकवा 3200 वर्गफुट भूमि जो वर्तमान अभिलेख में छाया जैन बेवा वेदप्रकाश जैन सा. देह के नाम से दर्ज है। हल्का पटवारी द्वारा अपने प्रतिवेदन में उल्लेख किया गया है कि छाया जैन निवासी नेहा नगर का स्वर्गवास 24.12.2007 को हो गया था एवं वेदप्रकाश जैन का निधन हो गया था, छाया जैन की कोई संतान नही है तथा छाया जैन के कोई वैध वारिस नहीं है अपने प्रतिवेदन में प्रतिवेदित किया गया है तथा इस तथ्य को छुपाया गया है कि श्रीमती छायारानी जैन वर्तमान में जीवित है तथा वसीयतकर्ता की मृत्यु दिनांक 24.12.2007 को हुई है।आपके द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन, पंचनामा में लेख जानकारी व तथ्य कलेक्टर महोदय की जॉच में गलत प्रमाणित हुये है आपके द्वारा गलत तथ्यों के आधार न्यायालय को गुमराह किया गया है व पीठासीन अधिकारी से त्रुटि पूर्ण आदेश पारित कराया गया है।
अतः आपका उक्त कृत्य म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम तीन एवं तीन-क के उल्लघन तथा कार्य के प्रति घोर लापरवाही व स्वेच्छारिता अपनाते हुये अपने कार्य के विपरीत कार्य करना एवं वरिष्ठ उच्च अधिकारियों के गलत प्रतिवेदन/जानकारी प्रस्तुत करना, फलस्वरूप म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम-1966) के नियम-9 (1) के तहत श्री विनोद कुमार साहू पटवारी हल्का नंबर 72 तहसील व जिला सागर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय निर्वाचन कार्यालय नरयावली तह० सागर निर्धारित किया जाता है। इनके स्थान पर श्री नवीन श्रीवास्तव को अपने प्रभार के साथ-साथ मौजा मकरोनिया बुजुर्ग तह० सागर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा जाता है।श्री विनोद कुमार साहू पटवारी हल्का नंबर 72 को निलंबन अवधि के दौरान मूलभूत नियम-53 के अंतर्गत नियमानुसार जीवन निर्वाहन भत्ता देय होगा।



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SAGAR: अपराधिक मामला दर्ज होने पर मिडिल स्कूल का शिक्षक निलंबित

SAGAR : अपराधिक मामला दर्ज होने पर मिडिल स्कूल का शिक्षक निलंबित


तीनबत्ती न्यूज : 22 मार्च ,2024
सागर : सागर जिले के बंडा की एक स्कूल के शिक्षक पर अपराधिक मामला दर्ज होने और जेल में निरुद्ध रहने पर डीईओ ने निलंबित कर दिया है। 
जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार विकासखंड बण्डा के माध्यमिक शिक्षक शासकीय हाई स्कूल पजनारी श्री दिनेश तिवारी के विरुद्ध थाना जैसीनगर में अपराध प्रकरण पंजीवद्ध होने तथा विशेष न्यायालय (एससी/एसटी) एक्ट में पेश होने तथा न्यायालय से जेल वारंट जारी होने पर केन्द्रीय जेल सागर में 7 फरवरी 2024 को 48 घंटे से अधिक निरूद्ध रखा गया है।




स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदत्त शाक्तियों के अधीन, म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग श्री मनीष वर्मा द्वारा श्री दिनेश तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में श्री दिनेश तिवारी का मुख्यालय कार्यालय विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी देवरी नियत किया गया है। निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी।

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SAGAR : जिला अधिवक्ता संघ द्वारा महिला न्यायाधीश और अधिवक्ता का किया सम्मान

SAGAR  : जिला अधिवक्ता संघ द्वारा महिला न्यायाधीश और अधिवक्ता का किया सम्मान


तीनबत्ती न्यूज : 22 मार्च,2024
सागर। जिला अधिवक्ता संघ सागर ने
महिला दिवस पर महिला न्यायाधीश और महिला अधिवक्ताओं का सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया। संघ के सचिव अधि. वीरेन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी जिला अधिवक्ता संघ सागर द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन 8 मार्च को किया जाना था किन्तु महाशिवरात्रि के कारण यह आयोजन आज 22 मार्च  को निर्धारित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती ज्योति मिश्रा अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने की। उन्होने सर्व प्रथम माँ सरस्वती की फोटो पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन किया। इस के उपरान्त राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य राजेश पाण्डे ने अपना उधवोधन दिया। अध्यक्ष जितेन्द सिंह राजपूत एवं सचिव वीरेन्द्र सिंह राजपूत ने श्रीमती मिश्रा का सम्मान कर कार्यक्रम को आगे बढाया एवं कार्यक्रम का मंच संचालन अधि. दीपक पौराणिक द्वारा किया गया। 

इनका हुआ सम्मान

इसके बाद महिला न्यायाधीशगणं श्रीमती नीलम शुक्ला, श्रीमती नेहा श्रीवास्तव, श्रीमती किरण कौल, श्रीमती किरण तुमराची, श्रीमती रोहणी तिवारी, श्रीमती मीनू पचौरी, श्रीमती उर्मिला खेडकर, श्रीमती पूजा पचौरी दुबे, सुश्री प्रीति ठाकुर, सुश्री दीक्षा अग्रवाल, सुश्री सुरभि सिंह सुमन, सुश्री रीना शर्मा, सुश्री ऐश्वर्या जैन, श्रीमती अनुभा वर्मा, श्रीमती बन्दना तोमर, श्रीमती मंजूमाला तोमर का सम्मान किया गया। इसके बाद महिला अधिवक्तागण का सम्मान किया गया जिसमे सभी के लिये स्मृति चिन्ह एवं उपहार दिया गया।  कार्यक्रम में उपस्थित होकर सभी अधिवक्ताओं ने कार्यक्रम को सफल बनाया। 
ये रहे मोजूद
जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह राजपूत एड, उपाध्यक्ष महेन्द्र कौरव एड. सचिव वीरेन्द्र सिंह राजपूत, पुस्तकालय अध्यक्ष योगेन्द्र स्वामी, कोषाध्यक्ष आलोक प्यासी, सह सचिव मनोज कुमार सेन, महिला कार्यकारिण श्रीमती अनीता राजपूत, पुरुष कार्यकारिणी सदस्य अंशित बलैया, दीपक शर्मा पंकज (कुलभूषण) त्रिवेदी, श्यामसुन्दर सेन,अभिनव श्रीवास्तव सहित अभी अधिवक्तागण उपस्थित थे।

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SAGAR : बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को अंतिम सांस तक कारावास

SAGAR :  बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को अंतिम सांस तक कारावास 



तीनबत्ती न्यूज : 22 मार्च ,2024
सागर । बालिका के साथ जबरन दुष्कर्म करने वाले आरोपी पिता को विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भादवि की धारा 376(2)(एन) के तहत शेष प्राकृत जीवनकाल तक के लिये आजीवन कारावास एवं 1,000 रूपये अर्थदण्ड,  धारा 376(2)(एफ) के तहत शेष प्राकृत जीवनकाल तक के लिये आजीवन कारावास एवं 1,000 रूपये अर्थदण्ड तथा धारा 323 के तहत 01 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विषेष लोक अभियोजक श्री मनोज पटैल ने की ।


घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 01.06.2023 को षिकायतकर्ता/ पीड़िता द्वारा थाना मोतीनगर में इस आशय की सूचना लेख कराई गई कि वह पढी लिखी नही है घर पर अपने भाई और पिता के साथ रहती है एवं उसकी मां की मृत्यु हो चुकी है। उसके पिता की नियत उसे लेकर ठीक नही थी सोते समय वह उसके साथ गलत हरकत करते थे । उसकी नींद खुल जाने पर जब वह मना करती तो वह कहते थे कि शांत रहो किसी से कुछ कहना मत वरना उसकी मां की तरह उसे भी जान से खत्म कर देगा डर के कारण उसने किसी से कुछ नही कहा। उसके पिता ने उसके साथ जबरदस्ती गलत काम बलात्कार किया था डर के कारण उसने किसी से कुछ नही बोला। दिनॉक 31.05.2023 की रात में फिर उसके पिता ने उसके साथ जबरजस्ती गलत काम किया चिल्लाने पर उसका भाई जाग गया जिसने उसे बचाने की कोषिष की तो पिता ने भाई के साथ डंडे से मारपीट की। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मोतीनगर द्वारा भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 376(3),),376(2)(एफ),376(2)(द), 506भाग-2, 323 एवं पाक्सो एक्ट की धारा-3/4, 5/6 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।

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डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में दिव्यांगजन लर्निंग रिसोर्स सेंटर की स्थापना

डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में दिव्यांगजन लर्निंग रिसोर्स सेंटर की स्थापना

तीनबत्ती न्यूज:22 मार्च,2024
सागर : डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के कुलपति सम्मेलन कक्ष में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली द्वारा अपने परिपत्र के अंतर्गत जारी दिशा निर्देश - सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूह के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने हेतु दिशा निर्देश (एसईडीजी) को अंगीकृत करते हुये विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट शिक्षा, लैंगिक समानता, दिव्यांगजन के लिए सुविधायें, कोई गरीबी नहीं, अच्छे कार्य एवं आर्थिक विकास को हासिल करने के लिये तथा सामाजिक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के शैक्षणिक एवं सामाजिक उन्नयन के साथ-साथ अवसरो की समानता उपलब्ध कराने हेतु गठित समिति की बैठक विश्वविद्यालय की  कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की अध्यक्षता में संपन्न हुई. 

 कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पर त्वरित कार्यवाही करते हुये इस दिशा में तय किये गये मानकों को हासिल करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार समिति का गठन करते हुये स्वयं इस समिति की प्रथम बैठक की अध्यक्षता की. बैठक के प्रारंभ में इस समिति के अध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार जैन, विभागाध्यक्ष, शिक्षा विभाग ने  इस विषय की गंभीरता को समझते हुये एवं दिव्यांगजनों के लिए अतिआवश्यक सुविधाओं को अविलम्ब उपलब्ध कराने के लिए गठित समिति का अध्यक्ष मनोनीत किये जाने पर धन्यवाद ज्ञापित किया.
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रो. अस्मिता गजभिये, प्रभारी आंतरिक शिकायत समिति, प्रो. श्वेता यादव, विभागाध्यक्ष, प्राणीशास्त्र विभाग, डॉ. बलवंत सिंह भदौरिया, अधिष्ठाता, कला एवं सूचना विज्ञान, डॉ. रजनीश अग्रहरि, सहायक प्राध्यापक, शिक्षा विभाग, डॉ. नवीन सिंह, सहायक प्राध्यापक, शिक्षा विभाग के साथ-साथ विद्यार्थी प्रतिनिधि दिव्यांगजन - सुश्री आकांक्षा नामदेव, शोध छात्रा, प्रौढ़ शिक्षा विभाग, विद्यार्थी प्रतिनिधि दिव्यांगजन - श्री दुष्यंत कुमार मार्को, शोध छात्र, प्रौढ़ शिक्षा विभाग, सदस्यों के रूप में तथा श्री आशीष तिवारी, सहायक कुलसचिव - सदस्य सचिव के रूप में इस बैठक में उपस्थित हुये. 
बैठक की महत्ता को ध्यान में रखते हुये इस बैठक में विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव डॉ. एस.पी. उपाध्याय, पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. मोहन टी.ए., सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. अनुराग श्रीवास्तव तथा सीनियर सिस्टम एनालिस्ट डॉ. रूपेन्द्र जे. चौरसिया भी इस बैठक में विशेष रूप से आमंत्रित थे. 
बैठक में आवश्यक बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गई तथा उन पर सारगर्भित निर्णय लिये गये.  कुलपति  ने निर्देशित किया कि रंगनाथन पुस्तकालय में दिव्यांगजन लर्निंग रिसोर्स सेंटर की स्थापना के साथ विश्वविद्यालय में दिव्यांगजनों की विश्वविद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं  (7 कम्प्यूटर, 2 कीबो, आडियो सामग्री, यू रीड बुक) को त्वरित स्थानान्तरण किया जाये तथा दिव्यांगजन की शिक्षा के लिए जो भी आवश्यक उपकरण हैं, उनको क्रय कर इस सेंटर में संस्थापित किया जाये, जिससे दिव्यांगजन को सम्पूर्ण सुविधाएँ प्रदान की जा सकें. इसमे प्रथमतः ब्रेल प्रिंटर को क्रय किये जाने के संबंध में निर्णय लिया गया. विश्वविद्यालय में विधि एवं हिन्दी विभाग में अध्ययनरत् दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए पाठ्य सामग्री ब्रेल लिपि में प्रिंट कराकर अविलम्ब उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया गया. 
बैठक में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए पाठ्य सामग्री सुगम्य पुस्तकालय जिसका केन्द्र भोपाल में है, की सदस्यता विश्वविद्यालय ने ले ली है जिससे सुगम्य पुस्तकालय में उपलब्ध लगभग 10 लाख ब्रेल पुस्तकें जो ई- लायब्रेरी में उपलब्ध हैं, का लाभ विश्वविद्यालय के समस्त दिव्यांग विद्यार्थियों के साथ-साथ संबद्ध महाविद्यालयों में अध्ययनरत दिव्यांग छात्र-छात्राएँ लाभ ले सकते हैं. 
  जहाँ-जहाँ दिव्यांग छात्रों को आवश्यकता है, वहाँ-वहाँ  रेम्प, टायलेट की सुविधा हेतु आवश्यक कदम उठाये जायेंगे. दिव्यांग छात्र-छात्राओं की परेशानियों को दृष्टि में रखते हुये यह भी निर्णय लिया गया कि दिव्यांग छात्र-छात्राओं की कक्षायें भूतल पर लगाई जायें तथा अग्रिम पंक्ति में उनके बैठने की व्यवस्था की जाये. इस आशय के निर्देश विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी किये जा रहे हैं. 
दिव्यांग विद्यार्थी जो विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहते हैं, के लिए यह निर्णय लिया गया कि समस्त दिव्यांग विद्यार्थियों को एक ही छात्रावास में स्थान उपलब्ध कराया जाये, जिससे उन्हें नैसर्गिक सुविधायें आसानी से प्राप्त हो सकें. विश्वविद्यालय के टैगोर छात्रावास में दिव्यांग छात्रों के लिए रेम्प, वाटर कूलर एवं टायलेट की सुविधा पूर्व से ही उपलब्ध है. इसी प्रकार रानी लक्ष्मीबाई कन्या छात्रावास में भी दिव्यांग छात्राओं के लिए रेम्प, वाटर कूलर, टायलेट की सुविधा है. अतः दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए इन छात्रावासों में ही रहने की सुविधा दी जाये.  
विश्वविद्यालय की बेबसाईट को दिव्यांग छात्र-छात्राओं हेतु यूजर फ्रेंडली बनाये जाने के लिये विश्वविद्यालय के सीनियर सिस्टम एनालिस्ट से सुझाव मांगे गये तथा निर्देशित किया गया कि विश्वविद्यालय की बेबसाईट पर स्क्रीन रीडर एसेस की सुविधा का विस्तार किया जाये. दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए खेल कूद की सुविधाओं प्रदान किये जाने हेतु निदेशक शारीरिक शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया है तथा दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए सांस्कृतिक गतिविधियों में सहभागिता हेतु सांस्कृतिक समन्वयक कार्य करेंगे. माननीय कुलपति महोदया ने प्रो. अनिल जैन, विभागाध्यक्ष, शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि दिव्यांग विद्यार्थियों की जो भी समस्यायें हैं, उनके निराकरण हेतु प्रबंधन का कार्य करेंगे. 
इस बैठक के माध्यम से दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए नवोन्मेष योजनाओं के साथ-साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली द्वारा तैयार दिशा निर्देशों के अनुपालन में डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर ऐसा प्रथम विश्वविद्यालय है, जिसने दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए यूजीसी के कार्यादेश के अनुपालन में सार्थक पहल की है एवं अन्य अनुषांगिक कार्यों को प्रारंभ करने हेतु अपनी प्रतिबद्धिता ज्ञापित की है. कुलपति ने स्पष्ट रूप से यह भावना व्यक्त की है कि इन कार्यों की सतत् निगरानी हेतु वो स्वयं इस समिति की बैठकों में रहेंगी. 
बैठक के अंत में कुलपति  ने कहा कि दिव्यांग होना कोई कमजोरी की निशानी नहीं है, बल्कि दिव्यांगजन के पास स्वयं की एक पहचान होती है, प्रकृति उन्हें उस कमी से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है और वह कोई न कोई अतिरिक्त हुनर के धनी होते हैं. उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन समाज में अलग नहीं हैं, वे समाज का हिस्सा हैं. विश्वविद्यालय अपने दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए उनकी शिक्षा के साथ-साथ स्किल एज्यूकेशन प्रदान करने के लिए भी कार्य योजना तैयार करेगा, जिससे इस विश्वविद्यालय के दिव्यांग छात्र-छात्रायें शिक्षा के साथ-साथ स्किल में भी पारंगत होकर आत्मनिर्भर बनें. विश्वविद्यालय में दिव्यांग अध्ययन केन्द्र की स्थापना प्रक्रियाधीन है.  
समिति के अध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार जैन ने महत्वपूर्ण सुझावों एवं कार्यों के त्वरित क्रियान्वयन के कुलपति का आभार माना.
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