देश-भक्ति और देश-सेवा को बनाएं जीवन का अथक छंद - कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता
सागर. डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के गौर प्रांगण में स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया. कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने ध्वजारोहण किया और सभी को भारतवर्ष के राष्ट्रीय पावन पर्व स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर शुभकामनाएं दीं. समारोह में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हम सभी इस महान लोकतांत्रिक देश भारत के नागरिक हैं जिसकी आजादी के लिए हजारों-लाखों अमर शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। इसलिए आज अपनी स्वतंत्रता पर गर्व करने के साथ-साथ भारत माता के अमर सपूतों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का भी दिन है। आज का दिन संकल्प का दिन है, स्वाभिमान का दिन है, गर्व का दिन है साथ ही यह त्याग और बलिदान का भी दिन है। हमारे पुरखों ने, अमर बलिदानियों ने हजार-हजार दुःख सहे किन्तु हमे आजादी की यह विलक्षण सौगात दे गये। इस स्वतंत्रता के प्रति हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है।
स्वतंत्रता का यह सम्मान हमें निरंतर प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। यह आजादी हमारे व्यक्तित्व का विकास करती है और राष्ट्र की प्रगति के लिये, उसके सर्वांगीण विकास के लिये अवसर भी प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि देश-भक्ति और देश-सेवा हमारे जीवन का अथक छंद होना चाहिए। हम सभी एक श्रेष्ठ अकादमिक संस्थान से सम्बन्धित हैं। इसीलिए हमारा कर्तव्य होना चाहिए कि हम अपनी आजादी को ज्ञान-विज्ञान के नये सन्दर्भों से जोड़ें। ज्ञान से प्रत्येक प्रकार की बेड़ियों को काटा जा सकता है। हमारा यह परम ध्येय होना चाहिए कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक ऐसा समृद्ध और विकसित भारत दें, जो अपने स्वदेशी तकनीक से सम्पन्न और आत्मनिर्भर हो। न केवल तकनीक में बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भर हो, ऐसे प्रयास होने चाहिये।
उन्होंने कहा कि डॉ. हरीसिंह गौर द्वारा विश्वविद्यालय के रूप में लगाया गया नन्हा पौधा आज निरन्तर पल्लवित और पुष्पित हो रहा है। हमारा कर्तव्य है कि इस संस्थान को श्रद्धेय डॉ. हरीसिंह गौर के स्वप्न के अनुरूप विकसित करते रहें। हमारे विश्वविद्यालय के विद्यार्थीगण देश के विकास में योगदान दें, शिक्षा के सोपानों को साकार करें, वैश्विक अकादमिक जगत की चुनौतियों का समाना कर सकें, निरंतर प्रगति करते हुये एक श्रेष्ठ देशभक्त, सक्षम नागरिक और संवेदनशील मनुष्य बनें - ऐसा हमारा प्रयास होना चाहिये।
उन्होंने ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे अवाचारी प्रयासों को भी रेखांकित किया. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय की विभिन्न शैक्षणिक, सह शैक्षणिक गतिविधियों और ढांचागत संरचना को विकसित करने की दिशा में हासिल उपलब्धियों की भी चर्चा की.
विवि के एनसीसी कैडेट्स ने सलामी दी एवं विवि के एन एस एस इकाई के विद्यार्थियों ने तिरंगे के रंगों का कैप लगाकर तिरंगा ध्वज बनाया.
समारोह में विश्वविद्यालय के कुलसचिव संतोष सोहगौरा, प्रो. आर. के. त्रिवेदी, प्रो. नवीन कानगो, प्रो. आशीष वर्मा, प्रो. दिवाकर राजपूत, प्रो. ए पी मिश्रा, प्रो. चंदा बना, प्रो. जे डी आही, प्रो नागेश दुबे, प्रो. रत्नेश दास, प्रो. उमेश पाटिल, उपकुलसचिव सतीश कुमार सहित कई शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे.