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चार अन्धे कत्लों के कुख्यात आरोपी राजेश उर्फ रमाकांत तिवारी को दो अलग अलग मामलों मे आजावीन करावास की सजा ★ हत्या के दो अन्य मामलो पर फैसला होना बाकी ,भाई की हत्या भी की थी, सभी वारदाते अलग अलग #सागर

चार अन्धे कत्लों के कुख्यात आरोपी राजेश उर्फ रमाकांत तिवारी को दो अलग अलग मामलों मे आजावीन करावास की सजा

★ हत्या के दो अन्य मामलो पर फैसला होना बाकी ,भाई की हत्या भी की थी, सभी वारदाते अलग अलग

#सागर

 

सागर।  चार अलग अलग निर्मम हत्याओं 
के आरोपी राजेश तिवारी को सागर जिले की बीना की एक अदालत ने हत्या के दो अलग अलग प्रकरणों में आजीवन कारावास और अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अभी हत्या के दो अलग अलग मामलो कि कोर्ट में आना बाकी है। 
 आज न्यायालय- श्रीमान अनिल चैहान द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश, बीना जिला सागर के न्यायालय द्वारा दो  पृथक-पृथक प्रकरणों में आरोपी राजेष उर्फ रमाकांत पिता विष्णु प्रसाद तिवारी उम्र 32 वर्ष निवासी शास्त्री वार्ड, बीना, जिला सागर को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास व 5000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 201 भादवि में 07 वर्ष के सश्रम कारावास व 2000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। राज्य शासन की ओर से अपर/विषेष लोक अभियोजक डी. के. मालवीय  ने शासन का पक्ष रखा।

अंकसूची के पैसे वापिस नही किये तो जर दी हत्या

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 10.09.2018 को पुलिस को यह सूचना प्राप्त हुई कि बीजासेन माता मंदिर के पास एक मृत व्यक्ति डला है पुलिस ने जाकर देखा तो उसके सिर पर पत्थर मारकर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसकी हत्या की गयी थी एवं उसके हाथ की कलाई भी काटी हुई है और आसपास बहुत खून डला हुआ था। पुलिस चौकी  मण्डीबमौरा, थाना बीना के उ.निरी. ने शून्य पर रिपोर्ट दर्ज की। धारा 302,201 भादवि के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान मृतक की पहचान प्रमोद पिता खेमचंद्र विष्वकर्मा निवासी बीना के रूप में हुई। मृतक प्रमोद के घर वालो से पूछताछ से पता चला कि मृतक प्रमोद आरोपी राजेश के साथ गया था। विवेचना के दौरान संदेह के आधार पर आरोपी राजेष उर्फ रमाकांत तिवारी को गिरफ्तार किया एवं पूछताछ की, तब आरोपी राजेष ने बताया कि उसने मृतक प्रमोद को कक्षा 10बी की 75 प्रतिषत की अंकसूची बनाने के लिए 15000 रूपये दिये थे। मृतक प्रमोद ने न तो उसके पैसे वापिस किये और न ही उसकी अंकसूची बनायी। उक्त पैसे वापिस लेने के लिए उसने योजना बनाई कि प्रमोद को मारकार उसके परिवार वालों को गुमराह करके रूप्ये बसूल करेगा। इसी योजना के तहत उसने उसे मण्डीबमौरा ले गया उसकी चाय में नीद की गाली मिला दी जैसे ही बीजासेन मंदिर के पास उसे नीद आने लगी तो  उसके सिर पर पत्थर मारा एवं गले एवं हाथ में ब्लेड मारा जिससे वह मर गया। मृतक प्रमोद के कपडे निकालकर पास के कुआं में फेक दिये।

पैसे वापिस नही तो की दूसरी हत्या 

थाना बीना में सूचनाकर्ता ने इस आषय की सूचना दी कि शास्त्री वार्ड बीना में स्कूल के पास एक अज्ञात व्यक्ति की लाष दिखी। उक्त सूचना पर अकाल मृत्यू सूचना मर्ग कायम कर जांच में लिया। पी.एम. रिपोर्ट के आधार पर प्रथम दृष्टया अज्ञात व्यक्ति की हत्या करना एवं साक्ष्य छिपाने के उद्देष्य से शव का चेहरा जलाकर क्षतविक्षित कर घटना स्थल पर फेकना पाया गया। उक्त अपराध धारा 302.,201 भादवि के अंतर्गत थाना बीना में पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अज्ञात मृतक और अज्ञात अभियुक्त की तलाश की गयी। आरोपी राजेष को अपराध क्रमाक 420/18 में  गिरफ्तार किया गया था। जिसके घर के सामने मृतक की लाश मिली थी उससे पूछताछ करने पर उसने बताया कि मृतक सुलतान को 300 रूप्ये दिये थे जब पैसे वापिस मांगे तो मृतक सुलतान नशे में होने से गाली देने लगा और पैसे नही दिये तो आरोपी राजेष ने निष्चय कर लिया कि उसे वह जान से खत्म कर देगा और दिनांक 23.08.2018 को पार्टी के बहाने उसने मृतक सुलतान को बुलाया और उसकी वियर में नीद की गोली मिला दी जैसे ही उसे नीद का असर हुआ उसने मृतक सुलतान के सिर पर मसाला बांटने वाला पत्थर मार दिया जिससे थोडी ही देर में सुलतान मर गया। पहचान न हो इस कारण उसने मृतक के चेहरे पर तौलिया बाधकर डीजल डालकर आग लगा दी और बाथरूम में छिपा दिया जब बदबू आने लगी तो रास्ते में शव फेक दिया।

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उक्त दोनों प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आरोपी राजेश तिवारी को गिरफ्तार किया गया और  न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उक्त दोनों प्रकरण जघन्य सनसनीखेज प्रकरण होने से उप-संचालक (अभियोजन)  अनिल कटारे द्वारा उक्त दोनों प्रकरणों की सतत माॅनीटरिंग की गयी।  न्यायालय में अभियोजन अधिकारी ने महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत कियें एवं प्रकरण के अभियुक्त को धारा 302, 201 भादवि के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। न्यायालय द्वारा उक्त दोनों प्रकरण क्रमांक 04/2019 एवं प्रकरण क्रमांक 02/2019 के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी राजेष उर्फ रमाकांत पिता विष्णु प्रसाद तिवारी उम्र 32 वर्ष निवासी शास्त्री वार्ड, बीना, जिला सागर को दोनों प्रकरणों में पृथक-पृथक धारा 302 भादवि में दोषसिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास व 5000 रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 201 भादवि में दोषसिद्ध पाते हुए 07 वर्ष के सश्रम कारावास व 2000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

हत्या के दो अन्य मामले भी अदालत में 
उधर पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट के मुताबिक इसी क्रम मे पूछताछ पर आरोपी द्वारा बीना के अपराध क 422/18 धारा 302 ताहि के मृतक हरिओम तिवारी की दूधिया मंदिर हींगटी रोड चन्द्रशेखर वार्ड बीना की अक्टुबर 2017 मे घरेलू विवाद एंव मन मुटाव पर से बदला लेने की नियत से अपने सगे भाई मृतक हरिओम तिवारी की पत्थर मार कर हत्या करना भी स्वीकार किया।

इसी क्रम मे वर्ष 2009 के अपराध क 649/09 धारा 302 ताहि मे कमला बाई
अहिरवार बीना की हत्या करना स्वीकार किया।
 चार अन्धे कत्लो के आरोपी राजेश तिवारी उर्फ रमाकांत तिवारी उर्फ रामेश्वर पाण्डा पिता विष्णु तिवारी नि0 शास्त्री वार्ड बीना के विरूद्ध उक्त प्रकरणो मे विवेचना के दौरान घटना स्थल के साक्ष्यो का फिंगर प्रिंट से मिलान, डीएन परीक्षण ,शिनाख्तगी कार्यवाही जैसै महत्वपूर्ण भौतिक साक्ष्यो का संकलन कर पूर्ण विवेचना उपरांत प्रकरणो चालान तैयार कर माननीय न्यायालय पेश किया गया   उक्त प्रकरण सनसनी खेज
श्रेणी मे होने से पुलिस अधीक्षक महोदय श्रीमान अतुल सिंह के द्वारा उक्त प्रकरण के साक्ष्य कराने के संबध मे लगातार पर्यवेक्षण कर शीघ्र निराकरण कराने में विशेष योगदान रहा। जो आज
दिनाक 20.07.2021 को माननीय न्यायालय बीना के द्वारा अपराध क 402/18 धारा 302,201
ताहि व अपराध क 420/18 धारा 302,201 ताहि मे दण्डित किया गया है धारा 302 ताहि मे आजीवन करावास की सजा तथा धारा 201 मे 07 साल की सजा से दण्डित किया गया है। 
शेष 02 प्रकरण अपराध क 649/09 धारा 302 ताहि तथा अपराध क 422/18 धारा 302 ताहि के प्रकरणो मे निर्णय होना शेष है। प्रकरणो की विवेचना के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बीना
श्रीमान विक्रम सिंह परिहार तत्कालीन एसडीओपी बीना श्रीमान रक्षपाल सिंह यादव ,तत्कालीन थाना प्रभारी बीना ज्ञानेन्द्र सिंह वघेल तथा उनि संजय शर्मा तथा कोर्ट विचारण के दौरान अभियोजन अधिकारी  दिनेश मालवीय का विशेष योगदान है।



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