Pitru Paksha 2025 : पितृ पक्ष पर 07 सितम्बर से शुरू होगा तर्पण कार्यक्रम : चंद्रग्रहण के पहले करे कार्य
▪️चकराघाट पर पंडित यशोवर्धन चौबे के मार्गदर्शन में होगा तर्पण कार्यक्रम
तीनबत्ती न्यूज : 05 सितम्बर ,2025
सागर: प्रत्येक विक्रम संवत अनुसार इस विक्रम संवत 2082 मैं प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी चकरा घाट तालाब पर शीतला देवी मंदिर फर्श पर से लेकर बाल भोले घाट तक तर्पण कार्य समाहित और संचालित किया जाएगा। पंडित यशोवर्धन चौबे के मार्गदर्शन में तर्पण कार्यक्रम संपन्न होगा। उन्होंने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दिनाँक 07 सितम्बर 2025 दिन रविवार से भादो के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू होंगे। इस दिन चंद्रग्रहण भी है इसलिए सभी कार्य दोपहर 12 बजे के पहले संपन्न होंगे।
पंडित यशोवर्धन चौबे ने बताया कि यह यम/ नियम /संयम /में समाहित अपने पितरों की ऋण से उऋणी होने के लिए भादों की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से कुआर के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक क्रमशः 15 दिन तक पित्रचर्या नाम का वह शब्द जो पित्रो की तृप्ति और भुक्ती मुक्ती के लिये प्राप्ति का कारक है।ऐसे पितरों के आशीर्वाद प्राप्ति वंश वृद्धि व सभी का कल्याण हो इस कामना के साथ तर्पण का कार्य प्रातकाल,ब्रह्म मुहूर्त से सुबह 5बजे से शीतला देवी माता मदिर चकराघाट तालाब पर आरंभ किया जाएगा।
पितृ पक्ष में तर्पण करने वालो के नियम
▪️पूर्णिमा में अमावस्या तक यम, नियम, संयम से रहना हैं।
▪️नाखून, दाड़ी, कटिंग केवल पहले दिन, बीच में किसी एक पितृ की तिथि पर और फिर आखरी दिन होगी।
▪️ इन दिनों में श्मशान घाट जाना वर्जित हैं, केवल घर पर बैठने जा सकते हैं । (लकड़ी एवं खारी में श्मशान घाट नहीं जा सकते हैं, घर का कोई भी सदस्य जा सकता हैं, तर्पण करने वाले नहीं जायेगा
▪️बाहर के सभी प्रकार के भोजन करना मना हैं (तेरहवी, पटा, भण्डारा, जन्मदिन इत्यादि) केवल कुटुम्ब में भोजन कर सकते हैं ।
▪️ अपेय वस्तु (नशा) करना मना है।
▪️ सौर (बच्चे का जन्म) सूतक (घर कुटुम्ब में मृत्यु का होना) होने पर तर्पण तुंरत बंद कर देना हैं।
▪️ अनावश्यक बार्तालाप नहीं करना हैं।
▪️ यदि बहुत जरूरी काम से बाहर जाना हैं, तो कुशा और तर्पण की सामग्री साथ ले जाकर जहाँ पर जा रहे हैं, वहीं पर तर्पण करना हैं।
कुशा मंत्र
भगवान रुद्र कुश वृक्ष के शीर्ष पर निवास करते हैं, और भगवान केशव कुश वृक्ष के मध्य में निवास करते हैं। ब्रह्मा कुशा के मूल में कुशा के शरीर में निवास करते हैं। आप कुश के पुत्र कुश हैं और आपको ब्रह्मा ने पूर्वकाल में उत्पन्न किया था। मैं देवताओं और पितरों के कल्याण के लिए कुशा उखाड़ रहा हूँ।
श्राद्ध कर्म में चार भाग होतें ।
1. तर्पण 2. कविता (कागुर) 3. हव्य (आहुति) 4. तेल का छोटा दीपक दक्षिण की तरफ प्रतिदिन उजियार कर रखा जाता हैं ।
तर्पण करने के लिए जरूरी सामग्री
1. कुशा 2. जवा 3. तिल 4. चावल
5. कच्चा दूध 6. गंगाजल 7. सफेद या पीले फूल 8. सफदे तोलिया या रूमाल (नया)
9. 1 जनेऊ / 1 सुपाड़ी
प्रतिदिन करने वाले मंत्र
केवल पितृ पक्ष में 15 दिन :
ऊँ पितृ नमः, ऊँ पितृ देव नमः, ऊँ सर्व पितृ देव नमः
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