Editor: Vinod Arya | 94244 37885

पॉवर सेक्टर से जैविक खेती तक: अजय धगट की प्रेरक यात्रा ▪️देश-विदेश की कंपनियों में सफलता हासिल करने वाले इंजीनिय कृषि व गौ संरक्षण को समर्पित

पॉवर सेक्टर से जैविक खेती तक: अजय धगट की प्रेरक यात्रा

▪️देश-विदेश की कंपनियों में सफलता हासिल करने वाले  इंजीनिय कृषि व गौ संरक्षण को समर्पित 


तीनबत्ती न्यूज: 16 दिसंबर, 2025

सागर/जबलपुर/दमोह : देश-विदेश के पॉवर सेक्टर में अपनी तकनीकी और प्रबंधन दक्षता से पहचान बनाने वाले 80 वर्षीय वरिष्ठ इंजीनियर अजय धगट अब अपने जीवन का शेष समय जैविक खेती और गौ संरक्षण को समर्पित कर रहे हैं। उनकी यह यात्रा तकनीकी उत्कृष्टता और भारतीय जीवन मूल्यों का अनुपम समन्वय प्रस्तुत करती है।


दमोह में जन्मे अजय धगट

16 अप्रैल 1945 को दमोह तहसील में जन्मे अजय धगट, स्व. नारायण शंकर धगट और स्व. इंदिरा धगट की ग्यारहवें संतान हैं। प्रारंभिक शिक्षा दमोह में प्राप्त करने के बाद उन्होंने सागर विश्वविद्यालय से प्रारंभिक उच्च  शिक्षा हासिल की और 1966 में जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से वैद्युत इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। 1967 में पॉवर सेक्टर की  एक मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले अजय धगट ने 3 साल फ्रांस में काम किया और यू.के. से प्रबंधन की योग्यता हासिल कर कंपनी के मेनेजिंग डायरेक्टर तक का पद प्राप्त किया। वर्तमान में वे देश-विदेश की कई कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल हैं।



अजय धगट बताते हैं कि बाल्यकाल के संस्कार जीवन भर गहरा प्रभाव डालते हैं। उनकी माता, स्व. इंदिरा धगट, गांधी जीवन दर्शन से प्रेरित अध्ययनशील महिला थीं, जिन्होंने स्वदेशी आंदोलन और सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई। इन्हीं संस्कारों ने अजय धगट को मूल्य आधारित जीवन और स्वस्थ जीवनशैली की नींव दी।

रासायनिक खाद खतरा जीवन को

चेन्नई में अपने करियर के दौरान उन्होंने देखा कि कैंसर और अन्य जीवन शैली रोगों में वृद्धि हो रही है। डॉक्टरों ने बताया कि रासायनिक खाद और कीटनाशकों का अत्यधिक प्रयोग इन बीमारियों का एक मुख्य कारण है। यही प्रेरणा बन गई अजय धगट के लिए जैविक खेती अपनाने की ।

उन्होंने जबलपुर-मंडला बाइपास रोड के पास कलगोड़ी गांव में ‘गोदावरी जैविक कृषि फार्म’ की स्थापना की। फार्म में जैविक खाद, जैविक कीटनाशक, गोबर गैस और दुग्ध उत्पादन जैसी गतिविधियां संचालित हैं। उनकी बहन के नाम पर ‘शीला गिर गौशाला’ भी है। फार्म में फलों, दलहनों, रुद्राक्ष और  सिन्दूर जैसे  दुर्लभ वृक्षों का संवर्धन किया जा रहा है।


अजय धगट और उनकी सहधर्मिणी अंशु माला धगट का मानना है कि इंटीग्रेटेड ऑर्गेनिक फार्मिंग देश के कृषि भविष्य की कुंजी है। इसे लागत, उत्पादन, मानव श्रम और बाजार मांग के अनुसार व्यवहारिक और लाभकारी बनाने पर निरंतर कार्य किया जा रहा है।

______________

 _______________


____________________________

___________
Editor: Vinod Arya
संपादक :विनोद आर्य
________
+91 94244 37885
________
तीनबत्ती न्यूज़. कॉम की खबरे पढ़ने   सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़ने  लाईक / फॉलो करे


Share:

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

www.Teenbattinews.com

Archive