जन स्वास्थ्य रक्षकों को जिला चिकित्सालयों एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में सूचीबद्ध कर पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाने का मामला विधानसभा ने उठाया विधायक शैलेंद्र जैन ने
तीनबत्ती न्यूज: 30 जुलाई ,2025
भोपाल।मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सागर विधायक श्री शैलेंद्र कुमार जैन ने जन स्वास्थ्य रक्षक (जन आरोग्य मित्र एवं प्राथमिक चिकित्सक) को जिला चिकित्सालयों एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में सूचीबद्ध कर पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाने का मुद्दा नियम 267-क के अंतर्गत सदन में उठाया।
विधायक श्री जैन ने विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि कि बीते 6 माह से राज्य में जन स्वास्थ्य रक्षक सेवाएं दे रहे हैं, परंतु उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा किसी भी प्रकार के पहचान पत्र उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इससे उन्हें काम करने में कई बार स्थानीय स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ता है और उनकी पहचान को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रहती है। उन्होंने कहा कि यह मामला कई बार जिला स्तरीय अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला। श्री जैन ने विधानसभा के माध्यम से मांग की कि सभी कार्यरत जन स्वास्थ्य रक्षकों को शीघ्र ही सूचीबद्ध कर इन्हें पहचान पत्र, सुरक्षा संबंधी आवश्यक संसाधन मुहैया कराए जाएं। यह मुद्दा प्रदेश के स्वास्थ्य सेवा ढांचे में सुधार की आवश्यकता और ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे कर्मियों को आवश्यक पहचान व संसाधन देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
मध्यप्रदेश FRBM नियमों के तहत ले रहा ऋण, हो रहा सदुपयोग
विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सागर विधायक शैलेन्द्र कुमार जैन ने अनुपूरक बजट पर चर्चा करते हुए राज्य सरकार की वित्तीय नीति और योजनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार FRBM अधिनियम 2005 के तहत सीमित और अनुशासित तरीके से ऋण ले रही है तथा उसका पूरी पारदर्शिता और सदुपयोग किया जा रहा है। विधायक श्री जैन ने सदन में कहा, "FRBM (Fiscal Responsibility and Budget Management) अधिनियम के अनुसार कोई भी राज्य केंद्र सरकार की अनुमति के बिना ऋण नहीं ले सकता। इसके अंतर्गत राज्य की ऋण सीमा उसकी आय का 10 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती। हम न केवल इन नियमों का पालन कर रहे हैं, बल्कि लिए गए ऋण का पूंजीगत व्यय, स्वास्थ्य, रोजगार और आधारभूत संरचना में उपयोग कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2025-26 में राज्य की अनुमानित जीडीपी 29 प्रतिशत है, जबकि सरकार 38 से 40 प्रतिशत तक पूंजीगत व्यय कर रही है, जो राज्य की विकासशील नीतियों को दर्शाता है।
श्री जैन ने कहा कि राज्य सरकार का फोकस स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने और रोजगार उपलब्ध कराने पर है। उन्होंने यह भी बताया कि फिजिकल हेल्थ इंडेक्स 2025 में मध्यप्रदेश की स्थिति उल्लेखनीय रूप से सुधरी है। अपने संबोधन के अंत में विधायक शैलेन्द्र कुमार जैन ने विश्वास जताया कि "मध्यप्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में सरकार सुदृढ़ और योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है।"









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