जेरा, बेबस जल परियोजनाओं और चौनपुरा जलाशय का कार्य तेजी से पूर्ण कराएं - मंत्री गोविंद राजपूत
तीनबत्ती न्यूज, 18 सितंबर 2025
सागर: अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी अधिकारी, सागर संभाग श्रीमती दीपाली रस्तोगी की अध्यक्षता में आज संभाग स्तरीय विकास कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, विधायक टीकमगढ़ यज्ञवेन्द्र सिंह, विधायक हटा श्रीमती उमा खटीक, विधायक महाराजपुर कामाख्य प्रताप सिंह, कमिश्नर सागर संभाग अनिल सुचारी, आईजी श्रीमती हिमानी खन्ना, डीआईजी सागर श्री सचेन्द्र चौहान, डीआईजी छतरपुर श्री विजय खत्री, सागर कलेक्टर श्री संदीप जी. आर., पुलिस अधीक्षक श्री विकास शाहवाल, मुख्य वन संरक्षक छतरपुर सहित सागर संभाग के सभी कलेक्टर्स, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं संभाग स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
समीक्षा बैठक में सागर संभाग की प्रभारी अधिकारी एवं अपर मुख्य सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी द्वारा विकास कार्यों, कल्याणकारी योजनाओं एवं निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने सुझाव देते हुए कहा कि सागर संभाग की जेरा, बेबस, चैनपुरा सिंचाई परियोजनाओं का कार्य धीमी गति से चल रहा है। इन सभी सिंचाई परियोजनाओं के कार्यों को तेजी से पूर्ण किया जाए।
मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने में जो गतिरोध उत्पन्न हो रहे हैं, उन्हें दूर किया जाए और इन परियोजनाओं को समय-सीमा में पूर्ण करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सिंचाई परियोजनाओं का लाभ क्षेत्र के किसानों को मिलना चाहिए। बैठक में मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत अधूरी नल-जल योजनाओं को पूरा करने के लिए शासन द्वारा अतिरिक्त राशि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा नल-जल योजनाओं को पूर्ण करने हेतु दी गई राशि का सदुपयोग सुनिश्चित किया जाए।
कार्य पूरा नहीं करने वालो पर कार्यवाई करे
उन्होंने सुझाव दिया कि नल-जल योजनाओं को पूर्ण करने का कार्य ब्लैकलिस्टेड या नल जल योजनाओं का कार्य अधूरा छोड़कर जाने वाली निर्माण एजेंसियों को किसी भी स्थिति में पुनः न दिया जाए यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि राहतगढ़ वॉटरफॉल के सौंदर्यीकरण हेतु जो राशि प्राप्त हुई है, उसका कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाए।
मंत्री श्री राजपूत ने निर्देश दिए कि नल-जल योजनाओं को पूर्ण करने तथा कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिष्ठित एजेंसियों को कार्य देना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद सहजता से उपलब्ध हो और खाद वितरण केन्द्रों में अनावश्यक भीड़ एकत्रित न हो इसकी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में सितंबर, अक्टूबर और नवंबर माह में रबी फसलों की बुआई होती है। रबी सीजन की बुआई के लिए किसानों को बीज और उर्वरक की उपलब्धता सहज एवं सतत रूप से कराई जाए।
मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि घुमक्कड़ एवं बंजारा समाज के परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना से जोड़कर उन्हें आवास प्रदान किए जाएं। उन्होंने कहा कि बेरखेड़ी सड़क, राहतगढ़ रोड पर अनेक बंजारा और घुमक्कड़ परिवार निवास करते हैं।
बैठक में हटा विधायक श्रीमती उमा देवी खटीक ने सुझाव दिया कि हटा में सभी निर्माण विभागों के कार्यालय तो उपलब्ध हैं, किन्तु उनमें अधिकारी प्रायः अनुपस्थित रहते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि हटा में सभी विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। इस पर सागर संभाग के कमिश्नर श्री अनिल सुचारी ने कहा कि हटा के सभी विभागों में अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। विधायक ने यह भी सुझाव दिया कि सिविल अस्पताल हटा में पैरा-मेडिकल स्टाफ और महिला डॉक्टर की आवश्यकता है। सिविल अस्पताल में समुचित पैरा-मेडिकल स्टाफ एवं महिला डॉक्टर की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।
बैठक में महाराजपुर विधायक श्री कामाख्य प्रताप सिंह ने सुझाव दिया कि हरपालपुर नगर में जल संवर्धन के कार्य लंबित हैं। इन्हें शीघ्र पूर्ण कराया जाए। उन्होंने बताया कि अलीपुरा के समिति प्रबंधक द्वारा किसानों से राशि वसूलने के बावजूद वह राशि जमा नहीं की गई, जिसके कारण अलीपुरा के सभी किसान डिफॉल्टर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि डिफॉल्टर किसानों को समिति द्वारा ऋण, उर्वरक एवं खाद-बीज उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। विधायक का कहना था कि समिति प्रबंधक पर कार्यवाही कर उससे वसूली की जाए और किसानों को खाद-बीज उपलब्ध कराया जाए। इस पर अपर मुख्य सचिव ने कलेक्टर छतरपुर से वस्तुस्थिति की जानकारी ली। कलेक्टर छतरपुर ने अवगत कराया कि इस प्रकरण की जांच की जा रही है, और समिति प्रबंधक से राशि की वसूली आगामी 15 दिवस में कर ली जाएगी।
बैठक में टीकमगढ़ विधायक श्री यज्ञवेन्द्र सिंह ने सुझाव दिया कि टीकमगढ़ जिले में विगत 84 वर्षों से बंदोबस्त नहीं हुआ है, जिसके कारण किसानों को भूमि के रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि रिकॉर्ड सुधारने के लिए पुनः पहल की जाए। इस पर सागर संभाग के कमिश्नर श्री अनिल सुचारी ने संभाग के सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे ऐसे गांवों को चिन्हित करें, जिन गांवों के किसानों की खसरा-खतौनी का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। कमिश्नर ने निर्देश दिए कि ऐसे सभी गांवों की खसरा-खतौनी बनाने के लिए सागर संभाग के सभी कलेक्टर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।
बैठक में विधायक द्वारा सुझाव दिए जाने पर बताया गया कि जलाशयों में पर्याप्त पानी होने के बावजूद, नहरों की मरम्मत नहीं होने के कारण किसानों को सिंचाई के लिए समुचित पानी प्राप्त नहीं हो रहा है। अपर मुख्य सचिव द्वारा कलेक्टरों को निर्देश दिए गए कि नहरों की मरम्मत हेतु प्रभावी एवं परिणाममूलक कार्यवाही की जाए।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी ने कहा कि नहरों को अतिक्रमण मुक्त कर उनकी मरम्मत कराई जाए, तथा सड़क विहीन मुक्तिधामों पर सड़क निर्माण का कार्य किया जाए। उन्होंने रामराजा लोक एवं जुगल किशोर लोक के निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि शासन की सभी जनहितैषी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचे, इसकी मॉनिटरिंग संभाग एवं जिला अधिकारी करें। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर शासन की योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहुंचाएं।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती रस्तोगी ने कहा कि जल संसाधन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, एमपीआरडीसी, गृह विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, कृषि विभाग, विधि एवं विधायी कार्य विभाग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, राजस्व विभाग, धर्मस्व विभाग, आबकारी विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, खनिज विभाग, पर्यटन विभाग, ऊर्जा विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, उद्योग विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग की समीक्षा की।
कमिश्नर सागर संभाग श्री अनिल सुचारी ने बैठक के अंत में आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों के सुझावों एवं समस्याओं का निराकरण जिला स्तर पर किया जाएगा, और जो समस्याएं जिला स्तर पर संभव नहीं होंगी, उन्हें राज्य स्तर पर भेजकर निराकरण किया जाएगा।








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