सरस्वती वाचनालय में साहित्यकार डाॅ उमाशंकर शुक्ल को 101 वीं जयंती पर किया स्मरण
तीनबत्ती न्यूज: 09 दिसंबर, 2025
सागर: तीनबत्ती स्थित श्री सरस्वती पुस्तकालय एवं वाचनालय के स्वराज सभागार में मंगलवार को वरिश्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार स्व. उमाशकर शुक्ल की 101 वीं जयंती समारोह पूर्वक मनायी गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर के कुलपति प्रो वायएस ठाकुर उपस्थित थे। मुख्य वक्ता माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि भोपाल के पूर्व कुलपति दीपक तिवारी थे।
कार्यक्रम की शुरूआत में सभी अतिथियों ने माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तत्पष्चात अतिथियों का पुश्प मालाओं से स्वागत किया गया। वाचनालय ट्रस्ट के सचिव शुकदेव प्रसाद तिवारी ने स्वागत भाषण देते हुए स्व उमाषंकर षुक्ल के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला । वाचनालय ट्रस्ट के अध्यक्ष के के सिलाकारी ने अपने संबोधन में डाॅ उमाशंकर षुक्ल के साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान की चर्चा की उन्होंने कहा कि सागर मे चकराघाट पर कवि पदमाकर की प्रतिमा लगवाने में डाॅ उमाषंकर षुक्ल का मुख्य योगदान था।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता दीपक तिवारी ने कहा की यदि 101 साल बाद आज उमाशंकर शुक्ल की यहां चर्चा हो रही है इसका मतलब है उनका योगदान समाज के प्रति ज्यादा था। हमें ऐसा प्रयास करना चाहिए सागर की जो विभूतियां है उनके बारे में नई पीढी का अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध कराने का काम किया जाए। इसके लिए उनके जीवन पर आधारित पुस्तक भी प्रकाषित हो सकती है। पं द्वारका प्रसाद मिश्र ने यदि डाॅ उमाशंकर शुक्ल की पुस्तकों की प्रस्तावना लिखी है तो निष्चित की उन्होंने शुक्ल में योग्यता देखी होगी।
पत्रकार दीपक तिवारी ने कहां की वर्तमान दौर में धर्म का महिमा मंडन हो रहा है जो देश और समाज धर्मिक कट्टरता के आधार पर चलते है उनका भविश्य लंबा नही होता। ऐसे मे वैज्ञानिक दृश्टिकोण से सभी को साथ लेकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा की समाज के जो भी लीडर है उनसे सवाल अवष्य किये जाना चाहिए बेरोजगारी क्यो बढ रही ह ैदेष की पूंजी का बडा हिस्सा चंद लोगों के पास क्यों है ऐसे सवाल समाज के विकास के लिए जरूरी है।
कुलपति प्रो वाय एस ठाकुर ने कहा की उमाशंकर शुक्ल का सागर की पत्रकारिता और साहित्य जगत मेंविषिश्ठ योगदान है। विवि के हिन्दी विभाग के प्रमुख रहे नंद दुलारे बाजपेयी ने डाॅ शुक्ल को दूसरा प्रेमचंदबताया था। ऐसे लोगों का जीवन समाज के लिए आदर्श है बेहत हो की हम नई पीढी को उनके बारे में बताये।
कार्यक्रम के अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण यादव ने डाॅ उमाशंकर षुक्ल को अपना अच्छा मित्र बताया। उन्होंने कहा कीसागर की विभूतियों के बारे मंे भविश्य में वाचनालय ऐसे कार्यक्रम करता रहेगा। कार्यक्रम का संचालन नलिन जैन ने किया और आभार जीएस छत्रसाल ने माना।
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पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी____________
ये रहे शामिल
इस अवसर पर डाॅ सुरेश आचार्य, डाॅ लक्ष्मी पाण्डेय, डाॅ शेलेन्द्र षुक्ल, सौमेन्द्र शुक्ला, श्री मती क्षिप्रा शुक्ला, गजाधर सागर, पूरन सिंह राजपूत, भोलेष्वर तिवारी, हरी चौबे, रमेष दुबे अनुपम पटैरिया, विनोद आर्य , सुदेश तिवारी, राहुल सिलाकारी, रविन्द्र सिलाकारी, नितिन कोरपाल, ऋशभ जैन सहित बढी संख्या में लोग उपस्थित थे;
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