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न्यायिक अधिकारीगण जिला न्यायपालिका के गुमनाम नायक हैं: मुख्य न्यायाधिपति ▪️न्यायपालिका के इतिहास में यह पहला अवसर जब दिवंगत हुए सेवारत अथवा सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को श्रद्धांजली

न्यायिक अधिकारीगण जिला न्यायपालिका के गुमनाम नायक हैं: मुख्य न्यायाधिपति

 ▪️न्यायपालिका के इतिहास में यह पहला अवसर जब दिवंगत हुए सेवारत अथवा सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को श्रद्धांजली


जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय मुख्यन्यायाधीश श्री रवि मलिमठ की पहल पर न्यायपालिका के इतिहास में यह पहला अवसर है जब जिला न्यायपालिका के विगत वर्ष में दिवंगत सेवारत अथवा सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को फूल कोर्ट रिफ्रेन्स में श्रद्धांजली ज्ञापित करने की नयी परिपाटी शुरू की गई है। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के माननीय न्यायाधिपतियों एवं अविभाषक गणों के निधन पर फुल कोर्ट रिफेस के माध्यम से श्रद्धांजली देने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है परंतु ऐसी कोई परंपरा जिला न्यायालय के न्यायधीशगण के देहावसान पर चलन में नहीं है।
 मुख्य न्यायाधिपति का यह सुविचार है कि जिला न्यायपालिका न्यायिक व्यवस्था की आधारशिला है तथा जिला न्यायपालिका के न्यायाधीशगण इस बिरादरी का अभिन्न अंग है। इसलिए यह जरूरी है कि उनकी सेवाओं को पहचान मिलें। इसी उददेश्य से जिला न्यायपालिका के न्यायिक अधिकारियों के द्वारा दी जा रही सेवाओं के लिये आभार ज्ञापित करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया कि प्रतिवर्ष जनवरी माह में फुल कोर्ट रिफेन्स के माध्यम से विगत वर्ष में दिवंगत न्यायिक अधिकारियों को श्रद्वांजली दी जायेगी जो कि माननीय मुख्य न्यायधिपति महोदय का एक बेमिसाल प्रयास है।

फुल कोर्ट रिफेन्स श्रद्धांजली ज्ञापित

इस परिपाटी में आज  12 जनवरी  को अपराह 3:30 बजे न्यायालय कक्ष क्रमांक 1, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय मुख्यपीठ जबलपुर में फुल कोर्ट रिफेन्स संपन्न हुआ जिसमें इंदौर एवं ग्वालियर
खण्डपीठ के माननीय न्यायमूर्तिगण जिला न्यायालय जबलपुर एवं राज्य के सभी जिलों के न्यायधीशगण भी ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुये। इस दौरान वर्ष 2021 एवं 2022 में दिवंगत 23 वर्तमान एवं भूतपूर्व न्यायिक अधिकारियों को श्रद्धांजली दी गई जो कि जिला न्यायपालिका में विभिन्न पदों पर सेवारत रहे थे एवं इनमें से कुछ न्यायधीशगण तो वर्ष 1990 के दशक अर्थात् 25 वर्षों से भी अधिक समय पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके थे परंतु संस्थान ने उनके योगदान को याद रखा। उक्त कार्यक्रम में शोकसंतप्त परिवारजन भी ऑनलाइन माध्यम से सम्मिलित हुये।

जिला न्यायपालिका के न्यायधीशों का मनोबल बढ़ाया

माननीय मुख्य न्यायधिपति  के मार्गदर्शन में संस्थान में उत्कृष्टता के नये पैमाने नवाचार के द्वारा स्थापित किये जा रहे हैं जिसमें से कुछ ने तो इतिहास रच दिया है। यह परिवर्तन इस आशय से किये जा रहे हैं कि पुरातनवादी सोच को पीछे छोड़ते हुये जिला न्यायपालिका के न्यायधीशों का मनोबल बढ़ाया जाये और निश्चित रूप से ऐसे सकारात्मक नवाचारों के कारण जिला न्यायपालिका में समभाव बढ़ता जा रहा है। सभी न्यायाधीश एक न्यायिक परिवार का हिस्सा है यह कहना एक बात है और उसे कर के दिखाना और बात है क्योकि परिवर्तन मात्र शब्दों से नहीं आचरण से आते हैं।


मध्यप्रदेश न्यायाधीश संघ के अध्यक्ष और इंदौर के प्रिंसिपल जज श्री सुबोध कुमार जैन ने आभार जताते हुए कहा कि माननीय  मुख्य न्यायाधिपति। जी ने एक सकारात्मक परंपरा की मानवीय शुरुआत की है। हम सभी कृतज्ञ है।*

एक अभिनव आरंभ ' जिला न्यायपालिका के इतिहास में एक नया अध्याय

सेवा निवृत्त प्रिंसिपल जिला जज भोपाल  श्री देवेंद्र जैन ने  अपनी प्रतिक्रिया में  कहा कि ' म . प्र उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय श्रीमान रवि मलिमठ ने एक ऐसी परंपरा की नींव रख दी है जिस पर जिला न्यायपालिका के सेवा निवृत्त और सेवारत न्यायाधीशों के दिवंगत होने पर उन्हें प्रदेश के उच्च न्यायालय और जिला न्यायालय के न्याय बंधुओं द्वारा उनकी सेवा के स्मरण का भवन खड़ा किया जायेगा '
कहते हैं ' बड़े सोच का नतीजा भी बड़ा होता है ' यह सोच और तदनुरूप आज की यह श्रद्धांजलि - सभा ने संवेदना के भाव जागृत करक एक वार फिर सामूहिक अश्रुपूर्ण नेत्रों से अपने बंधुओं को स्मरण करने का अवसर प्रदान किया.
सेवा निवृत्ति बाद इस तरह का सम्मान दिवंगतों के प्रति समादर का भाव और परिवाजन को आत्मिक संबल देने का सगहनीय उपक्रम है ' अब हम निम्न या अधीनस्थ न्यायपालिका नहीं हैं अपितु संविधान प्रदत्त सम्मानित जिला न्यायपालिका हैं जहां से न्याय की पवित्र गंगा का अवतरण होता है '
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी की जीवन - गाथा के संदर्भ से उनकी ही कविता की एक पंक्ति - कि याद जो करे कोई - नाम से गतवर्ष मेरे स्वर्गीय सहपाठी की बेटी रजनी गुप्ता ' लखनऊ ने एक उपन्यास ही रच दिया ' वे हिन्दी की प्रख्यात उपन्यासकार और लेखिका हैं ' आज किसी ने दिवंगत न्यायाधीशों को याद करके सिद्ध कर दिया कि सचमुच यादों के चिनार सदा हरे रहते हैं।
विश्वास है कि भविष्य में माननीय उच्च न्यायालय इस परंपरा को स्थायी बनायेगा - जिला न्यायपालिका के मान को बरकरार रखेगा ताकि न्यायाधीश पूर्ण निष्ठा ' समर्पण ' श्रम और सुबुद्धि से पीड़ित जन को यथासंभव सच्चा कानून सम्मत और मानवीय भावना से भरा न्याय दे सकें ताकि उनका अवदान स्मरणीय रहे।  हम अस्सी पार न्यायाधीश भी एक दिन इसी तरह याद किये जायेंगे ' यदि परंपरा जारी रखी जायेगी।
सभी दिवंगत बंधुओं को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि .




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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885

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