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गौर विवि : जिस छात्रावास का 22 महीने पहले लाेकार्पण हुआ उसी का कराया राष्ट्र के नाम समर्पण : नही पहुंचे सांसद और विधायक

गौर विवि : जिस छात्रावास का 22 महीने पहले लाेकार्पण हुआ उसी का कराया राष्ट्र के नाम समर्पण : नही पहुंचे सांसद और विधायक

     (दोनो कार्यक्रमों के शिलापट्ट )
तीनबत्ती न्यूज : 01 मार्च, 2024
सागर :  डा हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के जिस  सरस्वती छात्रावास का केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी 22 महीने पहले 26 अप्रैल 2022 को लोकार्पित कर चुकी थीं। उसी छात्रावास का राष्ट्र काे समर्पण कार्यक्रम गुरुवार काे विवि में कराया गया।  केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ. वीरेंद्र कुमार ने वर्चुअली देश के 34 एससी एवं ओबीसी छात्रावासाें का शिलान्यास एवं लाेकार्पण किया। उसी में सागर विवि के 22 माह पूर्व लाेकार्पित हाे चुके हाॅस्टल काे राष्ट्र काे समर्पित किया गया। हालांकि मंत्री ने अपने भाषण में यह जिक्र नहीं किया कि अन्य का लाेकार्पण अाैर शिलान्यास हाे रहा है, जबकि सागर विवि के छात्रावास काे राष्ट्र काे समर्पित किया जा रहा है। इतना ही नहीं जाे पत्थर स्क्रीन पर दिखाया जा रहा था, उसमें भी शिलान्यास और लाेकार्पण हीआ रहा था। 
बहरहाल, पुराने हॉस्टल के राष्ट्र को समर्पण के नाम पर हुए अायाेजन में अतिथि के ताैर पर सांसद राजबहादुर सिंह एवं विधायक शैलेंद्र जैन काे भी बुलाया गया था। परंतु वे इसमें शामिल नहीं हुए। 


चर्चा का विषय बना  कार्यक्रम
दरअसल, इस आयाेजन काे लेकर विवि से लेकर शहर तक यही चर्चा रही कि लोकार्पित हो चुके भवन का राष्ट्र के नाम समर्पण क्याें कराना? यही वजह रही कि सांसद अाैर विधायक ने इस आयाेजन से दूरी बनाई और वे नहीं पहुंचे। हिमाचल मंे हाेने के चलते विवि की कुलपति प्राे. नीलिमा गुप्ता भी अभिमंच सभागार के कार्यक्रम में शामिल नहीं हाे सकीं। 

 सरस्वती कन्या छात्रावास को किया 'राष्ट्र को समर्पित'

डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के प्रेस नोट के मुताबिक  सागर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से अन्य पिछड़े वर्ग की छात्राओं के लिए नव-निर्मित सरस्वती कन्या छात्रावास का लोकार्पण एवं 'राष्ट्र को समर्पण' कार्यक्रम विश्वविद्यालय के  अभिमंच सभागार में आनलाइन माध्यम से आयोजित किया गया. 


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि देश के अनुसूचित एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के उत्थान एवं उनको शिक्षा एवं समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता अनेक पहल कर रहा है इसी कड़ी में आज पूरे देश के विभिन्न क्षेत्रों के कुल 10 ओबीसी छात्रावासों को राष्ट्र के नाम समर्पित किया गया है. जिसमें लगभग 1400 छात्रों के रहने की व्यवस्था हो सकेगी.  


कार्यक्रम को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. रामदास अठावले, राज्य मंत्री माननीय श्री ए. नारायण स्वामी, राज्य मंत्री सुश्री प्रतिमा भौमिक ने भी संबोधित किया. विश्वविद्यालय में अभिमंच सभागार में कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी कुलपति प्रो. पी के कठल ने किया इस अवसर पर प्रभारी कुलसचिव डॉ एस पी उपाध्याय, प्रो  चंदा बेन, प्रो आनंद कुमार त्रिपाठी सहित अनेक गणमान्य शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन एवं आभार ज्ञापन डॉ शशि कुमार सिंह ने किया.


 नई उपलब्धियां नहीं तो पुराने कामाें काे ही नए सिरे से दिखा रही  : आशीष ज्याेतिषी

भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकसित भारत और विकास कार्यों का खोखला दावा कर रहे हैं। स्थिति यह है कि उनके पास नए काम तक दिखाने के लिए नहीं हैं। यही वजह है कि जिन कार्यों का 2 साल पहले लोकार्पण हो चुका है,उन्हीं को अब राष्ट्र को समर्पण नाम से दोबारा जनता के सामने लाना पड़ रहा है। डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर में इसका उदाहरण गुरुवार को देखने को मिला। यह आरोप  लगाते हुए जिला शहर कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता आशीष ज्योतिषी ने कहा कि  विश्वविद्यालय स्थित जिस सरस्वती हॉस्टल का लोकार्पण 26 अप्रैल 2022 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी कर चुकीं थीं। जिसमें छात्राएं भी रह रहीं हैं, आज पूरे 22 माह बाद केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने उसे ही राष्ट्र के नाम समर्पण नाम से दोबारा से जनता के सामने लाकर भारत सरकार की उपलब्धि के रूप में गिनाया। असल में हकीकत यह है कि विकसित भारत का खोखला दावा करने वाली भाजपा सरकार के हाल ये हैं कि 22 माह पूर्व लाेकार्पित हाे चुके कार्याें तक का दाेबारा लोकार्पण करा रहे हैं। यदि यह हाॅस्टल अब राष्ट्र काे अब समर्पित किया गया है ताे क्या यह पहले राष्ट्र में नहीं था? लाेकार्पण के बाद से जाे छात्राएं अलग-अलग राज्याें से आकर रह रहीं हैं, क्या वे राष्ट्र की नहीं हैं? एक सवाल यह भी है कि अन्य जाे बिल्डिंग आदि लाेकार्पित हाे चुके हैं,वे राष्ट्र काे समर्पित कब किए जाएंगे? 



एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885

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