धैर्य और अभ्यास ही सफलता की कुंजी है: डिप्टी कलेक्टर के लिए चयनित यशपाल स्वर्णकार ने सुनाए अनुभव
▪️ग्रेटमेन इंटरनेशनल स्कूल में किया विद्यार्थियों से संवाद
तीनबत्ती न्यूज: 10 नवंबर 2025
सागर- ग्रेटमेन इंटरनेशनल स्कूल में आज सोमवार को एमपीपीएससी परीक्षा में तृतीय रैंक प्राप्त करने वाले डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित यशपाल स्वर्णकार बच्चों से रूबरू हुए। इस संवाद सत्र में सर्वप्रथम विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती लिज़ी लुईस ने पुष्प गुच्छ भेंट कर श्री स्वर्णकार का स्वागत किया। विद्यालय में विद्यार्थियों ने श्री स्वर्णकार के साथ एक प्रेरणादायी संवाद सत्र में भाग लिया।उनसे प्रश्न पूछकर उनकी सफलता की इस यात्रा के अनुभवों को जाना। इस अवसर पर उन्होंने अपने अनुभव और विभिन्न विषयों पर अपने विचार साझा किए।_____________
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पढ़ें सवाल और जवाब
प्रश्न : आपकी यात्रा के दौरान आपको लगातार आगे बढ़ने और तैयारी जारी रखने की प्रेरणा किस बात से मिली? द्वारा: आकर्शी
उत्तर: लगातार सीखते रहना और अपने दिल की सुनना ही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा थी। धैर्य बनाए रखना और घंटों तक पुस्तकालय में बैठकर अध्ययन करना मेरी दिनचर्या थी। मुझे न यह चिंता रहती थी कि क्या खाना है, न यह कि समय क्या हुआ है — मेरा पूरा ध्यान केवल पढ़ाई पर रहता था। धैर्य और अभ्यास ही सफलता की कुंजी है.
प्रश्न – क्या आपको लगता है कि महामहिम राष्ट्रपति महोदया द्वारा सिविल सेवकों की नियुक्ति से भ्रष्टाचार की संभावना बढ़ती है?द्वारा:अदिति जैन
उत्तर: इस प्रकार की व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है। असली परिवर्तन अपने भीतर से शुरू होता हैयुवा पीढ़ी को स्वयं पहल करनी होगी, बदलाव हमें खुद से शुरू करना होगा।
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प्रश्न : आपके जीवन में तकनीक की क्या भूमिका रही और परीक्षा की तैयारी के दौरान आपने अपने ध्यान को पढ़ाई से भटकने से बचाने के लिए क्या किया?
उत्तर: लक्ष्य तय करना, रणनीति बनाना, आत्म-अनुशासन रखना और निरंतर पुनरावृत्ति करना। यदि अनुशासन नहीं है तो उपलब्धि भी नहीं हो सकती। सारी शक्ति और प्रेरणा हमारे भीतर से आती है।
प्रश्न – भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंध अस्थिर दिखाई देते हैं। हमारे देश की क्या योजनाएँ हैं और आगे क्या कदम उठाए जा रहे हैं? द्वारा:वेदिका पांडेय
उत्तर: संप्रभुता हर हाल में हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.अन्य देशों और पड़ोसी देशों के साथ समन्वय वर्तमान परिस्थितियों और भविष्य की आवश्यकता पर निर्भर करता है।
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प्रश्न – क्या आरक्षण ऊँची जातियों के लिए भेदभाव है? इस पर आपके विचार क्या हैं?
द्वारा:शिवा पाठक
उत्तर: समाज में सच्ची समानता का होना आवश्यक है। भेदभाव को दूर करने के लिए समता का भाव अत्यंत आवश्यक है।
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प्रश्न – नेपाल जैसी परिस्थितियों से बचने के लिए भारत अपने स्वयं के ऐप्स बना रहा है। इस पर आपका क्या दृष्टिकोण है?
द्वारा: अनन्या रोहितास
उत्तर: भारत अब अपने स्वयं के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और क्लाउड स्टोरेज सिस्टम विकसित कर रहा है ताकि देश की जानकारी सुरक्षित रहे और देश विरोधी ताकते इनका दुरुपयोग जेन-जीको गुमराह करने में ना करें .
संवाद सत्र के अंत में श्री स्वर्णकार ने विद्यार्थियों को ईमानदारी से अध्ययन करने, धैर्य रखने और गहराई से सोचने की सलाह दी, आपके विचार भी गहरे होने चाहिए स्वयं पर कार्य करें, धैर्य रखें। सफलता अवश्य मिलेगी।
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