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निज़ी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ किया उपवास-जिलाधीश को सौंपा मांग-पत्र।

निज़ी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ किया उपवास-जिलाधीश को सौंपा मांग-पत्र

सागर । कोविद 19 के इस संक्रमण काल मे जब व्यक्ति स्वयं एवं अपने परिवार के भरण पोषण और जान बचाने के लिये संघर्ष कर रहा हैं वही निज़ी स्कूल के प्रबंधकों ने अपनी मनमानी शुरूं कर फीस बसूली अभियान छेड़ दिया है जिस कारण अभिभावक और बच्चे परेशान है। निज़ी स्कूलों की मनमानी ,अड़ियलपन एवं नियम विरुद्ध स्कूल संचालन के खिलाफ तथा स्कूल प्रबंधन को सद्बुद्धि हेतु अभिभावक एवं छात्र हित सरंक्षण समिति ने सत्याग्रह का आरम्भ किया है।सत्याग्रह के प्रथम चरण में आज समिति के साथी,अभिभावक गण एवं अन्य साथियों ने घर मे रहकर सुबह 10 बजे से शायं 6 बजे तक उपवास रखा।
समिति की ओर से एक ज्ञपन/मांग पत्र मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन तथा जिलाधीश सागर को ईमेल ,व्हाट्सएप के जरिये भेजा गया।मांग पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री जी एवं जिलाधीश से निम्नलिखित अनुसार मांग की गयी।

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1 यह कि तीन माह की सभी छात्रों की फी माफ की जाये तथा जब तक स्कूल प्रबंधन ऑन लाइन अध्यापन हेतु उपकरण,लैब,प्रशिक्षित अध्यापक,पाठ्यक्रम आदि व्यवस्थायें पूर्ण कर जिला शिक्षा अधिकारी के यहाँ नही बताते और जिला शिक्षा अधिकारी की टीम उक्त निरीक्षण से संतुष्ट नहीं होती तब तक फी नहीं ली जाय।

2 यह कि सभी स्कूल संचालकों को आदेशित किया जाय कि उनके यहाँ अध्यनरत छात्रों के माता पिता से फोन पर सहमति प्राप्त करें कि उन्हें अगले सत्र के लिये अपने बच्चों को आपके स्कूल में पढ़ाना है या नहीं। यदि पढ़ाना है तो उक्त प्रकरण में दाखिला के संबंध में कोई भी शुल्क न लिया जाये।

3 आन लाइन पढ़ाई के नाम पर छात्रों को प्रताड़ित एवं अभिभावकों का शोषण किया जा रहा है।कहीं कही तो व्हाट्सएप के जरिये होम वर्क दिया जा रहा है जबकि हकीकत में यह आन लाइन पढ़ाई नही है।
इसलिये जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया जाय कि सभी स्कूल संचालकों की मीटिंग बुलाकर (वीडियो कांफ़्रेस) उन्हें आन लाइन पढ़ाई हेतु आवश्यक उपकरण,स्टाफ,पाठ्यक्रम आदि के बारे में बताया जाए फिर जब स्कूल संचालक आन लाइन पढ़ाई हेतु उपकरण,पाठ्यक्रम और स्टाफ की व्यवस्था कर लेता है तो फिर उन्हें आन लाइन पढ़ाई की अनुमति दी जाय साथ ही छात्र की भी स्थिति देखी जय कि आन लाइन अध्ययन हेतु उसके पास जरूरी यंत्र है कि नहीं।आन लाइन अध्यापन हेतु शिक्षकों भी ट्रेनिंग दी जाय।

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4 यह कि नर्सरी एवं प्राइमरी क्लास के बच्चों को ऑन लाइन पढ़ाना उचित नहीं है।इसलिये नर्सरी एवं प्राइमरी की क्लासेज स्कूल खुलने तक सस्पेंड की जाय और इस अवधि में फीस न ली जाय।

5 यह कि जब आन लाइन पढ़ाई व्यवस्थित तरीके से शुरू होगी तभी से सिर्फ ट्यूशन फी लेने का हकदार स्कूल प्रबंघन को होना चाहिये।यहाँ यह स्पष्ट रूप से स्कूल प्रबंधन को निर्देशित किया जाय कि वह ट्यूशन फी के अलावा अन्य कोई फी की मांग नहीं करेगा।

6 यह कि स्कूल प्रबंधन को आदेशित किया जाय कि किसी भी अभिभावक या छात्र को फी के लिये बाध्य न करे और न ही धमकया जाय।

7 यह कि सीबीएसई,केंद्र सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन के नियम कानून का पालन स्कूलों से कराया जाय।

8 यह कि स्कूलों को निर्देशित किया जाय कि बो NCERT द्वारा प्रकाशित पुस्तक खरीदने के लिये छात्रों को कहे एवं किसी एक दुकान से या एक लेखक विशेष की पुस्तक खरीदने हेतु बाध्य न किया जाय।

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9 यह कि लगभग दो वर्ष पहले निज़ी स्कूलों के खिलाफ अभिभावक एवं छात्र हित संघर्ष समिति ने लगभग एक वर्ष तक चरणबद्ध तरीके से सत्याग्रह किया गया था।उक्त सत्याग्रह के दौरान कलेक्टर सागर के आदेश पर निज़ी स्कूलों की जांच की गई थी जांच के दौरान उक्त स्कूलों में अनेक कमियां पाई गयी थी पर अभी तक उक्त स्कूलों पर कार्यवाही अपेक्षित है कृप्या उक्त स्कूलों की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर कार्यवाही करें। 

10 यह कि लगभग 3 वर्ष पहले सत्याग्रह के दौरान कुछ निज़ी स्कूलों की मान्यता रद्द करने की अनुशंसा कलेक्टर सागर द्वारा की गयी थी उक्त अनुशंसा पर क्या कार्यवाही हुई,कार्यवाही सार्वजनिक की जाये।

11 केंद्रीय विद्दालयों को भी फीस दबाव पूर्वक न लेने के निर्देश जारी किये जाय।

12 यह कि ऑनलाइन क्लासेस में बच्चों की अटेंडेंस ली गई जिन बच्चों ने ऑनलाइन क्लासेस किसी कारण अटेंड नहीं कर पाए उनकी एब्सेंट लगा दी गई और अब बच्चों के टेस्ट चल रहे हैं उसके अंक वार्षिक परीक्षा में जोड़े जाएंगे इस प्रकार की गतिविधियां तत्काल बंद की जाए

13 ऑनलाइन के लिए पहले से स्कूल,छात्र एवं अभिभावक प्रिपेयर नहीं हैं।स्कूल में ऑन लाइन अध्यापन हेतु पर्यपत उपकरण नहीं है साथ मे घर में एक मोबाइल होता है किस-किस बच्चे को ऑनलाइन पढ़ाया जाए।

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सत्याग्रह के बारे में डॉ धरणेन्द्र जैन ने बताया कि इस समय निज़ी स्कूल प्रबंधन को मानवीयता और नैतिकता के तहत सोचना होगा,शिक्षा को व्यवसाय के दृष्टिकोण से सोचना उचित नहीं है।यदि मांगे नहीं मानी जाती तो सत्याग्रह को आंगे बढ़ाया जाएगा।
अभिभावक दिनेश चिरवारिया ने बताया कि अभिभावक और छात्र दोनों प्रताड़ित हो रहे है,ऑन लाइन के नाम पर फीस बसूली अभियान गलत है। यदि मांगे पूरी नही हुई तो सत्याग्रह को तेज किया जाएगा।
अभिभावक वीरेंद्र राजपूत ने बताया कि निज़ी स्कूल नियमो के दायरे में चलना चाहिये।तीन माह की फीस तुरंत माफ हो।
सूर्य प्रकाश दुबे ने बताया कि व्हाट्सएप पर होम वर्क देकर फीस का नोटिस थमा रहें है स्कूल जबकि 2 माह से घर बैठा हूँ कोई कमाई नही फीस कहाँ से भर दूं।
आज सत्याग्रह में मुख्यरूप से डॉ धरणेन्द्र जैन,दिनेश चिरवारिया,सूर्य प्रकाश दुबे,वीरेंद्र सिंह राजपूत,राहुल व्यास,जावेद भाई, रामदास राज ,राहुल व्यास,आकाश कोष्ठी,शाहीन शेख,राजेश शर्मा,आशीष शर्मा,सुरेन्द्र सिंह राजपूत,मोहम्मद इरशाद,उमर खान,प्रवीण,दीपेश सहित,नितिन,उमेश चौबे, सहित अन्य साथी गण सम्मिलित रहे। 

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