न्याय की रक्षा, सत्य के लिए संघर्ष और प्रजा का कल्याण ही क्षत्रिय धर्म है : अविराज सिंह
▪️सानौधा में क्षत्रिय युवा सम्मेलन को संबोधित किया
तीनबत्ती न्यूज: 02 नवंबर,2025
सानौधा, (सागर)। क्षत्रियों के लिए सबसे पहले राष्ट्र और समाज है। हमारा सर्वोच्च बलिदान राष्ट्र की रक्षा के लिए है जिसके लिए हम शस्त्र उठाते हैं। न्याय की रक्षा, सत्य के लिए संघर्ष और प्रजा का कल्याण ही क्षत्रिय धर्म है। क्षत्रिय युवाओं को समझना होगा कि साहस में शक्ति, संस्कारों में नीति और सेवा में निष्ठा ही आगे बढ़ने का मार्ग है। यह विचार युवा नेता अविराज सिंह ने सानौधा में आयोजित युवा क्षत्रिय सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
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रंग दे बसंती चोला..के राष्ट्रभक्ति गाना से की शुरुआत
क्षत्रिय महासभा द्वारा आयोजित युवा संवाद की श्रृंखला में सानौधा में आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए युवा नेता अविराज सिंह ने अपने उद्बोधन का आरंभ “मेरा रंग दे बसंती चोला“ गीत गाकर किया। गीत की ओजपूर्ण पंक्तियों ने उपस्थित युवाओं को देशभावना से भर दिया। उन्होंने कहा किस्वयं की रक्षा आत्मरक्षा है लेकिन दूसरों की रक्षा को क्षत्रिय धर्म कहा गया है। युवा जहां भी जाते है वहां शक्ति संगठन और एकता का सूत्रपात होता है। क्षत्रियता स्वयं में एक सिद्धांत और विचारधारा है। स्वाभिमान, स्वाबलंबन, धर्म की रक्षा और अधर्म का अंत करना इस सिद्धांत के हिस्से हैं। युवा जहां जागृत है वहां शक्ति, संगठन व एकता की भावना है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम, वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप, बुंदेलखंड केसरी महाराजा छत्रसाल जैसे क्षत्रिय वीरों से प्रेरणा लेकर विकसित और समृद्ध भारत का निर्माण करना है।
अविराज सिंह ने कहा कि हमने हमेशा राष्ट्र व देशवासियों के हित के लिए निरंतर संघर्ष किया है। भीष्म पितामह ने कहा था न्याय की रक्षा, सत्य के लिए संघर्ष और प्रजा का कल्याण ही क्षत्रिय धर्म है। भगवान श्री राम की मर्यादा, महाराणा प्रताप सा तेज,राणा सांगा जैसा साहस और रानी पद्मिनी जैसा त्याग क्षत्रियों में है इसलिए हमें गर्व होना चाहिए कि हमने क्षत्रिय कुल में जन्म लिया है। उन्होंने बताया कि विश्व विजय पर निकला सिकंदर जब भारत के द्वार पर पहुंचा तब महाराज पौरस से युद्ध करने के पश्चात उसने कहा कि क्षत्रियों को सिर्फ क्षत्रिय हरा सकता है या फिर भगवान। ब्रिटिश इतिहासकार जेम्स टाड ने अपनी पुस्तक “एनल्स एंड एंटीक्विटीज आफ राजस्थान“ में लिखा है कि अरावली घाटी के हर कोने को महाराणा प्रताप ने पवित्र कर दिया है।
अविराज सिंह ने युवाओं से कहा कि अब हमें शिक्षा, राजनीति, कृषि, व्यवसाय, हर क्षेत्र में आगे बढ़ कर भूमिका निभाना है। इसके लिए हमें नेतृत्व क्षमता, परिश्रम,साहस और संघर्ष के गुणों से काम लेना है। हर परिस्थितियों में मुस्कुराते हुए हम अपनी भूमिका निभाएं तभी हमारा परिवार ,समाज और देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जो जीवन में संघर्ष और परिश्रम नहीं करते, बुरे समय से डरते हैं उनका इतिहास में कोई स्थान नहीं होता। उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व है कि हम सर्व समाज को साथ लेकर आगे बढ़ें जैसे कि भगवान श्री राम, महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी जैसे हमारे महापुरुषों ने किया। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक श्री मोहन भागवत के संदेश का उद्धरण देते हुए युवाओं से कहा कि कर्म करने वाला व्यक्ति ही देश को बदलता है केवल विचारों से आप आगे नहीं बढ़ सकते। हमें ऐसे युवाओं की आवश्यकता है जो जमीन पर उतर कर काम करें और राष्ट्र व समाज को आगे बढ़ाएं।
फोन के एडिक्शन से बचे
अविराज सिंह ने युवाओं को फोन एडिक्शन से बचने का सुझाव देते हुए कहा कि युवाओं के लिए मोबाइल फोन एक ऐसी जेल बन गया है जिसे हम अपनी ही जेब में ले कर चलते हैं। इससे युवाओं का स्लीप साइकल बदल गया है। रात के तीन बजे तक मोबाइल से चिपके रहने से स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे मार्गदर्शक सोशल मीडिया के इन्फ्लुएंसर नहीं बन सकते हमारे मार्गदर्शक स्वामी विवेकानंद जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, भगत सिंह, महात्मा गांधी, पं अटल बिहारी बाजपेयी, पं श्यामा प्रसाद मुखर्जी, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी होने चाहिए। इनके बारे में भी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर है । यह हमें समझना है कि हम सोशल मीडिया पर पाजीटिव कंटेंट को चुनते हैं या नेगेटिविटी को चुन लेते हैं। उन्होंने बताया कि ग्लोबल वेब इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत का युवा सोशल मीडिया की लत का सर्वाधिक शिकार बना है। उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं को समझना होगा कि सोशल मीडिया मार्केटिंग टूल है, कंपनियां हमारी अटेंशन को बेचती हैं। हमें अपने समय का सम्मान करना होगा, समय को नष्ट करने से बचना होगा। आज 13 से 17 वर्ष के बच्चे भी सोशल मीडिया पर वल्गर कंटेंट का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज का समय शस्त्रों से नहीं विचारों से लड़े जा रहे युद्ध का है। हमें अच्छे कंटेट के साथ अपने विचार शुद्ध करते हुए आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि ड्रग्स, अल्कोहल के अवैध व्यापार से विदेशी कंपनिया जो धन अर्जित करती हैं वह धन हमारे ही देश में लव जेहाद और धर्मांतरण में लगाती हैं। यह सब रोकने के लिए हमें बेचारा नहीं विचारवान बनना होगा।
शिव तांडव स्त्रोत सुनाकर किया समापन
अविराज सिंह ने अपने उद्बोधन का समापन शिवतांडव स्तोत्र के सस्वर पाठ से किया। उनकी स्मृति प्रज्ञा देख कर सभी उपस्थित जन चकित रह गए। सम्मेलन को पूर्व सांसद राजबहादुर सिंह, क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष लखन सिंह , युवा क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह सोलंकी सिगदौनी ने भी संबोधित किया। संचालन शैलेंद्र सिंह बुंदेला ने किया व आभार जिला महामंत्री राहुल सिंह ने व्यक्त किया। अविराज सिंह ने सम्मेलन में 40-45 ग्रामों से बड़ी संख्या में पधारे युवाओं व समाज के स्थानीय सम्माननीय बुजुर्गों पर पुष्प वर्षा कर उनका सम्मान किया। सम्मेलन में रविन्द्र सिंह गौर, अजय सिंह ठाकुर ने सांगीतिक संगत दी, सानौधा के किशोर वैभव जैन ने देशभक्ति के गीत सुनाए।
इन ग्रामों से आए लोग
कार्यक्रम में ग्राम सानौधा, नयाखेड़ा, साहपुर, रिछावर, सिमरिया, मिडवासा, छोटी सिमरिया, बारछा, पड़रिया, नयाखेड़ा, छापरी, हिलगन, कर्रापुर, गौरझामर, सहावन, लिधौरा, डुगासरा, बमौरी, केरवाना, मझगुवा, गंगाराम बेरखेड़ी, सीरी बहेरिया, पटौआ, गोराखुर्द बेरखेड़ी, खोजमपुर, परासिया सहित अनेक ग्रामों के युवाओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में धीरज सिंह, मधुसूदन सिंह, रघुवीर सिंह, अभिषेक गौर, भगवान सिंह, राम सिंह, गोविंद सिंह, चंद्रकुमार सिंह, राजकुमार सिंह, संदीप सिंह, सुरेंद्र सिंह, अंशमन सिंह सानौधा, शिवराज सिंह पोस्ट आफिस, अजीत सिंह चील पहाड़ी जिला पंचायत सदस्य सागर, अरूण सिंह, संदीप सिंह, विजय सिंह नयाखेड़ा, ब्रजेंद्र सिंह सरपंच बहेरिया, अजय सिंह हिलगन, शैलेंद्र सिंह छापरी, राघवेंद्र सिंह, सुम्मेर सिंह, शिवराज सिंह आचार्य जी, गजेंद्र सिंह, कल्याण सिंह, अशोक सिंह, अरविंद सिंह, जाहर सिंह, उदय सिंह सानौधा, उत्तम सिंह, लोकेंद्र सिंह एवं समस्त क्षत्रिय समाज के गणमान्य उपस्थित थे।
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