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Sagar: नाबालिग के साथ दुष्कृत्य के आरोपी को आजीवन कारावास

Sagar: नाबालिग के साथ दुष्कृत्य के आरोपी को आजीवन कारावास 


सागर । नाबालिग के साथ जबरन दुष्कृत्य करने वालेे आरोपी जितेन्द्र उर्फ जित्तू को माननीय विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये धारा 376(3) भादस में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 3(1)(w)(i) अनु.जा./जजा. (अत्या. निवा. अधि.) के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास व पांच सौ रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया एवं 3(2) (v) अनु.जा./जजा. (अत्या. निवा. अधि.)  के तहत आजीवन सश्रम कारावास व पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा बालिका को क्षतिपूर्ति के रूप में प्रतिकर 4,00,000/- (चार लाख रूपये) दिये जाने का आदेष दिया गया। मामले की पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्रीमती रिपा जैन ने की, प्रकरण में विवेचना डी.एस.पी. अमृता दिवाकर ने की।


घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता ने दिनांक 15.10.2020 को थाना मोतीनगर जिला सागर में एक लिखित आवेदन इस आषय का पेष किया कि दिनांक 14.10.2020 को रात करीब 10 बजे बकरी गुम होने से वह उसकी भतीजी के साथ बकरी ढंूढने पानी की टंकी के पास, भाग्योदय टपरियों में गई थी, उसी समय टंकी के पास रहने वाला अभियुक्त जित्तू ठाकुर जिसे वह पहली से जानती थी, आया और अचानक उसका हाथ पकड़कर पुलिया में ले गया। अभियुक्त ने उसकी भतीजी को डराकर वहां से भगा दिया और उसके साथ जबददस्ती गलत काम किया। अभियुक्त ने घटना के बारे में किसी को बताने पर उसे व उसके घर वालों को जान से मारने की धमकी दी। इसी डर के कारण उसने रात में रिपोर्ट नहीं की तथा उक्त दिनांक 15.10.2020 को उसकी मां के साथ पुलिस थाना जाकर रिपोर्ट की। उक्त अवेदन के आधार पर अभियुक्त जित्तू उर्फ जितेंद्र के विरूद्ध अपराध क्रमांक 959/2020 अंतर्गत धारा 376, 376(3), 506 भादस एवं धारा 3/4 पाॅक्सो एक्ट 2012 एवं धारा 3(1)(w)(ii), 3(2)(v-a), 3(2)(v) अनु.जा./जजा. (अत्या. निवा. अधि. 1989) के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख की जाकर प्रकरण विवेचना मंे लिया गया।


विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत माननीय विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने  आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।



                                                                  
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