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Sagar: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपीगण को 20-20 साल की सजा, नाबालिग हुई थी गर्भवती

Sagar: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपीगण को 20-20 साल की सजा, नाबालिग हुई थी गर्भवती

सागर ,17 जनवरी 2023. विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी भगवानदास अहिरवार को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा- 5(र)(पप) सहपठित धारा 6, 5(स)सहपठित धारा 6, 5(द) सहपठित धारा 6 के तहत 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास व दो-दो हजार रूपये अर्थदण्ड एवं भा.द.वि. की घारा-342, 323(1 शीर्ष)  के तहत 01-01 वर्ष का सश्रम कारावास व 506 (भाग-2) के तहत 02 वर्ष का सश्रम कारावास व पाॅच सौ रूपये अर्थदंड तथा आरोपी प्रकाषरानी अहिरवार को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा- 5(र)(पप) सहपठित धारा 6 सहपठित धारा-17, 5(स)सहपठित धारा 6 सहपठित सहपठित धारा-17 , 5(द) सहपठित धारा 6 सहपठित धारा-17 के तहत 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास व दो-दो हजार रूपये अर्थदण्ड तथा भा.द.वि. की घारा-342, 323(2 शीर्ष) के तहत 01-01 वर्ष का सश्रम कारावास व 506 (भाग-2) के तहत 02 वर्ष का सश्रम कारावास व पाॅच सौ रूपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया है । उक्त मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक(अभियोजन) श्री धमेन्द्र सिंह तारन  के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक श्री मनोज कुमार पटैल ने की ।
        घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि बालिका /शिकायतकर्ता द्वारा थाना-राहतगढ़ में रिपोर्ट लेख कराई कि आरोपीगण प्रकाशरानी एवं भगवानदास उसके गांव में रहते है। घटना वाले दिन प्रकाशरानी उसके घर आई और उससे कहा कि उसके घर चलो ,वह घर पर अकेली है उसे घर पर डर लगता है लेकिन उसकी मां ने उनके घर जाने से मना कर दिया फिर शाम 06ः00 से 06ः30 बजे आरोपी प्रकाशरानी उसके घर आ गयी और उससे व उसकी माॅ से उसे भेजने के लिये जबरजस्ती करने लगी, तब उसकी माॅ ने उसे प्रकाशरानी के साथ उनके घर भेज दिया था। आरोपी प्रकाशरानी, उसे अपने घर पर ले गई थी जहां खाना खाने के बाद आरोपी प्रकाश रानी ने अंदर जाकर बिस्तर के कपड़े उठाकर लाने के लिए कहा तो वहीं पर अभियुक्त भगवानदास था उसे देखकर बाहर भागने लगी तो अभियुक्त भगवानदास ने उसका हाथ पकड़ लिया और प्रकाशरानी ने धक्का मारकर उसे कमरे के अंदर कर दिया और बाहर से दरवाजा लगा दिया फिर वह बहुत जोर-जोर से चिल्लाने लगी तो भगवानदास ने उसके मुंह पर कपड़ा बांध दिया और कहने लगा कि चिल्लायी तो जान से मार देंगे फिर भगवानदास ने उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया, जब प्रकाशरानी ने गेट खोला, तो वह दौड़कर भागी, तो अभियुक्त प्रकाशरानी ने पीछे से आकर गिरा दिया और 4-5 चांटे मारे फिर वह उसे वापस अपने घर ले गईं और प्रकाशरानी एवं भगवानदास दोंनो उसे रातभर डांटते रहे और उसकी गर्दन दबाकर कहने लगे कि घर पर यह बात किसी को बतायी तो जान से मार देंगे जिससे वह उन्हीं के घर डर के कारण चुपचाप बैठी रही। उसके चेहरे पर नाखून के निशान बन गये थे, जिन्हें देखकर उसकी मां ने पूछा था कि क्या हुआ फिर भी उसने कुछ नही बताया था। इस घटना के दो दिन बाद आरोपी प्रकाशरानी जबरन कमर में ले गई और भगवानदास ने उसके साथ दोबारा जबरदस्ती बलात्कार किया। घटना के 10-12 दिन बाद उसके पेट व सिर में दर्द हुआ तो उसके पिता उसे बीएमसी अस्पताल सागर ले गए और उसे भर्ती कर दिया दो दिन बाद उसकी सोनेाग्राफी हुई जिसमें उसके पेट में बच्चा आ गया था एवं उसका गर्भपात हो गया था। उसके मम्मी पापा ने गर्भवती होने के संबंध में उससे पूछा लेकिन उसने तब भी उन्हें नही बताया फिर पुलिस वालों ने उससे पूछा तब उसने घटना के बारे में बताया ।उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-राहतगढ़ में आरोपी भगवानदास अहिरवार के विरूद्ध धारा - भा.दं.सं.की धारा 376(3)/109, 376(2)(द्धि/109, 376(2)(द)/109, 506(भाग-2), 342, 323 या 323/34(2 शीर्ष) एवं पाॅक्सो एक्ट 2012 की धारा 5(एल)/6 , 5(जे)(पप)/6/, 5(एन)/6 एवं आरोपी प्रकाशरानी के विरूद्ध धारा-भा.दं.सं.की धारा 376(3)/109, 376(2)(द्धि/109, 376(2)(द)/109, 506(भाग-2), 342, 323 या 323/34(2 शीर्ष) एवं पाॅक्सो एक्ट 2012 की धारा 5(एल)/6/17 , 5(जे)(पप)/6/17, 5(एन)/6/17  का अपराध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहाॅ विचारण उपरांत न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपी को उपरोक्त सजा से दंडित किया है।
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