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राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप उठाए गए कदम केन्द्रीय विद्यालय सागर में

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप उठाए गए कदम केन्द्रीय विद्यालय सागर में 




तीनबत्ती न्यूज : 28 जुलाई ,2023
सागर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से देश बनेगा सुपर पॉवर किसी भी देश की प्रगति का सबसे महत्वपूर्ण आधार शिक्षा होती है। आज जब भारत अपनी आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है और विश्व अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर रहा है तो यह आवश्यक हो जाता है कि हमारी शिक्षा नीति भी वर्तमान आवश्यकताओं और माँग के अनुरूप हो। इसी उद्देश्य से व्यापक विचार-मंथन के पश्चात भारत सरकार सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लेकर आई। जिसमें बच्चे को केन्द्र में रखकर उसके सर्वांगीण विकास के लिए सीखने के पारंपरिक और नवीन तरीकों और प्रविधियों पर जोर दिया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधान आने के तीन वर्ष पक्षात उन प्रावधानों के क्रियान्वयन की प्रगति से आम जनमानस को जागरूक किया जाना नितांत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक एक में  मीडिया से चर्चा की। केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-1 सागर के प्राचार्य मनीष गुप्ता पत्रकार वार्ता में नोडल अधिकारी के रूप में उपस्थित थे।
उन्होंने पॉवर प्वॉइंट के माध्यम से विद्यालय में संचालित राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित प्रावधानों की जानकारी दी।

 जवाहर नवोदय विद्यालय खुरई से आए प्राचार्य योगेंद्र सिंह भदोरिया ने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय सागर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्देशों के अनुरूप विभिन्न कदम प्रभावी रूप से उठाए गए है। विद्यालय में कक्षा पहली में प्रवेश लेने वाले नए विद्यार्थियों के लिए विद्या प्रवेश उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जिसमें बच्चों को विभिन्न खेलकूद तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा मनोरंजन के साथ शिक्षा की ओर प्रेरित किया जाता है। विद्यालय निपुण भारत मिशन के अंतर्गत कक्षा तीन तक के बच्चों के लिए बुनियादी पढ़ने-लिखने तथा अंक गणित हल करने के लक्ष्य को विभिन्न शिक्षण गतिविधियों के द्वारा संपादित कर रहा है। इसके अंतर्गत एफ एल एन (फाउंडेशनल लिट्रेसी एंड न्यूमेरेसी) मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक कक्षा में बच्चों के लिए भाषा और गणित सीखने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए खिलोना आधारित शिक्षण क्लब, गतिविधियाँ, समग्र मूल्यांकन प्रणाली और करके सीखो आदि के माध्यम से बच्चों को शिक्षण दिया जाता है। इसके सफलता पूर्वक क्रियान्वयन के लिए नियमित अंतराल पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधुनिक समय की आवश्यकता बनता जा रहा है। जब भारत नॉलेज पॉवर बनने की दिशा में अग्रसर है तो एआई उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसीलिए केन्द्रीय विद्यालय में एआई एक अतिरिक्त विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है। एकीकृत हाई स्कूल कोडारी की प्राचार्य डॉ श्रीमती अंजना पाठक ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों के ज्ञान को व्यवहारिक जीवन से जोड़ने और कौशल विकास पर विशेष बल दिया गया है। इस दिशा में विद्यालय निरंतर प्रयास कर रहा है। केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 3 के प्रधानाध्यापक अभय सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विचार साझा करते हुए कहा कि बच्चों को अनुभव करके सीखने, प्रयोगशाला में सीखने और सीखे गए विषय को दैनिक जीवन में लागू करने पर बल दिया जा रहा है। बच्चों के कौशल विकास के लिए विद्यालय में कार्यानुभव शिक्षक, क्रीड़ा शिक्षक, कला शिक्षक, संगीत शिक्षक, नृत्य, कम्प्यूटर और योग के अनुदेशक नियुक्त हैं जो अपनी नियमित कक्षाओं में बच्चों की रुचियों और क्षमताओं के अनुसार उनके कौशल विकास में अपना योगदान देते हैं।

 केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 3 के प्राचार्य सुशील मिश्रा ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत केंद्रीय विद्यालय नंबर 3 में बाल वाटिका का शुभारंभ भी किया गया है। पत्रकार वार्ता मे सम्मिलित सभी प्राचार्य वृंद एवं प्रधानाध्यापिका श्रीमती रेणु यादव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों पर पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। पत्रकार वार्ता में सम्मिलित सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन उप प्राचार्य दीपक साहू के द्वारा किया गया ।
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