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DAMOH : हिजाब प्रकरण: जिला शिक्षा अधिकारी DEO पर भाजपा नेताओं ने फेंकी स्याही▪️संयुक्त संचालक लोक शिक्षण नेगंगा जमुना स्कूल को दिया नोटिस देखे: वीडियो

DAMOH : हिजाब प्रकरण: जिला शिक्षा अधिकारी DEO  पर भाजपा नेताओं ने फेंकी स्याही

▪️संयुक्त संचालक लोक शिक्षण ने
गंगा जमुना स्कूल को दिया नोटिस 

देखे: वीडियो

तीनबत्ती न्यूज
दमोह,6 जून ,2023: दमोह के  गंगा जमुना स्कूल के हिजाब कांड और धर्मांतरण  के मामले में लगातार नए-नए घटनाक्रम  और खुलासे सामने आ रहे हैं। आज भाजपा नेताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा पर स्याही फेंक कर अपना विरोध जताया है। उनके मुंह पर नीली स्याही पोत दी और नारेबाजी की।  जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल को क्लीन चिट दे दी थी। इस मामले में डीईओ का कहना है कि मेने कोई जांच नही की है। स्याही पोतने वालो के बिल बकाया है।इसके बदले में यह किया। 


आफिस से निकलते समय फेंकी स्याही : देखे वीडियो




मंगलवार दोपहर जब जिला शिक्षा अधिकारी अपने वाहन में बैठकर कार्यालय से निकल रहे थे।  तभी भाजपा जिला उपाध्यक्ष अमित बजाज और भाजपा नेता मोंटी रैकवार ने जिला शिक्षा पर स्याही फेंकी। भाजपा जिला उपाध्यक्ष अमित बजाज ने कहा जिला शिक्षा अधिकारी ने गंगा जमना स्कूल से पैसे लेकर मामला रफा दफा कर दिया था। यह पूरे हिंदू समाज का अपमान था इसलिए उनके मुंह पर कालिख फेंकी है।


 मोंटी रैकवार ने कहा जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले को दबाने का प्रयास किया, जबकि गंगा जमुना स्कूल में क्या गतिविधियां चल रही थीं, यह सभी को मालूम था। इससे हिंदू समाज काफी आहत था और मैंने पहले ही कहा था कि जिला शिक्षा अधिकारी का मुंह काला किया जाएगा इसलिए आज उनके मुंह पर कालिख फेंकी है और अपना विरोध जताया है। उसके बाद सभी लोगों ने जय श्री राम के जयकारे लगाये।

हिजाब - धर्मांतरण मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं



      सुने क्या कहा डीईओ ने

डीईओ एस के मिश्रा के मुताबिक बताया वे अपने दफ्तर से निकल रहे थे। इसी बीच कुछ लोग आए, गाड़ी रोकने के लिए कहा और अचानक स्याही फेंक दी। वे जय श्री राम के नारे लगा रहे थे। मिश्रा ने कहा, 'मैं उनके नाम जानता हूं। वे दमोह के ही रहने वाले हैं। वे गंगा जमना स्कूल मामले में यह सब करने की बात कह रहे हैं, लेकिन इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है। न इस मामले में मुझे कोई जांच सौंपी गई है, न ही मैंने कोई रिपोर्ट सबमिट की है। '


बिलो का पेमेंट नहीं हुआ इसलिए बदले  लिया

मिश्रा ने बताया, 'पूरे मामले की जांच हाई पावर कमेटी को दी गई है। स्याही फेंकने वालों में से एक-दो चेहरों को मैंने देखा है। इनके कुछ बिल पेंडिंग थे। इन्होंने बिल लेट जमा किए इसलिए पेमेंट लैप्स हो गया था। संभवत: बदले की भावना से ही यह किया गया होगा। ये बिल अनुरक्षण वाले थे। कुछ स्कूलों की मरम्मत करवाई गई थी। बजट आएगा तो पेमेंट कर दिया जाएगा। मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने के बाद कानूनी कार्रवाई के बारे में सोचूंगा
 
छात्र बोले जबरदस्ती पढ़ाई जाती थी नमाज
गंगा जमुना स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि उन्हें जबरदस्ती नमाज पढ़ाई जाती थी और ऐसा न करने पर शिक्षक उन्हें डांटते थे। एक छात्रा ने बताया कि स्कूल के अंदर जबरदस्ती नमाज पढ़ाई जाती थी और हिजाब पहनाया जाता था। जो छात्रा हिजाब पहनकर नहीं जाती थी उन्हें डांट पड़ती थी और पिटाई भी होती थी। इसके अलावा कई प्रकार की दुआएं पढ़ाई जाती थीं। जब किसी व्यक्ति की मौत होती थी तब स्कूल में नमाज होती थी और छात्रों से नमाज कराई जाती थी। जिस पर नमाज पढ़ते नहीं बनती थी उसकी पिटाई होती थी। किसी की मौत होने पर कहा जाता था कि इस व्यक्ति को जन्नत नसीब हो रही है।



कलावा बांधने पर स्कूल में डांटा जाता था
इसी तरह एक छात्र ने बताया कि छात्रों को कलावा बांधने पर स्कूल में डांटा जाता था। यदि कोई छात्र कलावा हाथ में बांधकर स्कूल जाता था तो उसे निकलवा दिया जाता था और यदि कोई छात्र तिलक लगाकर जाता था तो उसे भी स्कूल के बड़े सर डांटते थे। इसी तरह अन्य छात्र-छात्राओं ने भी अब खुलकर स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाए हैं। एक के बाद एक नए-नए खुलासे होने के बाद गंगा जमुना स्कूल में किस प्रकार से यह गतिविधियां चलती थीं इसका खुलासा होता जा रहा है।

संयुक्त संचालक लोक शिक्षण द्वारा दमोह के
गंगा जमुना स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी


संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग सागर श्री मनीष वर्मा द्वारा दमोह जिले के गंगा जमना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमोह को विगत दिनों जिला शिक्षा अधिकारी दमोह द्वारा किये गए निरीक्षण में पाई गई कमियों के दृष्टिगत मान्यता निरस्त किये जाने के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। म.प्र. माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 एवं मान्यता संशोधन नियम 2020 के नियम 5 एवं 9 के अधीन विहित मानकों, शर्तों और उत्तरदायित्वों तथा म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का शिक्षण संस्था में प्रथम दृष्टया पालन नहीं होने के फलस्वरूप मान्यता नियम-11 (2) के तहत यह कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया।


     नोटिस में कहा गया है कि विद्यालय में पुस्तकालय की समुचित व्यवस्था नहीं पाई गई। विद्यालय के भौतिक शास्त्र प्रयोग शाला में पुराना फर्नीचर रखा पाया गया एवं समुचित प्रायोगिक सामग्री नहीं पाई गई। केमिस्ट्री प्रयोग शाला कक्ष में पुरानी सामग्री रखी हुई है, आवश्यक प्रायोगिक सामग्री नहीं पाई गई। विद्यालय में दर्ज 1208 बालक/बालिकाओं के मान से स्वच्छ पृथक-पृथक शौचालयों की एवं शुद्ध पेयजल व्यवस्था नहीं पाई गई। कम्प्यूटर लैब में निर्धारित कम्प्यूटर नहीं पाये गये। विद्यालय में विद्यार्थियों के मान से अध्यापन कक्षों में बैठक व्यवस्था हेतु पर्याप्त फर्नीचर नहीं पाया गया। विद्यालय में मान्यता नियमों के तहत खेल मैदान एवं बच्चों के खेलने जैसे बॉलीबॉल, फुटबाल, खो-खो, टेबिल-टेनिस इत्यादि हेतु पर्याप्त खेल सामान, खेल मैदान की पर्याप्त व्यवस्था नहीं पाई गई।
      विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के परिवहन के लिए वाहन रखरखाव हेतु पर्याप्त स्थान एवं दिशा निर्देशों का पालन नहीं पाया गया है। उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 04.12.2020 के परिपालन में आपके ऑनलाईन आवेदन क्रमांक डीपीआई 2111125 अनुसार कक्षा 9 वीं / 11 में 40-40 विद्यार्थियों की दर्ज संख्या मान से कमीपूर्ति का प्रतिपरीक्षण कराने के उपरांत दिनांक 12.01.2021 को मान्यता प्रदान करने की कार्यवाही की गई थी।
      जिला शिक्षा अधिकारी दमोह के परीक्षण में सत्र 2022-23 में विद्यालय में उक्त मान से अधिक संख्या में विद्यार्थी दर्ज पाए गए हैं। म०प्र० बाल अधिकार संरक्षण परिषद भोपाल सदस्यों के द्वारा 2 जून को किए गए निरीक्षण में प्रचलित पाठ्यक्रम से भिन्न उर्दू साहित्य की पुस्तकें पाई जाना एवं अन्य शिकायतें भी 3 जून को समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई हैं जबकि मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 के नियम 5 (5) (ख) में स्पष्ट प्रावधान है कि “शाला पुस्तकालय में कोई ऐसी पुस्तक या अन्य रूपों का साहित्य अंतर्विष्ट नहीं होगा जो साम्प्रदायिक विवाद या जातिवाद या धर्म, क्षेत्र या भाषा आदि के आधार पर भेदभाव का समर्थन अथवा प्रचार करें। शाला पुस्तकालय में भारत सरकार या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रतिबंधित किसी पुस्तक को नहीं रखा जाएगा।“ उपरोक्तानुसार अशास. शिक्षण संस्था- गंगा जमना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमोह के अशासकीय शिक्षण संस्था- गंगा जमना स्कूल दमोह की मध्यप्रदेश माध्यमिक उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 11 के तहत मान्यता क्यों नहीं निरस्त की जावे? इस संबंध में आप अपना लिखित प्रतिवाद सुसंगत प्रमाणित दस्तावेजों के साथ 3 दिवस में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण  कार्यालय में समक्ष में प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करें।


   
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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885

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