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संगीत की आनलाईन वर्कशाप 12- 13 मई को

संगीत की आनलाईन वर्कशाप 12- 13 मई को

सागर। डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के छात्रों एवं सागर शहर के संगीत रसिकों के प्रयास से 12-13 मई 2020 को त्रिदिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कायक्रम के समन्वयक डॉ अवधेश प्रताप सिंह तोमर ने बताया कि, रागी फाउंडेशन नामक एक समाज सेवी संस्था के सहयोग से इस कार्यशाला में केरल के प्रोफेसर टी उन्नीकृष्णन के साथ साथ बडौदा के प्रोफेसर राजेश केलकर संगीत की बारीकियों को समझाएं । 

पढिये : ऑन लाइन प्लेसमेंट ड्राईव में डॉ गौर विवि  के छात्र- छात्राओं को मिले 178 जॉब ऑफर

बीना के गुरूजी राम सिंह जी भी इस में रागों एवं सुगम संगीत ( गीत ग़ज़ल भजन) सिखाएंगे । ज़ूम ऐप के माध्यम से ये तीन दिन में दो दो सत्रों में आयोजित की जा  रही है । गायन में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को इस महामारी के काल में ज्ञान के साथ साथ मानसिक शांति भी प्राप्ति होगी। 

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चौथा भाग्योदय तीर्थ का लेब टेक्नीशियन

आयोजक इस में संगीत चिकित्सा  संबंधी सत्र आयोजित कर रहे है। डॉ अवधेश स्वयं संगीत चिकित्सा के विद्यार्थी रहे है। विश्वविद्यालय की और से भी सहयोग सुझाव एवम् मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है ।विद्यार्थी गूगल फॉर्म के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं।




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ऑन लाइन प्लेसमेंट ड्राईव में डॉ गौर विवि के छात्र- छात्राओं को मिले 178 जॉब ऑफर

ऑन लाइन प्लेसमेंट ड्राईव में डॉ गौर विवि  के छात्र- छात्राओं को मिले 178 जॉब ऑफर 

सागर। कोरोना संकट के बीच जब  समूचा देश लॉक डाउन में है, उद्योग धंदे बंद हैं, रोजगार के अवसर सिमट रहे हों और सभी और भविष्य की चिंता हो  तब यदि किसी उच्च शिक्षा केंद्र से उसके छात्र- छात्राओं को बड़े पैमाने पर जॉब ऑफर मिलें तो यह उस  शैक्षणिक संस्था और उसके छात्र- छात्राओं को गौरव की बात है | मध्य प्रदेश के सबसे पुराना, प्रतिष्ठित और सर हरी सिंह गौर के सपनों का डॉ. हरिसिह गौर विश्वविद्यालय आज इसी ही खुशखबरी से महक रहा है | 

विगत छह माह से विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट सेल द्वारा एक प्रथक वेब साईट बनाकर उसमे  
छात्र- छात्राओं का निशुल्क पंजीयन कराया और उनके लिए अनेक ऐसे  कार्यक्रम आरम्भ किये जिससे उनका प्लेसमेंट हो | 3 मार्च से 8 मार्च तक चली इस ऑन लाइन प्लेसमेंट ड्राईव में कुल 178 जॉब ऑफर मिले | लॉक डाउन की अवधि में यह उपलब्धि निश्चय की  छात्र- छात्राओं में एक नई  उर्जा का संचार करेगी ।

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ज्ञातव्य है कि लॉक डाउन के पूर्व यह प्रक्रिया मेगा केम्पस ड्राईव के माध्यम से 17 मार्च से 20 मार्च तक विश्वविद्यालय में सम्पन्न होना थी और इसमे 10 कम्पनियां भाग लेने वाली थी परन्तु लॉक डाउन के कारण इसे स्थगित करना पडा | विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट सेल ने लॉक डाउन के बढ़ने  के कारण ऑन लाइन प्लेसमेंट ड्राईव के प्रयास किये और जब इसके लिए चुनी गई एजेंसी  अवसर वेंचर जयपुर  के माध्यम से प्रयास किये गए तो 4 कम्पनियाँ, ब्रिज ग्रुप सोल्युशन, श्रीराम फार्च्यून, सिलारस इन्फोर्मेशन एवं ए.टी.एस. इंडिया ने ऑन लाइन प्लेस 
 ड्राईव की सहमति दी ।

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@ ब्रजेश राजपूत /ABP News Live पर ग्राउंड रिपोर्ट

सिलारस इन्फोर्मेशन ने 24 बी. कॉम. के 4 एम्.बी.ए के और 6 बी.एस-सी के, एक बी.ए का और एक एम्.एस–सी इस प्रकार कुल 36 छात्र –छात्राओं का चयन किया ।ए.टी.एस इंडिया लिमिटेड ने 7 मार्च से 10 मार्च तक वीडियो कॉलिंग के माध्यम से साक्षात्कार लिए और कुल 95 विद्यार्थियों को चुना | इनमे व्यवसाय प्रबंध विभाग के 33 छात्र, कम्पूटर शास्त्र विभाग के 25, कॉमर्स विभाग के 31 और शेष 05 छात्र बी.एस-सी और बी.ए.एल-एल.बी के थे।

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उपलब्धि मील का पत्थर : कुलपति

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आर.पी तिवारी ने छात्र–छात्राओं की इस उपलब्धि को मील का पत्थर बताते हुए इसे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा में चार चाँद लगाने वाला बताया | उन्होंने यह भी कहा कि यह  सफलता बताती है कि हमारे विद्यार्थी  विषय के साथ ही आई टी में भी पारंगत है और तभी इस ऑन लाइन केम्पस ड्राईव में वे बेहतर प्रस्तुति दे सके । प्लेसमेंट सेल के प्रभारी प्रो. पुणताम्बेकर ने  छात्र –छात्राओं की एक उपलब्धि को अपेक्षा से बेहतर बताया और यह इसे सेल की गतिविधियों को विस्तार देने के लिए प्रेरणास्पद बताया | उन्होंने यह भी कहा इस ड्राईव की सफलता में 8 दिन तक सतत रूप से डॉ. शालिनी चोइथरानी, डॉ.सुनीत वालिया, डॉ.रणजीत राजक और नीतू कुशवाहा के प्रयास रहे | 
प्रो. पुत्ताम्बेकर द्वारा सेल द्वारा आगामी 14 मई को आयोजित  वेबीनार " रोडमेप फॉर स्टार्ट अप्स एंड इन्नोवेशन इन् पोस्ट कोविड -19 सिनेरियों " में भी बड - चढ़ कर भाग लेने का आव्हान किया | इस वेबीनार में मानव संसाधन मंत्रालय,भारत सरकार  के इन्नोवेशन सेल के श्री अभय जेरे और पूना के सफल उद्यमी भारत विकास ग्रुप के हनुमंत राव गायकवाड संबोधित करेंगे ।  

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सागर में चार और कोरोना पाजिटिव मरीज मिले, वापिस आये तीन लोगो ने बढाई मुसीबते, चौथा भाग्योदय तीर्थ का लेब टेक्नीशियन

सागर में चार और कोरोना पाजिटिव मरीज मिले,  वापिस आये तीन  लोगो ने बढाई मुसीबते, चौथा भाग्योदय तीर्थ का लेब टेक्नीशियन


#COVID19_SAGAR

सागर ।( तीनबत्ती न्यूज़)। सागर जिले में पहले 5 कोरोना मरीजों के पूर्णतः स्वस्थ और हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के चार दिन बाद बुरी खबर आई। आज हुई जांच में 4 कोरोना  की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।इनमे तीन वो मरीज  शामिल है जिनकी घर वापसी हुई थी।  चौथा मरीज बीना में मिले पाजिटिव के सम्पर्क में आने से संक्रमित हुआ था । इस खबर से पूरे शहर में हड़कम्प की स्थित बन गयी। उधर प्रशासन सम्बंधित इलाकों को प्रतिबंधित करने और अन्य निर्देशो को पालन कराने में जुट गया है। 

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बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ जी एस पटेल  ने पुष्टि की। इनमे अहमदाबाद,कानपुर और  मुंबई से वापिस लौट लोग शामिल है। चौथा मरीज पिछले दिनों  बिना के संक्रमित मरीज का इलाज करने से प्रभावित हुआ था।

ये है क्षेत्र और मरीज।
★ भाग्योदय तीर्थ निजी अस्पताल का रेडियोटेक्निशियन  की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। यहां बीना के मरीज की जांच की गई थी। जिसको इलाजे के लिए भोपाल भेजा गया था जहां उसकी  कोरोना से  मौत हो गई। भाह्योडी तीर्थ के डॉक्टर और कर्मचारी सहित 9 को बम कवारेन्टीन कर सेम्पलिंग हुई थी। भाग्योदय केम्पस और आसपास के क्षेत्र को कण्टेन्मेंट क्षेत्र बनाया है। 

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★घड़ी साबुन फेक्ट्री के पास  ग्राम चना टौरिया में कानपुर से एक की वापसी हुई थी। 8 मई को आये इस युवक की रिपोर्ट पाजिटिव आई।

★ग्राम जमुनिया ,जरुआखेड़ा,निवासी  5 मई को अहमदाबाद से आया था। जिसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई । 

★ सागर शहर के  शिवाजी ञ्जर वार्ड में रमझिरिया  के पास कन्टेनमनेट झोन बनाए गया है। यहां 9 मई को मुंबई ठाणे से आये  युवक की रिपोर्ट पाजिटिव मिली है। 

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उधर जांच रिपोर्ट आते ही कलेक्टर प्रीति मैथिल ने गाईड  लाईन के मुताबिक कण्टेन्मेंट झोन बनाने ,सेनेटाईजशन आदि के निःर्देश  दिए। सागर में अभी तक 9 मरीज पाजिटिव निकले । जिनमे पांच  सावस्थ्य होकर घर जा चुके है। इसके अलावा बीना का एक मरीज  की भोपाल में इलाज के दौरान मौत हुई है। नए मरीज मिलने से सागर को ग्रीन झोन में जाने के प्रयासों को झटका लगा है। 
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नरसिंहपुर में आमो से भरा ट्रक पलटा, 5 मजदूरों की मौत 11 मजदूर घायल

नरसिंहपुर में आमो से भरा ट्रक पलटा, 5 मजदूरों की मौत   11 मजदूर घायल

नरसिंहपुर।  नरसिंहपुर जिले की सीमा पर एक बड़े सड़क हादसे में पांच मजदूरों की मौत हो गई. शनिवार देर रात नरसिंहपुर जिले के मुंगवानी थाना क्षेत्र के पास आम से भरा एक ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया. इस हादसे में 5 मजदूरों की मौत हो गई. जबकि 11 मजदूर घायल हैं. चार मजदूरों के ट्रक के नीचे दबे होने की आशंका जताई जा रही है. ट्रक में करीब 20 मजदूर सवार थे. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. मौके पर क्रेन और जेसीबी की मदद से रेस्क्यू किया जा रहा है।

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पुलिस के मुताबिक आम के ट्रक में सवार 20 मजदूर में 11 मजदूर झांसी के रहने वाले हैं, जबकि 9 एटा के हैं. सभी मजदूर हैदराबाद से अपने घर जाने के लिए निकले थे.।

 घटना की जानकारी लगते ही कलेक्टर दीपक सक्सेना और पुलिस अधीक्षक गुरकरन सिंह सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा. वहीं अपर कलेक्टर मनोज ठाकुर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी जिला अस्पताल में मौजूद रहे। सभी का कोरोना टेस्ट कराया जा रहा है। 

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सीएम शिवराज सिंह ने जताया दुख
इस दुर्घटना में हुई मौत पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दुख जताते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि नरसिंहपुर में ट्रक पलटने से हुए हादसे में कई अनमोल जिंदगियों के असमय काल कवलित और घायल होने के समाचार से अत्यंत दुःखी हूं. ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं. विनम्र श्रद्धांजलि। 
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सागर : बिना मास्क के मिले पुलिस, निगम, डॉक्टर ,बीएमसी कर्मी, हुआ चालान, एक स्वच्छता निरीक्षक निलंबित

सागर : बिना मास्क के मिले  पुलिस, निगम, डॉक्टर ,बीएमसी कर्मी, हुआ चालान, एक स्वच्छता निरीक्षक निलंबित

सागर। सागर जिला प्रशासन के निर्देश पर  नगर निगम कमिश्नर श्री आरपी अहिरवार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण भूरिया, सिटी मजिस्ट्रेट पवन बारिया, उपायुक्त डॉ प्रणय कमल खरे द्वारा विभिन्न चौराहों पर चेकिंग लगाकर जो व्यक्ति पैदल दोपहिया चार पहिया वाहनों पर घूम रहे थे उनके चालान काटे गए।
 इसी तारतम्य में जब तीन मडिया से एक डॉक्टर अपनी पत्नी को लेकर बगैर मास्क लगाए घूम रहे थे। तो उनको रोकने पर उनके साथ बगैर मास्क लगाने की समझाइश दी गई तो उन्होंने बहस करना शुरू कर दी ।

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इस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने तत्काल उनको समझाइश देकर मास्क लगाने एवं चालान करने  की बात कही। इसी प्रकार बीएमसी में स्वच्छता निरीक्षक द्वारा बगैर मास्क लगाए जाने पर चालान काटा एवं उसकी शिकायत जब बीएमसी के सफाई प्रभारी से  की गई तो उन्होंने दूरभाष पर ही उनको निलंबित कर दिया। इसी प्रकार रास्ते से गुजर रहे पुलिसकर्मी एवं निगम कर्मी जो बगैर मास्क लगाए हुए थे उनके भी 100 रूपए के चालान किए गए। 

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जब प्रशासन का आमला तीन बत्ती पहुंचा तो उन्होंने मेडिकल की दुकान पर पहुंचकर बगैर मास्क लगाए काम कर रहे व्यक्तियों को  समझाइश दी और चेतावनी दी कि अगली बार यदि कोई आप की दुकान पर बगैर मास्क लगाए पाया जाएगा तो दुकान को सील कर दिया जाएगा। निगमायुक्त श्री अहिरवार ने बताया कि पुलिस के साथ समस्त दुकानदारों एवं पैदल चलने, चार पहिया, दो पहिया वाहन चलाने  वाले व्यक्तियों को माइक के द्वारा समझाइश दी गई एवं ना मानने पर तत्काल चालानी कार्रवाई की गई जो प्रतिदिन जारी रहेगी।

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तो क्या हम अपने घर भी ऐसे पूछ पूछ कर जायेंगें .... @ ब्रजेश राजपूत /ABP News Live पर ग्राउंड रिपोर्ट

तो क्या हम अपने घर भी ऐसे पूछ पूछ कर जायेंगें .... 

@ ब्रजेश राजपूत /ABP News Live पर ग्राउंड रिपोर्ट 

यूं तो हम उस रोज सुबह हबीबगंज स्टेशन पहुंचे थे पनवेल से रेलगाडी आने वाली थी जिसमें मध्यप्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया जा रहा था। प्रवासी श्रमिक इन दिनों बडी खबर है जिसमें दुख दर्द और पीडा सब है। मगर सुबह पांच बजे आने वाली रेल दस बजे तक नहीं आयी थी और ये हमारे लिये हैरानी की बात थी कि जब देश में टेन ही नहीं चल रही उस दौरान चलने वाली इक्का दुक्का टेन भी क्यों कई घंटे देरी से चल रहीं थी खैर हमने यहीं कह कर अपने को समझाया कि भारतीय टेन का मतलब ही देरी से चलने वाली रेलगाडियां हैं। श्रमिक स्पेशल टेन अब बारह बजे आने वाली थी ऐसे में चूंकि दफतर बंद है तो दो घंटे क्या किया जाये तो हम निकल पडे भोपाल के बाहर होशंगाबाद की ओर ग्यारह मील की तरफ जहां एक तरफ होशंगाबाद आने वाला राजमार्ग था जो भोपाल के बाहर से होते हुये विदिशा इंदौर और ग्वालियर तरफ निकलता था। दरअसल पूरे देश में प्रवासी श्रमिक अब सडकों पर है। जेट और बुलेट टेन केे जमाने में वो सैकडों किलोमीटर पैदल सफर कर रहे हैं। असंभव सी दूरियां वो अपने हौसले से तय करने निकल पडे हैं। हमने आजादी के बाद का बंटवारा तो नहीं देखा मगर मजदूरों के विस्थापन के दृश्य देखकर कलेजा मुंह को आता है। ये गरीब मजदूर श्रमिक हर सरकार के भापणांे में सबसे उपर होते हैं मगर सच्चाई में ये सरकारों से कितने दूर हैं ये इन दिनों पता चल रहा है। 

MP: भाजपा के 24 जिला अध्यक्षो की घोषणा

कोरोना से पूरा देश मिल जुलकर लड रहा है और आगे भी लडेगा मगर क्या बेहतर नहीं होता कि लाकडाउन एक लाकडाउन दो और लाकडाउन तीन का सरप्राइज देने से पहले सरकार इन मजदूरांे के रोजगार खाना पीना और उनके घर जाने के बारे में भी सोचती। सडकांे पर उतरे ये मजदूर खुशी खुशी घर नहीं जा रहे ना ही इनको अपने घर से बुलावा आया है कि आजा उमर बडी है छोटी अपने घर में भी है रोटी। मजदूरांे के फोटो देखकर ही उस पर कमेंट करने वाले हमेशा यही कहेंगे कि ये गरीब क्यों शहरों से निकल पडे हैं, ये गांव क्यों जा रहे हैं यहंा इनको किसने भगाया अरे इनको इतना भी नहीं मालुम के रेल पटरी पर सोया नही जाता। मगर ये घरों से क्यों निकले हमें सरयू यादव ने बताया। सरयू यानिकि करीब पैंसठ साल की आयु वाले बुजुर्ग जो पांच दूसरे साथियों के साथ मुंबई के बोरीवली से 29 तारीख को निकले हैं इलाहाबाद जाने के लिये और पिछले आठ दिनों से चलते हुये भोपाल के ग्यारह मील वाले बाइपास पर पहंुचे थे। अभी इनका साढे सात सौ किलोमीटर का सफर हुआ है तकरीबन इतना ही इनको और चलना पडेगा अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिये। पैरों में प्लास्टिक चप्पल, तहमत जैसी लपेटी हुयी सफेद धोती, उपर मोदी कट यानिकी बिना बांहों वाला कुर्ता, कंधे पर लटका हुआ एक बडा सा झोला, एक हाथ में कुछ दूर पहले मिला हुआ कुछ खाने का सामान तो दूसरे हाथ में प्लास्टिक की पुरानी से बोतल से पानी को ठंडा रखने की नाकाम कोशिश, सिर पर बाल तकरीबन उड ही गये हैं तो चेहरा धूप में चलने के कारण झुलसा हुआ सा और इन दिनों सबसे जरूरी चेहरे पर आधा लगा आधा गिरता हुआ ढीला सा मैला मास्क जिसके एक ओर कान पर बुझी हुयी बिडी फंसी थी। 

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तकरीबन यही हाल इनके साथ चल रहे पांच दूसरे साथियों का भी था। हां ये जरूर है कि इनमें से दो लोगों के पैरों में छाले पड कर फूट चुके थे और उन पर पटिटयां बांधकर घाव को ढके रखने की कोशिश हो रही थी। दादा क्यों चल पडे इतनी दूर इस धूप में क्या भूख प्यास नहीं लग रही वहीं मुंबई में रूके रहते तो क्या बिगड जाता। मेरे मुंह से ये बचकाने से सवाल होते ही। सरजू दादा चलते चलते रूके मेरी आंखों में झांका और बोले हां भैया रूकना तो हम भी वही चाहते थे। पिछले आठ सालों से तो वहां रूके ही थे। खोली में रहते थे हम सब एक साथ, बुनकर हैं हर सात दिन में पगार मिलती थी जिसमें से कुछ खर्च करते, कुछ घर भेजते थे मगर जब पहले हफते काम बंद हुआ तो हमारे मालिक ने हमें पगार दी फिर दूसरे हफते भी बंद रहा तो पगार नहीं दी राशन पानी दिया फिर तीसरे और चौथे हफते भी काम नहीं खुला तो वो भी क्या करे, हमसे खोली करवा कर कह दिया दूसरा ठिकाना तलाशो। अब बताओ भैया हमें रोजगार और खाना पीना रूकना मिलता तो हम क्यों इन तेज धूप भरी सडकों पर पागलों के समान अपने गांव की ओर चलते क्या। सुबह चार बजे से चलना शुरू करते हैं तो बारह एक बजे तक चलते हैं फिर दो तीन घंटे कहीं छांह देखकर रूकते हैं जो रास्ते में मिलता है खाते हैं नहीं मिलता है तो पानी पी पीकर भूख प्यास दोनों मिटाते हैं और रात में जहां सडक किनारे थोडी साफ सुथरी जगह मिल जाती है कुछ घंटे सो जाते हैं। कभी कोई टक वाला बैठा लेता है तो कभी कोई गाडी वाला, इस तरह सफर चल रहा है पिछले आठ दिनों से। हम सबके पास ये छोटा सा मोबाइल है जिससे कभी कभार घर परिवार से बात हो जाती थी मगर चार्ज नहीं हुआ तो बंद पडा है। यही कहानी हम सबकी है निकल पडे हैं तो पहुंच ही जायेगे मगर इस उमर में यूं निकलना हमें भी अच्छा नहीं लग रहा और उस पर भी आप पूछते हो क्यों निकले। इसी सवाल का जबाव पुलिस को देते देते थक गये और अब तुम भी पूछ रहे हो। क्या हम अपने घर भी पूछ पूछ कर जायेगे, ये कहते कहते सरजू भाई की आंखों में आंसू आ गये और वो सुबक सुबक कर रोने लगे,, सरजू भाई के साथ के लोगों ने उनको संभाला और बिना मेरी तरफ देखे वो फिर चल पडे इलाहाबाद की ओर जो यहंा भोपाल से सात सौ किलोमीटर दूर है।

ब्रजेश राजपूत ABP न्यूज़, भोपाल

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