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जब निधन हो जाए तो धन का महत्व नहीं: श्री कमल किशोर नागर जी ★ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह का आयोजन


जब निधन हो जाए तो धन का महत्व नहीं
: श्री कमल किशोर नागर जी

★ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह का आयोजन

★कथा के छठवें दिन ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे हजारों श्रद्धालु

"★ खनिज विकास निगम उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर, सुशील तिवारी का किया सम्मान


सागर ।  मैंने आपको नव वर्ष की बधाई नहीं दी। हम अंग्रेजी नववर्ष मनाकर उनको पीड़ा पहुंचाएं  जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह गलत परंपरा है देश की संस्कृति,धर्म को न भूलें। हमारा नववर्ष चैत्र मास से शुरू होता है।जवान पर हिंदी और माथे पर बिंदी यह हमारे देश की पहचान है ,इसे कभी मत भूलना । उक्त कथन संत कमल किशोर  नागर जी ने ग्राम पटकुई बरारू स्थित वृंदावन धाम में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह के छठवें दिन श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किए।
संत श्री नागर जी ने श्रद्धालुओं को सीख देते हुए कहा कि हम थोड़ा पढ़ लिख गए और अच्छी नौकरी मिल गई तो हमने आधुनिक बनकर संस्कृति को भुला दिया। खासकर कुछ महिलाएँ तो और भी आगे निकल गई है चूड़ी नहीं पहनेंगी, मांग नहीं भरेंगे, बिंदी नहीं लगाएंगी, बिछड़ी ,पायल पैरों से गायब है। पेट तो मजदूर भी भरते हैं , लेकिन उनकी महिलाओं के माथे पर बड़ी बिंदी और मांग भरी हुई होती है। थोड़े से पैसे क्या आए कि शरीर से सब कुछ गायब हो गया। पेट तो कुत्ता भी भरता है ,लेकिन जो मांग भर्ती हैं वह भारतीय नारी हैं ।जो महिला मांग नहीं भर्ती ,बिंदी नहीं लगाती उसे मनुष्य नहीं कहा जा सकता।

कपड़े ऊंचे और कर्म नीचे हो गए:-

 संत श्री नागर जी ने कहा कि हम पढ़े तो थोड़ा लेकिन ल  बिगड़ ज्यादा गये है ,उससे ज्यादा खराब हालात यह हैं कि हमारी बहन, बेटियों ने अपने शरीर पर कपड़े कम कर दिए हैं। यहां तक कि अब ओछे, पतले और कपड़े ऊंचे हो गए हैं ।कपड़े ओछे हो और कीमत ज्यादा हो तो उसका कोई महत्व नहीं है। कपड़े से तन ढका हो और उनकी कीमत कम हो तो ही ठीक है। जब से कपड़े ऊंचे हुए हैं, तब से कर्म नीचे गिर गए हैं ।हम बंगलों में रहते हैं ,खूब कमाते हैं  फैशन में प्रतिस्पर्धा करते हैं, लेकिन चरित्र में हम बहुत नीचे चले गए हैं । जो चरित्र से गिर जाता है, उसके हजार जन्म बिगड़ जाते हैं। चरित्र बिगड़ जाए तो फिर मीरा, राम,कृष्ण  बौद्ध कहां से लाओगे।
 
घाव की तरह  शरीर भी ढको:-

 संत श्री नागर जी ने कहा कि जब शरीर पर घाव हो जाए और हम उस पर पट्टी ना बांधे तो मक्खियां  भिनभिनाने लगती हैं ,और पट्टी बांध लो तो मक्खियां नहीं आती। इसी तरह शरीर भी है, इसे ढककर रखो क्योंकि मक्खियां बहुत है। फिर कहते हो पुलिस ,शासन ध्यान नहीं देता। हम सिर्फ धन ,मकान ,जमीन ,जायदाद संभालने में लगे हैं। लेकिन संतान नहीं संभाल रहे ।आप अपने आप से सम्हलो और शरीर में ऐसा घाव ही मत होने दो जिस पर मक्खियां आकर बैठ सके। संत श्री ने कहा कि तिजोरी खुली छोड़ देना, धन संपदा ,जमीन जायदाद सूनी  छोड़ देना ,पर छोरी (लड़की) को सुनी नहीं छोड़ना। तिजोरी से चला गया तो लौट सकता है लेकिन छोरी चली गई तो फिर सिर ऊंचा नहीं होगा । कर्म ऐसे करो कि सिर हमेशा ऊंचा रहे,बाद में पछताने से कुछ नहीं होगा।


जब निधन हो जाए तो धन का महत्व नहीं:-

संत नागर जी ने कहा कि हमेशा भगवान से प्रार्थना करना कि हमें  ना किसी की   गरज हो और ना किसी का हम पर करज (कर्ज )हो ।बस इतना ध्यान रखना कि नमन मत छोड़ना ।जीवन में हमारे हाथ में पछतावा के अलावा कुछ नहीं है। आए तो पछता रहे ,बच्चे पैदा किए तो पछता रहे, धन कमाया तो, सुखी है तो, जा रहे हैं तो भी पछता रहे हैं। तो फिर इस जीवन का क्या। इसलिए भजन ही सब कुछ है। जो लोग धन-धन करते हैं उन्हें पता ही नहीं चलेगा कि कब निधन का समय आ गया। यदि धन सत्य होता तो अंतिम यात्रा में हम हाय धन, हाय धन ही बोलते। अंतिम समय में हम सिर्फ राम नाम सत्य है बोलते हैं ।आप यह मान लो कि ना धन सत्य है, ना बेटा सत्य है, ना पत्नी सत्य है ,ना जीवन सत्य है। सिर्फ सत्य है तो ईश्वर सत्य है। राम ,कृष्ण सत्य है और इसी को भजने में ही जीवन का सार है।

पकड़ो ,मत जाने दो और पकड़ो मत ,जाने दो मैं काफी अंतर है:-

संत नागर जी ने कहा कि अपना जीवन सादा रखो। भगवान शंकर ने अपने विवाह में श्रृंगार न कर सादगी का संदेश दिया। ठाकुर जी जब ब्रज से और राम जी जब अयोध्या से जाने लगे तो वहां के लोगों ने कहा कि पकड़ो, मत जाने दो, यह आस्था का प्रतीक है। और जब कृष्ण मथुरा पहुंचे और पहलवानों ,हाथियों को उठाकर पटका, राम का रावण से युद्ध हुआ, तो कंस और रावण की एक ही आवाज थी पकड़ो मत, जाने दो। उन्होंने कहा कि नीति के बिना राज,कुसंगत से संगत और शराब से खानदान समाप्त हो जाते हैं। इसलिए हमेशा ध्यान रखो की बुरी आदतों को हमेशा पकड़ो मत, जाने दो और अच्छी आदतों, कर्म, भगवान को हमेशा पकड़ो, मत जाने दो का ध्यान रखो।


घर में हमेशा छह का सेट होना चाहिए:-

 संत नागर जी ने कहा कि जिस प्रकार बर्तनों के  विभिन्न संख्याओं के सेट होते हैं। उसी तरह परिवार में भी सेट होना चाहिए। आजकल हम दो, हमारे दो पर आधारित है। या फिर दो का सिर्फ  पति-पत्नी दो का सेट भी चल रहा है। परिवार वह अच्छा है, जिसमें छह का सेट हो यानी वृद्ध माता पिता, लड़का- बहू, बेटा, बेटी होना चाहिए। ध्यान रखना कि केला का छिलका कितना भी खराब हो परंतु चिपका रहे है तो केला सुरक्षित रहता है। इसी तरह वृद्ध माता-पिता कितने भी बुरे क्यों ना हो ,उन्हें छोड़ना मत। उनका अनुभव कब, कहां काम आ जाए कोई भरोसा नहीं। वृद्ध कैसे भी हो हम उनसे ढके हैं, सुरक्षित है और लुटेरे लुचचो से बचे हैं इसलिए आदर्श घर मे छह सदस्यों का सेट होना जरूरी है।




वेदों का सार श्रीमद् भागवत में निहित:-

 संत नागर जी ने कहा कि संपूर्ण वेदों का सार श्रीमद् भागवत कथा में निहित है ।जब हम कथा को विदा करेंगे  वेदना होगी। वेदना से किसी का नुकसान नहीं होता है। इसका कारण वेद है ।आप 4-5 एक जगह बैठकर कथा सुनते हो, सुविधाजनक न हो  परंतु वेदना नहीं होती ।क्योंकि वेद आपके शरीर में प्रवेश कर रहा है ।श्रीमद्भागवत में भगवान विराजमान है और वेद आपको वेदना से लड़ने की शक्ति देता है। अंदर के मनोविकार मिटाकर ही साधना सफल होगी ,और यह वेद सुनने से आएगी।




कंस वध, कृष्ण- रुक्मणी विवाह का वृतांत सुनाया :-

संत नागर जी ने श्रीमद्भागवत कथा में श्रीकृष्ण द्वारा ब्रज छोड़ने, गोपियों के वियोग, कृष्ण द्वारा कंस वध ,कृष्ण रुक्मणी विवाह ,महाभारत के कुछ प्रसंगों को विस्तार से वर्णन किया।

मंत्री भूपेंद्र सिंह ,मोकलपुर, तिवारी का सम्मान

सागर मैं प्रथम वार संत नागर जी कथा कराने के उपलक्ष में खनिज विकास निगम के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर एवं वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ सुशील तिवारी का संत नागर जी ने हाटकेश्वर धाम प्रतीक चिन्ह एवं गमछा भेंट कर सम्मान किया । शाम को नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह संत नागर जी से भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया ।इस अवसर पर यजमान श्रीमती राम श्री, श्याम केशरवानी ,मदन सिंह राजपूत, राकेश राय ,विनोद गुरु, जगदीश गुरु, राजेश केशरवानी आदि उपस्थित थे।

स्वयं भोजन बनाते हैं नागर जी:-
 संत कमल किशोर नागर जी की दिनचर्या कुछ हटकर ही है। उनके शिष्य राकेश राय, मदन सिंह ने बताया कि संत नागर जी कथा के लिए जहां भी जाते हैं कुटिया में निवास करते हैं। अपना राशन बिस्तर  साथ लेकर चलते हैं। संत श्री अपना भोजन स्वंय बनाते हैं ।पीने के लिए नर्मदा जल का उपयोग करते हैं, जो वह अपने साथ लेकर आते हैं। नियमित निस्तार के लिए ही बाहर का पानी लेते हैं  और जरूरत के हिसाब से दूध लेते हैं। सुबह 4:00 बजे उठकर स्नान, भजन से संत नागर जी की दिनचर्या शुरू होती है ।संत श्री के साथ कथा में भजन संकीर्तन में जयंत ,धर्मेंद्र एवं दुर्गेश संगीत पर संगत देते हैं। जहां भी कथा होती है यह लोग वहां साथ ही जाते हैं।



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भारत संतों, ऋषियों की भूमिः मंत्री भूपेन्द्र सिंह

भारत संतों, ऋषियों की भूमिः मंत्री  भूपेन्द्र सिंह

सागर। मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने नव वर्ष 2022 के प्रथम दिन राजघाट मार्ग स्थित सद्गुरू कबीर धाम में आयोजित समारोह में सद्गुरू कबीर दर्शन ग्रंथ का विमोचन किया। अपने संबोधन में मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने सद्गुरू कबीर और उपस्थित संतों को प्रणाम करते हुए कहा कि भारत भूमि संतों-ऋषियों की भूमि है। जिन्होंने गृहस्थ आम जनता को ज्ञान और दिशा देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि संतों की वाणी हमें जरूर सुनना चाहिए। क्योंकि उनकी वाणी से निकले वचनों में न जाने कौन सा शब्द ऐसा आ जाये कि हमारा पूरा जीवन बदल जाये।_
     सद्गुरू कबीर दर्शन ग्रंथ के विमोचन समारोह में आमंत्रित पूज्य संतगण चरणदास बापू जी महाराज लीबड़ी सौराष्ट्र गुजरात, आचार्य विचारदास जी साहेब मगहर, आनंददास जी साहेब चित्रकूट, मंगल साहेब नादिया छत्तीसगढ़, दयानंद साहेब दाहोद गुजरात, साध्वी मायादेवी उज्जैन, कमलेशदास शास्त्री साहेब बड़ोदरा गुजरात, राजेन्द्र साहेब शास्त्री डाकोर गुजरात, गणेशदास साहेब जम्बूसर गुजरात तथा विशेष अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री नारायण प्रसाद कबीरपंथी, ग्रंथ की रचयिता आचार्य रामजीवन शास्त्री उपस्थित थे। समारोह का संयोजन नगर विधायक शैलेन्द्र जैन ने किया।  

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सागर विश्विद्यालय के पूर्व शिक्षक विंध्येश्वरी प्रसाद साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए नामित

सागर विश्विद्यालय के पूर्व शिक्षक विंध्येश्वरी प्रसाद साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए नामित

सागर।  काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो. विंध्येश्वरी प्रसाद मिश्र को संस्कृत के साहित्य अकादमी पुरस्कार 2021 के लिए नामित किया गया है। संस्कृत साहित्य जगत के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए प्रो. मिश्र की कृति सृजति शंखनादं किल चुनी गई है।

डॉ. हरि सिंह विश्वविद्यालय और विक्रम विश्वविद्यालय में दो दशक से अधिक अध्यापन के बाद वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आचार्य के पद पर वर्ष 2006 से वर्ष 2021 तक सेवाएं दिए। प्रो. मिश्र संस्कृत शास्त्रों के विविध अनुशासनों, वेद, वेदांग, दर्शन, इतिहास-पुराण और साहित्य-विद्या में निपुण प्रसिद्ध कवि हैं।
प्रो. मिश्र की संस्कृत-हिंदी में 18 पुस्तकें प्रकाशित हैं और उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। यह जानकारी सागर विश्विद्यालय के पूरा छात्र और काशी हिन्दू विश्विद्यालय मे कार्यरत डॉ संजीव सराफ ने दी।
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SAGAR : पुलिस ने पकड़े दो चोर, आठ किलो चांदी बरामद

SAGAR : पुलिस ने पकड़े दो चोर, आठ किलो चांदी बरामद


सागर। सागर पुलिस ने नकबजनी करने वाले दो चोरों से 08 किलो चांदी कीमती
करीबन 2,00,000/-लाख रूपये(दो लाख रूपये) की बरामद की है। पुलिस के अनुसार दिनांक 30/08/21 को फरियादी कपिल कुमार जैन पिता श्री बीरेन्द्र कुमार जैन निवासी गोला कुआ वर्धमान कलोनी सूबेदार वार्ड ने थाना उपस्थित आकर रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 29/30.08.2021 की दरम्यानी रात्रि में इसके बने दुकान/मकान गुलाब बाबा मंदिर के पास से रात्रि मे अज्ञात आरोपीयों द्वारा बने दुकान/मकान का ताला तोड़कर चांदी की पत्ती और चांदी की तार चोरी कर ले गये, रिपोर्ट पर थाना मोतीनगर में धारा 457,380 भादवि का पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस अधीक्षक सागर श्री तरुण नायक के द्वारा लगातार हो रही चोरियों पर अंकुश लगाने एवं संपत्ति संबंधी अपराधों में धरपकड़ हेतु विशेष अभियान जिले के समस्त थानों में चलाया जा रहा है।
इसी तारतम्य में  थाना प्रभारी कोतवाली श्री सतीश सिंह के नेतृत्व में उनि0 नेहा सिंह गुर्जर, आर0 अमित शुक्ला, अमर तिवारी प्रआर. जानकीरमण मिश्रा, प्रआर मुकेश, अमित, चौबे, आरक्षक आशीष गौतम, आरक्षक पवन, आरक्षक प्रदीप शर्मा, एवं थाना मोतीनगर सागर से सहायक उप निरीक्षक सोहन मरावी के दवारा विशेष सतत् अथक प्रयासों से आरोपी दीपक उर्फ घोड़ा ठाकुर एवं संदीप पटैल को अभिरक्षा में लिया गया।
उक्त आरोपीयों से पूछताछ पर उसके द्वारा चोरी किया गया मशरूका चांदी 08 किलो कीमती करीबन 2,00,000/- लाख रूपये (दो लाख रूपये) को बरामद किया गया है। जिला सागर में चोरी की वारदातों पर अकुंश लगाने हेतु धर-पकड़ हेतु अभियान जारी है।

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पिछडा वर्ग महापंचायत की बैठक आयोजित

पिछडा वर्ग महापंचायत की बैठक आयोजित


भोपाल ।राष्ट्रीय पिछडा वर्ग अधिकार संगठन पिछडा वर्ग विकास मोर्चा  ओबीसी एडव्होकेट वेलफेयर एसोसियेशन के संयुक्त तत्वावधान मे कल भोपाल के रवीन्द्र भवन मे आयोजित पिछडा वर्ग महापंचायत को संबोधित करते हुए मप्र कांग्रेस कमेटी  महासचिव रमाकांत यादव ने कहा कि 
धारा के विपरीत चलने वाले लोगों की बात को हमें सुनना और समझना होगा कबीर से लेकर रैदास जैसे संत हमेशा इसी तरह समाज को जगाते रहे, समाज ने उनकी बात को नहीं समझा परंतु आज फिर हम कुछ लोग लगे हुए हैं हमारी बात को सुनो, समझो और जागो ।
   महापंचायत में विभिन्न संगठनों एवं जातीय सामाजिक संगठनो के प्रमुखो ने भी पंचायत को संबोधित किया इस अवसर पर महेन्द्र सिंह (पूर्व डिप्टी कलेक्टर) एडव्होकेट रामेश्वर ठाकुर, पूर्व न्यायधीश आर सी चौरसियॉ, अधिवक्ता त्रय उदय साहू, विनायक साहू, एवं अशोक चौरसियॉ यादव महासभा के प्रांतीय अध्यक्ष जगदीश यादव, पूरनसिह आचार्य, मुस्लिम पिछडा वर्ग के प्रदेश प्रमुख आरिफ अजीत, रवि सोनी, के पी कुर्मवंशी, बुद्धसेन पटेल, प्रकाश धाकड, रामविश्वास कुशवाहा मदनगोपाल रजक, कल्लू पटेल सागर, सतीश सोनी, जगदीश कोरी, बद्रीप्रसाद अवधियॉ, आदि उपस्थित थे
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चकरपुर, मढ़िया बांध के कार्य स्थल का निरीक्षण किया मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने

 चकरपुर, मढ़िया बांध के कार्य स्थल का निरीक्षण किया मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने

सागर। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आज बीना नदी परियोजना के तहत बन रहे चकरपुर बांध और मढ़िया बांध के कार्यस्थलों का निरीक्षण किया। प्रोजेक्ट की कार्ययोजना को प्रगति की मौके पर देखा और 30 जून तक गेट लगाने का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।_
 मंत्री श्री सिंह ने कहा कि परियोजना में प्रभावित हो रहे किसानों को शासन की गाइड लाइन के अनुसार तत्काल मुआवजा प्रदान किया जाए। इसके लिए शिविर लगाने की आवश्यकता पड़ती है तो तत्काल लगाएं और मुआवजे का वितरण करें। उन्होंने निर्देश दिए कि, 30 जून 2022 तक बांध में गेट लगाने का कार्य सुनिश्चित करें। बांध से पाइप लाइन डालने का काम भी तीव्र गति से किया जाए।
     मंत्री भूपेंद्र सिंह ने निर्माण स्थल से ही सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव श्री मिश्रा को दूरभाष पर निर्देश दिए कि, चकरपुर डेम में गेट लगाने के लिए अलग से डीपीआर तैयार करें और 30 जून तक गेट लगाना सुनिश्चित किया जाए। बीना सिंचाई परियोजना अंतर्गत मड़िया बांध, चकरपुर बांध एवं प्रेशराइज्ड पाईप द्वारा सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का निर्माण कार्य किया जा रहा है। 
     उन्होंने बताया कि ग्राम गाबरी तहसील राहतगढ़ के समीप मड़िया बांध का निर्माण कर 270.10 एमसीएम जल का भंडारण किया जाना है। सिंचाई की आवश्यकता के अलावा 21 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करने के उपरांत पानी नदी में पुनः छोड़ दिया जायेगा। 
उक्त जल का पुनः भंडारण करने हेतु मड़िया बांध के डी./एस. में ग्राम मूलना मानगढ़, राहतगढ़ के समीप 71 मि.घ.मी. क्षमता का चकरपुर बांध निर्माण कर प्रेशराइज्ड पाईप के द्वारा सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से राहतगढ़, खुरई, बीना एवं मालथौन विकासखण्डों की 90,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाना प्रस्तावित है। 
     नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने समीक्षा बैठक में कहा था कि बीना नदी परियोजना के बांधों की प्रगति का प्रत्यक्ष अवलोकन करने के लिए वे स्वयं 31 दिसम्बर, 21 को बीना नदी परियोजना की साइटों का दौरा कर कार्य की प्रगति देखेंगे।
     मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि, जलजीवन मिशन के तहत खुरई विकासखंड के ग्रामों को मढ़िया व चकरपुर बांधों से पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। कार्य की समयावधि बताते हुए जानकारी दी गई कि वर्ष 2022 के अंत तक 14239 हेक्टेयर, नवम्बर 2023 तक 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की पाइप लाईन का कार्य पूर्ण होगा। मालथौन के 17450 हेक्टेयर तथा खुरई के 14319 हेक्टेयर कृषि भूमि तक समय सीमा में पाइपलाईन पहुंच जाएगी। नहरें बनाने का कार्य नवम्बर 2023 में पूर्ण कर लिया जाएगा। मंत्री श्री सिंह ने अधिकारियों से पाईपलाइन की शीघ्र व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
     बीना नदी परियोजना से खुरई विकासखण्ड के 174 गांव में घर-घर नल से पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। जिसकी लागत 456 करोड़ रूपए है। इसी तरह बण्डा वृहद परियोजना से मालथौन विकासखण्ड के 174 ग्रामों में 365 करोड़ की लागत से घर-घर पेयजल सप्लाई होगा।
     इस अवसर पर बिना विधायक महेश राय, कलेक्टर दीपक आर्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी क्षतिज सिंघल, अनुविभागीय अधिकारी राहतगढ़ देवेंद्र सिंह, अधीक्षण यंत्री चकरपुर मडिया डेम अनिल पिपरी, योगेश भोसले थाना प्रभारी, आनंद राज सहित भाजपा नेता, कार्यकर्ता एवं अन्य अधिकारी एवं ग्राम जन्म मौजूद थे। 

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कांग्रेस सेवादल के दल दिवस सप्ताह का हुआ समापन


कांग्रेस सेवादल के दल दिवस सप्ताह का हुआ समापन

सागर ।वर्ष के अंतिम सप्ताह को कांग्रेस सेवादल परिवार दल दिवस के रूप में मनाता है। इसी श्रृंखला में शहर कांग्रेस सेवादल परिवार ने 25 दिंसबर से 31 दिंसबर तक शहर के विभिन्न क्षेत्रों मनाया। इस दौरान सेवादल ने गरीब बच्चों को स्वेटर वितरण,प्रभात फेरी,झंडा वादन,कांग्रेस स्थापना दिवस आदि कार्यक्रम किये।
आज इस अभियान के अंतिम दिन पहलवान बब्बा मंदिर प्रागंण और पीली कोठी प्रागंण पर गरीब-निसहायों को कंबल बांटकर इस अभियान का समापन किया।
इस अवसर पर सेवादल के जिला शहर अध्यक्ष सिंटू कटारे ने कहा कि दल दिवस अभियान राजनीति से परे अभियान है जिसमें गरीब निसहायों की सेवा का दायित्व सेवादल परिवार उठाता है और यह सेवा करके आत्म संतुष्ठि प्राप्त होती है।

आज सिंटू कटारे के साथ प्रदेश सहसचिव द्बारका चौधरी,ब्लाकाध्यक्ष प्रीतम यादव,आनंद हैला,कल्लू पटैल,नितिन पचौरी,रामगोपाल यादव,अंकुर यादव, अमर श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।


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Govind Sirvya

 
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पुत्र पर हमेशा नजर ,और पुत्री को हमेशा संग रखें : कमल किशोर नागर जी ★ श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा सप्ताह का आयोजन, कथा सुनने ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंच रहे श्रद्धालु


पुत्र पर हमेशा नजर ,और पुत्री को हमेशा संग रखें : कमल किशोर नागर जी
★ श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा सप्ताह का आयोजन,
 कथा सुनने ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंच रहे श्रद्धालु

सागर| ग्राम पटकुई बारारू स्थित वृंदावन धाम परिसर में आयोजित श्रीमद् ज्ञान गंगा भागवत कथा सप्ताह के पांचवे दिवस कथा वाचक संत श्री कमल किशोर नागर जी ने कहा कि जीवन में हमेशा ध्यान रहे कि अपने पुत्र या लड़के को हमेशा नजर में रखना और लड़की, पुत्री को हमेशा संग में रखना। बेटी संभाल कर रखने के लिए है।चाहे जहां बैठने ,भेजने, देखने  की वस्तु नहीं है। बेटी, बेटे से कई गुना ठीक होती है ।
संत श्री नागर जी ने श्रद्धालु श्रोताओं से कहा कि आजकल बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद हो रहा है ।बेटी को हम पढ़ा तो सकते हैं लेकिन सुरक्षित कैसे रखें ।बिगड़ने के लिए शासन ने ही मोबाइल दे रखा है। बेटियां बहुत अच्छी होती हैं, उन्हें सुरक्षित रखने की जरूरत होती है। शासन-प्रशासन तो सुरक्षा में लगा है ,लेकिन हमें ऐसे दादाओ की जरूरत है जो कि बहनों की इज्जत बचा सके, ऐसे नहीं जो बहनों की इज्जत लुटे। उन्होंने आह्वान किया है कि दादा तैयार करना है तो कृष्ण जैसे करो, जिन्होंने द्रौपदी की लाज बचाई, गोपियों को ज्ञान दिया ।कृष्ण ने गाय और कन्याओं की रक्षा की ।वर्तमान में ऐसे ही दादाओ की जरूरत है। यदि आपके पास धन है, बल है , तो धन वहां लगाओ जहां कोई निर्धन दिखें और बल वहां लगाओ जहां कोई निर्बल दिखे। धन और बल का हमेशा सदुपयोग करो।

 तुलसी और गीता हमेशा साथ रखें:-
संत श्री नागर जी ने कहा कि ऐसी  औलाद पैदा करने का क्या मतलब जब वह तुम्हारे काम ना आए। इसलिए हमेशा भजन में ध्यान लगाओ।गीता साथ में रखो। संत श्री ने कहा कि यह परंपरा हमारे पुरखों से चली आ रही है कि शर्ट या कुर्ते में जेब बाईं तरफ होती है, इसका कारण

है कि शर्ट या कुर्ते में जेब बाईं तरफ होती है, इसका कारण है कि लोग  पहले इसमें गीता रखते थे, यानी भगवान का वास ह्रदय के पास होता था ।अब ह्रदय के पास बने जेब से गीता गायब है और मोबाइल, चश्मा आदि डाल रखा है।  गीता पास रहेगी और तुलसी हमेशा मुंह में रहेगी फिर कभी भी गाड़ी आ जाए , हम जाने के लिए तैयार है। लेकिन तुम्हें लेने कोई और नहीं गोविंद आएगा।
 
वर्ष में एक बार कथा अवश्य सुनाएं:-
 संत कमल किशोर नागर जी ने कहा कि भगवान ने जिन्हें सक्षम, सबल बनाया है ।वह अपने गांव में ,शहर में, वर्ष में एक बार लोगों को कथा आयोजन कराने का मौका ना  चुके। कथा श्रवण कराने से पुण्य ही मिलेगा। पैसा मिला है ,तो बुद्धि भी सत्कर्म में लगाओ  क्योंकि पैसा सबसे पहले बुद्धि भ्रष्ट करता है, सब उलट-पुलट कर रख देता है ।वर्तमान युग में भागवत कथा ही आपको बचा सकती है ,उद्धार कर सकती है ।भजन में समय लगाओगे भगवान अवश्य मिलेगा।

गधों के लिए नहीं, गाय के लिए कमाओ:-
 संत श्री ने कहा कि आपके पास सब कुछ है लेकिन संतान मूर्ख है तो फिर आप किस आपाधापी में लगे हो। जिनके यहां गधा पैदा हुए हैं  उन्हें मालूम तो पड़ गया होगा ।लोग गाय ,हाथी, घोड़ा यहां तक की मुर्गी के लिए घर बनाते हैं, लेकिन कभी आपने सुना कि किसी ने गधे के लिए घर बनाया हो ।अगर संतान गधा है  तो फिर उसके लिए जोड़ने , घर बनाने, कमाने का क्या मतलब। रात्रि 12:00 बजे के बाद यदि संतान घर में आए तो, दरवाजा मत खोलना वरना आप भी गधे  से कम नहीं हो। अगर संतान गधा के समान है तो उसके लिए नहीं बल्कि गाय के लिए कमाओ जो तुम्हें पूछ पकड़ कर वैतरणी पार करा दे।

कथा केवल तुलसी पत्र से होती है:-
संत श्री जी ने कहा कि लोगों को भ्रांति होती है  कथा में लाखों रुपए खर्च होते हैं। लेकिन यह व्यवस्था की बात है। कथा तो केवल तुलसी पत्र से होती है ।कथा सत्संग जहां भी हो वहां जाने से मत चूकना ।कथा में किसी को परिजन नहीं आने दे रहे , तो किसी

को  उसका पाप नहीं आने दे रहा ।पाप कभी बूढ़ा नहीं होता ।यदि जिंदा बच गया तो फिर साथ आएगा ।इसको कम करने का प्रयास ही सत्संग है। कोई सद् वचन, प्रसाद रूपी प्रभु की दृष्टि कही बटे तो हर कमी दूर हो जाती है ।कथा में तो बैकुंठ वाला धरती पर आ जाता है, तो फिर हम इसे सुनने से क्यों चूकें।

राम से बड़ी राम की कथा:
 भगवान राम की गुरु माता ने दीक्षा में मदयंती के कुंडल मांगे थे क्योंकि मदयंती  ने जिस आस्था ,संयम, साधना के साथ कथाएं सुनी वह कान में तो गई, लेकिन कुंडल में इकट्ठे हो गई। गुरु माता  को राम तो मिल गए थे लेकिन उनकी कथा नहीं मिली थी ।राम से बड़ी राम की कथा है। राम तो सहज नहीं मिल सकते उनकी कथा ही मिल जाए तो ही पर्याप्त है। कथा सुनने से कुंडल बन जाती है। कथा गोल चलती घड़ी की तरह है, इसलिए उसमें पावर रहता है ।लंबी करोगे तो पावर चल पाएगा। इसलिए कथा को कुंडल बनाओ ।कथा में आनंद की तलाश करो , सुख की नहीं। जीवन में सुख कहीं नहीं है। हम दुख को सुख समझकर उसके  पीछे भाग रहे हैं ,जो हमें दुखदाई है।कथा श्रवण मे ही सच्चा सुख,आनंद है।

कृष्ण लीलाओं का वृतांत सुनाया:
संत श्री नागर जी ने श्रीमद्भागवत कथा में कहा कि भगवान ने पूतना को मारा नहीं, तारा है ।भगवान मारते नहीं तारते हैं। उन्होंने भगवान द्वारा किए गए महारास एवं गोपियों को दिए गए ज्ञान की कथा तथा भगवान कृष्ण की बाल लीला का विस्तार से वर्णन किया।

गुरु परिवार का सम्मान :-
कथा में समर्पण भाव से जुटे जगदीश गुरु ,विनोद गुरु का संत श्री ने हाट केश्वर धाम का प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। इस अवसर पर यजमान श्रीमती राम श्री, श्याम केशरवानी ,डॉक्टर सुशील तिवारी, विधायक प्रदीप लारिया ,राकेश राय, मदन सिंह राजपूत ,खनिज विकास निगम उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर ,भगवान सिंह रघुवंशी, राजेश केशरवानी आदि उपस्थित थे।
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भांजे का विवाह कर लौट रहे मामा-मामी, ममेरा भाई सहित 6 की मौत ★कार एक्सीडेंट में पति-पत्नी, बेटे की हुई मौत से खत्म हो गया पूरा परिवार

 भांजे का विवाह कर लौट रहे मामा-मामी, ममेरा भाई सहित 6 की मौत
★कार एक्सीडेंट में पति-पत्नी, बेटे की हुई मौत से खत्म हो गया पूरा परिवार

बैतूल। चंद घंटे पहले जो परिवार दुल्हे को सेहरा सजा हुआ घोड़ी पर बैठा हुआ देखकर बारात के सामने नृत्य करते हुए लोगों को देखकर खुशियां मना रहा था और नाचने वाले लोगों की न्यौछावर कर बलाएं ले रहा था उसी परिवार के पांच लोगों की एक साथ कार एक्सीडेंट में हुई मौत से समूचे परिवार के लोग दहल उठे। देखते ही देखते समूची खुशियाँ मातम में तब्दील हो गई। जोगली के पास कार एक्सीडेंट में हुई 6 लोगों की मौत में दुल्हन के मामा-मामी, ममेरा भाई सहित चढ़ोकार दम्पत्ति भी शामिल हैं। इनमें से चढ़ोकार दम्पत्ति का जहां गुरूवार को भैंसदेही में अंतिम संस्कार किया गया वहीं तीन लोगों का अंतिम संस्कार बैतूल के कोठीबाजार मोक्षधाम में किया गया। इस घटना को जिस किसी ने भी सुना वह दहल उठा।
जोगली के पास रात्रि 2 बजे हुआ हादसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार बैतूल-इंदौर नेशनल हाईवे-59 ए पर जोगली 132 केवी बिजली स्टेशन के सामने बुधवार की रात्रि लगभग 2 बजे एक कार क्रमांक mp 09/सीजे 7018 सड़क किनारे पेड़ से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। कार में राजकुमार चढोकार (38) उनकी पत्नी शोभा (35), अनिल श्रीराम घोड़की (45), 23 साल का बेटा निशांत घोड़की और बहू हेमलता पति अनिल घोड़की की मौत हो गई। हेमलता घोड़की ने भोपाल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। दीपा पति बलवंत कुंभारे की नागपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई। राजकुमार और शोभा चढ़ोकार गोरेगांव झल्लार के निवासी हैं।  चिचोली टीआई अजय सोनी के मुताबिक कार निशांत चला रहा था।
टेमागांव में भांजे की शादी से लौट रहा था परिवार
अनिल उर्फ गोलू घोड़की पेशे से बस मैकेनिक था। दो साल पहले गांव आमला (बैतूल) से आकर इंदौर में बस गया था। भांजा कमलेश लोखंडे मर्चेंट नेवी में है। उसकी बारात भैंसदेही सिरजगांव (बैतूल) से हरदा के टेमागांव गई थी। इसी शादी से लौटते वक्त परिवार हादसे का शिकार हो गया। अनिल के परिवार में उनके अलावा पत्नी और बेटा ही बचे थे। 2008 में बैतूल के करबला घाट पर होली वाले दिन बाइकों की भिड़ंत में अनिल के छोटे बेटे निक्की की मौत हो गई थी। बड़ा बेटा निशांत गुजरात की एक कंपनी में जॉब करता था।
सीएम ने हादसे पर जताया शोक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैतूल-इंदौर नेशनल हाइवे पर हुए भीषण सडक़ हादसे में 6 लोगों के असमय निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति एवं परिजन को यह दुख सहन करने का सम्बल प्रदान करने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने घायलों के बेहतर उपचार और पीडि़त परिवार को उचित सहायता प्रदान करने के निर्देश दिये हैं।
क्यों घटी यह भीषण दुर्घटना?
कार के पेड़ से टकराए जाने की दुर्घटना आखिरकार क्यों घटित हुई? पुलिस और स्थानीय निवासियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार-गुरूवार की रात्रि के दरम्यिान जहां कोहरा था वहीं घुमावदार मोड़ भी है जहां हमेशा दुर्घटनाएं होते रहती हैं। इसके अलावा नींद भी एक कारण हो सकती है जिसकी वजह से इतना भीषण हादसा घटित हुआ। जोगली के पास 132 केवी स्टेशन के समीप मोड़ पर जहां यह दुर्घटना घटित हुई है इस स्थान पर अधिकांशत: दुर्घटनाएं होते रहती है इसलिए इसे डेंजर स्पॉट के रूप में जाना -पहचाना जाता है। इस रोड पर एक सैकड़ा से भी ऊपर जाने जा चुकी है। एनएच की लापरवाही का आलम यह है कि यहां मोड़ एवं दुर्घटना संभावित स्थल का चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगा है, इसलिए यहां अक्सर भीषण दुर्घटनाएं होती रहती है।
पुलिस को ऐसे मिली दुर्घटना की जानकारी
पुलिस ने बताया कि एनएच से गुजर रहे किसी वाहन चालक ने दुर्घटना देखी तथा डायल 100 को कॉल किया, तब चिचोली पुलिस, डायल हंड्रेड एवं संजीवनी एंबुलेंस घटनास्थल पहुंची। संजीवनी एंबुलेंस के इएमटी योगेश पंवार एवं पायलट ने घायलों एवं मृतकों को चिचोली अस्पताल पहुंचाया। गंभीर रूप से घायल हेमलता की बैतूल तथा बैतूल से भोपाल ले जाते समय रास्ते में ही मृत हो गई। दूसरी गंभीर रूप से घायल महिला दीपा पति कुंभारे निवासी भडूस की नागपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई।
कुशल मोटर मैकेनिक था अनिल उर्फ गोलू
अनिल उर्फ गोलू कुशल मोटर मैकेनिक था जिसकी कुछ वर्ष पूर्व लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम के पास गैरेज भी था। वर्तमान में वह इंदौर में उसका मोटर गैरेज संचालित कर रहा था। वही उनका इंजीनियर पुत्र लक्की उर्फ निशान जॉब करता था। इसके अलावा गोरेगांव आमला निवासी उसका ममेरा भाई राजू चढोकार गांव का एक संपन्न किसान था। कार भडूस निवासी बलवंत कुंभारे की है। इस तरह शादी समारोह से लौट रहे दो परिवार हादसे का शिकार होकर काल कवलित हो गए।

पुत्र-पुत्री के सिर से उठा माता-पिता का साया

एक साथ उठी चढ़ोकार दम्पत्ति की अर्थी, नम आंखों से अंतिम विदाई
कार दुर्घटना में गोरेगांव निवासी राजकुमार चढोकार एवं उनकी पत्नी शोभा चढ़ोकार की मौत हो जाने से उनके उनका बेटा भावेश (16) और बेटी रियांशी (13) के सिर से माता-पिता का साया उठ गया। मम्मी पापा की मौत की खबर सुनते ही दोनों का रो-रोककर बुरा हाल हो गया था। दोनों की अर्थी एक साथ  उठी तो समूचे गोरगांव सहित आसपास के क्षेत्रों में मातम व्याप्त हो गया। सभी ने नम आंखों से चढ़ोकार दम्पत्ति को अंतिम विदाई दी।  
तीन लोगों का कोठीबाजार मोक्षधाम में हुआ अंतिम संस्कार
कार दुर्घटना में काल कवलित हुए अनिल उर्फ  गोलू घोड़की, श्रीमती हेमलता घोड़की एवं निशांत घोड़की का गुरूवार देर शाम कोठीबाजार स्थित मोक्षधाम में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में स्वजातीय बंधुओं, शहर के नागरिकों, परिजनों, ईष्टमित्रों सहित अन्य लोगों ने शामिल होकर दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी।
लोनारी कुंबी संगठन ने दी श्रद्धांजलि
कुंबी समाज के एक साथ 6 लोगों की मौत हो जाने से लोनारी कुंबी समाज संगठन ने दिवंगत लोगों को अश्रुपूरित श्रद्धासुमन अर्पित की। इस दौरान अंतिम यात्रा में राजनैतिक पार्टियों के जनप्रतिनिधियों, विधायक, पत्रकार बंधु, सामाजिक वर्ग, स्वजातीय बंधु और भैंसदेही ब्लाक के क्षत्रिय लोणारी कुनबी संगठन ब्लॉक अध्यक्ष सहित संगठन के समस्त पदाधिकारियों ने नम आंखों से श्रृद्धांजलि अर्पित की परिवार को शोक संवेदना दी।
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बुंदेलखंड के छात्र-छात्राओं को केंद्रीय विश्वविद्यालय में 50 फीसदी आरक्षण दिलाने प्रयास जारी : मंत्री भूपेन्द्र सिंह ★ 14 करोड़ की राशि से बने ऑडिटोरियम को लोकार्पण


बुंदेलखंड के छात्र-छात्राओं को केंद्रीय विश्वविद्यालय में 50 फीसदी आरक्षण दिलाने  प्रयास जारी  : मंत्री भूपेन्द्र सिंह

★ 14 करोड़ की राशि से बने ऑडिटोरियम को लोकार्पण

सागर 30 दिसम्बर 2021 ।  मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास  अंतर्गत नगर निगम द्वारा मोतीनगर चैराहा के पास 14 करोड से अधिक की लागत से बनाये गए महाकवि पद्माकर सभागार का नगरीय विकास एवं आवास मंत्री .श्री भूपेन्द्र सिंह ने लोकार्पण किया। इस मौके पर नगर विधायक श्री शैलेन्द्र जैन, श्री गौरव सिरोठिया, , श्री राजेंद्र सिंह मोकलपुर, श्री सुशील तिवारी ,संभाग आयुक्त एवं प्रशासक श्री मुकेश शुक्ला, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, नगर निगम आयुक्त श्री आर पी अहिरवार, स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ.श्री राहुलसिंह के साथ जनप्रतिनिधिगण एवं नागरिकगण उपस्थित है। इस मौके पर मंत्री सहित जनप्रतिनिधियों ने पूरे सभागार का जायजा भी लिया।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में मंत्री श्री भपूेन्द्र ंिसह ने सभागार निर्माण को शहर को मिली बड़ी उपलब्धि बताते हुये कहा कि सागर का कर्ज चुकाने का मेरा संकल्प है और मैं सागर को महानगरों की तर्ज पर विकसित करके अपने कर्ज चुकाने रहा हूं मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि आने वाले 2 वर्षों में सागर का नक्शा बदल जाएगा और सागर महानगरों की श्रेणी में शामिल होगा ।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सागर विधायक एवं जिला प्रशासन द्वारा जो लगातार विकास के लिए प्रयास एवं इच्छा शक्ति से जो कार्य किए जा रहे हैं इसी के कारण आज सागर विकास की राह पकड़ चुका है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सागर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की बात हो चाहे सागर में मेडिकल कॉलेज खोलने की बात हो मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा नगर के विकास के लिए तत्परता से कार्य करते हुए सागर को सौगात दी है ।

उन्होंने कहा कि सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय में रोजगार मुखी विषय प्रारंभ करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं साथ ही डॉ हरिसिंह गौर की उस सपने को भी पूर्ण करने के लिए समस्त प्रयास किए जा रहे हैं जिसमें सागर सहित संपूर्ण बुंदेलखंड के छात्र-छात्राओं को सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय में 50 प्रतिषत आरक्षण मिल सके । 


मंत्री श्री सिंह ने कहा कि बड़ा सौभाग्य बड़ी सौभाग्य की बात है कि सागर का चयन स्मार्ट सिटी के रूप में हुआ और मैं इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि सागर स्मार्ट सिटी बनने से 1000 करोड़ रूपीस से अधिक के कार्य निरंतर चल रही हैं और आने वाले समय में और भी राशि के विकास कार्य प्रारंभ किए जाएंगे।
 
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सागर की लंबे समय से जो मांग थी वह आज ऑडिटोरियम के रूप में पूरी हुई है और यह ऑडिटोरियम बनने से सागर में सांस्कृतिक एवं अन्य कार्य किए जा सकेंगे  । उन्होंने कहा कि मेरा बड़ा सौभाग्य है कि जिस चीज का मैंने भूमि पूजन गृह मंत्री के तौर पर किया था आज उसी चीज का लोकार्पण नगरीय विकास मंत्री के रूप में कर रहा हूं । उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्य करने के लिए भगवान का आशीर्वाद एवं आप सब का सहयोग आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि अभी 2 वर्ष मैं सागर के लिए बहुत कुछ करना है जिससे सागर नई ऊंचाइयों के नाम से पहचाने स्थापित कर सके।

विधायक श्री शैलेन्द्र जैन ने कहा कि  सागर धीरे-धीरे महानगर की ओर बढ़ रहा है उन्होंने कहा कि यह ऑडिटोरियम बनने से समस्त वर्गों कि व्यक्तियों को लाभ होगा। मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं कि मंत्री श्री सिंह के प्रयास से सागर महानगरों की तर्ज पर विकास कर रहा है और आने वाले समय में अगर महानगरों की सूची में अपना नाम स्थापित करेगा ।

उन्होंने कहा कि मोतीनगर क्षेत्र में स्थापित आजाद गार्डन के सामने बन रहे मंगल भवन का कार्य भी शीघ्र गति से हो इसके भी प्रयास शीघ्र ही प्रारंभ किए जाएंगे। उन्होंनेे कहा कि यह आपकी अपनी संपत्ति है जिसे सहेज कर एवं संभाल कर

रखना होगा जिससे लंबे समय तक इसका लाभ हम सबको मिल सके। उन्होंने मंत्री श्री सिंह के सामने मांग रखी कि ऑडिटोरियम के संचालन एवं संधारण के लिए कोई एजेंसी नियुक्त हो जिससे इस ऑडिटोरियम का संचालन सुचारु रुप से किया जा सके।
श्री गौरव सिरोठिया ने कहा कि ऑडिटोरियम बनने से सागर मैं विकास की राय पकड़ ली है और आने वाले समय में सागर का संपूर्ण विकास होगा।

नगर निगम कमिश्नर श्री आरपी अहिरवार ने स्वागत भाषण देते हुए बताया कि कि नगर का प्रथम ऑडिटोरियम में आधुनिक सुविधायें सुसज्जित है जिसमें सभागाररू- लगभग 14 करोड़ 35 लाख की लागत से बनाये इस 700 सीटर महाकवि पद्माकर सभागर को महानगरों की तर्ज पर आधुनिक सविधाओं से सुसज्जित किया गया है ताकि इसका उपयोग संभाषण, सम्म्ेलन, सेमीनार एवं अन्य कार्यक्रमों में उपयोग किया जा सकेे। इसमें सुविधाओं के तौर पर 700 सीटें है जिसमें 600 भूतल पर और 100 सीट बालकनी पर है। सभागार में सेंटर ए.सी.सिस्टम, फायर फाईटिंग सिस्टम , हाॅल हेतु कम्प्यूटराईज लाईटिंग सिस्टम, कलाकारों हेतु दोनों तलों पर चेंजिंग रूम, दो अतिथि कक्ष, महिला-पुरूष के साथ दिव्यागोें को भी प्रशाधन सुविधायें बेसमेंट पार्किंग, पार्क, फाऊटेंन और परिसर के चारों ओर कांक्रीट सड़क और सुरक्षा दीवार पर सुंदर चित्रकारी भी बनायी गई है। सभागार के चारों और एल.ई.डी.लाईट स्ट्रीट लाईटंे लगायी गई है।


मंच पर प्रदर्शन के दौरान सतरंगी आधुनिक कम्प्यूटाईज लाईटिंग लगायी गई है,जिसमें 8 सारपी लाईटें जो मंच पर फोकस देंगी, तो लगभग 76 एम.एस.एल.ई.डी.लाईटें भी मंच को सतरंगी रोशनी से प्रकाशमय करेंगी तो सभागार में अंदर प्रकाश व्यवस्था में एल.ई.डी.लाईटें लगायी गई है वहीं दीवारों पर भी बालवेसर रंग बिरंगी लाईटें लगायी गई है। जिससे दीवारों का रंग परिवर्तित होता रहेगा अंधेरे भी कुर्सियों के बीच आने जाने के रास्ते में सीढ़ियों स्ट्रिप लाईटें लगी है ताकि सीढ़ियास्पष्ट दिखाई दें साथ ही मंच पर लगे बड़े परदों को खोलने के लिये रिमोर्ट का इस्तेमाल किया जायेगा।

इस प्रकार नगर निगम द्वारा इस सभागर के रूप में नगरवासियों को एक सौगात दी गई है ताकि बडे-बडे कार्यक्रम और लोककलाओं की प्रस्तुति हेतु एक सुसज्जित स्थान प्राप्त होगा। कार्यक्रम के पूर्व में मंत्री श्री सिंह सहित समस्त अतिथि द्वारा कन्या पूजन किया एवं सरस्वती पूजन भी किया कार्यक्रम के अंत में रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अरविंद जैन द्वारा किया गया। 



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मेडिकल एजुकेशन में राजस्व अधिकारी की नियुक्ति, दूसरे दिन भी विरोध जारी, बीएमसी परिसर में हुआ सुंदरकांड भंडारा

मेडिकल एजुकेशन में राजस्व अधिकारी की नियुक्ति, दूसरे दिन भी विरोध जारी, बीएमसी परिसर में हुआ सुंदरकांड भंडारा

सागर। मध्य प्रदेश शासन के राजस्व अधिकारियों की जो दिन दूनी रात चौगनी वृद्धि हो रही है ,उसकी उत्तरोत्तर वृद्धि की मंगल कामना के साथ ,सागर के समस्त चिकित्सा समुदाय ने बीएमसी शिव मंदिर प्रांगण में सुंदर काण्ड का पाठ एवं भंडारे का आयोजन किया ।
इस अवसर पर राष्ट्रीय आईएमए के सदस्य डॉ सिरोठिया ने शासन के मेडिकल एजुकेशन में डिप्टी कलेक्टर को बैठाने के आदेश का पुरजोर विरोध किया,नर्सिंग होम एसोसिएशन के dr संजीव मुखराया एवम dr मनीष झा ने दैनिक प्राइवेट प्रैक्टिस के महंगे होने की वजह शासन द्वारा थोपे गए विभिन्न करो को बताया  फिजिशियन एसोसिएशन के डॉ प्रदीप चौहान ने बताया चिकित्सा शिक्षा एक वैज्ञानिक विषय  है।
चेस्ट विशेषज्ञ डा ताल्हा के अनुसार विदेशो की गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सेवाओं की मूल वजह उच्च पदों पर टेक्निकल आदमी का आसीन होना होता है,
Dr मोनिका जैन के अनुसार अस्पताल या क्लिनिक खोलने में २० से २२ परमिशन लगती है। Dr पिंकेश गहलोत तथा उमेश पटेल ने आंदोलन कर आगे जोरदार विरोध करने की जरूरत बताई। अंत में प्रोफेसर dr सर्वेश जैन ने पिछले बीस बरस में स्वास्थ्य सेवाओं एवम मेडिकल एजुकेशन के पतन के लिए नीतिगत निर्णय लेने वाली पोस्ट पर राजस्व अधिकारियों की नियुक्ति बताई,उनके अनुसार अखिल भारतीय सेवा नियमो की वजह से यह अधिकारी निरंकुश होते है,
वर्तमान कोरोना की त्रासदी की अव्यवस्था के मूल में भी पढ़े लिखे अंगूठा छाप लोगो का कुर्सी पर बैठना बताया,
फिलहाल प्रदेश में मेडिकल यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर एवम मेडिकल काउंसिल का चेयरमैन राजस्व अधिकारी है।  इस अवसर पर सागर जिले के सारे सरकारी एवम प्राइवेट  एमबीबीएस डॉक्टर उपस्थित थे। सुंदरकांड के बाद सबने भंडारा किया। 
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SAGAR : कंटेनर से 4 करोड के मोबाईल फोन चुराने वाला कंटेनर का चालक चढा पुलिस के हत्थे

SAGAR : कंटेनर से 4 करोड के मोबाईल फोन चुराने वाला कंटेनर का चालक चढा पुलिस के हत्थे


सागर।  पुलिस अधीक्षक महोदय सागर श्री तरूण नायक के मार्गदशन एवं  अति0 पुलिस अधीक्षक  विकम सिंह कुशवाहा, एसडीओपी  अनुराग पांडेय के निर्देशन मे थाना प्रभारी सरखी के नेतत्व मे थाना सुरखी अपराध कमांक 286/2021 धारा 406.407 ताहि के आरोपी इरशाद पिता खान मोहम्मद निवासी अलीमेव थाना वहीन जिला पलवल हरियाणा के द्वारा कंटेनर से करीब 04 करोड 07 लाख रूपये के
इलेक्ट्रानिक सामग्री अमेजॉन कंपनी का माल चेन्नई से गुडगाँव जाते समय सुरखी थाना अंतर्गत फोर लाईन मेवाती ढाबा के पास कटिंग करने पर करीब छ: माह पहले थाना सुरखी पुलिस द्वारा आरोपी इरशाद पिता खान मोहम्मद निवासीअलीमेव थाना वहीन जिला पलवल हरियाणा के विरूद्ध पंजीबद्ध किया।  आरोपी पर श्रीमान पुलिस अधीक्षक सागर के द्वारा 2000 रू0 का ईनाम उद्घोषित किया गया।  प्रकरण में लगातार सक्रीयता दिखाते हुये आरोपी एवं गये माल मशरूका की पतारसी हेत् सकिय मुखबिर सक्रीय किये गये।
उक्त प्रकरण मे सागर पुलिस टीम के द्वारा मुखबिर की सूचना पर मशक्कत
एवं सक्रियता से आरोपी इरशाद पिता खान मोहम्मद निवासी अलीमेव थाना वहीन जिला पलवल हरियाणा को उसके रहवासी स्थान से गिरफ्तार किया एवं तत्परता पूर्वक आरोपी से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछतांछ की गई जिसने अपने अन्य छ: साथीयो के साथ मिलकर
घटना को अंजाम देना बताया। उक्त प्रकरण मे आरोपी की गिरफ्तारी मे सागर पुलिस टीम उपनिरी0 सुनील शर्मा थाना केंट, उपनिरी0 सत्यव्रत धाकड चौकी प्रभारी ढाना थाना सुरखी, कार्य. प्रआर. राजबब्बर, आर0 लखन, थाना सुरखी आर0 1 प्रवीण जाट की सराहनीय भूमिका रही।

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बुंदेलखंड के छात्र-छात्राओं को केंद्रीय विश्वविद्यालय में 50 फीसदी आरक्षण दिलाने प्रयास जारी : मंत्री भूपेन्द्र सिंह ★ 14 करोड़ की राशि से बने ऑडिटोरियम को लोकार्पण




 
बुंदेलखंड के छात्र-छात्राओं को केंद्रीय विश्वविद्यालय में 50 फीसदी आरक्षण दिलाने  प्रयास जारी  : मंत्री भूपेन्द्र सिंह

★ 14 करोड़ की राशि से बने ऑडिटोरियम को लोकार्पण

सागर 30 दिसम्बर 2021 । 
मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास अंतर्गत नगर निगम द्वारा मोतीनगर चैराहा के पास 14 करोड से अधिक की लागत से बनाये गए महाकवि पद्माकर सभागार का नगरीय विकास एवं आवास मंत्री .श्री भूपेन्द्र सिंह ने लोकार्पण किया। इस मौके पर नगर विधायक श्री शैलेन्द्र जैन, श्री गौरव सिरोठिया, , श्री राजेंद्र सिंह मोकलपुर, श्री सुशील तिवारी ,संभाग आयुक्त एवं प्रशासक श्री मुकेश शुक्ला, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, नगर निगम आयुक्त श्री आर पी अहिरवार, स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ.श्री राहुलसिंह के साथ जनप्रतिनिधिगण एवं नागरिकगण उपस्थित है। इस मौके पर मंत्री सहित जनप्रतिनिधियों ने पूरे सभागार का जायजा भी लिया।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में मंत्री श्री भपूेन्द्र ंिसह ने सभागार निर्माण को शहर को मिली बड़ी उपलब्धि बताते हुये कहा कि सागर का कर्ज चुकाने का मेरा संकल्प है और मैं सागर को महानगरों की तर्ज पर विकसित करके अपने कर्ज चुकाने रहा हूं मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि आने वाले 2 वर्षों में सागर का नक्शा बदल जाएगा और सागर महानगरों की श्रेणी में शामिल होगा ।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सागर विधायक एवं जिला प्रशासन द्वारा जो लगातार विकास के लिए प्रयास एवं इच्छा शक्ति से जो कार्य किए जा रहे हैं इसी के कारण आज सागर विकास की राह पकड़ चुका है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सागर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की बात हो चाहे सागर में मेडिकल कॉलेज खोलने की बात हो मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा नगर के विकास के लिए तत्परता से कार्य करते हुए सागर को सौगात दी है ।

उन्होंने कहा कि सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय में रोजगार मुखी विषय प्रारंभ करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं साथ ही डॉ हरिसिंह गौर की उस सपने को भी पूर्ण करने के लिए समस्त प्रयास किए जा रहे हैं जिसमें सागर सहित संपूर्ण बुंदेलखंड के छात्र-छात्राओं को सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय में 50 प्रतिषत आरक्षण मिल सके ।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि बड़ा सौभाग्य बड़ी सौभाग्य की बात है कि सागर का चयन स्मार्ट सिटी के रूप में हुआ और मैं इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि सागर स्मार्ट सिटी बनने से 1000 करोड़ रूपीस से अधिक के कार्य निरंतर चल रही हैं और आने वाले समय में और भी राशि के विकास कार्य प्रारंभ किए जाएंगे।
 
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सागर की लंबे समय से जो मांग थी वह आज ऑडिटोरियम के रूप में पूरी हुई है और यह ऑडिटोरियम बनने से सागर में सांस्कृतिक एवं अन्य कार्य किए जा सकेंगे  । उन्होंने कहा कि मेरा बड़ा सौभाग्य है कि जिस चीज का मैंने भूमि पूजन गृह मंत्री के तौर पर किया था आज उसी चीज का लोकार्पण नगरीय विकास मंत्री के रूप में कर रहा हूं । उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्य करने के लिए भगवान का आशीर्वाद एवं आप सब का सहयोग आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि अभी 2 वर्ष मैं सागर के लिए बहुत कुछ करना है जिससे सागर नई ऊंचाइयों के नाम से पहचाने स्थापित कर सके।

विधायक श्री शैलेन्द्र जैन ने कहा कि  सागर धीरे-धीरे महानगर की ओर बढ़ रहा है उन्होंने कहा कि यह ऑडिटोरियम बनने से समस्त वर्गों कि व्यक्तियों को लाभ होगा। मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं कि मंत्री श्री सिंह के प्रयास से सागर महानगरों की तर्ज पर विकास कर रहा है और आने वाले समय में अगर महानगरों की सूची में अपना नाम स्थापित करेगा ।

उन्होंने कहा कि मोतीनगर क्षेत्र में स्थापित आजाद गार्डन के सामने बन रहे मंगल भवन का कार्य भी शीघ्र गति से हो इसके भी प्रयास शीघ्र ही प्रारंभ किए जाएंगे। उन्होंनेे कहा कि यह आपकी अपनी संपत्ति है जिसे सहेज कर एवं संभाल कर रखना होगा जिससे लंबे समय तक इसका लाभ हम सबको मिल सके। उन्होंने मंत्री श्री सिंह के सामने मांग रखी कि ऑडिटोरियम के संचालन एवं संधारण के लिए कोई एजेंसी नियुक्त हो जिससे इस ऑडिटोरियम का संचालन सुचारु रुप से किया जा सके।
श्री गौरव सिरोठिया ने कहा कि ऑडिटोरियम बनने से सागर मैं विकास की राय पकड़ ली है और आने वाले समय में सागर का संपूर्ण विकास होगा।

नगर निगम कमिश्नर श्री आरपी अहिरवार ने स्वागत भाषण देते हुए बताया कि कि नगर का प्रथम ऑडिटोरियम में आधुनिक सुविधायें सुसज्जित है जिसमें सभागाररू- लगभग 14 करोड़ 35 लाख की लागत से बनाये इस 700 सीटर महाकवि पद्माकर सभागर को महानगरों की तर्ज पर आधुनिक सविधाओं से सुसज्जित किया गया है ताकि इसका उपयोग संभाषण, सम्म्ेलन, सेमीनार एवं अन्य कार्यक्रमों में उपयोग किया जा सकेे। इसमें सुविधाओं के तौर पर 700 सीटें है जिसमें 600 भूतल पर और 100 सीट बालकनी पर है। सभागार में सेंटर ए.सी.सिस्टम, फायर फाईटिंग सिस्टम , हाॅल हेतु कम्प्यूटराईज लाईटिंग सिस्टम, कलाकारों हेतु दोनों तलों पर चेंजिंग रूम, दो अतिथि कक्ष, महिला-पुरूष के साथ दिव्यागोें को भी प्रशाधन सुविधायें बेसमेंट पार्किंग, पार्क, फाऊटेंन और परिसर के चारों ओर कांक्रीट सड़क और सुरक्षा दीवार पर सुंदर चित्रकारी भी बनायी गई है। सभागार के चारों और एल.ई.डी.लाईट स्ट्रीट लाईटंे लगायी गई है।


मंच पर प्रदर्शन के दौरान सतरंगी आधुनिक कम्प्यूटाईज लाईटिंग लगायी गई है,जिसमें 8 सारपी लाईटें जो मंच पर फोकस देंगी, तो लगभग 76 एम.एस.एल.ई.डी.लाईटें भी मंच को सतरंगी रोशनी से प्रकाशमय करेंगी तो सभागार में अंदर प्रकाश व्यवस्था में एल.ई.डी.लाईटें लगायी गई है वहीं दीवारों पर भी बालवेसर रंग बिरंगी लाईटें लगायी गई है। जिससे दीवारों का रंग परिवर्तित होता रहेगा अंधेरे भी कुर्सियों के बीच आने जाने के रास्ते में सीढ़ियों स्ट्रिप लाईटें लगी है ताकि सीढ़िया स्पष्ट दिखाई दें साथ ही मंच पर लगे बड़े परदों को खोलने के लिये रिमोर्ट का इस्तेमाल किया जायेगा।

इस प्रकार नगर निगम द्वारा इस सभागर के रूप में नगरवासियों को एक सौगात दी गई है ताकि बडे-बडे कार्यक्रम और लोककलाओं की प्रस्तुति हेतु एक सुसज्जित स्थान प्राप्त होगा। कार्यक्रम के पूर्व में मंत्री श्री सिंह सहित समस्त अतिथि द्वारा कन्या पूजन किया एवं सरस्वती पूजन भी किया कार्यक्रम के अंत में रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अरविंद जैन द्वारा किया गया। 

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कौशल विकास के बिना आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना अधूरी- प्रो. बरतूनिया ★ डॉ. गौर कौशल विकास मेला का आयोजन


 कौशल विकास के बिना आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना अधूरी- प्रो. बरतूनिया


★ डॉ. गौर कौशल विकास मेला  का आयोजन 
 
सागर. 30 दिसंबर. डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के कम्युनिटी कॉलेज के तत्त्वावधान में डॉ. गौर कौशल विकास मेला आयोजित हुआ. आचार्य शंकर भवन में आयोजित मेले का उदघाटन मुख्य अतिथि बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ (उ.प्र) के कुलाधिपति डॉ. प्रकाश बरतूनिया और कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने फीता काटकर किया. प्रो. बरतूनिया ने कहा कि डॉ. गौर की धरती पर उद्यमी विद्यार्थियों का यह मेला अद्भुत है. इस विश्वविद्यालय से काफी महान हस्तियाँ देश-विदेश में परचम लहरा रही हैं. यहाँ आना मेरे लिए गौरव की बात है. एक विद्यार्थी सिद्धांत रूप में जो कुछ पढ़ता-समझता है, यह मेला उसका व्यावहारिक स्वरुप है. 

 कौशल विकास के बिना आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना अधूरी- प्रो. बरतूनिया

आत्मनिर्भर भारत और कौशल विकास में उच्च शिक्षण संस्थाओं की भूमिका विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह मेला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार कर रहा है. कौशल विकास के बिना आत्मनिर्भरता की संकल्पना अधूरी है. कोरोना महामारी के समय में मास्क और सैनेटाइजर जैसे आवश्यक वस्तुओं का घरेलू उत्पादन करके देश ने पूरी दुनिया के सामने एक मिशाल पेश किया है. स्किल डेवलेपमेंट का उद्देश्य ही यही है कि पढ़े-लिखे लोगों के अतिरिक्त कम पढ़े-लिखे लोग भी उद्यम कर सकते हैं. विश्वविद्यालय ऐसे उद्यमियों और ऐसे पाठ्यक्रम संचालित करने और उन्हें प्लेटफार्म उपलब्ध करने की यथोचित संस्था है. ऐसे प्रयास सभी उच्च शिक्षण संस्थाओं को करना चाहिए. उन्होंने कहा कि गाँवों के पारंपरिक हुनर और कौशल जैसे लोहे के उपकरण बनाना, काष्ठ कला आदि के पाठ्यक्रम भी संचालित किये जाने चाहिए.
 
आत्मनिर्भर सागर से बनेगा आत्मनिर्भर भारत- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता 

अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2021 की समाप्ति पर यह मेला नए साल के लिए एक सौगात के रूप में है. अल्प समय में आयोजित यह मेला एक बानगी भर है. आने वाले दिनों में वृहद् स्तर परइस तरह के आयोजन किये जाएंगे. आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना के तहत हम आत्मनिर्भर सागर के लिए तैयार हो रहे हैं. विश्वविद्यालय का प्रयास है कि यहाँ संचालित प्रत्येक विभाग एक कौशल विकास के पाठ्यक्रम संचालित करे. इस प्रयास से प्रत्येक विद्यार्थी के हाथों में डिग्री के साथ-साथ कौशल भी होगा. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के कौशल और प्रतिभा को निखारने के लिए जो भी संसाधन जरूरी होंगे वे उन्हें प्रदान किये जाएंगे. विद्यार्थी की प्रतिभा का सदुपयोग हो सके और उनकी प्रतिभा को बाजार तक पहुंचाने में विश्वविद्यालय एक प्लेटफ़ॉर्म की तरह है. एक कुशल एवं उद्यमी विद्यार्थी से प्रेरित होकर युवा पीढ़ी भी उद्यमिता की तरफ आगे बढ़ेंगे. यही हमें आत्मनिर्भरता की तरफ ले जाएगा. उन्होंने सभी विद्यार्थियों और पाठ्यक्रम समन्वयकों को इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं.
 
उद्यमी विद्यार्थियों ने साझा किये अपने अनुभव                                                                                                      
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत एवं पूर्व विद्यार्थियों ने अपने अनुभव भी साझा किये. पायल रिटोरिया, अनिल, लक्ष्मी, रुबीना सहित कई विद्यार्थियों ने बताया कि कम्युनिटी कालेज के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के माध्यम से कैसे उन्होंने स्वरोजगार स्थापित किया और आज समाज में उनकी एक अलग पहचान है.
 
कार्यक्रम में कम्युनिटी कॉलेज की नोडल अधिकारी प्रो. श्वेता यादव ने स्वागत भाषण दिया और संचालित पाठ्यक्रमों और गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी. अतिथियों का शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान भी किया गया.  कुलसचिव संतोष सोहगौरा ने अतिथियों और मेले में आये दर्शकों के प्रति आभार व्यक्त किया. संचालन डॉ. आशुतोष ने किया. इस अवसर पर प्रो अम्बिकादत्त शर्मा, प्रो. आर पी मिश्रा, प्रो. केके एन शर्मा, प्रो. पीपी सिंह, प्रो. यू.एस.गुप्ता सहित कई शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी, और सागर शहर के गणमान्य नागरिक, पत्रकार बंधु मौजूद रहे.   
 
हाथों से बने डिजाइनर परिधान रहे आकर्षण का केंद्र 
छात्रा रुबीना ने बताया कि कई उन्होंने और सहयोगियों ने टेक्सटाइल में डिप्लोमा की पढ़ाई करके अनेक डिजाइनर कपड़े, लहंगे, रुमाल, स्वेटर, मोज़े, अनेक तरह के उपयोगी बैग्स तैयार किये हैं जो लोगों को पसंद आ रहे हैं. इनकी कीमत भी बाजार से काफी कम है. 
 
मेले में दिखी सुई-धागे की अद्भुत कारीगरी और अनुपयोगी कागज़ से बनी सजावट की सामग्री  
छात्रा ऋतंभरा और पारुल ने बताया कि सुई और धागे से काफी महीन कारीगरी करके कान के आभूषण तैयार किये हैं. हाथों के कंगन भी रेशमी धागों से तैयार किये हैं जो काफी आकर्षक और टिकाऊ हैं. वेस्ट मैटेरियल मैनेजमेंट की छात्रा अदिति जैन एवं अंजलि ने बताया कि पुराने रद्दी, प्लास्टिक और अन्य अनुपयोगी सामग्री ने उन्होंने डेकोरेशन की काफी वस्तुएं तैयार की हैं. बंदनवार, पेंटिंग्स, कागज़ के झूमर, बास्केट, पेन स्टैंड आदि काफी आकर्षक और किफायती हैं.
 
मिट्टी और प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की बनी कलाकृतियों और पेंटिंग्स से हुआ भारत दर्शन   

पर्यटन में डिप्लोमा के विद्यार्थियों ने मिट्टी और प्लास्टर ऑफ़ पेरिस से बनी अनेक कलाकृतियाँ जैसे तंजौर का मंदिर, कोणार्क का सूर्य मंदिर, डॉ गौर की मूर्ति, अप्सरा, गौतम बुद्ध आदि सहित कई मूर्तियाँ प्रदर्शन और बिक्री के लिए रखीं. इसके अलावा देश भर के अनेक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों की पेंटिंग्स भी आकर्षित करने वाली रही.  
 
जैविक खाद, कीटनाशक के निर्माण और मशरूम कल्टीवेशन का हुआ सजीव प्रदर्शन  
मशरूम कल्टीवेशन के विद्यार्थियों ने जैविक खाद,मिट्टी के जैविक पोषकों, कीटनाशकों और मशरूम कल्टीवेशन के निर्माण की विधियां भी बताईं. साथ ही उन्होंने तैयार किये गये उत्पादों को भी बिक्री के लिए रखा. मशरूम पाउडर और अचार के प्रति भी दर्शकों का काफी रुझान रहा.   
 
मेले में खाद्य सामग्री की भी हुई बिक्री, विभिन्न पाठ्यक्रमों के परिचय के स्टाल भी लगे 

हाथ से बनी खाने वाली वस्तुयें भी मेला के दर्शकों का आकर्षण रहीं. मुरब्बा, अचार, कैंडीज, मुल्तानी मिट्टी, नीम और ग्लिसरीन से बने साबुन की भी काफी बिक्री हुई. बांस से बनी हुई कई सामग्री भी मेले में उपलब्ध रही. वाटर प्यूरीफिकेशन की तकनीक को दर्शाने वाले स्टाल पर भी काफी भीड़ रही. इसके अलावा विभिन्न रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के प्रति युवाओं के रुझान के लिए जानकारी प्रदान करने वाले स्टाल भी लगाये गये.इन स्टाल पर तनिष्का सोनी और आदित्य सोनी ने बताया कि मेला से हमे नए अनुभव मिले।  गौरतलब है कि वर्तमान में कौशल विकास के 19 रोजगारपरक पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं.
 
फन-गेम कार्नर में सबने भाग्य आजमाया 
विज्ञान के साथ-साथ मनोरंजन पर केंद्रित एक फन-गेम कॉर्नर भी उपलब्ध रहा. पानी से भरी बाल्टी में सिक्का डालने पर नीचे रखी एक कटोरी में सिक्के को गिराना था. शर्त यह थी कि जिसका सिक्का कटोरी में गिरेगा उसको दुगना पैसा वापस मिलेगा. इस खेल में बच्चों और बड़ों सबने भाग्य आजमाया. यह काफी आकर्षक और मनोरंजक रहा.
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वक्ता से सुधर जाओगे तो बुरा वक्त नहीं आएगा: नागर जी ★ श्रीमद् ज्ञानगंगा भागवत कथा का आयोजन ★ जय कन्हैयालाल की, के उद्घोष से गूंजा कथा पंडाल, भजन संकीर्तन पर जमकर नाचे श्रद्धालु

वक्ता से सुधर जाओगे तो बुरा वक्त नहीं आएगा: नागर जी

★ श्रीमद् ज्ञानगंगा भागवत कथा का आयोजन
 ★ जय कन्हैयालाल की, के उद्घोष से गूंजा कथा पंडाल, भजन संकीर्तन पर जमकर नाचे श्रद्धालु








सागर । कोई भी अच्छी बात कहे चाहे वह छोटा हो या बड़ा हो तो उसकी बात मानना चाहिए| वक्त और वक्ता में से वक्ता  से सुधर जाओगे तो कभी बुरा वक्त नहीं आएगा| मन को गुरु बनाया तो मन की सुनोगे और मनमानी करोगे इसलिए मन मुखी नहीं हमेशा गुरुमुखी बनो| वह तुम्हें हमेशा सही रास्ता दिखाएगा| उक्त अमृतमय  उद्गार संत श्री कमल किशोर नागर जी ने ग्राम पटकुई बरारू स्थित वृंदावन धाम में श्रीमद् भागवत कथा के दौरान श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किए |
संत श्री नागर जी ने कहा कि जब हम गाड़ी चलाते हैं और रास्ते में कोई मोड़ आ जाए, तो रुकना या धीमा होना पड़ता है लेकिन फिर गति पकड़ लेते हैं| उसी तरह जीवन में कभी कोई मोड़ आ जाए, जीवन की गाड़ी में थोड़ा ब्रेक लग गया, तो समझना कि कुछ बिगड़ा है, इसलिए गाड़ी रुकी है| ईश्वर ने आपको रोककर शायद सही दिशा दिखाने का कार्य किया है| मोड़ पर जीवन खत्म नहीं होता, बल्कि हमें दिशा मिलती है, इसलिए जीवन में आए ब्रेक को भगवान का प्रसाद समझना, उसका साथ नहीं छोड़ना और कभी  नास्तिक मत बनना| प्रभु में सदा आस्था रखना| तुलसीदास जी यदि अपनी पत्नी के वियोग में ससुराल नहीं जाते तो उन्हें भगवान राम कभी नहीं मिलते| यह उनके जीवन का मोड था| संत श्री ने कहा कि कोई भी आपसे कुछ भी बोले उसे दुश्मन नहीं मानना, उसके बोले पर विचार अवश्य करें कि उसकी क्या इच्छा है, बोलने वाले को पूरा मौका दो |


संत नागर जी ने हजारों उपस्थित श्रद्धालुओं को अपने अमृत वचनों से भाव विभोर करते हुए कहा कि गुरु तो शब्द है, शरीर शब्द नहीं हैं| जिसकी सोच अच्छी है वह पंडित है, जिसका स्वभाव अच्छा है वह संत है जिसका शब्द अच्छा है वह गुरु है |सिर्फ पीले या भगवा वस्त्र पहनने से संत नहीं बन सकते |संत बनने के लिए सरल स्वभाव जरूरी है |कपड़ा बदलने से नहीं कर्म बदलने से ही संत बना जा सकता है|कपड़ा बदलना आसान है पर कर्म बदलना मुश्किल है | नागर जी ने कहा कि सदा एक से रहो, ज्यादा चमक दमक में पढ़ोगे तो पाप अवश्य करोगे |चमक तो सूर्य ,चंद्र और अग्नि की भी स्थाई नहीं है, वह भी आते हैं और डूब जाते हैं| इसलिए चमक में नहीं ,भगवान के भजन में विश्वास करोगे तो तुम्हारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा |संत श्री ने कहा कि भगवान से यही प्रार्थना करो कि मुझे तुलसी ,वाल्मीकि, ध्रुव, प्रहलाद जैसा बनाना |श्री कृष्ण की 16 हजार 108 पट रानियां थी |उन्होंने कृष्ण से शादी नहीं की ,सिर्फ कृष्ण का पल्ला पकड़ा क्योंकि कृष्ण पतित पावन है| पल्ले से पत्नी ही नहीं पुण्य भी बनता है |एक पल्ले पर यदि परिवार को बांध रखा है, तो दूसरे पल्ले  पर  पुण्य बांध लोगे तो संतुलन बना रहेगा |जो मिला उसमें ही संतोष करो ,जो भगवान ने दिया अच्छा दिया| बस भगवान का पल्ला पकड़े रहो|

तेरहवा काम नहीं तेरहवीं में विश्वास: -

संत कमल किशोर नागर जी ने कहा मनुष्य के जीवन में 13 कार्य स्वयं करना पड़ते हैं |मनुष्य को भोजन, प्यास, खांसी ,नींद, छींक, जम्हाई ,दुख ,सुख, रोना  हंसना, नित्य क्रिया ,पीड़ा सहना एवं भोजन का कार्य स्वयं करना पड़ता है| मनुष्य 12 कार्य तो कर रहा है लेकिन तेरहवा कार्य (भजन) की बजाए तेरहवीं करने में लगा है| जीवन में जिस तरह तुम्हारे 12 कार्य कोई नहीं कर सकता ,उसी तरह तुम्हारे हक़ का भजन भी कोई नहीं कर सकता |भगवान को पाने के लिए भजन स्वयं को करना पड़ेगा इसलिए तेरहवी में नहीं तेरहवें कार्य में विश्वास करो|
 भगवान को देखने में नहीं सुनने में विश्वास करो :-
संत नागर जी ने कहा कि सुखदेव जी की कथा में विशेषता यह है कि गोविंद आते हैं| जिस कथा में गोविंद आए उसे छोड़ना मत| 16 वर्ष के सुखदेव की कथा उनके 87 वर्षीय पिता भी सुनते हैं| उसका कारण यह था कि पिता ने कथा का वर्णन तो कर दिया परंतु आत्मज्ञान प्राप्त नहीं कर सके| भगवान को पाने के लिए आत्मज्ञान जरूरी है| लोग कहते हैं कि हमें भगवान दिखता नहीं है, वह हमें इसलिए नहीं दिखता कि हमारी आंख, हमारा दृष्टिकोण ठीक नहीं| हमारे कर्म, दृष्टि ,शरीर सब खराब फिर भी हम प्रभु को देखने की इच्छा रखते हैं| जिस नजर से ठाकुर जी हमें देख रहे हैं यह नजर हममे नहीं है| कर्म अच्छे करोगे तो वह तुम्हें देख रहा है, उसे देखने की लालसा की वजह , भजन की लालसा रखो| जितना ईश्वर को भजने में आनंद है ,उतना उसे देखने में नहीं। राम| ने रावण को 85 दिन तक देखा ,लेकिन वह दृष्टि ठीक नहीं थी|

वक्त का इंतजार मत करो :--

संत ने कहा कि वक्त का कभी इंतजार मत करो |वक्त  उलट पलट कर देता है| वक्त खतरनाक होता है| ठोकर खाकर सुधरोगे तो मजा नहीं आएगा| उसके पहले ही सुधर जाए ,तो जीवन का आनंद अलग होगा और यह भजन से ही संभव है| भगवान से शिकायत रहती है कि वह देर करता है |भगवान देर तो करता है लेकिन अंधेर नहीं करता |वह यह चाहता है तुम्हारी टेर बंद ना हो जाए| दिशा एक रखना चाहे दशा भले ही बदल जाए |जिस का भजन अखंड है, उसका भगवान अखंड है| जहां कथा पंडाल हो वहां समझो छोटा भारत है| और जहां भारत है वहां भगवान है|


 हर्षोल्लास से बनाया कृष्ण  प्रकटोत्सव :
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा सप्ताह के चतुर्थ दिवस श्री कृष्ण प्रकटोत्सव  धूमधाम से मनाया गया| नंद बाबा, बालस्वरूप कृष्ण को जब टोकरी में रखकर मंच पर पहुंचे तो पूरा पंडाल जय कन्हैयालाल की, हाथी घोड़ा पालकी के उद्घोष से गूंज उठा | श्रद्धालुओं ने नाच गाकर एवं भजन के उद्घोष के बीच हर्षोल्लास से प्रकट उत्सव मनाया| इस अवसर पर कथा पंडाल को वंदन वारो ,कलश ,पुष्पमालओ से आकर्षक रूप से सजाया गया था|
 इस अवसर पर मुख्य यजमान श्रीमति राम श्री, श्याम केशरवानी ,खनिज विकास निगम उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर ,पंडित सुशील तिवारी ,राकेश राय ,मदन सिंह राजपूत ,जगदीश गुरु ,श्रीमती शीला देवी गुरु,प्रज्ञा गुरु, विनोद गुरु ,श्रीमती मधु गुरु ,विक्रम ,विट्ठल, आदित्य, प्रद्युम्न गुरु आदि उपस्थित थे।




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वार्षिक राशिफल 2022 : कैसा रहेगा नया साल 2022 : धनु , मकर , कुम्भ और मीन राशि के जातकों का राशिफल ★ पण्डित अनिल पांडेय

वार्षिक राशिफल 2022 : कैसा रहेगा नया साल 2022 : धनु , मकर , कुम्भ और मीन  राशि के जातकों का  राशिफल

★ पण्डित अनिल पांडेय


नया साल शुरू हो रहा है। जातक के लिए कैसा रहेगा साल 2022 । जाने पहले धनु , मकर , कुम्भ और मीन  राशि के जातकों का सालाना राशिफल।


धनु राशि के जातकों का वर्ष 2022 का वार्षिक राशि फल



धनु राशि राशि चक्र की नवीं राशि है। मूल नक्षत्र के चारों चरण , पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के चारों चरण तथा उत्तराषाढ़ा  नक्षत्र का  प्रथम चरण मिलकर धनु राशि का निर्माण करते हैं । इस राशि का स्वामी गुरु है । इस राशि की आकृति ऊपरी भाग धनुष लिए मनुष्य एवं निचला हिस्सा घोड़े के समान होता है । । इसका स्वभाव स्थिर  है । धनु राशि की प्रकृति क्रूर है । इस राशि का तत्व अग्नि है ,गुण सात्विक  है जाति क्षत्रिय है । यह रात्रि में बली होता है  । यह पूर्व दिशा की स्वामी है ।  यह राशि पित्त प्रकृति की है।शरीर में जांघ और कमर पर होने वाले सभी क्रियाओं का असर इसी राशि से देखा जाता है। यह एक शुष्क राशि है । इस राशि के जातक दयालु, परोपकारी, ईश्वर भक्त ,अधिकार प्रिय एवं मर्यादित होते हैं । ये शूरवीर ,सत्य बुद्धि से युक्त , सात्विक , आनंद प्रदान करने वाले , शिल्प विज्ञान से संपन्न , धन से युक्त , सुंदर स्त्री वाले , चरित्रवान , सुंदर शब्दों को बोलने वाले तेजस्वी तथा मोटे शरीर वाले होते हैं।  इस राशि वालों के लिए शनि बाधक ग्रह होता है । कुंभ  राशि बाधक राशि होती है और सूर्य इनके लिए शुभ ग्रह होते हैं।
वर्ष के प्रारंभ में गुरु मकर राशि में रहेंगे । 13 अप्रैल से मीन राशि गोचर करेंगे । 29 जुलाई से गुरु मीन राशि में वक्री होंगे तथा 24 नवंबर से मार्गी हो जाएंगे । इसी प्रकार शनि 28 अप्रैल को कुंभ राशि  में प्रवेश करेंगे । 5 जून से शनि वक्री होंगे तथा 12 जुलाई को  मकर में प्रवेश करेंगे । 13 अक्टूबर से शनि मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे । राहु 11 अप्रैल को अपनी उच्च राशि वृष से वक्री चाल चलते हुए मेष राशि में प्रवेश करेंगे तथा पूरे वर्ष भर मेष राशि में ही रहेंगे।
अन्य ग्रह जैसे सूर्य मंगल शुक्र आदि महीने के अनुसार बदलते रहेंगे।

धनु राशि के जातकों के लिए  यह वर्ष मिश्रित फलदाई है । कुछ क्षेत्रों में बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे , कुछ में सामान्य और कुछ में खराब ।

धन उपार्जन-जनवरी से अप्रैल तक आपको बहुत सामान्य धन लाभ होगा । मई और जून के महीने में धन लाभ थोड़ा ज्यादा होने की संभावना है ।अक्टूबर और नवंबर के महीने में आपको  अच्छा धन लाभ होगा । पूरे अक्टूबर एवं नवंबर माह में अच्छा धन लाभ नहीं होगा ।  अक्टूबर और नवंबर दोनों महीनों के कुछ दिनों में अच्छा धन लाभ होगा। 
उपाय- आपको चाहिए कि आप शुक्रवार को किसी मंदिर में जाकर गरीबों को चावल का दान दें।

कैरियर-जनवरी फरवरी मार्चऔर अप्रैल के महीने आपके कैरियर की दृष्टि से सामान्य है। मई और जून के महीने में आपके कैरियर में एक उछाल या गिरावट आ सकती है । यह भी संभव है कि उस समय आपका स्थान हो या सीट बदली  जाए ।आपके खर्च में बढ़ोतरी होगी । जुलाई अगस्त ,सितंबर और अक्टूबरके महीने में फिर आपका कैरियर स्थिर हो जाएगा । नवंबर और दिसंबर के महीने में फिर आपके कैरियर में उछाल या गिरावट आ सकती है। अच्छी या बुरी पोस्टिंग आपके दशा और अंतर्दशा पर निर्भर करती है।
उपाय-आपको विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करना चाहिए।

भाग्य- वर्ष के प्रारंभ में आपका भाग्य आपका साथ देगा । और उसके बाद आपका भाग्य सामान्य हो जाएगा । अप्रैल के महीने से आपको भाग्य की मदद  बहुत कम मिलेगी ।अतः आपको अपने परिश्रम पर विश्वास करना चाहिए । आपको अपने  किए गए परिश्रम के अनुपात में ही फल की प्राप्ति होगी ।
उपाय- आपको शनिवार के दिन शनि मंदिर में जा कर पूजा अर्चना करनी चाहिए।

परिवार- अप्रैल के महीने के बाद आपको अपने माता जी से बहुत ज्यादा सहयोग प्राप्त होगा । जनता में भी आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी । पिताजी के साथ आपके संबंध सामान्य ही रहेंगे । भाई बहनों के साथ आपके संबंध कोई बहुत अच्छे नहीं रहेंगे । इस वर्ष  आपको अपनी संतान से बहुत सहयोग प्राप्त नहीं होगा ।
उपाय-आपके प्रति गुरुवार राम रक्षा स्त्रोत का जाप करना चाहिए।

स्वास्थ्य-आपके स्वास्थ्य में इस वर्ष कुछ व्यवधान आ सकते हैं । यह संभव है की छोटे-मोटे ऑपरेशन भी हो । आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा । आपके जीवन साथी को चमड़ी संबंधी कोई परेशानी हो सकती है।
उपाय-हर बुधवार आपको काले कुत्ते को रोटी खिलाना चाहिए।

व्यापार-इस वर्ष मार्च-अप्रैल तथा सितंबर अक्टूबर मैं आपका व्यापार तेजी से आगे बढ़ेगा । जिसके कारण आपको धन की भी प्राप्ति होगी । जून और जुलाई महीने में भी आपके व्यापार में तेजी आएगी । इस प्रकार पूरा वर्ष आपके लिए व्यापार के संबंध में ठीक है । परंतु व्यापार में तरक्की तभी होगी जब आप पूरी तरह से उसमें ध्यान दें और कार्य करें।
उपाय-बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं।

विवाह-अविवाहित जातकों के लिए जनवरी से अप्रैल के बीच में विवाह के अच्छे प्रस्ताव आएंगे । आपको इन प्रस्तावों  पर अच्छे से कार्यवाही करनी है अन्यथा ये प्रस्ताव , प्रस्ताव भर ही रह जाएंगे। जनवरी फरवरी-मार्च तथा जुलाई और अगस्त में अगर आपकी दशा अंतर्दशा ठीक है तो विवाह तय हो कर होने की भी उम्मीद है।
उपाय-गुरुवार को राम रक्षा स्त्रोत का जाप करें तथा रामचंद्र जी के मंदिर में जाकर भिखारियों को चावल का दान दें ।

मकान कार जमीन आदि खरीदना -मई और जून के महीने में इस बात की बहुत संभावना है कि आप मकान जमीन आदि खरीदें । इसके उपरांत नवंबर और दिसंबर के महीने में भी इस प्रकार के संयोग बनेंगे । उसके अलावा  पूरे वर्ष में इस बात के संयोग बन सकते हैं कि आप कुछ बड़ी खरीदारी करें या कुछ बड़ा खर्चा करें।
उपाय-अपने घर की बनी पहली रोटी गौ माता को खिलाएं।

वार्षिक उपाय-ऊपर हर विषय पर अलग-अलग उपाय दिए गए हैं । ये उपाय केवल उस विषय विशेष के लिए ही हैं । जैसे कि अगर आप मकान खरीदना चाहते हैं और मकान खरीदने का कार्य नहीं कर पा रहे हैं तो आपको  अपने घर की बनी पहली रोटी गौ माता को खिलानी है ।
अपने संपूर्ण कष्टों के निवारण के लिए आपको चाहिए कि आप इस वर्ष की सभी एकादशी को व्रत रखें और सुंदरकांड का पाठ करें । 


वार्षिक राशिफल 2022 : जाने कैसा रहेगा नया साल : मेष , वृष ,मिथुन और कर्क राशि के जातकों का राशिफल

★ पण्डित अनिल पांडेय -

पढ़े : राशिफल 2022 : जाने कैसा रहेगा नया साल : सिंह , कन्या, तुला और  वृश्चिक राशि के जातकों का  राशि फल 

★ पण्डित अनिल पांडेय -




मकर राशि के जातकों का वर्ष 2022 का वार्षिक राशि फल।



मकर राशि राशि चक्र की दसवीं राशि है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के अंतिम तीन चरण  चरण ,  श्रवण नक्षत्र के चारों चरण तथा धनिष्ठा  नक्षत्र का  प्रथम दो चरण मिलकर मकर राशि का निर्माण करते हैं । इस राशि का स्वामी शनि है । इस राशि की आकृति मगर समान होती है । । इसका स्वभाव चर  है । धनु राशि की प्रकृति सोम्य है । इस राशि का तत्व पृथ्वी है ,गुण तमोगुणी  है जाति वैश्य है । यह रात्रि में बली होता है  । यह दक्षिण दिशा की स्वामी है ।  यह राशि वात प्रकृति की है।शरीर में जोड़ और घुटने पर होने वाले सभी क्रियाओं का असर इसी राशि से देखा जाता है। यह एक सजल राशि है । इस राशि के जातक विद्वान संगीतज्ञ सुंदर स्त्रियों का प्रिय पात्र पुत्रों से युक्त माता का पेड़ धनी त्यागी अच्छी नौकरी वाला दयालु बहुत भाइयों वाला और सुख लिए अधिक चिंतन करने वाला होता है ।   इस राशि वालों के लिए मंगल बाधक ग्रह होता है । वृश्चिक  राशि बाधक राशि होती है और बुध इनके लिए शुभ ग्रह होते हैं।
वर्ष के प्रारंभ में गुरु मकर राशि में रहेंगे । 13 अप्रैल से मीन राशि गोचर करेंगे । 29 जुलाई से गुरु मीन राशि में वक्री होंगे तथा 24 नवंबर से मार्गी हो जाएंगे । इसी प्रकार शनि 28 अप्रैल को कुंभ राशि  में प्रवेश करेंगे । 5 जून से शनि वक्री होंगे तथा 12 जुलाई को  मकर में प्रवेश करेंगे । 13 अक्टूबर से शनि मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे । राहु 11 अप्रैल को अपनी उच्च राशि वृष से वक्री चाल चलते हुए मेष राशि में प्रवेश करेंगे तथा पूरे वर्ष भर मेष राशि में ही रहेंगे।
अन्य ग्रह जैसे सूर्य मंगल शुक्र आदि महीने के अनुसार बदलते रहेंगे।

वर्ष 2022 मकर राशि के जातकों के लिए मिश्रित फलदाई है । वर्ष के प्रारंभ में स्थितियां कम अच्छी है । वर्ष के मध्य में स्थितियां बेहतर हो रही हैं तथा अंत में भी बेहतर रहेगी।

धन उपार्जन:-माह जनवरी ,मई और जून ,अगस्त और सितंबर ,नवंबर और दिसंबर में धन आने के अच्छे योग हैं । इन सभी महीनों में धन लाभ होना है कभी कम और कभी ज्यादा। आप को अधिकतर धन अच्छे रास्ते से ही आएगा । बुरे रास्ते से बहुत कम धन नाौऐ आने की संभावना है।
उपाय-हर महीने के लिए अलग-अलग उपाय हैं । परंतु आपको सूर्य भगवान को जल पूरे 12 महीने देना चाहिए ।


कैरियर:-कार्यालय के क्षेत्र में आपकी प्रगति अप्रैल माह तक कम रहेगी ।अप्रैल माह के उपरांत मई और जून में आपको उछाल मिल सकता है यह संभव है इस दौरान आपकी सीट बदल दी जाए या आपका आप कार्य अधिकारियों को अत्यंत पसंद आने लगे । कैरियर की दृष्टि से मई और जून बहुत अच्छे हैं । जुलाई-अगस्त जुलाई से लेकर के अक्टूबर तक का समय थोड़ा कम अनुकूल है । परंतु नवंबर और दिसंबर दोनों बहुत अच्छे हैं।
उपाय-आपको चाहिए कि आप शुक्रवार के दिन मंदिर में जाकर गरीबों के बीच चावल का दान दें।

भाग्य-अप्रैल तक आपको भाग्य से कोई मदद बड़ी मुश्किल से ही मिलेगी । अप्रैल के बाद आपका भाग्य आपका साथ देने लगेगा । इस समयावधि में आपके कई कार्य थोड़े परिश्रम से ही हो जाएंगे ।  मई और जून में आपका भाग्य आप की थोड़ी ज्यादा मदद करेगा । जुलाई अगस्त और सितंबर में इस मदद में थोड़ी कमी आएगी ।  नवंबर और दिसंबर के महीने में पुनः भाग्य आपका अच्छे से साथ देगा।
उपाय-हर बुधवार गाय को हरा चारा खिलाएं।

परिवार-आपको अपने भाई बहनों का सहयोग इस वर्ष कि कुछ विशेष महीनों में ही मिलेगा जैसे मई और जून के महीने में आपको अपने भाई बहनों का अच्छा सहयोग प्राप्त होगा जुलाई अगस्त  सितंबर और अक्टूबर के महीने में इस सहयोग में थोड़ी कमी आएगी नवंबर और दिसंबर के महीने में आपको अपने भाई बहनों से अच्छा सहयोग प्राप्त होगा। आपके माता पिता जी निरंतर आपसे प्रसन्न रहेंगे । जनवरी-फरवरी और मार्च के महीने में आपके पिता जी थोड़ा आप से रुष्ट हो सकते हैं। माता जी के स्वास्थ्य में अप्रैल महीने के बाद थोड़ी खराबी आ सकती है । वर्ष 2022 में अप्रैल तक  आपकी संतान आपकी कम मदद करेगी । यह भी संभव है कि आपको अपनी संतान से कष्ट भी हो।
उपाय-हर बुधवार को काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।

स्वास्थ्य-अप्रैल तक आपका या आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य खराब रह सकता है ।आप लोगों के गर्दन में या कमर में दर्द अक्टूबर नवंबर और दिसंबर के महीने में पुनः यह रोग बढ़ सकता है । छोटे-मोटे एक्सीडेंट होने का भी योग है। आपको चाहिए कि आप वसायुक्त भोजन से परहेज करें और स्वास्थ्य के संबंध में अपनी दिनचर्या में योगासन को महत्व दें।
उपाय-आपको चाहिए कि आप शनिदेव ,राहु और केतु की शांति हेतु किसी विद्वान ब्राह्मण से जाप करवाएं।।

व्यापार-व्यापार के मामले में वर्ष 2022 मिश्रित फल देने वाला है । अधिकांश महीनों में आपको व्यापार से लाभ होगा और कुछ महीने जैसे फरवरी मार्च अप्रैल जुलाई और अक्टूबर में लाभ की मात्रा में काफी कमी आएगी। दिसंबर के महीने में व्यापार के बढ़ाने का  अवसर भी मिलेगा । इस बात की पूरी संभावना है कि आपको अपने व्यापार में लाभ प्राप्त करने के लिए अत्यधिक मेहनत करना पड़े। जनवरी फरवरी और मार्च में तथा अक्टूबर नवंबर और दिसंबर में आपको अपने साझेदार के साथ कुछ तनाव युक्त समय भी बिताना पड़ सकता है।
उपाय-शनिवार को दक्षिण मुखी हनुमान जी के मंदिर में जाकर 7 बार हनुमान चालीसा का जाप करें ।

विवाह-अविवाहित जातकों की विवाह हेतु वर्ष 2022 में काफी उम्मीद है। जनवरी फरवरी-मार्च तथा अप्रैल एवं अगस्त के महीने में विवाह तय होने की अच्छी उम्मीद है । जून और अक्टूबर के महीने में विवाह के रिश्ते अच्छे आएंगे परंतु उसमें कुछ लोग बाधा खड़ी करेंगे । मई और जून के महीने में विवाह के बहुत अच्छे प्रस्ताव आएंगे । और अगर आप थोड़ा भी प्रयास करेंगे तो अप्रैल या मई और नवंबर दिसंबर के महीने में शादी तय होने की शत प्रतिशत उम्मीद है। वैवाहिक संबंध , अप्रैल के बाद उत्तम रहेंगे।

मकान कार आदि-मकान और जमीन या कार खरीदने के इस वर्ष कई अवसर आएंगे । किस बात की पूरी संभावना है कि आप 27 जून से लेकर 10 अगस्त के बीच में कोई सुख की वस्तु खरीद लें । नवंबर और दिसंबर के महीने में भी इस तरह के खरीदारी के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। इन सभी अवधि में आपको आसानी से ऋण मिल सकता है । पैतृक संपत्ति के विवाद का हल भी इसी अवधि में हो सकता है।
उपाय-आपको चाहिए कि आप चिड़ियों को दाना दें।


वार्षिक उपाय-ऊपर हर विषय पर अलग-अलग उपाय दिए गए हैं । ये उपाय केवल उस विषय विशेष के लिए ही हैं । जैसे कि अगर आप मकान खरीदना चाहते हैं और मकान खरीदने का कार्य नहीं कर पा रहे हैं तो आपको चिड़ियों को दाना चुगाना है  । 
अपने संपूर्ण कष्टों के निवारण के लिए आपको चाहिए कि आप इस वर्ष की सभी एकादशी को व्रत रखें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें । 

कुंभ राशि के जातकों का वर्ष 2022 का वार्षिक राशिफल




कुंभ राशि राशि चक्र की ग्यारहवीं राशि है।। धनिष्ठा नक्षत्र के अंतिम दो चरण  चरण ,  शतभिषा नक्षत्र के चारों चरण तथा पूर्वाभाद्रपद  नक्षत्र का  प्रथम तीन चरण मिलकर कुंभ राशि का निर्माण करते हैं । इस राशि का स्वामी शनि है । इस राशि की आकृति कंधे पर घड़ा लिए पुरुष की है । । इसका स्वभाव स्थिर  है । कुंभ राशि की प्रकृति क्रूर है । इस राशि का तत्व वायु है ,गुण तमोगुणी  है जाति शूद्र है । यह दिन में बली होता है  । यह पश्चिम दिशा की स्वामी है ।  यह राशि त्रिधातु प्रकृति की है।शरीर में पिंडली एवं आंतों पर होने वाले सभी क्रियाओं का असर इसी राशि से देखा जाता है। यह एक सजल राशि है । इस राशि के जातकों में शिल्पचातुर्य  ,वैज्ञानिकता , अन्वेषणशीलता  आदि गुण होते हैं। यदि कुंभ राशि में जन्म हो तो मनुष्य दानी ,कृतज्ञ ,हाथी घोड़ा और धन का स्वामी ,शुभ दृष्टि एवं सदैव कोमल स्वभाव वाला, धन और विद्या हेतु प्रयत्नशील , पुत्र से युक्त , स्नेह युक्त ,यशस्वी अपनी शक्ति से धन का उपभोग करने वाला और निर्भीक होता है  ।   इस राशि वालों के लिए सूर्य बाधक ग्रह होता है । सिंह  राशि बाधक राशि होती है और शुक्र इनके लिए शुभ ग्रह होते हैं।
वर्ष के प्रारंभ में गुरु मकर राशि में रहेंगे । 13 अप्रैल से मीन राशि गोचर करेंगे । 29 जुलाई से गुरु मीन राशि में वक्री होंगे तथा 24 नवंबर से मार्गी हो जाएंगे । इसी प्रकार शनि 28 अप्रैल को कुंभ राशि  में प्रवेश करेंगे । 5 जून से शनि वक्री होंगे तथा 12 जुलाई को  मकर में प्रवेश करेंगे । 13 अक्टूबर से शनि मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे । राहु 11 अप्रैल को अपनी उच्च राशि वृष से वक्री चाल चलते हुए मेष राशि में प्रवेश करेंगे तथा पूरे वर्ष भर मेष राशि में ही रहेंगे।
अन्य ग्रह जैसे सूर्य मंगल शुक्र आदि महीने के अनुसार बदलते रहें ।

कुंभ राशि के जातकों का अप्रैल तक वार्षिक भविष्यफल सामान्य कहा जा सकता है अप्रैल महीने के बाद यह काफी अच्छा हो जाएगा।

धन उपार्जन:- जनवरी और दिसंबर के महीने में आपके पास  धन की आवक हो सकती है । इसके उपरांत मार्च और अप्रैल में आपके पास आने वाला धन सामान्य धन कहा जा सकता है । परंतु मई और जून के महीने में आपके पास धन की आवक काफी अच्छी हो जाएगी । जुलाई , अगस्त , सितंबर और अक्टूबर के महीने में यह सामान्य रहेगी । पुनः नवंबर और दिसंबर के महीने में आपके पास धन की आवक बहुत तेजी के साथ बढ़ेगी । वर्ष भर आपके खर्चों में कमी रहेगी । परंतु नवंबर और दिसंबर में आप के खर्चे विशेष रूप से कम हो जाएंगे । इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि धन धान्य के मामले में वर्ष 2022 आपके लिए अच्छा है।
उपाय-घर से निकलने के पहले अपने माता पिता का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें।

कैरियर-बर्ष 2022 में अप्रैल महीने से आपके कैरियर में एक बड़ा उछाल आएगा । इस प्रकार अप्रैल मई-जून महीने में आपका कैरियर ठीक चलेगा जुलाई अगस्त और सितंबर के महीने में कार्यालय में आपकी स्थिति सामान्य रहेगी इसके उपरांत अक्टूबर , नवंबर और दिसंबर आपके कैरियर का ग्राफ ऊंचाई की तरफ जाएगा।
उपाय-आपको चाहिए कि आप शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर शनि देव की आराधना करें ।

भाग्य -वर्ष 2022 में कुंभ राशि के जातकों का भाग्य सामान्य ।  अक्टूबर और नवंबर माह में आपको अपने भाग्य से मदद मिलेगी। सेक्सी 12 साल के बाकी दिनों में आपको अपने परिश्रम पर विश्वास करना पड़ेगा अर्थात आप जितना परिश्रम करेंगे उतना ही आपको फल प्राप्त होगा । ज्यादा रिस्क वाले कार्य आपको  एवाइड करना चाहिए ।
उपाय -हीरे या अमेरिकन डायमंड की अंगूठी पहने।

परिवार-इस वर्ष 9 अप्रैल तक आपके माताजी का स्वास्थ्य थोड़ा खराब रहेगा । पिताजी का स्वास्थ्य भी नरम गरम रह सकता है। अप्रैल के बाद आपका अपने भाई बहनों से संबंध खराब हो सकता है । उनका सहयोग आपको प्राप्त नहीं होगा । जून और जुलाई के महीने में आप के संतान की उन्नति हो सकती है । पारिवारिक रूप से यह वर्ष आपके लिए कोई बहुत अच्छा नहीं है ।
उपाय-काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।

स्वास्थ्य:- अप्रैल माह से आपका स्वास्थ्य पूरे वर्ष भर अच्छा रहेगा बीच-बीच में थोड़ा स्वास्थ्य खराब हो सकता है । आपको चाहिए कि आप अपने स्वास्थ्य के प्रति जून और जुलाई महीने में सतर्क रहें। अप्रैल माह के पहले आपका स्वास्थ्य सामान्य रहेगा । आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य अप्रैल-मई महीने में थोड़ा खराब हो सकता है।
उपाय-आपको चाहिए कि आप शनिवार के दिन दक्षिण मुखी हनुमान जी के मंदिर में जाकर कम से कम 3 बार हनुमान चालीसा का जाप करें।

व्यापार:- जनवरी और दिसंबर के महीने में आपका व्यापार बहुत अच्छा रहेगा ।  इसके अलावा जुलाई का महीना भी आपके व्यापार के लिए अच्छा है । मई और जून का महीना भी व्यापार की दृष्टि से ठीक प्रतीत होता है । इसके अलावा बाकी सभी महीने व्यापार की दृष्टि से सामान्य है । आप को बहुत सतर्क होकर के वर्ष 2022 में व्यापारिक कार्य करना चाहिए।
उपाय-आपको चाहिए क्या आप बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाएं।

विवाह:- इस वर्ष आपकी कुंडली के गोचर में विवाह के अच्छे योग नहीं है परंतु अप्रैल और सितंबर के महीने में अगर आपकी विंशोत्तरी दशा में विवाह के योग हैं तो विवाह तय हो सकता है । अप्रैल माह मे आपको विवाह मैं कोई व्यक्ति बाघा उत्पन्न कर सकता है।
उपाय-किसी विद्वान ब्राह्मण से शनि की शांति का उपाय करवाएं।

मकान कार जमीन आदि:- जून और जुलाई के महीने में तथा नवंबर के महीने में मकान का आदि खरीदने का योग है। इस वर्ष आपकी कुंडली में सुख की वस्तुएं खरीदने का बहुत अच्छा योग नहीं है। आपको इन वस्तुओं को खरीदने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।
उपाय- आपको चाहिए कि आप गरीब लोगों को चावल का दान दें।

वार्षिक उपाय-ऊपर हर विषय पर अलग-अलग उपाय दिए गए हैं । ये उपाय केवल उस विषय विशेष के लिए ही हैं । जैसे कि अगर आप मकान खरीदना चाहते हैं और मकान खरीदने का कार्य नहीं कर पा रहे हैं तो आपको गरीबों के बीच में चावल का दान देना  है। 
अपने संपूर्ण कष्टों के निवारण के लिए आपको चाहिए कि आप इस वर्ष  भगवान शिव का जल और दूध से महीने के प्रथम सोमवार को अभिषेक करें ।

वार्षिक राशिफल 2022 : जाने कैसा रहेगा नया साल : मेष , वृष ,मिथुन और कर्क राशि के जातकों का राशिफल

★ पण्डित अनिल पांडेय -

पढ़े : राशिफल 2022 : जाने कैसा रहेगा नया साल : सिंह , कन्या, तुला और  वृश्चिक राशि के जातकों का  राशि फल 

★ पण्डित अनिल पांडेय -



मीन राशि के जातकों का वर्ष 2022 का वार्षिक राशि फल



मीन राशि राशि चक्र की 12वीं राशि है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का अंतिम एक  चरण , उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के चारों चरण तथा  रेवती नक्षत्र के  चारों चरण मिलकर  मीन राशि का निर्माण करते हैं । इस राशि का स्वामी गुरु है । इस राशि की आकृति मुंह एवं पूंछ से जुड़ी दो मछलियों जैसी होती है । इसका स्वभाव द्विस्वभाव है । मीन राशि की प्रकृति सोम्य है । इस राशि का तत्व जल है ,गुण सात्विक  है जाति ब्राम्हण है । यह दिन और रात्रि में बलि होती है । यह उत्तर दिशा की स्वामी है ।  यह राशि कफ प्रकृति की है।शरीर में पैर और एड़ी पर होने वाले सभी क्रियाओं का असर इसी राशि से देखा जाता है। यह एक सजल राशि है । इस राशि के जातक परोपकारी दयालु एवं दानी  होते हैं ।  । मीन राशि में उत्पन्न व्यक्ति गंभीर चेष्टा करने वाला , शक्तिशाली , बोलने में चतुर , मनुष्य में श्रेष्ठ , क्रोधी , कृपण , ज्ञान संपन्न , श्रेष्ठ गुणों से युक्त , कुल में प्रिय , नित्य सेवा भाव रखने वाला , शीघ्र गामी , नृत्य गीत आदि में कुशल , शिव दर्शन वाला तथा भाई बंधुओं का प्रेमी होता है ।    इस राशि वालों के लिए शुक्र बाधक ग्रह होता है । वृष राशि बाधक राशि होती है और चंद्रमा इनके लिए शुभ ग्रह होते हैं।
वर्ष के प्रारंभ में गुरु मकर राशि में रहेंगे । 13 अप्रैल से मीन राशि गोचर करेंगे । 29 जुलाई से गुरु मीन राशि में वक्री होंगे तथा 24 नवंबर से मार्गी हो जाएंगे । इसी प्रकार शनि 28 अप्रैल को कुंभ राशि  में प्रवेश करेंगे । 5 जून से शनि वक्री होंगे तथा 12 जुलाई को  मकर में प्रवेश करेंगे । 13 अक्टूबर से शनि मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे । राहु 11 अप्रैल को अपनी उच्च राशि वृष से वक्री चाल चलते हुए मेष राशि में प्रवेश करेंगे तथा पूरे वर्ष भर मेष राशि में ही रहेंगे।
अन्य ग्रह जैसे सूर्य मंगल शुक्र आदि महीने के अनुसार बदलते रहेंगे।

धन उपार्जन:-जनवरी और फरवरी के महीने में आने का उत्तम योग है इसके उपरांत अप्रैल के बाद गलत रास्ते से धन आएगा । जुलाई और अगस्त में भी थोड़े धन आने की संभावना है।   सितंबर के महीने में धन आने में काफी कमी रहेगी । इस वर्ष आपको धन की कमी सदा ही महसूस होगी । जबकि अप्रैल के महीने तक आपके  द्वारा काफी रकम खर्च होगी।
उपाय-आपको प्रातः काल स्नान करने के उपरांत तांबे के पात्र में जल लेकर भगवान सूर्य को जल अर्पण करना चाहिए।

कैरियर:- अप्रैल के महीने से आपके कैरियर में बहुत तेजी से उछाल आएगा यह भी संभव है कि आपका प्रमोशन हो या आपको अतिरिक्त प्रभार मिल जाए इस दौरान आपके अधिकारी आप पर अपनी विशेष कृपा दृष्टि रखेंगे आपको इस समय का अपने कैरियर को आगे बढ़ाने में पूरी तरह से इस्तेमाल करना चाहिए इसमें थोड़ा सा आपको जुलाई-अगस्त सितंबर और अक्टूबर के महीने में परेशानी महसूस हो सकती है परंतु यह परेशानी अस्थाई होगी। इसी दौरान आपके पास धन की अच्छी आवक हो सकती है जो कि खराब रास्ते से प्राप्त होगी।
उपाय-आपको गुरुवार को व्रत रखना चाहिए और उसी दिन सुंदरकांड का पाठ भी करना चाहिए।

भाग्य:-जनवरी माह में आपका भाग्य आपका बहुत साथ देगा । इसके उपरांत सितंबर और अक्टूबर के महीने में भी आपको भाग्य से काफी मदद मिलेगी अप्रैल मई-जून के महीने में भी आपको भाग्य से फायदा मिल सकता है । वर्ष के अंत में भी आपका भाग्य आपका काफी साथ देगा। अगर आपकी कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी है तो मई जून-जुलाई में आपका भाग्य बहुत ही अच्छा रहेगा। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि आपको भाग्य से जनवरी अप्रैल मई-जून जुलाई अगस्त सितंबर अक्टूबर के महीनों में मदद मिलेगी।
उपाय-मंगलवार का व्रत रखें और मंगलवार को ही हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान जी की पूजा करें।

परिवार-परिवार का आशय व्यक्ति का अपना परिवार तथा उसके भाई बहन और माता-पिता होते हैं । आपका इस वर्ष के प्रारंभ में अपने भाई बहनों से संबंध ठीक नहीं रहेगा । वर्ष के मध्य में एवं अंत में इसमें थोड़ा सुधार होगा । आपका अपने संतान से अप्रैल के महीने के उपरांत अच्छा सहयोग मिलेगा । आपकी संतान को इस अवधि में प्रमोशन इत्यादि भी मिल सकता है । अगर  संतान अभी पढ़ रही है तो उसको परीक्षा में अच्छे नंबर प्राप्त होंगे । आपके माता-पिता के लिए यह समय सामान्य है।
उपाय-आपको चाहिए कि आप चीटियों को शक्कर दे।

स्वास्थ्य-वर्ष के प्रारंभ में आपके पैर  या पेट में कोई रोग हो सकता है । वर्ष के मध्य और अंत में आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। यह भी संभव है कि किसी कारण बस आपके शरीर से खून बाहर आए जैसे कि आपका कोई ऑपरेशन हो या कोई एक्सीडेंट हो आदि। आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य भी पूरे वर्ष भर ठीक-ठाक रहेगा। इस प्रकार कह सकते हैं कि स्वास्थ्य के मामले में यह वर्ष आपके लिए सामान्य है।
उपाय-आपको चाहिए कि आप विद्वान ब्राह्मणों से गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करवाएं।

व्यापार-इस वर्ष व्यापार में आपको अच्छा लाभ होगा । कोई नया व्यापार भी प्रारंभ हो सकता है । व्यापार की दृष्टि से अप्रैल मई सितंबर अक्टूबर के महीने काफी अच्छे हैं इस वर्ष आपको सरकार से भी काफी मदद मिलेगी ।
उपाय-आपको चाहिए कि आप शुक्रवार को गरीब लोगों को कपड़ा या चावल का दान दें।

विवाह-वर्ष 2022 के अप्रैल माह से अविवाहित जातकों के विवाह के बहुत अच्छे अच्छे प्रस्ताव प्राप्त होंगे । आपको चाहिए कि आप इन प्रस्तावों पर उचित कार्रवाई तत्काल करें । विशेषकर अप्रैल-मई तथा सितंबर अक्टूबर नवंबर और दिसंबर के महीने में इस तरह के प्रस्ताव भारी मात्रा में आएंगे । अगर आपकी विंशोत्तरी  दशा ठीक है तो विवाह तय भी हो जाएगा।
उपाय -आपको चाहिए कि घर की बनी पहली रोटी गौ माता को खिलाएं।

मकान-जुलाई और दिसंबर के महीने में आपके पास मकान जमीन कार आज खरीदने का अच्छा शुभ अवसर प्राप्त होगा । परंतु इस वर्ष इस तरह के बड़े खर्चे होने की उम्मीद कम है।
उपाय-आपको चाहिए कि आप गाय को हरा चारा खिलाएं।

वार्षिक उपाय-ऊपर हर विषय पर अलग-अलग उपाय दिए गए हैं । ये उपाय केवल उस विषय विशेष के लिए ही हैं । जैसे कि अगर आप मकान खरीदना चाहते हैं और मकान खरीदने का कार्य नहीं कर पा रहे हैं तो आपको घर की बनी पहली रोटी गौ माता को खिलानी है। 
अपने संपूर्ण कष्टों के निवारण के लिए आपको चाहिए कि आप इस वर्ष गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ प्रतिदिन करें । 
मां शारदा से मेरी प्रार्थना है आप सभी स्वास्थ्य सुखी और संपन्न रहें ।
जय मां शारदा।

निवेदक:-
पण्डित अनिल कुमार पाण्डेय
सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता
एस्ट्रो साइंटिस्ट और वास्तु शास्त्री
स्टेट बैंक कॉलोनी मकरोनिया
 सागर। 470004
 मो 7566503333

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