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CBIअफसर बनकर धोखाधड़ी करने वाले दो अंतर्राज्यीय ठग, इंदौर क्राईम ब्रांच के हत्थे चढ़े

CBIअफसर बनकर धोखाधड़ी करने वाले दो  अंतर्राज्यीय ठग, इंदौर क्राईम ब्रांच के हत्थे चढ़े
इंदौर। इंदौर क्राईम ब्रांच ने CBI अफसर बनकर धोखा धड़ी करने वाले दो अंतरराज्यीय ठगों को गिरफ्तार किया है ।आरोपियों ने पश्चिम बंगाल, म0प्र0 दिल्ली व महाराष्ट्र में वारदातें करना कबूला है।आरोपी ने यूट्यूब से सीखा फर्जी स्टाम्प, सील व परिचय पत्र व अन्य जाली दस्तावेज तैयार करना।रेडियोंएक्टिव पदार्थ को भारत सरकार को उपलब्ध कराना बताकर, लोगों को ले रहा था झांसे मे।  इनके कब्जे से, लैपटाप, फर्जी सील सिक्के बनाने का सामान, जाली कूटरचित दस्तावेज, प्रिन्टर तथा लेन देन संबंधी दस्तावेज बरामद किये गए है।
       वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (शहर) इन्दौर श्रीमती रुचिवर्धन मिश्र द्वारा लोगों को विभिन्न प्रकार के प्रलोभन देकर झांसे में लेकर, लोगों के साथ धोखाधड़ीपूर्वक ठगी की वारदातें करने वाले ठगों को पकड़ने के लिये इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशों के तारतम्य पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर  सूरज वर्मा के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध) श् अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच की टीम के प्रभारियों को इस दिशा में आसूचना संकलित कर ठगोरों को पकड़ने के लिये प्रभावी कार्यवाही करने हेतु समुचित दिशा निर्देश दिये गये थे।
     इसी अनुक्रम में क्राईम ब्रांच की टीम को सूचना मिली थी कि विक्रम गोस्वामी तथा शाहुबुद्दीन नामक व्यक्ति लोगों को झांसे में लेकर उनसे मोटी रकम ऐंठकर ठगी कर रहे हैं। सूचना की तस्दीक करते ज्ञात हुआ कि उपरोक्त दोनों व्यक्तियों के खिलाफ थाना सराफा बाजार जिला इंदौर में लेखी शिकायत आवेदन पत्र की जांच पर से अपराध 119/19 धारा 419, 420 भादवि के तहत प्रकरण भी कायम किया गया है। बाद टीम द्वारा थाना सराफा पुलिस के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुये पतारसी कर आरोपी विक्रम पिता अधीर गोस्वामी को रतलाम कोठी इंदौर तथा शाहुबुद्दीन को 78 कोयला बाखल इंदौर से धरदबोचा।
दोनो आरोपी प बंगाल के
           आरोपी विक्रम पिता अधीर गोस्वामी उम्र 44 साल मूल निवासी कल्लन नगर रहरा खदी पुलिस स्टेशन नार्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल हाल- निवासी 403 आरोही प्रिंसेस लैंड मार्क-21/1 रतलाम कोठी इंदौर, ने पुलिस टीम को प्रांरभिक पूछताछ में बताया कि वह कक्षा 11 वीं तक पढ़ा है लेकिन उसकी तकनीकी गैजेट्स पर अच्छी पकड़ है। आरोपी ठगी करने से पूर्व दिल्ली मुंबई कोलकाता आदि शहरों में अस्थायी तौर पर अलग अलग प्रकार के काम करके जीवनयापन करता था जिसमें एंटिक करेंसी की खरीदी बिक्री, फायर वर्क तथा फुटपाथ पर तौलियां बेचने आदि का काम करता था, किंतु पैसों की लालच में रहीसी के ख्वाब ने आरोपी को ठगोरा बना दिया जिसने षणयंत्रपूर्वक योजनाबद्ध तरीके लोगों को झांसे में लेकर करोड़ों रूपये की ठगी कर डाली।

        आरोपी ने स्वयं ही विभिन्न प्रकार की सील स्टाँप, स्पेशल सी.बी.आई. आॅफिसर के कूटरचित परिचय पत्र तैयार किये थे। आरोपी का पहली पत्नि से तलाक होने के बाद उसने दूसरी शादी की थी जिसका पहली शादी से एक लड़का है। आरोपी ने कबूला कि उसके बेटे के स्कूल में एडमिशन के लिये लगने वाले दस्तावेजों में टी0सी0, तथा तलाक के बाद दूसरी मॉ का नाम बेटे के जन्म प्रमाण पत्र पर दर्ज कराने के लिये फर्जी सील सिक्कों का प्रयोग किया था तथा स्कूल प्रबंधन को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराकर, गुमराह किया।

आरोपी शाहबुद्दीन पिता मुजफ्फर मलिक उम्र 31 साल निवासी ग्राम पडनचोपुर, पो0 रामनाथपुर थाना-पुलवा, जिला-हुगली पश्चिम बंगाल हाल मुकाम- कोयला बाखल ने बताया कि वह सराफा बाजार में सोना चाँदी के आभूषणों पर पालिश व सौदंर्यीकरण का कार्य करता है। आरोपी शाहबुद्दीन को भी विक्रम गोस्वामी ने सी.बी.आई में नौकरी करना तथा आर.पी(चावल खींचने वाला सामान जो कॉपर का बना हुआ होता है) का काम करना बताया था। आरोपी विक्रम ने आरोपी शाहबुद्दीन को बताया था कि उसके द्वारा आर.पी. भारत सरकार को पूर्व में दी जा चुकी है जोकि बहुमूल्य वस्तु है, आरोपी विक्रम गोस्वामी ने आरोपी शाहबुद्दीन को यह कहकर झांसे में लिया कि उसने सरकार को आर0पी0 देते वक्त कई लोगों को ग्रुप में जुड़ा होना बताया था इसलिए सरकार जब पैसा देगी तो वो कई लोगों को एक साथ शासकीय पैसा दिला सकता है अतः उसके बदले एक परिपत्र भरकर लोगों को जोड़ना है जिनसे पैसे लेकर बदले में उन्हें 01-01 करोड़ रूपये से अधिक रूपये वह सरकार से दिलवायेगा। लोगों को जोड़ने के लिये आरोपी शाहबुद्दीन ने आरोपी विक्रम गोस्वामी के कहे अनुसार, अन्य लोगों को जोड़ना शुरू किया जिनसे 27 हजार गवर्मेन्ट लायसेन्स फीस तथा निवेश की राशि करोड़ों रूपये अलग अलग लोगों से ली गई और आश्वासन दिया गया कि आपका पुलिस वेरिफिकेशन भी होगा अगर कोई केस थाने में रजिस्टर्ड पाया जाता है तो फर्म(ग्रुप) से आपका नाम हटाया जाकर आपके पैसे वापस कर दिये जायेंगे, अन्यथा सभी बिन्दुओं पर सही जानकारी पाई जाने पर सभी खर्च व सरकार की फीस काटकर करीब 05 करोड़ का फायदा लोगों को करवायेगा जोकि रूपये खाते में 01 नंवबर में तक आ जायेंगे।
इस तरह करते थे ठगी
आरोपी विक्रम ने बताया कि उसे सी0बी0आई0 ऑफिसर बनकर ठगी करने की तरतीब सूझी जिसने स्वयं को सी0बी0आई0 ऑफिसर दिखाने के उद्देश्य से लैपटाप से फर्जी परिचय पत्र तैयार किया।मिलने जुलने वाले प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं को सी.बी.आई.ऑफिसर बताते हुये परिचय पत्र दिखाकर भरोसा जीतने का काम किया।
      इसके बाद आरोपी विक्रम को उसके किसी अन्य परिचित ने आर0पी0 (Rice pulling) के संबंध में बताया कि आर.पी. रेडियोएक्टिव पदार्थ के समान होता है जो राईस पुलिंग का काम करता है जिसका उपयोग मिसाईल टेक्नोलॉजी के लिये किया जाता है अतः बहूमूल्य पदार्थ होता है। आर0 पी0 अगर चावल को 1 ईंच दूर से खींच ले तो उसकी कीमत 25 से 50 करोड़ तक हो सकती है। इसके बाद वह लगातार आर.पी. की खोज अपने साथियों की मदद से करने लगा। 
 .     कलकत्ता में आर0 पी0 नहीं मिली तो फिर 2016 में इंदौर निवासी शाहबुद्दीन से बात की जिसने इंदौर में आर.पी. उपलब्ध होना बताकर विक्रम को इंदौर बुलाया।आरोपी शाहबुद्दीन के साथ आरोपी विक्रम, इंदौर के आसपास कई शहरों में आर0पी0 तलाशता रहा जोकि नहीं मिली।
       आरोपी विक्रम ने आरोपी शाहबुद्दीन को झांसे में लेकर बताया कि उसे वीरभूमि पश्चिम बंगाल में आर0 पी0 मिली है जो उसने सरकार को दे दी है तथा आर0पी की खोज में साथ में कई लोगों को जुड़ा होना बताया था जिनके परिपत्र भरकर सरकार को देने पर कई लोगों को करोड़ों रूपये मिलेंगें।  इसी तारतम्य में आरोपी शाहबुद्दीन ने पैसा एकत्रित करने के लिये कई लोगों को झांसे में लिया जिनके माध्यम से आरोपी विक्रम को 50 लाख रूपये से अधिक दिलवाये जोकि आरोपी विक्रम और आरोपी शाहबुद्दीन ने परस्पर बांटकर निजी उपभोग में खर्च कर दिये तथा पीड़ितों की ठगी गई राशि नहीं लौटाई।
       झांसे में लेकर ठगी गई राशि को एकत्रित करने का तरीका यह था कि आरोपी शाहबुद्दीन ने आरोपी विक्रम को सी0बी0आई0 अफसर होना बताकर, लोगों को यह कहकर झांसे में लिया था कि आर0पी0 की खोज के बदले शासन से मिलने वाले पैसे के लिये पूर्व में कुछ राशि जमा करनी होगी जिसका 0.02 प्रतिशत मात्र पैसा काटकर 01 लाख रूपये जमा करने के बदले आर0पी0 मिलने पर उन्हें पांच-पांच करोड़ रूपये तक मिलेंगें। इस लालच में लोगों ने लगभग 50 लाख रूपये से अधिक रूपये आरोपियों को दिलवाये।
      आरोपीगण, लोगों से प्राप्त रूपयों के परिपेक्ष्य में उन्हें विश्वास दिलाने के लिये उनके मोबाईल पर लैपटाँप से एस.आई.टी.डी.ई.एल का मैसेज भेजते थे जिसमें दर्शाया जाता था कि लोगों द्वारा दिया गया पैसा भारत सरकार को प्राप्त हो गया है जिसके एवज में सीबीआई अधिकारी उन्हें मोटी रकम दिलवायेगा।
     .आरोपीगण, विश्वासमत हासिल करने के लिये एक फार्म जिसमें डिक्लेरेशन आँफ पार्ट-3 मीडिएटर भाग मध्यस्थ की घोषणा पार्ट-3 नामक एक फार्म लोगों से भरवाते थे, जिसके पंजीयन हेतु 27000 रू फीस भी लेते थेआरोपी विक्रम ने पश्चिम बंगाल व कोलकाता के लोगों से भी लाखों रूपये ऐंठना कबूल किया।
       पकड़े गये दोनों आरोपियों का पुलिस रिमाण्ड लिया जाकर विस्तृत पूछताछ की जायेगी जिसने घटनाक्रम के संबंध में और अधिक पूछताछ, अन्य लोगों की संलिप्तता के संबंध में, खातों में लेन देन संबंधी जानकारी ज्ञात करने तथा विवेचना के अन्य बिंदुओं पर जानकारी जुटाने जाने के प्रयास किये जायेंगें।
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डायल-100 ने गुम हुये दिव्यांग बालक को मिलवाया परिजनों से


डायल-100  ने गुम हुये दिव्यांग बालक को मिलवाया परिजनों से 
 सागर । सागर जिले के बीना में  एफआरबी  में तैनात आरक्षक दीपक शुक्ला को फोन द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि एक 4 वर्ष का लड़का लावारिस घूमता हुआ मालखेड़ी स्टेशन के आस पास मिला है जो दिव्यांग है, बोल-सुन नहीं सकता है तथा अपने घर परिवार का पता नहीं बता पा रहा है । 
         सूचना पर राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम भोपाल से अनुमति एवं निर्देश प्राप्त कर डायल-100 स्टाफ मौके पर पहुंचे गुम हुये 4 वर्षीय बालक को अपने संरक्षण में लेकर थाना आरपीएफ ,थाना जीआरपी, थाना बीना को सूचना दी बाद बच्चे के परिजनों की थाना बीना पुलिस स्टाफ एवं  आरपीएफ  स्टॉप की मदद से तलाश किया गया ।  परिजनों के मिलने पर सत्यापन उपरांत बालक को उनके सुपुर्द किया ।  04 वर्षीय बच्चे  विशाल के परिजनों ने बताया कि वो लोग शिवपुरी से बीना कम्बल, चादर बेचनें हेतु आए थे । दोपहर 12 बजे बच्चा उनसे बाज़ार में अलग होकर भटक गया था डायल-100 सेवा द्वारा किए गए इस मानवीय कार्य के लिए बच्चे के परिजनों द्वारा प्रशंसा की गई एवं आभार व्यक्त किया गया ।
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प्रतिबंध के बावजूद पटाखे चलाने वाला जेल प्रहरी निलंबित

प्रतिबंध के बावजूद पटाखे चलाने वाला जेल प्रहरी निलंबित
ग्वालियर। राममंदिर के फैसले के मद्देनजर धारा 144 के तहत पटाखे चलाना तक प्रतिबंधित है । ऐसे में केंद्रीय जेल ग्वालियर का प्रहरी महेश अवाड आज दोपहर में कुछ लोगो द्वारा की जा रही आतिशबाजी में  शामिल हुआ और पटाखे चलाये। इसे प्रसाशन ने गलत मानते हुए जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया।
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सोशल मीडिया पर प्रतिकूल टिप्पणी करने वाला पटवारी निलंबित

सोशल मीडिया पर प्रतिकूल टिप्पणी करने वाला पटवारी निलंबित

गुना। अयोध्या फैसले को लेकर प्रसाशन ने सोशल मीडिया 144 धारा लगाई थी । ताकि माहौल नही बिगड़े। ऐसे में गुना जिले की कुंभराज तहसील के पटवारी प्रेम नारायण मीणा द्वारा अपनी फेसबुक आईडी से प्रतिकूल टिप्पणियां की । गुना के चाचौड़ा के sdm राजीव समाधियां ने  इस मामले में पटवारी प्रेमसिंह को निलंबित कर दिया।
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अयोध्या मंदिरफैसला: निर्णय का सम्मान, सद्भाव बना रहा,पुलिस प्रशासन रहा चौकस

अयोध्या मंदिरफैसला: निर्णय का सम्मान, सद्भाव बना रहा,पुलिस प्रशासन रहा चौकस

सागर । अयोध्या में राममंदिर के फैसले के बाद सागर जिले में अमनचैन कायम था। हालांकि शुरू में बाजारों में सुनसान छाया था। लेकिन फैसले के बाद जनमानस निकला। सभी ने फैसले सराहनीय बताते हुए इसका सम्मान किया।इसमे पोलिसऔर प्रसाशन की भूमिका अहम रही । लगातार चौकसी और  जनप्रतिनिधियों और धार्मिक संगठनों से लगातार संपर्क ने  साम्प्रदायिक सोहाद्र को  बनाये रखा।
चौकस अधिकारी,लगातार मॉनिटरिंग
 कानून व्यवस्था के लिये पुलिस व प्रषासन के अधिकारी पूरी तरह चौकस कार्य कर रहे हैं। पुलिस नियंत्रण कक्ष सागर में कमिष्नर श आनंद कुमार शर्मा और आईजी सतीष सक्सेना ने कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक, पुलिस अधीक्षक  अमित सांघी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने शहर का भ्रमण किया
 शांति एवं कानून व्यवस्था के मद्देनजर कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक व पुलिस अधीक्षक  अमित सांघी ने संयुक्त रूप से अधिकारियों के साथ शहर के विभिन्न मार्गो का भ्रमण किया। उन्होंने गोपालगंज, बस स्टेण्ड, तीनवत्ती, कटरा बाजार, राधा तिराहा, भगवानगंज, सदर, मोतीनगर का भ्रमण किया। इस अवसर पर उनके साथ वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
       सीसीटीव्ही कैमरों के माध्यम से नगर के चप्पे -चप्पे पर पुलिस व प्रषासन द्वारा नजर रखी जा रही हैं। पुलिस नियंत्रण कक्ष में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक और पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी ने सीसीटीव्ही के जरिये नगर के विभिन्न स्थानों का अवलोकन किया।
9 से 11 नवम्बर तक पीली बत्ती लगाने की अनुमति
       प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए 9, 10 व 11 नवंबर 2019 के लिए प्रदेश के सभी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट्स एवं पुलिस अधिकारियों के लिए पीली बत्ती के उपयोग की अनुमति दी है। यह आदेष मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा जारी किया गया है।        कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये 9 नवम्बर से 11 नवम्बर तक विभिन्न स्थानों पर कार्यपालक दण्डाधिकारी डयूटी लगाई गई है। नियुक्त किये गए दण्डाधिकारियों में  पवन बारिया नगर दण्डाधिकारी व कुलदीप सिंह यादव तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी की डयूटी कटरा चौकी, संतोष चंदेल अनुविभागीय दण्डाधिकारी व सुश्री सोनम पाण्डे नायब तहसीलदार कार्यपालिक दण्डाधिकारी की डयूटी कोतवाली थाना क्षेत्र, श्रीमती अंजली शाह संयुक्त कलेक्टर व श्री नरेन्द्र बाबू यादव तहसीलदार कार्यपालिक दण्डाधिकारी केन्ट थाना क्षेत्र में डयूटी लगाई गई है। श्री अदित्य शर्मा डिप्टी कलेक्टर व डा. राकेष अहिरवार अधीक्षक भू-अभिलेख मोतीनगर थाना क्षेत्र में डयूटी लगाई गई है। सुश्री अमृता गर्ग डिप्टी कलेक्टर एवं श्री श्यामलाल धनक सहायक भू-अभिलेख की मकरोनिया थाना क्षेत्र मंे डयूटी लगाई गई है। श्री वैभव बैरागी नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी व श्री अजेन्द्रनाथ प्रजापति नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी की गोपालगंज एवं सिविल लाईन थाना क्षेत्र में डयूटी लगाई गई है।                       
  
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अयोध्या फैसला।किसी की हारजीत नही हुई,मामला राजनीतिक था , सुप्रीम कोर्ट ने समापन कर दिया:पूर्व गृहमन्त्री

अयोध्या फैसला।किसी की हारजीत नही हुई,मामला राजनीतिक था , सुप्रीम कोर्ट ने समापन कर दिया:पूर्व गृहमन्त्री
सागर । अयोध्या में राम मंदिर के फैसले का स्वागत करते हुए पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि इस फैसले को किसी की हारजीत से नही देखा जा सकता है । सभी पक्षो ने इसका संम्मान करते हुए सराहा है । सुप्रीम कोर्ट ने तथ्यों पर आधारित निर्णय सुनाया है। सत्यता की जीत है । आज अमन चैन है ।यह फैसले की सत्यता का प्रमाण है । यह राजनीतिक मामला था जिसका आज सुप्रीम कोर्ट  ने समापन कर दिया। उन्होंने सागर में मीडिया से चर्चा में कहा कि भाईचारा बना रहे यह हम सबकी जिम्मेदारी है खासतौर से जनप्रतिनिधियों की।
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