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दिनदहाड़े कालेज की छात्रा की गोली मारकर हत्या, प्रेम प्रसंग के चलते हुई वारदात ★ आरोपी शादी के लिए लड़की के परिजनों पर बना रहा था दवाव ★ कुछ महीने पहले आरोपी की शिकायत हुई थी, गया था जेल, जमानत पर लौटकर दिया घटना को अंजाम ★प्रशासन ने आरोपी का तोड़ा मकान

दिनदहाड़े कालेज की छात्रा की गोली मारकर हत्या, प्रेम प्रसंग के चलते हुई वारदात

★ आरोपी शादी के लिए लड़की के परिजनों पर बना रहा था दवाव

★ कुछ महीने पहले आरोपी की शिकायत हुई थी, गया था जेल, जमानत पर लौटकर दिया घटना को अंजाम

★प्रशासन ने आरोपी का तोड़ा मकान 




सागर। सम्भागीय मुख्यालय सागर के  मोतीनगर थाना क्षेत्र में शास्त्री वार्ड में एक लड़की की एक लड़के ने देशी कट्टे से गोली मारकर हत्या कर दी। इस वारदात से क्षेत्र में दहशत फैल गई। मैके पर सागर झोन के आई जी , एसपी सहित  थानों का महकमा पहुच गया। बताया जाता है कि आरोपी लड़की से शादी करने के लिए लड़की के परिजनों पर दवाव बना रहा था। इसकी शिकायत भी पहले भी थाने में हो चुकी है। तब आरोपी की गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जमानत पर लौटकर उसने यह अंजाम दिया।

ये है घटनाक्रम

शास्त्री वार्ड पगारा रोड पर निवासी रोहित राजपूत ने पड़ोस में रहने वाली लडक़ी पूनम केशरवानी 21 वर्ष का एक तरफा प्रेम प्रसंग चलता था। आज जब पूनम कालेज से घर लोटी तो रोहित ने उसे 

घर से कुछ दूरी पर पकड़कर घसीटा। इस दौरान परिजनों ने बचाने की कोशिश की । तभी रोहित ने  देसी कट्टे से फायर किया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। आरोपी रोहित देशी कट्टा मोके पर ही फेंककर फरार हो गया। घटना की खबर लगते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा और जांच वड़ताल में लग गया। मोके पर सागर झोन के आई जी अनिल शर्मा, पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह , एएसपी, सीएसपी, सहित केंट और मोती नगर पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने घटनास्थल से देशी कट्टा और दो कारतूस बरामद भी किये है। 


पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह
के अनुसार रोहित राजपूत ने पूनम केशरवानी की गोली मारकर हत्या की है। आरोपी के खिलाफ पहले भी शिकायत की थी। जिसमे कार्यवाई कर जेल भेजा गया था। आरोपी के मकान तोड़ने की कार्यवाई की जा रही है। ताकि ऐसे लोगो के खिलाफ सन्देश जाए।

वही मृतिका के भाई राजा केशरवानी के अनुसार पूनम कालेज से घर लौटी तो रोहित उसे पकडकर ले गया। हम लोगो ने पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह भाग निकला। उसके खिलाफ थाने में पहले भी रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

आरोपी का तोड़ा घर




पूरे क्षेत्र में दहशत फैलाने वाली इस घटना ने  रोंगटे खड़े कर दिए। दिन दहाड़े हुई हत्या के चलते प्रशासन सकते कि स्थिति में आ गया। प्रशासन ने नगर निगम की टीम बुलाकर जेसीबी मशीन लगावाकर रोहित राजपूत का कमान तोड़ने की कार्यवाई शुर की।




कलेक्टर श्री दीपक सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री अतुल सिंह द्वारा गुरुवार को तत्काल कार्रवाई करते हुए अपराधी रोहित के मकान को जमींदोज कराया गया।कलेक्टर  दीपक सिंह द्वारा बताया गया कि, गुरुवार को अपराधी रोहित पिता मोहन सिंह ठाकुर निवासी पगारा रोड मोती नगर का 1500 स्क्वायर फिट का मकान सिटी मजिस्ट्रेट श्री सीएल वर्मा ,नगर निगम उपायुक्त डॉ  प्रणय कमल खरे , पुलिस बल एवं नगर निगम के अतिक्रमण दस्ता द्वारा मकान को जमींदोज किया गया।


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जयंती खरे के काव्य संग्रह "सस्मिता" का लोकार्पण

जयंती खरे के काव्य संग्रह "सस्मिता" का लोकार्पण

सागर।  नगर‌ की‌ प्रसिद्ध कवयित्रियों में शुमार रहीं श्रीमती जयंती खरे "जया" की पुण्य तिथि जया एकादशी पर महिला काव्य मंच सागर द्वारा स्मृति - आयोजन तथा उनके द्वारा लिखी गईं कविताओं के संग्रह "सस्मिता" का विमोचन व लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि देश की ख्यात उपन्यासकारक डॉ.सुश्री शरद सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि ‌जयन्ती खरे ''जया'' की काव्य रचनाएं देश के प्रति, जगत के प्रति, प्रत्येक मानव के प्रति, प्रकृति के प्रति तथा स्वयं के प्रति शुभाकांक्षाओं से संवाद करती रचनाएं हैं। ''सस्मिता'' काव्य संग्रह की सभी रचनाएं मन को बहुत स्नेह से स्पर्श करती हैं और फिर पढ़ने वाले को अपना बना लेती हैं। ऐसा मधुर काव्यसृजन आजकल बिरले ही देखने को मिलता है। जयन्ती खरे जी के पिता अम्बिका प्रसाद ''दिव्य'' एक उच्चकोटि के साहित्यकार थे। उन्होंने कविताएं, कहानियां, उपन्यास लिखे साथ ही चित्रकारी में भी उनका रुझान था। ''खजुराहो की अतिरूपा'' उनकी एक प्रसिद्ध कृति है। ऐसे विद्वत साहित्यकार की पुत्री होते हुए कोमल संवेदनाओं का जयंती खरे में पाया जाना स्वाभाविक था। लेकिन जयन्ती खरे ने अपने पिता की लेखकीय छाया को अपने ऊपर नहीं पड़ने दिया, बल्कि अपने अनुभवों को सहेजते हुए अपना स्वतंत्र कल्पनालोक रचा।  
          अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए जाने-माने गीतकार व कवि डॉ. श्याम मनोहर सीरोठिया ने अपने उद्बोधन में कहा स्व. जयंती खरे जया जी की कविताएँ भावों की फुलवारी में शब्दों के महकते प्रसूनो की तरह हैं जिनकी सुगंध किसी भी युग एवं मौसम में कम नहीं हो सकती है।उन्होंने जो और जैसा जिया है वह कविताओं में दिया है।स्व जयंती खरे जी की कविताएँ, व्यक्ति , समाज एवं प्रकृति की त्रिवेणी में अवगाहन करती हुई साहित्य की सिद्ध धरोहर बन गईं हैं।
       अस्वस्थता के कारण उपस्थित न हो सके सागर विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रो.सुरेश आचार्य ने अपने संदेश कहा कि भगवान की बनाई इस सृष्टि में स्त्री स्वयं एक कविता ही है। वह नया मनुष्य रचती है, नया संस्कार रचती है और नई नई सृष्टियां भी रचती है।‌ प्रकाशित हो अथवा न हो लेकिन मेरा मानना है कि हर स्त्री कविता से जुड़ी रहती है। उसका काव्य बच्चों की खीलखिलाहट में, भाई बहनों के लिए किए गए प्यार में और पति के लिए किए गए उत्तर दायित्व के निर्वाह में पहचाना जा सकता है। जयंती जी का यह नया काव्य संग्रह सस्मिता अपने अर्थ में हल्की मुस्कान वाला होता है जबकि सुस्मिता सुंदर मुस्कान होती है। भारतीय स्त्री सदा चेहरे पर स्मित मुस्कान धारण करती है। उसका सबसे बड़ा सद्गुण अपने परिवार के लिए मर मिटना होता है। आज जयंती जी हमारे बीच नहीं है तब इस पुस्तक विमोचन के अवसर पर उनका पूरा परिवार, मित्र, भाई बंधु, सखा उनकी स्मित मुस्कान का स्मरण कर रहे होंगे। मैं श्री जगदीश श्रीवास्तव जो शनीचरी के नाते मेरे बड़े भैया हैं, उनको इस प्रकाशन के लिए सादर प्रणाम करता हूं और उम्मीद करता हूं कि वह उनकी बची हुई और खोई हुई रचनाएं ढूंढ कर "अभिन्यास" के नाम से प्रकाशित करेंगे और जन अभिन्यास भी कहा जा सकता है जिसमें बड़े भैया और बच्चों के नाम आ जाएंगे।संदेश वाचन श्यामलम् अध्यक्ष उमाकांत मिश्र ने किया।
       विमोचित पुस्तक पर अपने समीक्षा वक्तव्य में कवयित्री डॉ.चंचला दवे ने कहा स्व.जया जी एक मानवीय सरोकारों से संतृप्त,एक नैतिक बल से पोषित कवयित्री हैं, संवेदना की भाव भूमि पर,अपना रचना सागर बनाती है।चिंतन और चेतना के धरातल पर स्व जया जी की कविताओं में एक व्यक्ति नहीं, पूरा परिवार, समाज, प्रकृति,देश द्दश्यमान है। विशिष्ट अतिथि संतोष श्रीवास्तव ने कहा मैं भाग्यवान  हूं कि देवलोकवासी आदरणीया स्व. जयन्ती खरे जी का सानिध्य मुझे उनके जीवन काल में मिलता रहा है।
आज पुन:मेरा सौभाग्य  है कि उनके काव्य संग्रह के लोकार्पण  के अवसर पर मुझे यह सम्मान  मिल रहा है।  इस अवसर पर स्व.जयंती जी के भाई जगदीश किंजल्क और बड़े पुत्र अमिताभ ने भी उनके जीवन से जुड़े संस्मरण साझा किए।
कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से हुई।तदुपरांत उपस्थित समस्त आगंतुकों और मंच ने स्व.जयंती जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। आयोजक संस्था महिला काव्य मंच की अध्यक्ष अंजना चतुर्वेदी तिवारी ने कार्यक्रम परिचय और स्वागत उद्बोधन दिया। स्व.जयंती जी की पुत्री सस्मिता ने ऑडियो गीत के माध्यम से तथा छोटी बहू रूपाली जैन श्रीवास्तव द्वारा विमोचित काव्य- संग्रह  सस्मिता की एक कविता के वाचन से उन्हें याद किया।
स्व. जयंती खरे जया के पति जे.सी. श्रीवास्तव ने उनका जीवन परिचय दिया। इस अवसर पर आयोजक संस्था द्वारा उनका शाल, श्रीफल, पुष्पमाला से सम्मान  भी किया गया। संचालन मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन सागर इकाई के अध्यक्ष आशीष ज्योतिषी ने किया और आभार प्रदर्शन संस्था सचिव डॉ. सुजाता मिश्र ने किया।
    कार्यक्रम में शिवरतन यादव,डॉ.महेश तिवारी, श्यामलम् अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र, हरीसिंह ठाकुर,
आर के तिवारी,हरी शुक्ला, वीरेंद्र प्रधान,सुनीला सराफ, व्ही पी मिश्रा,माधव चंद्रा, डॉ.विनोद तिवारी,पूरन सिंह राजपूत, मुकेश तिवारी, पुष्पेंद्र दुबे कुमार सागर, डॉ.सुनील श्रीवास्तव,आनंद अकेला, दामोदर अग्निहोत्री, प्रभात कटारे, प्रदीप श्रीवास्तव,अवनींद्र खरे अंशुमन छतरपुर, श्रीवास्तव परिवार के सदस्य सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

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नाबालिग के साथ दुष्कर्म कर हत्या के आरोपियों को फांसी देने की मांग, को सैनी ज्योति महासंघ ने दिया ज्ञापन

नाबालिग के साथ दुष्कर्म कर हत्या के आरोपियों को फांसी देने की मांग, को सैनी ज्योति महासंघ ने दिया ज्ञापन

सागर। सैनी ज्योति महासभा के तत्वाधान में सागर के सैनी समाज के बड़ी संख्या में लोग महिलाओं सहित बुधवार दोपहर सागर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने  राष्ट्रपति के नाम सागर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा है,  ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि मध्य प्रदेश की शुजालपुर जिला के ग्राम नरोला में सैनी समाज की 17 वर्षीय नाबालिग के साथ धर्म विशेष के लोगों ने दुष्कर्म कर हत्या कर दी गई थी, इस घटना से पूरे समाज में रोष व्याप्त है। 

सैनी ज्योति महासंघ और समस्त सैनी समाज ने मांग की है कि इस घटना में आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी कर  फांसी दी जाए। साथ ही मृत बालिका के परिवार को तुरंत सहायता राशि दी जाए इसके साथ ही परिवार में एक सदस्य को नौकरी दी जाए जिससे वह परिवार अपने परिवार का भरण पोषण कर सके।  ज्ञापन देने वालो में सैनी जयोति महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट ब्रजेश ट्विंकल सैनी , विपिन सैनी और  समाज की  महिलाओं सहित वरिष्ठजनों शामिल हुए।

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विद्वान डेटाबेस की अहम भूमिका : डा0 शुचिता सिंह

विद्वान डेटाबेस की अहम भूमिका :  डा0 शुचिता सिंह 

सागर। डा. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास केन्द्र द्वारा पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विषय पर  आयोजित आॅनलाईन रिफे्रशर कोर्स में विषय विशेषज्ञ के रूप में अपना व्याख्यान देते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की  डिप्टी लाइब्रेरियन  और यंग लाइब्रेरियन एसोसिएशन की उप प्रमुख डा. शुचिता सिंह  ने कहा कि वर्तमान समय मे विद्वान डेटाबेस की भूमिका अहम हो गई है क्योकि इसके माध्य्म से आप अपने विषय के अन्य विद्वान से संपर्क कर सकते है और उनके शोध को जान सकते है । साथ ही साथ डेटाबेस भविष्य में आपके विषय पर होने वाले शोध को स्वयं ही आप तक उपलब्ध कराएगा। शैक्षणिक जगत के पुरोधाओं के लिए प्रचलित विद्वान डाटाबेस की उपयोगिता और इसके व्यावहारिक पहलू की चर्चा की गई।
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डॉ.अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विवि महू और डॉ.अम्बेडकर राष्ट्रीय विधि विवि सोनीपत के बीच हुआ सहभागिता अनुबंध


डॉ.अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विवि महू और डॉ.अम्बेडकर राष्ट्रीय विधि विवि सोनीपत के बीच हुआ सहभागिता अनुबंध


★ शैक्षिक, अकादमिक और शोध की गतिविधि बढ़ाता है सहभागिता अनुबंध : कुलपति  
 

महू। जेंडर और कानून विषय पर बोलते हुए डॉ. बी. आर. अम्बेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय सोनीपत, हरियाणा की कुलपति प्रो. विनय कपूर मेहरा ने कहा कि सभी कुछ कानून से नहीं हो सकता है हमें जेंडर समानता के लिए मानसिकता और पाठ्यक्रम में परिवर्तन करना पड़ेगा। आज व्यक्ति केंद्रित समाज हो गया है जबकि हमेशा परिवार और समाज केंद्र में होना चाहिए। कानून आज भौतिक आवश्यकता पर ही शिक्षा जोर दे रहा है जबकि संवैधानिक विशेष प्रावधानों से सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सशक्तिकारण की स्त्री के पक्ष में अधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कानून के दुरुपयोग की भी खबर आती है लेकिन हमें सशक्तिकरण पर ज्यादा जोर देने कि आवश्यकता है। परंपरा ने तो स्त्री को दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती के रूप में भगवान के स्थान पर रखा था, आज उसे पुर्न प्रतिष्ठित करने की आवश्यकता है। 
उससे पूर्व दोनों अम्बेडकर वि.वि. डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सामाजिक विश्वविद्यालय महू और डॉ. बी. आर. अम्बेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय सोनीपत के रूप में दोनों कुलपतियों ने संस्थागत सहभागिता अनुबंध पर हस्ताक्षर कर शैक्षिक, अकादमिक और शोध पर परस्पर  सह भागिता को सुनिश्चित किया। 
विशेष व्याख्यान 'जेंडर और कानून' की अध्यक्षता करते हुए ब्राउस, महू कुलपति की प्रो. आशा शुक्ला ने कहा कि प्रो.विनय कपूर मेहरा जेंडर के मुद्दों को कानून की दृष्टि से देखती हैं और मैं सामाजिक दृष्टिकोण से देखती हूँ। उन्होंने कहा कि प्रो. विनय कपूर मेहरा डॉ बी आर अम्बेडकर राष्टीय विधि विश्वविद्यालय की पहली कुलपति हैं, उन्होंने अल्पकाल में ही अत्यधिक परिश्रम कर विश्वविद्यालय का  का  छवि निर्माण किया हैं। कुलपति आशा शुक्ला ने प्रो. विनय कपूर मेहरा का शाल-श्रीफल देकर सम्मान करते हुए डॉ अम्बेडकर विश्वविद्यालय का प्रतीक भेंट किया। अनुबंधन और व्याख्यान के पहले अधिष्ठाता प्रो. डी. के. वर्मा ने विश्वविद्यालय का परिचय और शिक्षा अध्ययन शाला की अधिष्ठाता डॉ. मनीषा सक्सेना ने अतिथि अतिथि स्वागत वक्तव्य दिया साथ ही ब्राउस के रजिस्ट्रार डॉ अजय वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनोज कुमार गुप्ता ने किया। इस अवसर पर सभी शिक्षकगण मौजूद रहे।


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SAGAR: पति के निधन पर पत्नी ने दी मुखाग्नि

SAGAR: पति के निधन पर पत्नी ने दी मुखाग्नि 


सागर। आमतौर पर  मातापिता को मुखाग्नि देने की घटनाएं देखने सुनने मिल जाती है। लेकिन पति के निधन पर पत्नी द्वारा मुखाग्नि देने के मामले कम है।  सम्भागीय मुख्यालय सागर पर एक ऐसा ही वाकया सामने आया। जिसमे  निसन्तान दंपत्ति में पति की मौत होने पर उसकी पत्नी ने अंतिम संस्हुकर किया।

सागर शहर के बाहुवली कॉलोनी निवासी विश्वनाथ परांजपे के निधन पर उनकी पत्नी द्वारा मुखाग्नि दी गई. 77 वर्षीय विश्वनाथ परांजपे का आज मंगलवार की सुबह निधन हो गया था. मिलेट्री से सेनानिवृत्त अकांउटेंट परांजपे की कोई संतान नहीं थी. उनकी पत्नी श्रीमती मीनाक्षी परांजपे ने मुखाग्नि देने की इच्छा जताई. उनकी अंतिम यात्रा बाहुवली कॉलोनी माता मढिय़ा से शुरू हुई जो नरयावली स्थित मुक्तिधाम पहुंची. जहाँ पर उनकी पत्नी मीनाक्षी द्वारा मुखाग्नि दी गई. अंतिम यात्रा में विकास बेलापुरकर, ओमप्रकाश पंडा सहित अन्य वार्डवासी ने शामिल होकर श्रृद्धासुमन अर्पित किए.


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