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Doping : भारतीय खिलाड़ी प्रतिबंधित दवाओं के सेवन में लिप्त नही - डॉ सिमोना पिचनी




सागर । नेशनल डोपिंग सेन्टर  इटली में वैज्ञानिक डॉ सिमोना पिचनी ने इस बात की सराहना की है  कि भारत के खिलाड़ी डोपिंग और अन्य   प्रतिबंधित दवाओं में लिप्त नही है। लेकिन आने वाले समय में भारत के सामने भी यह समस्या होगी इसलिये उसे अभी से तैयार रहना चाहिये।
उन्होंने डॉ हरीसिंह गौर विवि सागर  के रसायन शास्त्र विभाग में डोपिंग एवं खेल में प्रतिबंधित दवाओं के बारे में शुरू किए गए ज्ञान कोर्स में यह बात कही ।यह कार्यक्रम  एम.एच.आर.डी द्वारा प्रायोजित  है। 
       डोपिंग शब्द खेल जगत में एक बहुत ही भयाभय षब्द है,जो कि यह बताता है कि खेल प्रतियोगिता में खिलाडी़ द्वारा प्रतिबंधित दवाओं का सेवन किया गया है। जब वह खिलाड़ी डोपिंग ऐजेन्सी द्वारा पकड़ा जाता है तो वह अपने केरियर एंव देष की छवि को धूमिल करता है। 
इस की अध्यक्ष्ता कर रहे विष्वविद्यालय के कुलपति  प्रो0 आर.पी. तिवारी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने विश्व एंव देश को महान खिलाड़ी दिये है। जिन्होने अपनी शारिरिक क्षमता से देश  का नाम रोशन किया है। उन्हीने  इस ज्ञान कोर्स पर प्रसन्नता जताते हुये कहा कि इस विषय को  शोध के क्षेत्र में भी आगे बढ़ना चाहिये।
प्रो0 फरीद खान ने रसायन षास्त्र विभाग की उपलब्धियों एवं वर्तमान में चल रहे कार्यो के बारे में बताया। प्रो0 ए0 एन0 शर्मा डीन आॅफ एकेडेमिक अफेयर्स ने ज्ञान कोर्स की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। विवि के ज्ञान समन्वयक प्रो0 देवाषीश बोस ने डाॅ. सिमोना पिचनी की उपलब्ध्यिों के बारे में बताया।धन्यवाद प्रस्ताव डाॅ. राद्यवैया एवं मंच संचालन ज्ञान कोर्स काॅर्डिनेटर डाॅ. अभिलाशा दुर्गवंशी के द्वारा किया गया।
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श्रेष्ठ नैतिक मूल्यों का बीज बचपन से बोना होगा: ब्रह्मकुमारी ज्योति


सागर। शासकीय स्वशासी कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्टता महाविद्यालय, सागर में व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के तत्वाधान में ''वर्तमान युग में नैतिक मूल्यों की आवश्यकता व शिष्टाचार, सम्यता ओर सौम्य व्यवहार''  विषय पर  एक व्याख्यानमाला आयोजित की गई ।
          कार्यक्रम में  प्रजापति ब्रह्म कुमारी बहिन ज्योति दीदी ने कहा कि व्यक्ति की कीमत उसके गुणों से होती है। गुणों से तात्पर्य नैतिक मूल्यों से होता है। शिक्षा मूल्यों का खजाना है परन्तु नैतिक मूल्यों की शिक्षा घर परिवार से प्रारम्भ हाती है। जैसा बीज बोया जाएगा वैसे फल की प्राप्ति होगी। अतः हर परिवार को श्रेष्ठ नैतिक मूल्यों का बीज अपने बच्चों में बोना होगा। शिक्षा नवीनता लाती है। अतः युवाओं को सीखते रहना चाहिए। नैतिक मूल्य रचनात्मकता, सत्यनिष्ठा, एकाग्रता, आशावादिता जैसे गुणों का व्यक्तित्व में बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा हर युवा को अपने को पहचानना चाहिए और विचार से अपने को शान्त सकारात्मक और शक्तिशाली मानना चाहिए। । 
प्राचार्य डाॅ. ए.के. पटैरिया के निर्देशन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
           व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ प्रभारी डाॅ. इला तिवारी ने कहा कि नैतिक मूल्य शाश्वत होते हैं जिन पर चल कर आप श्रेष्ठ जीवन को प्राप्त करेंगे।युवाओं को आवश्यकता है कि नैतिक मूल्यों को समझें, उन्हें अपनाएं और उनके महत्व से सभी को अवगत कराएं। इन शाश्व्त मूल्यों पर चल कर ही आप वास्तविक रूप से सफल होंगे। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व निर्माण में शिष्टाचार, सम्यता और सौम्य व्यवहार अनिवार्य है। इसी से युवाओं का भविष्य सुदृढ़ होगा।
  
              प्रकोष्ठ सदस्य डाॅ. प्रतिमा खरे ने कहा कि व्यक्तित्व निर्माण में नैतिक मूल्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और छात्राओं को उज्जवल भविष्य हेतु शुभकामनाएँ दी।
आयोजन प्रभारी डाॅ. भावना यादव ने कहा कि नैतिक मूल्य परिवेश से प्रभावित होते हैं। यदि परिवेश में सकारात्मक नैतिक मूल्य यथा सदाचार, सत्य, त्याग, प्रेम, सहृदयता, परोपकार, सहनशीलता, संवेदनशीलता होगी तो व्यक्तित्व में स्वतः ही नैतिकता आएगी। इसके विपरीत यदि परिवेश में अहम, चरित्रहीनता, असहिष्णुता, बेइमानी, भ्रष्टाचार होगा तो नैतिक हेतु प्रयास करना होगा। आज बदलते समय और विकास के दौर मे ंनैतिक मूल्यों के आधारों में हो रहे परिवर्तनों को समझना होगा। युवाओं की नैतिकता सुदृढ़ राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करती हैं। छात्रा सृष्टि शांडिल्य ने फीडबैक देते हुए कहा कि आपके व्याख्यान में बताए गए शिष्टाचार, अनुशासन, ज्ञान एवं आत्मशान्ति की मार्ग ही जीवन में प्रगति करने का एकमात्र उपाय है। छात्रा प्रतिभा चैरसिया ने कहा कि पवित्र मन रखो, पवित्र तन रखों। पवित्रता ही मनुष्य की शान है, जो मन वचन कर्म से श्रेष्ठ है, वो चरित्रवान ही मान है।
आभार डाॅ. अंजलि दुबे ने व्यक्त किया। इस अवसर पर डाॅ. मंगला सूद, डाॅ. सुनीता त्रिपाठी, डाॅ. सुनीता सिंह, डाॅ. दीपा खटीक तथा बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थीं।
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भारी बारिश के चलते सागर जिले के सभी स्कूलो की ९ सितम्बर की छुट्टी घोषित

सागर में भारी बारिश के चलते सागर जिले में 
 कल 9 सितम्बर को शासकीय और अशासकीय
 CBSE सहित सभी स्कूलो की छुट्टी घोषित
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राज्यपाल द्वारा सम्मानित शिक्षक का सागर में सम्मान

राज्यपाल द्वारा सम्मानित शिक्षक का सागर में सम्मान 
सागर  । शिक्षक दिवस पर  राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा सम्मानित शासकीय  प्राथमिक शाला बंडा के प्राधानाध्यापक करणसिंह राजपूत का इनके शहर सागर में सम्मानित किया गया। 
          शिक्षक राजपूत  को यह  सम्मान निर्धन, मजदूर वर्ग बच्चों के अभिभावकों को समझाकर नामांकन शाला में कराने एवं शाला में बिजली,पंखा, पानी निकासी आदि की सुचारू व्यवस्था कराने के लिए दिया गया। शिक्षक करणसिंह राजपूत  को राज्यपाल द्वारा सम्मानित होने पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा म.प्र.एवं क्षत्रिय नवचेतना मंच, सागर ने  शाल-श्रीफल व सम्मानपत्र भेंट कर सम्मानित किया ।साथ ही अन्य स्वजातीय शिक्षकों का  सम्मान किया गया।
              डॉ. सुश्री शरद सिंह ने कहा कि आज के समय में सबसे निचले पायदान के बच्चों की शिक्षा के बारे में सोच रहा है वह व्यक्ति समाज के लिए संम्मानीय है। वर्तमान में शिक्षा का तरीका बदल रहा है। हमें अपनी पुरातन संस्कृति के साथ चलना है और अपने बच्चों को पैकैज सिस्टम से बचाना होगा यह कार्य करणसिंह राजपूत जैसे शिक्षक कर रहे हैं ऐसे शिक्षक आशा की किरण जगाते हैं।
    वीनू शम शेर जंग बहादुर राणा एड. उपाध्यक्ष अभाक्षमसमप्र ने कहा कि समाज के लिए आज यह गौरव का अनुभव कराने वाले शिक्षक करणसिंह राजपूत का सम्मान करते हुए हम स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
मोहनसिंह राजपूत अध्यक्ष अभाक्षमसमप्र, लीला बुआ जी अध्यक्ष महिला इकाई अभाक्षमसमप्र, लखन सिंह ठाकुर, गोविंद सिंह सहित उपस्थित शिक्षकों ने संबोधित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र के समक्ष अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्जविलत कर हुई। संचालन गजेन्द्र सिंह ठाकुर व आभार वीरेंद्र सिंह जी ने किया।
           इस अवसर पर उमेश राजपूत, रामबाबू राजपूत, वीर सिंह , इंद्रपाल सिंह गौर, मंजू राजपूत, सीमा बघेल, विनीता राजपूत, अमरसिंह ठाकुर, सोवरन सिंह ठाकुर, शिवराम सिंह ठाकुर, रामसिंह चौहान, सोवरनसिंह तोमर आदि उपस्थित थे।
 
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दीवाली,दशहरा और होली आदि त्योहारों के तुरंत बाद स्कूलों में परीक्षाएं नही होंगी

दीवाली,दशहरा और होली आदि त्योहारों के तुरंत बाद स्कूलों में परीक्षाएं नही होंगी,आदेश जारी
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शिक्षक दिवस। राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत ने दिये आम के पौधे

शिक्षक दिवस। राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत ने दिये आम  के पौधे
सागर । शिक्षक दिवस पर  परिवहन मंत्री  गोविन्द सिंह राजपूत ने शिक्षको  को आम के पौधे  देकर  सम्मान किया और पर्यावरण का संदेश दिया । रविन्द्र भवन में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि षिक्षक वह कुम्हार है जो छात्र को सुंदर घड़े  के जैसा स्वरूप प्रदान करता है। जिस तरह कुम्हार खेत की मिट्टी को अपने हाथों से आकार देकर सुंदर घड़ा बनाता है ठीक उसी तरह गुरू भी अपने ज्ञान से एक षिष्य को सुंदर घडे़ के जैसे बनाता है। 
कार्यक्रम में मंत्री श्री राजपूत ने एक अनूठी पहल करते हुए षिक्षक-षिक्षिकाआंे को आम का वृक्ष भी प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि यह वृक्ष आपको आजीवन आपके षिक्षा जगत में दिए गए अमूल्य योगदान की याद दिलाते रहेंगे। श्री राजपूत ने कहा कि आम के वृक्ष द्वारा जो सम्मान आज षिक्षकों का किया जा रहा है उससे पर्यावरण के प्रति छात्र-छात्राओं में जागरूकता भी पैदा होगी। 
  इस अवसर पर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष  हीरासिंह राजपूत, राकेष शर्मा,  सुरेश आचार्य,  पप्पू फुसकेले,  आषीष जोषी, एडव्होकेट  राजू बड़ोनिया, जेडी डा. आरएन शुक्ला, डीईओ डा. महेन्द्र प्रताप तिवारी, श्री जेपी सिन्हा, श्री एचएन नेमा, डा. धीरेन्द्र मिश्रा, डा. गिरीष मिश्रा, डा. आषुतोष गोस्वामी, डा. एचपी कुर्मी, श्री एमएस गौर, श्री नीलेष चौबे, श्री मनोज तिवारी, श्री लोकमन चौधरी सहित राष्ट्रपति, राज्यपाल पुरूस्कार प्राप्त षिक्षक एवं सेवानिवृत्त षिक्षक समुदाय उपस्थित था।
कार्यक्रम का संचालन  राजकुमार कपूर एवं श्रीमती रचना तिवारी ने किया जबकि आभार जेडी डा. आरएन शुक्ला ने माना।
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शिक्षक दिवस समारोह के बाद कमलनाथ सरकार के मन्त्री ने लगाई झाड़ू.....

शिक्षक दिवस समारोह के बाद कमलनाथ सरकार के मन्त्री ने लगाई झाड़ू.....


सागर । आमतौर पर कार्यक्रम खत्म होने के बाद कचरा खानेपीने का सामना  इधरउधर बिखरा रहता है। कमलनाथ सरकार के नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हर्ष यादव ने शिक्षक दिवस पर कार्यक्रम के पश्चात खुद ही सफाई करने लगे।
       शिक्षक दिवस सागर जिले के देवरी विधानसभा क्षेत्र के केसली में मन्त्री हर्ष यादव के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम था। शिक्षकों के सम्मान के बाद कार्यक्रम खत्म हुआ  तो खाने के डिब्बे पड़े थे । कुछ कर्मचारी सफाई करने लगे तो मन्त्री हर्ष यादव ने खुद झाड़ू ले ली और सफाई करने में जुट गए।
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नवकरणीय ऊर्जा मन्त्री हर्ष यादव ने एक हजार से अधिक शिक्षकों का किया सम्मान

नवकरणीय ऊर्जा मन्त्री हर्ष यादव ने एक हजार से अधिक शिक्षकों का किया सम्मान

सागर । समाज को नई दिषा देने में षिक्षक की अहम भूमिका होती है। षिक्षक अपनी पूरी क्षमता और कर्तव्यनिष्ठा से दायित्वों का निर्वहन करते हैै। आत्मीयता के साथ बच्चों को षिक्षा प्रदान करते है। आज जो कुछ भी है वे अपने गुरूजनांे के कारण ही है।यह विचार  नवकरणीय ऊर्जा विभाग के मंत्री  हर्ष यादव ने देवरी विधानसभा क्षेत्र के केसली स्थित शासकीय उत्कृष्ट उमावि, परिसर में आयोजित षिक्षक सम्मान दिवस के अवसर पर व्यक्त किए। कार्यक्रम में मन्त्री ने  आयोजकों से स्वयं का स्वागत न कराते हुए कहा कि आज केवल षिक्षकोें का ही सम्मान किया जाएगा। उन्होंने देवरी एवं केसली के चौदह सौ षिक्षकों का सम्मान किया गया। उन्होंने मंच से उतरकर षिक्षकों पर पुष्प वर्षा भी की।
       इस अवसर पर कांग्रेस के पदाधिकारी  शालिगराम खैमरिया, श्रीमती संगीता यादव,  बाबूलाल राजौरिया,  षिवराज सिंह, संजय बिजपुरिया, देवरी जनपद अध्यक्ष सुश्री आंचल आठ्या,  राजेष शुक्ला,  संदीप कटारे, संयुक्त संचालक लोक षिक्षण सागर संभाग डा0 आरएन शुक्ला, जिला षिक्षा अधिकारी डा. महेन्द्र प्रताप तिवारी, जेपी सिन्हा, श्री एचपी कुर्मी, श्री आरके नामदेव, संस्था प्राचार्य केपी बड़गैया, श्री धर्मेंन्द्र दुबे सहित बड़ी संख्या में षिक्षक समुदाय उपस्थित था। इस मौके पर सनसाईन स्कूल एवं प्रकाषचंद मेमोरियल संस्था के दल द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। संजय जैन द्वारा टड़ा उमावि के लिए टीनषेड एवं सहजपुर विद्यालय के लिए पेयजल हेतु आरओ प्रदान करने की घोषणा की गई। कार्यक्रम का संचालन  केपी बड़गैया, मनोज जैन एवं वीरेन्द्र जैन ने किया
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निर्रथक सामानों का उपयोग कर पढ़ाने वाले शिक्षक की शैली को देखा कलेक्टर ने


निर्रथक सामानों का उपयोग कर पढ़ाने वाले शिक्षक की शैली को देखा कलेक्टर ने

सागर ।  कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक देवरी जनपद के शासकीय प्राथमिक षाला निगहरी शिक्षक द्वारा बच्चों को आसान तरीके से पढ़ाने व समझाने की शैली  देखने  निगहरी प्राथमिक षाला पहुंची। 
           विदित है कि  शिक्षक राजेश  सोनी द्वारा बच्चों को रोजमर्रा में उपयोग की जाने वाली अनुपयोगी हो चुकी वस्तुओं के उपयोग से अंग्रेजी, गणित व विज्ञान जैसे विषयों को पढ़ाने के लिए शिक्षण सामग्री बनाते हैं। खेल के तरीकों को अपनाकर श्री सोनी बच्चों को आसानी से कठिन विषय भली-भांति समझाते हैं। बच्चों के बीच पहुंचकर कलेक्टर श्रीमती मैथिल ने उनके पढ़ाये जा रहे तरीकों को देखकर  तारीफ  की। शिक्षक  सोनी द्वारा बनाई इस सामग्री से वह काफी प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि निरर्थक समझी जाने वाली चीजों को उपयोग कर बच्चांे को खेल-खेल में आसानी से पढ़ाया व समझाया जा सकता है। इस बात को राजेश सोनी जैसे षिक्षक प्रभावी तरीके से बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री राजेष सोनी से मिलकर अत्यंत हर्ष हुआ। वे बहुत ही वैज्ञनिक और रोचक तरीकों से बच्चों को पढ़ाते है। बच्चों का षिक्षा का स्तर और उत्साह भी देखते ही बनता है। उन्होंने षिक्षक श्री सोनी सभी मेहनती शिक्षक  वर्ग को शिक्षक दिवस की बधाई दी। इस अवसर पर षिक्षक  रामवीर राजपूत, उमाकांत चौबे एवं  अरूण दुबे भी मौजूद थे।
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समाजशास्त्र विभाग में मना शिक्षक दिवस

समाजशास्त्र विभाग  में मना शिक्षक दिवस 

सागर.।डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के समाजशास्त्र एवं समाजकार्य विभाग ने शिक्षक दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजशास्त्र एवं समाजकार्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. दिवाकर सिंह राजपूत द्वारा की गई.

             प्रो. दिवाकर राजपूत ने कहा कि जीवन में भ्रम ओर अतिविश्वास के अंधकार को दूर भगाकर सकारात्मक और सार्थकता की दिव्य ज्योति देने का कार्य शिक्षक करता है.  प्रो. राजपूत ने कहा कि सफलता के शिखर पर उड़ान भरने के लिए पगदडंडियॉ नहीं, वृहद आसमान चाहिये. हम अपनी मंजिल और आकाश स्वंय बनाऐंगे. डॉ.कालीनाथ झा ने कहा कि विद्यार्थियों को जीवन में सदैव ज्ञान के लिए समर्पित रहना चाहिए. श्रीमती नंदी पटोदिया ने कहा कि छात्रों को महापुरूषों की जीवनी को अपने जीवन में उतारना चाहिए. 

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योग में गुरु शिष्य परम्परा:योगाचार्य भार्गव

योग में गुरु शिष्य परम्परा:योगाचार्य भार्गव



सागर ।डॉ. हरीसिंह गौर  केन्द्रीय विवि द्वारा शिक्षक दिवस पर बुन्देलखंड मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सक अधिकारी डा कृष्ण कुमार ओझा के मुख्यातिथ्य में एवं जबलपुर के योगाचार्य एनआर भार्गव के विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम आयोजित किया गया. 
    योगविभागाध्यक्ष प्रो. गणेश शंकर गिरि ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य योग में गुरू शिष्य परम्परा के आधार पर शिक्षक दिवस का आयोजन है दुसरे न्यूट्रिशन सप्ताह के अंतरगत संतुलित आहार  पर विशेष ज्ञान प्रदान करना है जिससे प्रत्येक व्यक्ति  समग्र स्वास्थ्य एवं मार्गदर्शन प्राप्त कर सुखमय जीवन के प्रति जागरुक हो सके. ये दोनो विषय योग की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं. 
                योगाचार्य एनआर भार्गव ने  कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के दैनिक जीवन में छोटी छोटी बातों के प्रति सजग रहकर एवं उनका आन्नद प्राप्त करना चाहिए. शिक्षक दिवस के अवसर पर योग की गुरू शिष्य परम्परा को अपनाते हुए जीवन लक्ष्य व कर्तव्य को कभी नही भूलना चाहिए जिससे हम अपने कर्मो को कुशलता पूर्वक निभा सकें. उन्होने कहा कि शिक्षक समाज कल्याण एवं राष्ट्र निर्माण कर्ता होता है उसके प्रति सम्मान एवं विश्वास की भावना शिष्यों में हमेशा रहनी चाहिए. योग में गुरू कृपा द्वारा जीवन लक्ष्य प्राप्ति सरल हो जाती है. डा कृष्ण कुमार ओझा ने योग एवं संतुलित आहार संबंधित चर्चा करते हुए बताया कि जीवन शैली में बदलाव एवं उससे जनित रोगों के कारण योग का अंतराष्ट्रीय स्तर पर बहुत प्रचार प्रसार हुआ है.
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शिक्षक दिवस: गुरुजन बनाते है संस्कारवान

शिक्षक दिवस: गुरुजन बनाते है संस्कारवान 

सागर । शिक्षक दिवस पर आज जिले भर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गए। पर्ल पब्लिक हा. से. स्कूल केषवगंज वार्ड में शिक्षक दिवस अत्यन्त हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।

इस परम पुनीत अवसर पर विद्यालय के संचालक  पं. धर्मेन्द्र शर्मा, प्राचार्या श्रीमति सुलभा देऊस्कर उप प्राचार्या मिस नाजनीन. के.जी. प्रभारी मिस अदिति द्वारा किया देवी सरस्वती की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया । इस अवसर पर प्राथमिक विभाग के छात्र/छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया गया ।

इसके पष्चात प्रायमरी विभाग के छात्र/छात्राओं द्वारा देवा श्री गणेश नृत्य की प्रस्तुति दी 
गई । तत्पष्चात कक्षा बारहवीं के छात्र प्रतीक जैन ने षिक्षक दिवस पर अपने विचार व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि षिक्षक ही हमें अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाष की ओर ले जाता है । षिक्षक ही हमें जीवन जीने की राह दिखाता है तथा जीवन पथ पर अग्रसर होते हुये षिक्षक ही मार्गदर्षन करता है । षिक्षक के मार्गदर्षन में ही उन्नति के षिखर पर पहुॅंचते है।
       इसके पष्चात् विद्यालय के छात्र/छात्राओं द्वारा विविध कार्यक्रम जैसे नृत्य, गीत नाटक, माइम, जोक आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये ।शांतनु, अंजली एवं सेजल ने सफलतापूर्वक मंच का संचालक किया । इसके पष्चात् विद्यालय के संचालक  पं. धर्मेन्द्र शर्मा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि हमें उच्च संस्कार अपने माता-पिता एवं गुरूजनों द्वारा ही दिये गये है। इसलिए हमें सबसे पहले सभ्य एवं सुसंस्कृत होना चाहिए । हम अपनी भारतीय संस्कृति को कभी भी न भूलें ।
 इस अवसर पर विद्यालय के सभी  शिक्षक/शिक्षकाये एवं छात्र/छात्रायें उपस्थित थे ।
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