कांग्रेस ने खराब कर दिये डेढ़ साल, जिसकी भरपाई तीन साल में करना है : भूपेन्द्र सिंह
बिरसा मुंडा जी ने युवाओं को एक नई दिशा प्रदान की : विधायक शैलेंद्र जैन
★ बिरसा मुंडा क्रांतिकारी थे जिनकी पूजा करते थे :कलेक्टर श्री सिंह
सागर । बिरसा मुंडा वह क्रांतिकारी नेता थे, जिन्होंने युवाओं को एक नई दिशा प्रदान की उक्त विचार सागर विधायक शैलेंद्र जैन ने बिरसा मुंडा की जन्म जयंती समारोह में रविवार को स्थानीय पंडित मोतीलाल नेहरु उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्कूल के मैदान पर एक कार्यक्रम में व्यक्त किए।
विधायक श्री जैन ने कहा कि बिरसा मुंडा के जन्म जयंती पर स्मरण कर शंखनाद एवं एक दीप बिरसा मुंडा के नाम समर्पित करते हुए बिरसा मुंडा रीति-रिवाजों के अनुसार उनका नाम बृहस्पतिवार के हिसाब से बिरसा रखा गया था। बिरसा मुंडा का परिवार घुमक्कड़ जीवन व्यतीत करता था। बिरसा जी बचपन से अपने दोस्तों के साथ रेत में खेलते रहते थे। आठ-दस वर्ष के होने पर वह जंगल में भेड़ चराते वक्त समय व्यतीत करने के लिए बाँसुरी बजाया करते थे।
कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने कहा कि वे सामुदायिक क्रांतिकारी नेता थे जिनकी लोग पूजा किया करती थे। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि आदिवासी जनता बिरसा को भगवान बिरसा मुंडा के नाम से पूजती है। उन्होंने धर्म परिवर्तन का विरोध किया और अपने आदिवासी लोगों को हिन्दू धर्म के सिद्धांतो को समझाया था द्य उन्होंने गाय की पूजा करने और गौ-हत्या का विरोध करने की लोगो को सलाह दी। अब उन्होंने अंग्रेज सरकार के खिलाफ नारा दिया "रानी का शासन खत्म करो और हमारा साम्राज्य स्थापित करो " उनके इस नारे को आज भी भारत के आदिवासी इलाकों में याद किया जाता है अंग्रेजो ने आदिवासी कृषि प्रणाली में बदलाव किया जिससे आदिवासियों को काफी नुकसान होता था इसके लिए उन्होंने आंदोलन चलाया जिसके कारण वह कई बार जेल गए।
आदिवासी विकास विभाग के उपायुक्त एवं संयुक्त कलेक्टर श्री सीएल वर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि बिरसा मुंडा ने अपने पारम्परिक रीति-रिवाजों के लिए लड़ना शुरू किया द्य अब बिरसा मुंडा आदिवासियों के जमीन छीनने , लोगों को ईसाई बनाने और युवतियों को दलालों द्वारा उठा ले जाने वाले कुकृत्यों को अपनी आँखों से देखा था जिससे उनके मन में अंग्रेजो के अनाचार के प्रति क्रोध की ज्वाला भड़क उठी थी। इसी के कारण उन्होंने सभी को एकजुट किया एवं अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन चलाया।
श्री वर्मा ने बताया कि समाज को चार वर्ग में विभाजन किया गया था जिसमें बाह्मण,क्षत्रिय, वैश्य व शुद्र समाज थी जिनका रहन-सहन, खान-पान व पहनावा अलग-अलग था पर समाज में सभी को विशेष स्थान प्राप्त था पर अंग्रेजों ने गुलामी की जंजीरों से जकड़कर इनमें फूट डालने की कोशिश कर विभक्त किया पर समाज में एक न एक व्यक्ति इनमें से ही निकल कर समाज को एकजुट करने में सहभागी बनकर समाज को दिशा प्रदान करने में सक्षम होता है उन्हीं में से एक बिरसा मुंडा थे जिन्होंने अपनी समर्पण भावना से समाज को दिशा प्रदान की व जनजाति में भगवान का रूप लेकर शहीद हो गए। इस अवसर पर नगर निगम श्री आरपी अहिरवार, उपायुक्त डॉक्टर खरे, श्री मोहनिया, डीपी सी श्री एचपी कुर्मी, गिरीश मिश्रा, मनोज तिवारी, बीआरसी लोकमन चैधरी सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य श्री अरविंद जैन ने किया।
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अयोध्या दीपोत्सव-2020 राम के स्वागत में रोशनी से नहाई, पांच लाख 84 हजार से अधिक दीप प्रज्ज्वलन का नया रिकॉर्ड ★ अगले साल जलेंगे 7.51 लाख दीये @गिरीश पांडेय
अयोध्या दीपोत्सव-2020
राम के स्वागत में रोशनी से नहाई, पांच लाख 84 हजार से अधिक दीप प्रज्ज्वलन का नया रिकॉर्ड
★ अगले साल जलेंगे 7.51 लाख दीये
@गिरीश पांडेय
अयोध्या,13 नवम्बर: रौशनी से नहाई अयोध्या। रामनगरी (अयोध्या) के आंगन से बहती देश की पंच नदियों में से एक,पतित-पावनी सरयू। इसमें झिलमिल करते दीपकों से रौशन घाट और आसमान के चांद-सितारों का सरयू में प्रतिबिम्ब । कुल मिला कर यही अहसास हो रहा था मानो अपने राम के स्वागत में सितारे भी जमी पर उतर आए हों। कुछ ऐसा ही अहसास था दीपोत्सव 2020 में राम की नगरी अयोध्या का।
सिर्फ अयोध्या ही क्यों पूरी दुनिया के करोड़ों रामभक्तों ने भी वर्चुअल रूप से खुद को इस दीपोत्सव से जोड़ कर त्रेता युग के उस आनंद का अहसास किया जो उस समय अवध के लोगों ने किया था, जब उनके अपने राम मय सीता और लक्ष्मण 12 साल के वनवास के बाद कौशलपुरी (अयोध्या) लौटे थे।
अयोध्या में दीपोत्सव का यह चौथा साल था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से निजी लगाव के नाते हर दीपोत्सव अपने में खास रहा, इस बार तो और भी। इसकी वजह भी रही। करीब पांच दशक बाद वह अवसर आया था जब पहली बार राम जन्मभूमि पर भी खुशियों के दीपक जले। इस शुभ घड़ी के लिए न जाने कितने साधु-संतों ने कुर्बानी दी। कितने लोग इस सपने को संजोए हुए ब्रह्मलीन हो गए। ऐसे में इस खास मौके के नाते सरकार ने इसे खास बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी। रही-सही कसर अपने आराध्य के स्वागत में लोगों की वर्चुअल सहभागिता ने पूरी कर दी।
*पूरा माहौल त्रेतायुग जैसा था*
इस दीपोत्सव में वह सब कुछ था जो राम के वनवास से लौटने पर त्रेता युग मे था। पुष्पक विमान (हेलीकॉप्टर) से राम का आगमन चौधरी चरण सिंह घाट पर होता है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य लोगों की के साथ भाव विह्वल भरत भाई शत्रुघ्न और प्रजा के साथ राम का स्वागत करते हैं। दूसरे हेली हेलीकॉप्टर से लगातार पुष्प वर्षा होती है।
वहाँ से श्रीराम सुसज्जित रथ से मुख्य कार्यक्रम स्थल पर आते हैं। वैदिक मंत्रोच्चार और मंगलाचरण के बीच उनका राज्याभिषेक होता है।
सरयू के रामघाट पर सरयू की आरती के बाद वैदिक मंत्रों के बीच 5.84 लाख 572 दीपों के जलाने का रिकॉर्ड बनता है। साथ ही अगले साल 7.51 लाख दीपों के जलाने की घोषणा भी। इस अवसर पर साकेत विश्वविद्यालय और पोस्ट ऑफिस विभाग की ओर से दिव्य दीपोत्सव का कवर भी जारी किया गया। भविष्य के अयोध्या को केंद्र में रखकर सूचना विभाग की ओर से एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।
इसके पहले साकेत महाविद्यालय से रामकथा पार्क तक रामायण की थीम पर निकली झांकियों ने राम के पूरे चरित्र को जीवंत कर दिया। इस अवसर पर साधु-संतों के अलावा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य,पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी और शासन एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

धनतेरस पर शहर में 21.24 मेगावाट बिजली की अधिकतम मांग ,दीपावली पर बढ़कर 23 मेगावाट होने की संभावना : बिजली कम्पनी,शहर सम्भाग अलर्ट मोड पर
धनतेरस पर शहर में 21.24 मेगावाट बिजली की अधिकतम मांग ,दीपावली पर बढ़कर 23 मेगावाट होने की संभावना : बिजली कम्पनी,शहर सम्भाग अलर्ट मोड पर
सागर । बिजली कम्पनी, सागर के शहरी क्षेत्र में धनतेरस पर बिजली की अधिकतम मांग 21.24 मेगावाट दर्ज हुई । विगत वर्ष दीपावली पर शहर में बिजली की अधिकतम माँग 21.49 मेगावाट रही थी, वही इस दीपावली में बढ़कर 23.00 मेगावाट रहने का अनुमान है ।
बिजली कंपनी शहर सम्भाग ने इस दीवाली में शहर को बिजली से रौशन रखने के लिए चाक-चौबंद इंतज़ाम कर रखे हैं । बिजली कम्पनी शहर सम्भाग के सुधार प्रभाग प्रभारी इंजीनियर सी.एस.पटेल ने बताया है कि शहर में अबाध विद्युत प्रदाय बनाये के लिए 67 कर्मचारियों की विशेष ड्यूटियां लगाई गई हैं । शहर की विद्युत व्यवस्था के लिये जहाँ सामान्य दिनों में 13 टीमें रहा करती थीं । दीपावली की रात्रिकालीन शिफ्ट में यही व्यवस्था सम्हालने के लिए कर्मचारियों की 21 विशेष टीमों का गठन किया गया है । श्री पटेल ने शहर वासियों से विद्युत संकर्मों और लाइनों से सुरक्षित दूरियाँ रखते हुए ही आतिशबाजी आदि चलाने की अपील की है ।
बिजली कंपनी शहर सम्भाग के कार्यपालन अभियंता एस.के. सिन्हा ने शहर के बिजली उपभोक्ताओं को प्रकाश पर्व दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए, निर्बाध बिजली सप्लाई और समर्पित सेवाओं के लिए बिजली बिलों के समय पर भुगतान करने का अनुरोध किया है ।