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गौ संवर्धन का विशिष्ट वैश्विक केंद्र बने डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय : केंद्रीय मंत्री परषोतम रुपाला ★ गाय को पालने बनाये हॉस्टल, जैसे विधार्थियो के लिए बनते है,दिया सुझाव



गौ संवर्धन का विशिष्ट वैश्विक केंद्र बने डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय :  केंद्रीय मंत्री परषोतम रुपाला  

★ गाय को पालने बनाये हॉस्टल, जैसे विधार्थियो के लिए बनते है,दिया सुझाव 




सागर. 12 नवंबर. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में कामधेनु अध्ययन एवं शोध पीठ की स्थापना कार्यक्रम संपन्न हुआ. इस अवसर पर पारम्परिक बुंदेली बाद्ययन्त्रों और लोकाचार से किया अतिथियों का स्वागत किया गया.  मुख्य अतिथि केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार श्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि यह गर्व की बात है कि विश्वविद्यालय  में कामधेनु अध्ययन और अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के लिए विश्वविद्यालय ने मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के साथ समझौता पत्रक पर हस्ताक्षर किया है. भारतीय गायों की क्षमता अपार है, जरुरत इसे समझने और समझाने की है. दुग्ध उत्पादन, खाद उत्पादन और विभिन्न औषधीय उपयोगों सहित गायों के महत्व को कई पहलुओं को हम बचपन से जानते हैं. दुर्भाग्य से, समय के साथ हम देशी गोवंश का महत्व भूल गए हैं. 
भारतीय परम्परा में समृद्धि की गणना गोधन से ही की जाती थी. यह एक पारंपरिक धन है जो हमें स्वाभाविक ढंग से चतुर्दिक समृद्धि की ओर ले जा सकती है. विश्वविद्यालय को चाहिए कि छात्रों के हॉस्टल की ही तर्ज़ पर गायों के आश्रय के लिए भी एक बड़े केंद्र की स्थापना करे. हमारा मंत्रालय और मैं व्यक्तिगत तौर पर भी इसमें सहयोग करने को तैयार हूँ. 
उन्होंने कहा कि गाय ब्रह्माण्ड का मूल आधार है. जिससे संबंधित सभी उत्पाद मनुष्य के मन, तन और धन को प्रखर कर देते हैं. इसलिए हमारा यह सौभाग्य है कि हमारे जीवन और समाज की सभी अनुष्ठानों में गाय की भूमिका और आशीर्वाद स्वाभाविक रूप से उपलब्ध है. यहाँ से यह संदेश जाना चाहिए कि हम अपने जीवन और कर्म में गौ-स्नेह को नये  रूप में पुनर्स्थापित कर सकें.  
उन्होंने कहा कि गौवंश, गौमूत्र आदि से होने वाली आय पर गौशाला आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकती है. आज का समय ऐसे मॉडल को विकसित और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है. कोरोना संकट की तमाम मुश्किलों के साथ इसने हमें यह सिखाया है कि स्वस्थ और सुरक्षित रहने के लिए हमें गौमाता की ही शरण में जाना होगा. विश्वविद्यालय इस शरण को एक व्यापक क्रान्ति में बदल सके, ऐसा प्रयत्न इसे करना चाहिए. इसके लिए विश्वविद्यालय कई आयामों और उद्देश्यों के प्रोजेक्ट और वित्त संबंधी प्रस्तावों को मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत करे. मंत्रालय निश्चित रूप से इस योजना में विश्वविद्यालय की मदद करेगा.  



गाय को पालने हॉस्टल का सुझाव

केंद्रीय मंत्री रूपला ने कहा कि जिस तरह विधार्थियो के लिए हॉस्टल बने है। उसी तरह गायों को पालने भी हॉस्टल बनाये। यह नवाचार है। कई लोग गाय पालना चाहते है लेकिन नही पाल पाते। ऐसे लोगो को मौका मिलेगा। उनके लिए हॉस्टल बनाये और आधुनिक सुविधाओं से मुहैया कराए। गो पालक अपनी गाय यहां रखे । उन्होंने कहा कि गुजरात मे इस तरह के कुछ प्रयोगों की शुरुआत हो चुकी है। 



कामधेनु पीठ 'वोकल फॉर लोकल' का मूर्तिमान स्वरुप है : प्रो. नीलिमा गुप्ता
 
कुलपति प्रो, नीलिमा गुप्ता ने स्वागत वक्तव्य देते अतिथि अतिथियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और पीठ स्थापित करने में मंत्रालय के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया. उन्होंने कहा कि यह एक गौरवशाली एवं ऐतिहासिक क्षण है जहाँ विश्वविद्यालय अपने अकादमिक सरोकारों के अतिरिक्त सामुदायिक सेवा की अपनी प्रतिबद्धता को संस्थानीकरण करते हुए मूर्त रूप देने जा रहा है. मुझे हर्ष है कि हमारी इस पहल को माननीय केन्द्रीय मंत्री जी के नेतृत्व में उनके सम्पूर्ण विभाग ने तत्परता और प्राथमिकता के साथ स्वीकार किया . 

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की यह नवाचारी पहल 'वोकल फॉर लोकल' से अनुप्राणित है. यह एक ऐसा रास्ता है जिससे न केवल विश्वविद्यालय बल्कि समाज और राष्ट्र भी आत्मनिर्भर बनने की आयोजना को वास्तविक अर्थों में की साकार कर सकेगें. 21 वीं सदी की पहली राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसके लिए हमें न सिर्फ मार्ग सुझाती है बल्कि संरचना और अवसर भी उपलब्ध कराती है, जहाँ हम इस समुदाय आधारित ज्ञान एवं विज्ञान की ऐतिहासिक समृद्धि को पुनः समझें. यह भी एक सुखद संयोग है कि डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है और मध्यप्रदेश के पहले 'कामधेनु अध्ययन एवं शोध पीठ' की स्थापना भी इसी विश्वविद्यालय में हो रहा है. यह एक ऐसा मणिकांचन योग है जिसकी अनुगूँज बहुत दूर तक जायेगी. उन्होंने कहा कि गो-संवर्धन के क्षेत्र में मंत्रालय की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं को इस पीठ के माध्यम से हमारा विश्वविद्यालय अपने स्तर पर क्रियान्वित कर एक व्यापक सामुदायिक क्रांति में बदलने के लिए संकल्पित है. इसके लिए हमारे पास आधुनिक तकनीकि और सुविधाओं से युक्त प्रयोगशालाएँ हैं तो वहीं स्थानीय स्तर पर दयोदय गौशाला जैसा श्रेष्ठ उदाहरण मौजूद हैं. उनके अनुभवों से हमें इस दिशा में कुछ ठोस और श्रेष्ठ करने में सहायता मिलेगी. 




विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. वल्लभभाई कथीरिया ने कहा कि यह एक सुअवसर है कि गौआधारित अर्थव्यवस्था की शुरुआत हो रही है. एक समय में माननीय मालवीय जी ने विश्वविद्यालय में गौशाला स्थापित करने की शुरुआत की थी. आज भी यह काम विश्वविद्यालय के माध्यम से किया जा रहा है. यह एक महान काम है. आज पूरे विश्व में पैराडाइम शिफ्ट हो रहा है. विश्व के फलक पर भारतीय संस्कृति अपना विस्तार कर रही है. यह पर्यावरण फ्रेंडली की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम भी है. गौ संवर्धन की दिशा में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है.

कामधेनु पीठ बनेगा देश के लिए प्रतिमान : महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरी

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड, मध्य प्रदेश शासन के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरी ने कहा कि मध्य प्रदेश सर्वाधिक गौ प्रेमी और गौ सेवकों का प्रदेश है. मध्य प्रदेश गौ संवर्धन आयोग के साथ मिलकर डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में विश्व की सबसे बड़ी गौशाला स्थापित की जा सकती है. कामधेनु पीठ इस अर्थ में एक शुभ कदम है. मैं विश्वास करता हूँ कि यह पीठ देश के एक प्रतिमान बने जहां गौधन संवर्धन के लिए वैज्ञानिक ढंग से अध्ययन-अध्यापन हो सकेगा. आने वाला समय पञ्च गव्य की आर्थिकी का है जिसके द्वारा हमारा समाज आत्मनिर्भर बन सकेगा. मध्य प्रदेश गो संवर्धन आयोग इस हेतु विशाविद्यालय का हर संभव मदद देने का आश्वासन देता है.

कामधेनु शोध पीठ स्थापित होना एक सांस्कृतिक घटना: कुलाधिपति

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो.बलवंतराय शांतीलाल जानी ने कहा कि यह शोध पीठ स्थापित होना एक सांस्कृतिक परिघटना है. यह नए भारत का निदर्शन है कि एक मंत्रालय का पूरा अमला अपने मुखिया के साथ एक विश्वविद्यालय में उपस्थित है. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सुफल है कि संस्थाओं के साथ-साथ लोगों के बीच भी इस तरह के नवाचारी विचार पनप रहे हैं जो भारतीयता एवं राष्ट्रप्रेम से ओत-प्रोत है. परम वैभवशाली राष्ट्र निर्माण की राह गौ-माता के प्रति हमारी आस्था से होकर जाती है. हमें ख़ुशी है कि विश्यविद्यालय इस राह का अन्वेषक बन रहा है. 



सागर लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजबहादुर सिंह ने कहा कि पीठ स्थापना के लिए आज हुए समझौता हस्ताक्षर के लिए विश्वविद्यालय को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ. उन्होंने भारत सरकार को इस पुनीत कार्य के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि गाय का महत्त्व बढ़ाने के लिए बहुत ही सुयोग्य विश्वविद्यालय का चयन किया गया है. जिस गाय को हम भगवान् का दर्जा देते हैं मुझे विश्वास है उसके लिए यह पीठ बेहतर कार्य कर सकेगी.

सागर विधानसभा क्षेत्र के विधायक शैलेन्द्र जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय में कामधेनु पीठ की स्थापना गोवंश के संरक्षण की दिशा में एक क्रांतिकारी अकादमिक पहल है. इससे बुंदेलखंड में पारंपरिक रूप से गोवंश के रूप में विद्यमान ज्ञान को प्रयोगात्मक और सैद्धांतिक स्तर पर सब तक पहुंचाने में सहायता मिलेगी.

इस अवसर पर कार्यक्रम की नोडल अधिकारी प्रो. अर्चना पाण्डेय ने कामधेनु पीठ के उद्देश्यों एवं भविष्य की योजनाओं की प्रस्तुति देते हुए बताया कि यह पीठ सागर सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों और समग्रता में बुंदेलखंड के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जिसमें वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन और पशुधन संरक्षण के तौर-तरीकों, गौ पालन के प्रति उच्च शिक्षा से जुड़े हुए युवाओं को आकर्षित करने और शिक्षित करने, प्रकृति और प्राकृतिक चीजों के प्रति लोगों को संजीदा बनाने जैसे व्यापक उद्देश्य के साथ कार्य करते हुए पंचगव्य, गोबर, गौमूत्र आदि पर अनुसंधान किया जाएगा.  



 मंत्रालय और विश्वविद्यालय के बीच हुआ एमओयू
इस अवसर पर मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार एवं विश्वविद्यालय के बीच एमओयू भी हुआ. कामधेनु पीठ द्वारा संचालित की जाने वाली गतिविधियों के संबंध में मंत्रालय और विश्वविद्यालय की भूमिका को लेकर समझौता पत्रक पर हस्ताक्षर हुए. विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने और मंत्रालय प्रतिनिधि संयुक्त सचिव ओ. पी. चौधरी ने समझौता पत्रक पर हस्ताक्षर किये.   

कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशुतोष ने किया. कुलसचिव संतोष सोहगौरा ने मंचासीन अतिथियों सहित कार्यक्रम में पधारे लोगों का आभार व्यक्त किया. डॉ राकेश सोनी के नेतृत्व में विद्यार्थियों द्वारा बरेदी नृत्य की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ. कार्यक्रम में सागर के सम्माननीय जनप्रतिनिधि, नागरिक गण, मीडियाकर्मी बंधु और विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त और सेवारत शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे.         i


महर्षि पतंजलि भवन का हुआ लोकार्पण

विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार के पीछे स्थित महर्षि पतंजलि भवन का लोकार्पण भी हुआ. इस अवसर पर कामधेनु पीठ स्थापना कार्यक्रम में पधारे गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति में भवन का लोकार्पण कार्यक्रम संपन्न हुआ. इस अवसर पर योग विभाग के विद्यार्थियों ने योग मुद्राओं का प्रदर्शन किया. वर्तमान में इस भवन में प्रबंधन अध्ययन विभाग, योग विभाग और संगीत विभाग संचालित हैं.
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आचार्य 108 श्री विमदसागर जी महाराज को दी विनयांजलि। ★ आचार्य श्री विमदसागर जी महाराज के साथ घटित घटना की सी. बी. आई. जांच की मांग

आचार्य 108  श्री विमदसागर जी महाराज को दी विनयांजलि। 

★ आचार्य श्री विमदसागर जी महाराज के साथ घटित घटना की  सी. बी. आई. जांच की मांग

सागर ।  मकरोनिया जैन मिलन द्वारा आचार्य 108 श्री विमदसागर जी महाराज को विनयांजलि सभा का आयोजन अंकुर कालोनी स्थित स्नेह भवन में किया गया।विनयांजलि सभा की शुरुआत म.प्र. शासन के पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी, जैन मिलन मकरोनिया के अध्यक्ष श्री सुरेश चन्द्र जैन, अंकुर कॉलोनी अध्यक्ष श्री अशोक जैन पटवारी, दीनदयाल नगर कमेटी के अध्यक्ष सुभाष जैन,गुलजारी लाल जैन सुरेन्द्र सुहाने,कमल जैन, संजय जैन आदि के द्वारा विधिवत दीप प्रज्वलित कर आचार्य श्री को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। विनयांजलि सभा मे पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी ने आचार्य 108 श्री विमदसागर जी महाराज की के सरल, प्रभावी, समाज उद्धारक, प्रेरणादायक जीवन पर प्रकाश डालते हुये कहा कि ऐसे कुशल व्यक्तित्व का असमयक चले जाना समाज और क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है। विनयांजलि सभा मे श्री दामोदर सेठ, श्रेयांश जैन, अशोक जैन, गुलजारी लाल जैन, संतोष जैन, सुनील जैन, सुभाष जैन, सुरेंद्र सुहाने आदि ने आचार्य श्री को विनयांजलि देते हुये कहा कि आचार्य 108 श्री विमदसागर जी महाराज जिनकी समाधि आकस्मिक समय मे इंदौर में हुई या घटित हुई इस सम्बन्ध में इंदौर जैन समाज मौन है। जो कि जांच का विषय हैं। आचार्य श्री की श्रेष्ठ चर्या थी। एक दिन आहार एक दिन उपवास करते हुई कुल 1100 उपवास हो चुके थे। तो फिर एक  साधु कैसे फांसी लगा सकता हैं। जबकि साईकिल से गिर जाने के बाद आचार्य श्री का एक हांथ ऊपर तक नही उठता था। आचार्य श्री के साथ घटित घटना की जैन समाज मकरोनिया एवं समस्त जैन भाई-बहिन, संस्थाओ आदि ने सी. बी. आई. जांच की मांग की है।विनयांजलि सभा का संचालन जैन मिलन मकरोनिया के अध्यक्ष श्री सुरेश चन्द्र जैन ने किया तथा अंत मे आभार जैन मिलन मकरोनिया के मंत्री श्री सुमत सिंघई ने व्यक्त किया। विनयांजलि सभा में राजेश दुबे, देवेन्द्र कुर्मी, अभिषेक गौर, कमलेश चौधरी, राकेश जैन एम.पी.ई.बी, रविंद बरायठा,के. सी. जैन, राकेश जैन, राकेश जैन छुल्ला,अरुण चंदेरिया, डी. सी. जैन, राजेश कुमार जैन प्राचार्य, मुन्ना विश्वकर्मा, अशरफ खान, राजू डिस्क, राजा बुन्देला, संजय रोहिदास, कमल रैकवार, रोहित वर्मा, गोविन्द राय, निशान्त आठया, निहाल पाण्डेय,दीपक कुर्मी सहित बड़ी संख्या में माताएं,बहने आदि समाजजन शामिल हुए। 
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जबलपुर : कांग्रेस विधायक संजय यादव के बेटे ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या की

जबलपुर :  कांग्रेस विधायक संजय यादव के बेटे ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या की

Jabalpur MLA Son Suicide : जबलपुर ।  जबलपुर जिये की बरगी विधानसभा से कांग्रेस विधायक संजय यादव के छोटे बेटे ने हाथीताल स्थित अपने घर पर शाम 4 बजे के करीब खुद को गोली मार ली है, आनन-फानन में घायल विभोर यादव 16 वर्ष को इलाज के लिए निजी अस्पताल लाया गया जहां उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि विभोर ने अपने कमरे में खुद को गोली मार ली है। विभोर ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है।

घटना की सूचना मिलते ही कांग्रेस विधायक संजय यादव सहित पूर्व मंत्री तरुण भनोत और कांग्रेस के कई दिग्गज नेता अस्पताल के बाहर पहुंच गए। इधर अस्पताल के बाहर भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है। घटना की वजह क्या है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि विभोर यादव कांग्रेस विधायक संजय यादव का छोटा बेटा था।
जानकारी के मुताबिक विभोर यादव के सिर पर गोली लगी है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विभोर ने यह कदम क्‍यों उठाया। बताया यह भी जा रहा है कि विभोर यादव के कमरे से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें लिखा है कि मेरी मां बहुत अच्छी है मेरे पिता बहुत अच्छे हैं। पुलिस ने विभोर यादव के कमरे को लॉक कर जांच शुरू कर दी है।

पूर्व सीएम कमलनाथ ने जताया शोक किया ट्वीट

मेरे करीबी साथी, विधायक श्री संजय यादव के पुत्र विभु यादव के निधन की बेहद दुखद ख़बर प्राप्त हुई है।

परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ।

ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणो में स्थान व पीछे परिजनो को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे।




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भू-अभिलेख शुद्धिकरण पखवाड़े की समय सीमा बढ़ाने के निर्देश ★ड्रोन सर्वेक्षण एवं योजनाओं की मैदानी हकीकत जानने संभाग स्तर पर समीक्षा करेंगे मंत्री गोविंद राजपूत

भू-अभिलेख शुद्धिकरण पखवाड़े की समय सीमा बढ़ाने के निर्देश                                                                    ★ड्रोन सर्वेक्षण एवं योजनाओं की मैदानी हकीकत जानने संभाग स्तर पर समीक्षा करेंगे मंत्री गोविंद राजपूत

भोपाल। प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की पहल एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर राजस्व विभाग द्व्रारा एक नवंबर से प्रारंभ किए गए भू-अभिलेख   शुद्धिकरण पखवाड़े को आगामी 15 दिन तक बढ़ाने के निर्देश  राजस्व मंत्री द्वारा समीक्षा बैठक में दिए गए। दरअसल, प्रदेश की जनता की सुविधा के लिए प्रारंभ किए गए राजस्व विभाग के नवाचार भू-अभिलेख शुद्धिकरण  पखवाड़े में राजस्व से जुड़ी विभिन्न त्रुटियों के सुधार को लेकर जनता में बढ़ती रूचि को ध्यान में रखते हुए राजस्व मंत्री श्री राजपूत ने मंत्रालय में विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान पखवाड़े की अवधि 16 नवंबर से 30 नवंबर तक बढ़ाने के निर्देश अफसरों को दिए। बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी, प्रमुख राजस्व आयुक्त संजय गोयल, आयुक्त भू अभिलेख ज्ञानेश्वर पाटिल सहित विभाग के अन्य आला अधिकारी मौजूद थे। समीक्षा बैठक के दौरान श्री राजपूत ने यह भी तय किया कि सरकार द्रारा प्रारंभ किए गए मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना तथा भू-अभिलेख शुद्धिकरण पखवाड़े की जमीनी हकीकत जानने के लिए वह संभागवार योजनाओं की समीक्षा करेंगे। राजस्व मंत्री ने तय किया है कि समीक्षा की शुरुआत मालवांचल के इंदौर से की जाएगी। इसके बाद ग्वालियर, जबलपुर, रीवा तथा अन्य संभागों में इन योजनाओं की विस्तृत समीक्षा राजस्व मंत्री श्री राजपूत करेंगे। उन्होंने बताया कि 1 नवंबर से प्रारंभ किए गए भू-अभिलेख शुद्धिकरण पखवाड़े में अब तक  33 लाख 6 हजार 664 अभिलेखों में विभिन्न प्रकार की त्रुटियों को सुधारा गया। उन्होंने कहा कि त्रुटिपूर्ण अभिलेखों के कारण भूमि स्वामियों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसी को ध्यान में रखते हुए राजस्व मंत्री के निर्देश विभाग द्व्रारा भू-अभिलेख शुद्धिकरण पखवाड़े की शुरुआत की गई।  दरअसल, राजस्व अभिलेखों में क्षेत्रीय शब्दों के उपयोग के कारण नामों में एकरूपता नहीं रहती थी। साथ ही अभिलेख में भूमि स्वामी के प्रचलित नाम और आधार-कार्ड में वास्तविक नाम भिन्नता के कारण नामांतरण एवं बंटवारा प्रकरणों में भी क्षेत्रीय कर्मचारियों को परेशानी आती थी। बैंक से ऋण प्राप्त करने, प्रधानमंत्री किसान एवं फसल बीमा जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का भी भूमिधारक लाभ नहीं ले पा रहे थे। जब इस तरह की परेशानियों से जूझ रही जनता ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान अवगत कराया तो मुख्यमंत्री के निर्देश एवं राजस्व मंत्री की पहल पर अभिलेख शुद्धिकरण की शुरुआत की गई।  

योजनाओं में गति लाने राजस्व अफसरों को दिए निर्देश 

विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान भू-अभिलेख शुद्धिकरण पखवाड़ा, ड्रोन सर्वेक्षण तथा मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना के कार्यों में गति लाने के लिए राजस्व मंत्री श्री राजपूत ने अफसरों को सख्त निर्देश दिए। बैठतक में श्री राजपूत ने कहा कि राजस्व विभाग की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए न्यायालय परिसर, तहसील कार्यालय, जनपद कार्यालय तथा जिला पंचायत कार्यालय व कलेक्ट्रेट परिसर में डिस्पेले बोर्ड / फ्लैक्स लगाए जाएं। उन्होंने विभाग की योजनाओं से जुड़ी छोटी-छोटी फिल्में बनाकर सोशल मीडिया के माध्यस से प्रचार करने के निर्देश अफसरों को दिए। बैठक में राजस्व मंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जताई की आजादी के 70 साल बाद पहली बार मध्यप्रदेश में भूमि का कम्पयूटीराइज्ड रिकॉर्ड बनाया जा रहा है।  उन्होंने बैठक में अफसरों को निर्देश दिए की सभी योजनाओं की लगातार मानीटिरिंग के लिए जिले के कलेक्टरों को निर्देश जारी करें ताकि किसी प्रकार की कोताही ना हो। बैठक में श्री राजपूत ने मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना के तहत सीहोर और सागर जिले को प्राथमिकता में रखने के निर्देश दिए। 

मुख्य सड़कों से हटाया जाएगा अतिक्रमण :

समीक्षा बैठक के दौरान राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने जिले की नगरीय क्षेत्रों से गुजरने वाली मुख्य सड़कों में अतिक्रमण हटाए जाने के निर्देश राजस्व विभाग के अफसरों को दिए।  उन्होंने कहा कि बैजा अतिक्रमण की वजह से सड़कों की चौड़ाई घटती जा रही है। जिसे रोकने विभाग के अफसर सख्त कदम उठाएं। श्री राजपूत ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आबादी भूमि का सर्वे कर 50 हजार ग्रामों में संपत्तिधारकों को उनका मालिकाना हक दिया जाएगा। 

वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जाएंगी 

परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने निर्देश दिए हैं कि वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और दुर्घटनाओं को रोकने व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस/ पैनिक बटन तथा दुर्घटनाओं को रोकने के लिए व्यवसायिक वाहनों में रेट्रो रिफ्लेक्टिग टेप लगाने की योजना पर चरणबद्ध तरीके से अमल किया जाए। इसके अलावा समीक्षा बैठक में परिवहन मंत्री श्री राजपूत द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 15 नवम्बर को प्रस्तावित भोपाल यात्रा को लेकर भी व्यवस्थाओं को लेकर अफसरों से चर्चा की।
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कोविड टीकाकरण : लापरवाही बरतने पर चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष जैन को नोटिस


कोविड टीकाकरण : लापरवाही बरतने पर चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष जैन को नोटिस

सागर। कलेक्टर श्री दीपक आर्य के निर्देश पर सीएमएचओ डा. सुरेश बौद्ध ने जिला चिकित्सालय के चिकित्सा अधिकारी पी.जी. कम्यूनिटी मेडीसीन डॉ. आशीष जैन को कोविड-19 टीकाकरण कार्य में लापरवाही बरतने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

सीएमएचओ डॉ सुरेश बौद्ध ने बताया कि  टीकाकरण कार्य के शत प्रतिशत गुणवत्ता पूर्ण एवं टीकाकरण जैसे : अति महत्वपूर्ण संवेदनशील कार्यक्रम हेतु डाक्टर  जैन को शहरी क्षेत्र का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है एवं उक्त कार्य को पूर्ण निष्ठा एवं लगन के साथ कियान्वित किया जाना डाक्टर  जैन का दायित्व है । टीकाकरण महाअभियान के सफल संचालन हेतु कार्यालय में 4 बैठक आयोजित की गयी।  जिसमें डाक्टर  जैन  बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित पाये गये । डाक्टर जैन के उक्त कृत्य से टीकाकरण जैसे अतिमहत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रमों के प्रति अरुचि , उदासीनता एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा देय निर्देशों की अवहेलना करना सिद्ध होता है । जिला टीकाकरण अधिकारी द्वारा भी 10 नवंबर 2021 को अवगत कराया गया कि प्रातः 10.30 बजे तक डाक्टर  जैन  द्वारा उनके फोन कॉल भी रिसीव नहीं किये गये । डाक्टर  जैन निष्क्रियता के कारण सेंटरों पर वैक्सीन समय पर नहीं पहुंचने से सत्र समय पर प्रारंभ नहीं हो सके जिस कारण कलेक्टर द्वारा भी अत्यन्त नाराजगी एवं अप्रसन्नता व्यक्त की गयी। जिससे विभाग की छवि भी धूमिल हुई । इस प्रकार डाक्टर  जैन का उपरोक्त कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम -3 के उप नियम ( 1 ) ( 11 ) ( 111 ) के अनुरूप न होकर कदाचरण की श्रेणी में आता है , इस प्रकार आप उक्त नियमों का पालन म और अपने कार्य के प्रति सन्निष्ठ एवं कर्तव्य परायण में रहते हुये अनुशासनात्मक कार्यवाही के भागी बन गये है । अतः डाक्टर  जैन  नोटिस प्राप्ति के 48 घंटे के अंदर अपना प्रतिवाद उत्तर सीएमएचओ के समक्ष उपस्थित होकर प्रस्तुत करें कि क्यों न आपके विरुद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा ( वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील ) नियम 1966 के अंतगर्त अनुशासानात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को भेजा जाये । डाक्टर  जैन  उत्तर समय सीमा मे एवं संतोषजनक न पाये जाने पर डाक्टर  जैन के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव गरिष्ठ कार्यालय को भेज दिया जायेगा। जिसके लिये डाक्टर  जैन  स्वयं उत्तरदायी हांगे ।

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SAGAR : अवैध रूप से गांजे की खेती, 118 किलो गांजा जब्त, ★ अमरूद के पेड़ो के बीच लगे थे गांजे के पेड़

SAGAR : अवैध रूप से गांजे की खेती, 118 किलो गांजा जब्त,
★ अमरूद के पेड़ो के बीच लगे थे  गांजे के पेड़





सागर। सागर जिले की थाना बंडा एवं रहली पुलिस ने दो जगहों पर कार्यवाही करके गांजा के पेड़ जब्त किए। यहां से 118 किलो गांजा के पेड़ जब्त किए है। बन्दा में अमरूद के पेड़ों के बीच गांजे के पेड लगे मिले। जिसकी कीमत दो लाख रुपये आंकी गई है। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। 

अमरूद के साथ लगे थे गाजे के पेड़

पुलिस के अनुसार  बंडा पुलिस को मुखविर की सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम दलपतपुर मौजा में तिसमाला माता के मदिर की पहाड़ी के नीचे बिही के पेडो के पास निरपत लोधी निवासी दलपतपुर के खेत में अधिक मात्रा में मादक पदार्थ गाजा के पौधे लगे है। सूचना की तस्दीक होने पर मुखबिर द्वारा बताये स्थान ग्राम
दलपतपुर मौजा में तिसमाला माता के मदिर की पहाड़ी के नीचे बीही के पेडो के पास खेत में पहुंचकर देखा तो खेत मे मादक पदार्थ गांजा जैसे पौधे (हरे गीले) पौधे करीब 5 फीट लम्बे पाये गये। मादक पदार्थ के पौधों की तौल की गई जो कुल करीबन 103 किलो 750 ग्राम बजन होना पाया गया।  जिन्हे प्लास्टिक की बौरी में पैक कर सीलबंद किया जाकर मौके से जब्त किया। उक्त खेत के स्वामी निर्पत लोधी की तलाश की गई जो नहीं मिला आरोपी निरपत लोधी का कृत्य अपराध धारा 8/20 NDPS ACT का पाये जाने आरोपी निर्पत लोधी के विरुध्द धारा 8/20 NDPS ACT का पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया। उक्त रेड कार्यवाही में- उनि0 पी डी ठाकुर, सउनि राजपाल सिंह, प्रआर0 बृजेश शर्मा, नरेन्द्र
आरक्षक, आशीष, प्रदीप शर्मा, व सानू की सराहनीय भूमिका रही।




बाडे मे अवैध रूप से लगे थे गांजे के पेड
रहली पुलिस को  मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम हिनौती मे पुरानी वन चौकी के पास बाड़े मे रूप सिंह गौड अवैध रूप से अवैध रूप से गांजे के पेड़ लगाये है। सूचना प्राप्त पर तत्काल
उचित कार्यवाही करते हुये मुखबिर द्वारा बताये स्थान पर मय स्टॉफ के अचानक दबिश दी पुलिस देखकर आरोपी रूप सिंह गौड रात्रि मे अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला। पुलिस द्वारा पुरानी वन चौकी के दोनों भवनों के पास बने बाडा मे देखने पर आजू बाजू मादक
पदार्थ गांजे के छोटे-बड़े काफी पेड लगे पाये गये जिनकी नियमानुसार वीडियो ग्राफी करावाकर सारे पौधे उखडवा कर जप्त किये।   गांजा मय पेड़ों के कुल 14 किलो 940 ग्राम कीमती करीबन 50 हजार रूपये का होना पाया गया।
आरोपी रूपसिंह गौड द्वारा अपने निवास स्थान पुरानी वन चौकी के पास बाडे
मे मादक पदार्थ गाजा के पेड लगाये जाने से आरोपी रुपसिंह गोड का कृत्य एन डी.पी. एस.एक्ट के तहत दंडनीय पाये जाने से अपराध सदर पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। उक्त रेड कार्यवाही में उनि गोपाल चौधरी, आरक्षक सुधर्म, चतुर्भुज, सुनील दुबे, राजाबाबू की सराहनीय योगदान रहा।



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