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राष्ट्रीय अस्मिता का द्योतक: अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस★प्रो. नीलिमा गुप्ता ,कुलपति

राष्ट्रीय अस्मिता का द्योतक: अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस,
★प्रो. नीलिमा गुप्ता ,कुलपति

पूरे विश्व में 21 फरवरी अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है। किसी भी देश की राष्ट्रीय अस्मिता तथा सांस्कृतिक स्वाभिमान का प्रतीक मातृभाषा होती है। 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का संकल्प सर्वप्रथम बांग्लादेश द्वारा किया गया। यूनाइटेड नेशन्स एजूकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल आॅर्गनाइजेशन ;न्छम्ैब्व्द्ध की आमसभा ने 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का संकल्प नवंबर 1999 में लिया जिसे यूनाइटेड नेशन्स की आमसभा ने 2002 में इसका स्वागत किया। 16 मई, 2007 को यूनाइटेड नेशन्स ने यह संकल्प लिया कि समस्त देशों कोमातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाये। आज 21 फरवरी एक अंतर्राष्ट्रीय वार्षिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
भाषा वह माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को दूसरों से आदान-प्रदान कर सकते हैं और वह हमारी भौतिक और अभौतिक सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित कर इसे शक्तिशाली बनाये रखती है। मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए सभी कदम न केवल भाषा के विविध बहुभाषी शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए, बल्कि दुनिया भर को प्रोत्साहित कर जागरूकता विकसित करने और समझ और संवाद के आधार पर एकजुटता को प्रदर्शित करने के लिए है।
          (कुलपति : प्रो नीलिमा गुप्ता)

पूरे विश्व में हर 14 दिन में कोई एक भाषा विलुप्त हो रही है, और अपने देश भारत में भी स्थिति अच्छी नहीं है। भारत में कुल 19,500 भाषायें बोली जाती हैं जिनमें से करीब 2,900 विलुप्त होने की कगार पर हैं। सत्य तो यह है कि इन भाषाओं को मात्र 100 या इससे कम लोग बोलते हैं। मात्र 121 भाषाएँ 10,000 से अधिक लोग बोलते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि 121 भाषाओं में 99 भाषायें भारत के 3.3 प्रतिशत लोग ही बोलते हैं और बाकी 22 भाषायें भारत के 96.7 प्रतिशत लोग बोलते हैं और यही 22 भाषायें हैं जिन्हें भारत के संविधान की 8वीं अनुसूची में आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। यह आंकड़ें हमें स्पष्ट बताते हैं कि हमें अपनी मातृभाषा के विस्तार के लिए पूर्ण प्रयास करने होंगे और यदि हमने ऐसा नहीं किया तो हमारी भाषा भी उसी सूची में शामिल होगी जो हर 14 दिन में विलुप्त हो रही है।

मातृभाषा उसे कहते हैं जिस भाषा को बच्चा जिंदगी में पहली बार बोलता है। बच्चा बचपन में अधिकतर अपनी माँ के पास ही रहता है, और स्वाभाविक है कि माँ जो भाषा बोलती है, बच्चा भी उसी को सीखता है और बोलता है। हर मातृभाषा की कुछ खासियत होती है और मुख्यतः वह 3 चीजों को जोड़ती है: सांस्कृतिक मूल्य, परंपरा और इतिहास। 
ज्यादातर लोगों के लिए यह मात्र एक भाषा है लेकिन बहुभाषी परिवारों में बच्चा एक साथ दो भाषा सीख सकता है,परन्तु ऐसा होने पर राजनीतिक एवं सांस्कृतिक एकरूपता को प्राथमिकता दी जा सकती है। हम यह भी कह सकते हैं कि यह हमारी मूल भाषा है या हम इसे ऐसे भी परिभाषित कर सकते हैं कि एक भाषा जिससे दूसरी भाषा निकलती है उसे मातृभाषा कहा जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस भाषा संबंधी और सांस्कृतिक विविधता में जागरूकता को बढ़ावा देने और बहुभाषावाद को बढ़ावा देने के लिए 21 फरवरी एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस उत्सव के रूप में मनाया जाता है जिससे कि भाषायी और सांस्कृतिक विविधता डनसजपसपदहनंसपेउ को बढ़ावा दे सके और उसका निरंतर विकास कर सकें। विश्व के किसी भी देश में प्राथमिक शिक्षा विदेशी भाषा में नहीं दी जाती। विश्व के परिप्रेक्ष्य में लगभग सभी उन्नत एवं विकसित देशों में वहाँ की शिक्षा, शोध कार्यों, शासन-प्रशासन की भाषा वहाँ की भाषा होती है और अपने देश में भी ऐसे ही भाव को प्रोत्साहित करना चाहिए जिससे कि सभी कार्य मातृभाषा में हों। भारत के महापुरूषों, शिक्षाविदों जैसे विनोबा भावे, महात्मा गाँधी, पं. मदन मोहन मालवीय, डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के भी यहीं विचार थे। पूर्व में किए गए अध्ययन यहीं बताते हैं कि अपनी भाषा के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करने से चिंतन एवं विचारों में मनोवैज्ञानिकता एवं सृजनात्मकता आती है और कठिन विषय भी सुगमता से समझ में आ जाते हैं।


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इस वर्ष अपना देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, इन सपनों को साकार करने में अन्य घटकों के साथ-साथ हिंदी की भी महती भूमिका रही है। भारत में अनेक भाषाओं का समागम है, अतः देश में एकरूपता लाने के लिए पूरे देश में एक भाषा को प्रयोग में लाना चाहिए। लोकमान्य तिलक ने हिंदी के संबंध में विचारों में लिखा है -”यह तो उस आंदोलन का अंग है जिसे मैं राष्ट्रीय आंदोलन कहूँगा और जिसका उद्देश्य समस्त भारतवर्ष के लिए एक राष्ट्रीय भाषा की स्थापना करना है क्योंकि सबके लिए समान भाषा राष्ट्रीयता का महत्वपूर्ण अंग है।“
कुछ इसी प्रकार के विचार भारतेन्दु हरिश्चंद्र के रहे हैं जिन्होंने लिखा हैः-
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
महात्मा गाँधी ने अपने पत्र हिंदी नवजीवन में लिखा है ”इस विदेशी भाषा (अंग्रेजी) के माध्यम ने बच्चों के दिमाग को शिथिल कर दिया है, उनके स्नायुओं पर अनावश्यक जोर डाला है उन्हें रट्टू और नकलची बना दिया है तथा मौलिक कार्यों और विचारों के लिए सर्वथा अयोग्य बना दिया है।“
एक तरफ जहाँ हिंदी सिनेमा खरबों रूपयों की इंडस्ट्री है तो दूसरी तरफ देश के सर्वाधिक पठित अखबार हिंदी के हैं। यदि हम टेलीविजन की बात करें तो 2 तिहाई चैनल हिंदी के हैं और सर्वाधिक देखे जाने वाले चैनलों में हिंदी आगे है। विज्ञापन में भी हिंदी का बोलबाला है और यह भी प्रसन्नता का विषय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी भाषा नीति को प्रोत्साहित किया गया है और एक तरफ जहाँ हम भारत में हिन्दी और मातृभाषा में शिक्षा को प्रोत्साहित कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ पूरी दुनिया में 200 विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जा रही है। डिजिटल इंडिया के अंतर्गत मोबाइल एप्स आदि में भी हिंदी की अपार संभावनायें हैं। गूगल का अनुमान है कि वर्ष 2024 तक भारत में अंग्रेजी की तुलना में हिंदी माध्यम से इंटरनेट का प्रयोग करने वालों की संख्या कहीं अधिक होगी। पुस्तक प्रकाशक किताबों के प्रिंट वर्जन के साथ-साथ आडियो डिजिटल वर्जन भी हिंदी में प्रकाशित कर रहे हैं। आडियो किताबों का ई-वर्जन जैसी डिजिटल दुनिया ने हिंदी का एक नया संसार ही बना दिया है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने में देश भर में प्रयास हो रहा है और इसे साकार करने में हिंदी की भी एक महती भूमिका होगी इसका हमें पूर्ण विश्वास है।
आज अन्य देशों में भी हिंदी सीखने की जिज्ञासा बढ़ती जा रही है। हिंदी सिनेमा, हिंदी टेलीविजन के बढ़ते प्रसार ने हिंदी सीखने की चाहत को कई गुना बढ़ा दिया है। आज पूरे विश्व में कोई योग को समझने के लिए, कोई भारतीय अध्यात्म को समझने के लिए हिंदी को सीखने का प्रयास कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर यह आवश्यक है कि मातृभाषा में आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर के साथ-साथ उच्च शिक्षा में भी हिंदी भाषा प्रयोग को बढ़ावा देने के प्रयास किये जायें तथा सभी संस्थानों मेंहिंदी को प्रोत्साहित किया जाये। हिंदी ज्ञान, विज्ञान, चिंतन, परंपरा की भाषा एवं उचित माध्यम बने।भाषा का ज्ञान, ज्ञान का द्वार है। इस अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर, आइए, हम सभी संकल्प लें कि हम अपनी मातृभाषा का सम्मान करें क्योंकि:
मातृभाषा का सम्मान, देश का सम्मान है,
हमारी स्वतंत्रता वहाँ है, मातृभाषा जहाँ है।
इसी सम्मान से हम अपने देश, भारत का सम्मान बढ़ाने में और नए भारत की संरचना करने में सफल होंगे।

( लेखिका  प्रो. नीलिमा गुप्ता, 
डाॅक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर की कुलपति है)

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जन्म से नहीं अपने विचारों से व्यक्ति महान होता है :गोविंद सिंह राजपूत★ संत गुरु रविदास जी जयंती पर तीन दिवसीय महोत्सव

 जन्म से नहीं अपने विचारों से व्यक्ति महान होता है :गोविंद सिंह राजपूत

★  संत गुरु रविदास जी जयंती पर तीन दिवसीय महोत्सव 


संगत। सुरखी विधानसभा क्षेत्र में संतगुरु रविदास जी महाराज की  जयंती धूम-धाम से मनाई जा रही है इस आयोजन की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुरु रविदास जी की जयंती सुरखी विधानसभा क्षेत्र में 16 फरवरी 19 फरवरी 2० फरवरी को तीन दिवसीय भव्य आयोजन के रूप में मनाई जा रही है 19 फरवरी को नगर परिषद बिलहरा में गुरु रविदास जी महाराज के सम्मान में  आयोजन किया गया जिसमें समाज के माते , बडकुल एवं समाज के वरिष्ठ जन शामिल हुए इस अवसर पर राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत जी द्वारा संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए कन्याओं का पूजन किया तथा समाज के संत जनों का साल श्रीफल से स्वागत सम्मान किया इस अवसर पर श्री राजपूत ने अपने उद्बोधन में कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महाराज किसी जाति के संत नहीं है बल्कि वह हमारे देश की धरोहर है और सभी समाजों में वह पूजनीय हैं । जिन्होंने समाज को भाईचारे का संदेश दिया श्री राजपूत ने कहा कि गुरु रविदास जी का कहना था कि ऐसा राज्य हो जिसमें कोई भी भूखा ना रहे तो ऐसा राज्य भाजपा  की सरकार का है जिसने हर जरूरतमंद तथा गरीब को भोजन, मकान ,रोजगार मुहैया कराकर संत गुरु रविदास जी के आदर्शों को आत्मसात कर मानव कल्याण का इतिहास रचा है उन्होंने कहा कि कोरोना काल में तो लगभग 2 वर्षों से जरूरतमंदों के लिए राशन मुफ्त दिया जा रहा है ताकि कोई भी इस महामारी के कारण भूखा ना रहे।
श्री राजपूत ने कहा किसंत रविदास जी के सम्मान में सुरखी विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक ग्राम में रविदास जी का मंदिर बनवाया जा रहा है जिसमें मूर्ति स्थापित करने की सारी जवाबदारी मेरी रहेगी। 
इस अवसर पर भाजपा वरिष्ठ नेता श्री हीरा सिंह जी राजपूत ने कहा कि संत रविदास जी महाराज के आदर्श भारत में ही नहीं पूरे विश्व में जन कल्याण के लिए जाने जाते हैं बड़े-बड़े राजा महाराजाओं ने संत शिरोमणि गुरु रविदास जी से दीक्षा ली तथा गुरु बना कर उनके आदर्शो पर चले चाहे वह राणा परिवार की बहू मीराबाई हो या सिख धर्म के गुरु द्वारा गुरु रविदास जी का सम्मान हो। सभी धर्म तथा समाज में संत गुरु रविदास जी महाराज के आदर्शों की बात कही गई है भाजपा वरिष्ठ नेता श्री हीरा सिंह राजपूत जी ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हमारी विधानसभा में संत गुरु रविदास जी की जयंती महोत्सव के रूप में मनाई जा रही 16 फरवरी को राहतगढ़ में भव्य आयोजन किया गया था ,19 फरवरी को बिलहरा में यह महोत्सव धूमधाम से मनाया गया।  20 फरवरी को जैसीनगर में संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महाराज की जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी।
इस अवसर पर भाजपा अनुसूचित जातिमोर्चा  के जिला अध्यक्ष एड नरेंद्र अहिरवार,
प्यारेलाल माते, भाव सिंह, घनश्याम अहिरवार, काशीराम मेंबर, देवेंद्र परदेसी ,सुखलाल अहिरवार ,हीरालाल अहिरवार, कमलेश माते ,अनुसूचित जाति मोर्चा सुखी परमानंद अहिरवार,  ललित अहिरवार ,भगवानदास अहिरवार, शिवलाल अहिरवार , वृंदावन अहिरवार, वीरेंद्र तत्वाय ,नरेंद्र डब्बू आठया, परसोत्तम अहिरवार ,cm o राजेश खटीक ,डॉक्टर परशुराम अहिरवार, सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता लखन चौबे  , संतोष पटेल अशोक मिश्रा सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद रहे।
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दिवा सिंह की शतकीय पारी से बीटीआईई सागर ने यू टी ड़ी को शिकस्त दी


दिवा सिंह की शतकीय पारी से बीटीआईई सागर ने यू टी ड़ी को शिकस्त दी 

सागर।  शारीरिक शिक्षा विभाग डॉ हरीसिंह गौर वि वि के तत्वाधान में आयोजित अन्तरमहाविद्यालय क्रिकेट पुरुष प्रतियोगिता का फायनल मैच यू टी डी सागर एवं बीटीआईई सागर के मध्य खेला गया ।
जिसमे यू टी डी सागर ने टॉस जीतकर बीटीआईई सागर को बल्लेबाजी करने को आमंत्रित किया, बीटीआईई सागर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में शानदार बल्लेबाजी करते हुए  202 रन बनाए। जिसमें दिवा सिंह ने 111रन की  शतकीय पारी खेली, 35  रन सत्यम दुबे ने एवं 28 रन की पारी तरुण अहिरवार ने खेली ।
यू टी डी की ओर से गेंदबाजी करते हुए रिहान 3, सुमित ने 1 विकेट लिया ।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी यू टी डी की टीम 121 रन पर सिमट गई । सर्वाधिक 23 रनों की पारी राहुल ने एवं सुमित सोनी ने 18 रनों पारी खेली खेली । बीटीआईई की ओर से गेंदबाजी करते हुए अक्षत राजपूत ने 4 विकेट, फतेह ने 2 एवं सत्यम एवं तरुण ने 1-1 विकेट लिए । इस प्रकार बीटीआईई 81 रन जीत अर्जित की । मैन आफ द मैच दिवा सिंह रहे । मैच के निर्णायक राजा ठाकुर,  गजेंद्र विश्वकर्मा  स्कोरर हर्षित साहू रहे ।
मैच उपरांत प्रो. सुबोध जैन जी के मुख्य आतिथ्य में खिलाड़ियों को ट्राफी प्रदत्त की गई । इस अवसर पर प्रो. जी एस दुबे संचालक बीटीआईई संदीप जैन, प्राचार्य बीटीआईई  डॉ. राजू टंडन, खेल विशेषज्ञ राजेश ठाकुर, संगठन सचिव विनय शुक्ला, अनवर खान, महेंद्र कुमार, गौरव भट्ट, आकाश लिटोरिया उपस्थित रहे ।

  
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साप्ताहिक राशिफल : 21 फरवरी से 27 फरवरी 2022 तक★पण्डित अनिल पांडेय

साप्ताहिक राशिफल : 21 फरवरी से 27 फरवरी 2022 तक
★पण्डित अनिल पांडेय
जय श्री राम ।कहते हैं समय से पहले और किस्मत से ज्यादा किसी को ना तो मिला है और ना मिलेगा । सही भी है और   इस सप्ताह आपका भाग्य क्या क्या दिलाएगा यह बताने के लिए मैं पंडित अनिल पांडे आपके सामने प्रस्तुत हूं।
आप सभी दर्शकों को अनिल पांडे का नमस्कार। आज हमारी चर्चा का विषय है 21 फरवरी से 27 फरवरी 2022 तक अर्थात विक्रम संवत 2078 शक संवत 1943 की फाल्गुन कृष्ण पक्ष की पंचमी से फाल्गुन कृष्ण पक्ष की द्वादशी तक के सप्ताह का साप्ताहिक राशिफल ।

मेष राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल
मेष राशि के जातकों का व्यापार इस सप्ताह काफी उन्नति करेगा । थोड़ा बहुत धन लाभ होगा । भाग्य साथ देगा । कचहरी के कार्यों में सफलता का योग है । वे जातक जो सरकारी कर्मचारी या अधिकारी हैं उनके उन्नति का योग है । इस सप्ताह आपके लिए 21 और 22 तारीख उत्तम है । 23 और 24 तारीख को आपको सोच समझ कर कार्य करना चाहिए । इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप  प्रातः काल स्नान के बाद तांबे के पात्र में जल लेकर भगवान  सूर्य को अर्पण करें। सप्ताह का शुभ दिन सोमवार है।

 वृष राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल
 वृष राशि के जातकों का भाग्य इस सप्ताह एका एक साथ देगा । व्यापार में उन्नति का योग है । छोटी मोटी दुर्घटना हो सकती है । कार्यालय में संभल कर कार्य करें अन्यथा आप पर कार्रवाई हो सकती है ।इस सप्ताह आपको कोई भी कार्य सोच समझकर और संभल कर  करना चाहिए । आपको चाहिए कि आप  गुरुवार का व्रत करें और प्रतिदिन राम रक्षा स्त्रोत का जाप करें। सप्ताह का शुभ दिन बुधवार है।

मिथुन राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल
अविवाहित जातकों के विवाह हेतु अच्छे प्रस्ताव आएंगे । भाग्य कम साथ देगा । कार्यालयों में आपके कार्य संपन्न हो जाएंगे । आप खून संबंधी रोगों से सावधान रहें । 23 और 24 तारीख को आप सावधान रहकर कार्य करें । 25 और 26 तारीख शुभ है ।आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह मंदिर में जाकर गरीबों के बीच चावल का दान दें । सप्ताह का शुभ दिन शुक्रवार है।

कर्क राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल।
अगर आप व्यापारी हैं तो यह आपके लिए बहुत ही अच्छा समय है । आपको अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए हर तरह का प्रयास करना चाहिए । आपके स्वास्थ्य में थोड़ी खराबी आ सकती है । भाग्य इस सप्ताह  अच्छा कार्य करेगा। 21 , 22 और 27 तारीख आपके लिए शुभ और लाभप्रद है । 25 और 26 तारीख को आपको सावधान रहना चाहिए । इस सप्ताह आपको शनिवार का व्रत रखना चाहिए और शनि मंदिर में जाकर पूजा करना चाहिए । सप्ताह का शुभ दिन बुधवार है।



सिंह राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल
आपके जीवन साथी को इस सप्ताह कष्ट हो सकता है । आपकी संतान की उन्नति होगी । गुप्त शत्रु बनेंगे । व्यर्थ के वाद विवाद ना करें । इस सप्ताह आपको 27 तारीख को सावधान रहना चाहिए । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।  सप्ताह का शुभ दिन बृहस्पतिवार है।

कन्या राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल।
अगर आप जनप्रतिनिधि हैं और कोई इलेक्शन लड़ रहे हैं तो यह सप्ताह आपके लिए बहुत उत्तम है । आपके संतान को इस सप्ताह खुशी मिलेगी व्यापार में उन्नति होगी शत्रुओं से बचें । 25 और 26 तारीख आपके लिए बहुतअच्छी है । इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप दिन घर की पहली पहली रोटी गौ माता को खिलाएं । सप्ताह का शुभ दिन शुक्रवार है।

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तुला राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह आपके सुख  और व्यापार में वृद्धि होगी । यह भी संभव है कि आप अपने सुख वाली कोई चीज खरीदें । अगर आप कर्मचारी या अधिकारी हैं तो आपको सतर्क रहना चाहिए । भाग्य से कोई विशेष मदद नहीं मिलेगी । इस सप्ताह आपके लिए 21 , 22 और 27 तारीख लाभप्रद है । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह चिड़ियों को दाना खिलाए। सप्ताह का शुभ दिन शनिवार है ।

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वृश्चिक राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह आपके व्यापार के कारण आपके धन में वृद्धि होगी । धन आने का उत्तम योग है। संतान से आपको अच्छा सहयोग प्राप्त होगा । कार्यालय में आपकी स्थिति अच्छी होगी । इस सप्ताह आपको 21 और 22 तारीख को सतर्क रहना चाहिए । आपको चाहिए कि आप इस सप्ताह के प्रतिदिन चींटियों को शक्कर दें । सप्ताह का शुभ दिन बृहस्पतिवार है।

धनु राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल
यह सप्ताह आपके लिए उत्तम है । धन की वृद्धि होगी । भाग्य आपका साथ देगा ।शत्रु परास्त होंगे। जनता में आप की प्रसिद्धि बढ़ेगी । छोटी मोटी दुर्घटना का योग है । इस सप्ताह आपके लिए 25 और 26 तारीख शुभ और लाभप्रद है । आपको चाहिए कि आप 23 और 24 तारीख को सतर्क रहें । सप्ताह का शुभ दिन रविवार है।

मकर राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह आपके व्यापार में निरंतर वृद्धि होगी ।धन लाभ होगा । कचहरी के कार्यों में विजय मिलेगी । आपके जीवनसाथी को कष्ट हो सकता है । 21 और 22 फरवरी आपके लिए उत्तम है । 25 , 26 और 27 फरवरी को आपको सावधान रहना चाहिए । इस सप्ताह आपको चाहिए कि आप भगवान शिव का अभिषेक करें । सप्ताह का शुभ दिन बुधवार है।

कुंभ राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल
आपका स्वास्थ्य इस सप्ताह नरम गरम रहेगा । न्यायालयीन प्रकरणों में लाभ हो सकता है । मामूली धन आने का योग है । शत्रु आप पर हावी रहेंगे । इस सप्ताह आपको 27 फरवरी को सतर्क रहना चाहिए। सप्ताह का शुभ दिन शनिवार है।

मीन राशि के जातकों का साप्ताहिक राशिफल
अगर आप  किसी कार्यालय में अधिकारी या कर्मचारी हैं तो यह समय आपके लिए अत्यंत उपयुक्त है । इस समय आपको धन लाभ  होगा । उच्चाधिकारियों से आपको प्रशंसा भी मिलेगी । आपके खर्चे बढ़ेंगे । कोई शुभ कार्य घर में हो सकता है या कोई बड़ी चीज आप खरीद सकते हैं । इस सप्ताह आपके लिए 25 और 26 तारीख लाभदायक है । 21 और 22 को आपको सतर्क रहना चाहिए । सप्ताह का शुभ दिन रविवार है।

वर्तमान में आंशिक कालसर्प योग चल रहा है । जिन जातियों की कुंडली में कालसर्प योग है उनको सावधान रहना चाहिए मां शारदा से प्रार्थना है कि आप सभी दर्शक सुखी सानंद और स्वस्थ रहें।
जय मां शारदा।
निवेदक:-
पण्डित अनिल कुमार पाण्डेय
सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता
प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ और वास्तु शास्त्री
स्टेट बैंक कॉलोनी मकरोनिया
 सागर। 470004
 मो 7566503333 /8959594400
 यूट्यूब लिंक
 https://youtu.be/cv_XAYSI3rc
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SAGAR : सरेराह लोगो को चाकू मारने वाले और लूटने वाले तीनो बदमाश गिरफ्तार


SAGAR : सरेराह लोगो को चाकू मारने वाले और लूटने वाले तीनो बदमाश गिरफ्तार

सागर। कोतवाली थाना क्षेत्र में तीन दिन पहले सरेराह लोगो को चाकू मारकर लूटने वाले तीनो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 
पुलिस के अनुसार  14-15.02.2022 की रात्रि गस्त के दौरान कंट्रोल रूम सागर से सूचना प्राप्त हुई की लच्छू चौराहे के
पास एक व्यक्ति को मारपीट मे चोटे होने से घायल पड़ा है। जाकर देखा तो घायल ने अपना नाम शुभम पटेल पिता राजू पटेल उम्र 23 साल निवासी चितौरा थाना सुरखी जिला सागर का होना बताया जिसके दोनों घुटनों के ऊपर चोट होने से खून बहने के कारण सीधे तिली अस्पताल सागर भर्ती किया गया फरियादी की रिपोर्ट अपराध क्रं.65/2022 धारा 341,327, 324,294,506,34 ताहि का अपराध मो.सा. पर सवार अज्ञात तीन लड़को के विरुद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। बाद प्रकरण की विवेचना के दौरान फरियादी के कथन के आधार पर प्रकरण में धारा 394 ताहि का इजाफा किया गया है। उसी दिनाँक 15/02/22 को अमित जैन पिता
नवीन जैन उम्र 26 साल नि. वर्धमान कालोनी थाना मोतीनगर के पिता को रात्रि करीबन 03.45 बजे एक मोटर साईकिल से अज्ञात तीन लड़को ने फरियादी के पिता नवीन जैन से तीनों पैसे माँगने लगे नवीन जैन ने पैसा देने से मना किया तो तीनों ने जान से मारने की नियत से माँ बहिन की गंदी गंदी गालियाँ देकर आह्त के पैर व पेट में चाकू से मारपीट किया ।फरियादी की रिपोर्ट से अपराध क्र. 66/2022 धारा 307,327,294,34 ताहि. का कायम कर विवेचना में लिया गया। उक्त घटनाओं में फरार अज्ञात आरोपियों की तलाश हेतु  पुलिस अधीक्षक सागर, अति.पुलिस अधीक्षक सागर,नगर पुलिस अधीक्षक  सागर द्वारा टीम गठित की गई जिसमें टीम द्वारा। अज्ञात आरोपियों की तलास हेतु घटना स्थल के आस पास लगे कैमरो की सीसीटीव्ही फुटेज से संदेहियानों के संबंध में घटना स्थल व मुखविरो/आम जन को घटना के फुटेज दिखाये गये जो उक्त संदेही सचिन पिता संतोष तिवारी उम्र 21 साल नि. मोहन नगर वार्ड बड़ा बाजार सागर थाना मोतीनगर जिला सागर एवं मधुर साहू पिता मुन्ना लाल साहू उम्र 19 साल नि. संत कबीर वार्ड हरदौल मंदिर के पास थाना मोतीनगर
जिला सागर का एवं तीसरा व्यक्ति कार्तिक पिता सुरेश कोरी उम्र 18 साल नि. रविशंकर स्कूल के सामने गुमान बाबा रोड बुन्देला
जी के बाजू में थाना मोतीनगर जिला सागर के रूप में हुई।  उक्त आरोपियों की तलाश वैज्ञानिक रीति एवं सूक्ष्मता से गली गली
मोहल्ला किया जो उक्त आरोपी महलवार देवी मंदिर के पीछे छिपे मिले जिनसे घटना के संबंध में पूछताछ किया जिन्होने अपना जुर्म स्वीकार किया आरोपियों द्वारा घटना में प्रयुत्त चाकू एवं मो.सा.एवं लूटा गया ईयर फोन जप्त किया गया है। आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार किया जाकर माननीयन न्यायालय पेश किया गया है।
सराहनीय भूमिकाः-निरी.सतीश सिंह थाना प्रभारी थाना कोतवाली, उनि टी.एस.धुर्वे, उनि मनोज जंघेला, प्र.आर.543 जानकीरमण मिश्रा,आर.1120 पवन ठाकुर आर.758 आशीष गौतम आर.1037 बृजेन्द्र थाना कोतवाली एवं स्पेशल टीम के प्र.आर,मुकेश,प्र.आर.अमित चौबे,आर.प्रदीप शर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

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छोटे-छोटे कांधों पर हैं भारी-भारी बस्ते,मंद-मंद मुस्कान बिखेरें सबको करें नमस्ते"★ कवि पुष्पदंत को साहित्य-संस्कृति जगत ने दी श्रद्धांजली

छोटे-छोटे कांधों पर हैं भारी-भारी बस्ते,मंद-मंद मुस्कान बिखेरें सबको करें नमस्ते"
★ कवि पुष्पदंत को साहित्य-संस्कृति जगत ने दी श्रद्धांजली

सागर।  नगर के लोकप्रिय कवि पुष्पदंत हितकर के निधन पर सागर के साहित्य-संस्कृति जगत ने शुक्रवार को श्यामलम् संस्था द्वारा जे जे इंस्टिट्यूट सिविल लाइंस में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम के माध्यम से श्रद्धांजली अर्पित की। कार्यक्रम की शुरुआत में श्यामलम् अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र ने हितकर जी का जीवन परिचय देते हुए उनकी रचनाओं को पुस्तकाकर में प्रकाशित करने की बात कही।उनके अभिन्न साथी गायक कवि शिखरचंद शिखर ने उनके साथ बिताए क्षणों को अश्रुपूरित नेत्रों के साथ उल्लेखित किया। कथाकार डॉ.सुश्री शरद सिंह ने उनके बारे में बहिन स्व.डॉ.वर्षा सिंह द्वारा सागर के साहित्यकारों पर लिखी श्रंखला में पुष्पदंत के ऊपर लिखे गए लेख का वाचन करते हुए उनकी बाल-कविता "छोटे-छोटे कांधों पर हैं भारी-भारी बस्ते,मंद-मंद मुस्कान बिखेरें सबको करें नमस्ते" का उल्लेख कर आंखें नम कर दीं।
आशीष ज्योतिषी ने पुष्पदंत से पारिवारिक संबंधों को उद्धृत किया।महिला काव्य मंच अध्यक्ष डॉ.अंजना चतुर्वेदी तिवारी ने कहा कि भले ही वे विभिन्न आयोजनों में पिछली पंक्ति में बैठे रहते थे किंतु उनका आभा मंडल पूरे वातावरण को प्रभावित करता था। सहपाठी अखिलेश शर्मा ने विश्वविद्यालयीन छात्र जीवन के संस्मरण सुनाए। श्यामलम् सचिव कपिल बैसाखिया, कवि पूरनसिंह राजपूत, कवि मुकेश तिवारी,डॉ.अनिल जैन, डॉ.अशोक कुमार तिवारी, कवि डॉ.बी डी पाठक, संस्कृति कर्मी अतुल श्रीवास्तव, कवि वीरेन्द्र प्रधान, हिन्दी सेवा समिति ‌अध्यक्ष जे एल राठौर प्रभाकर, श्रीराम सेवा समिति अध्यक्ष डॉ.विनोद तिवारी,पी आर एस वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष प्रदीप पाण्डेय ने भी हितकर से जुड़े संस्मरण व्यक्त  करते हुए उन्हें एक सहृदयी, सौम्य,सरल और मिलनसार व्यक्ति के रूप में अभिव्यक्त करते हुए उनके निधन को सागर‌ के साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति बताया। संचालन स्वर संगम समिति अध्यक्ष हरीसिंह ठाकुर ने किया।

कार्यक्रम में डॉ.आशीष द्विवेदी, हरी शुक्ला,संतोष पाठक,डॉ.आर आर पाण्डेय,डॉ.ऋषभ भारद्वाज ने भी हितकर को भावभीनी श्रद्धांजली दी।  
स्व. हितकर के पुत्रों पंकज व राकेश ने कृतज्ञता ज्ञापित की। कार्यक्रम के अंत‌ में दो मिनिट का मौन रखकर श्रद्धांजली अर्पित की गई।

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